सभी राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश, चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों की कीमतों की सूची तैयार हो
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव की घोषणा को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है, जो अगले हफ्ते में कभी भी हो सकती है। फिलहाल चुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग ने चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर पैनी नजर रखने से जुड़ी तैयारियां तेज कर दी हैं।
सभी राज्यों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीजों की कीमतों की सूची तैयार करने को कहा है। जिसमें समोसे से लेकर भोजन की थाली और हेलीकॉप्टर से लेकर डीजे, टेम्पो जैसे वाहनों की किराया दरें शामिल है।
जिलों ने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाली चीजों की दरें निर्धारित कीं
खास बात यह है कि चुनाव आयोग ने निर्देश के बाद कुछ जिलों ने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने चीजों की दरें निर्धारित भी कर दी हैं। आयोग के मुताबिक चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों की दरों का निर्धारण राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के बाद ही किया जाए। साथ ही चुनाव मैदान में खड़े प्रत्येक प्रत्याशियों के खर्च की आकलन भी इन्ही दरों से किया जाए।
गाड़ियों का किराया प्रत्याशियों के खर्च में जोड़ा जाए
जैसे प्रचार में इस्तेमाल गाड़ियों का किराया सभी प्रत्याशियों के खर्च में एक सामान दरों से ही जोड़ा जाए। इससे चुनाव खर्च में पारदर्शिता बनी रहेगी। इस दौरान आयोग ने सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर चुनावों में इस्तेमाल होने वाली चीजों को भी इस सूची में शामिल करने का सुझाव दिया है। आयोग ने इसके साथ ही जिलों में तैनात होने वाले पर्यवेक्षकों को भी इस सूची को मुहैया कराने के निर्देश दिए है।
हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल पर 2.30 लाख रुपए जुड़ेंगे खर्च में
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर के जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव में इस्तेमाल की जाने वाली करीब 280 चीजों की एक सूची जारी की है। जिसमें किसी प्रत्याशियों द्वारा हेलीकाप्टर का इस्तेमाल करने पर उसके खर्च में 2.30 लाख रुपए जोड़ा जाएगा,वहीं एक ड्रोन के इस्तेमाल पर 16 हजार रुपए चुनाव खर्च में जोड़ा जाएगा। खाने की एक थाली की कीमत सौ रुपए और एक समोसे की कीमत दस रुपए रखी गई है।
नामांकन के दौरान लिए जाने वाले जरूरी शपथ पत्र को लेकर किया सतर्क
चुनाव आयोग ने इस बीच सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को नामांकन के दौरान प्रत्याशियों से अनिवार्य रूप से लिए जाने वाले शपथ पत्रों को लेकर सतर्क किया है। साथ ही कहा है कि नामांकन के दौरान किसी भी प्रत्याशी से अनिवार्य रूप से उसके आपराधिक और वित्तीय ब्यौरा अनिवार्य रूप से लिया जाए।
प्रत्याशियों से एक शपथ पत्र लेने का निर्देश
साथ ही नामांकन के दौरान सभी प्रत्याशियों से एक शपथ पत्र भी लेने का निर्देश दिया है, जिसमें उनके ऊपर कोई बिजली, पानी का बिल और किराया बकाया नहीं है। गौरतलब है कि आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को नामांकन के दौरान लिए जाने वाले शपथ पत्र को लेकर तब सतर्क किया है, जब चुनाव के दौरान नामांकन पत्रों के खारिज करने के दौरान अक्सर सवाल खड़े होने लगते है। जिसमें प्रत्याशियों की ओर से जानकारी न होने का मामला भी सामने आता है।
जांच के दौरान करीब 37 नामांकन पत्र खारिज
उदाहरण के तौर पर 2019 के लोकसभा चुनाव में दौरान लखनऊ सीट से कुल 51 प्रत्याशियों ने नामांकन किया था, लेकिन जांच के दौरान इनमें से करीब 37 नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए। इसी तरह गाजियाबाद लोकसभा सीट से भी कुल 25 लोगों ने नामांकन किए थे, जिसमें करीब 13 प्रत्याशियों के नामांकन जांच के बाद निरस्त कर दिए गए थे।
Mar 12 2024, 14:24