पदयात्रा खत्म होने के बाद प्रशांत किशोर बनाएंगे पार्टी:पीके ने कहा-कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना अच्छी बात लेकिन चुनाव के वक्त ही क्यों
जन स्वराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार में हर कोई जाति और धर्म के नाम पर राजनीति कर रहा है।इस वजह से बिहार पिछड़ा हुआ है। पदयात्रा के दौरान आज 13 वें जिले में हैं, सभी जगह की समस्या इकट्ठी की जा रही है। पदयात्रा खत्म होने के बाद हम दल बनायेंगे, टीम बैठकर तय करेगी की दल का नेता कौन होगा, निशान क्या होगा और संविधान क्या होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के ऐलान पर कहा कि ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन चुनाव के वक्त ही ये सब क्यों होता है।
10 वर्ष तक का हमने चुनाव रणनीतिकार का काम किया। लेकिन 2 मई 2021 को बंगाल का चुनाव जीते तथा रणनीतिकार का काम करना छोड़ दिया। हमारा सबसे पहला लक्ष्य है बिहार में बदलाव, हम नीतीश कुमार या लालू यादव का विरोध नहीं कर रहे हैं। बल्कि बिहार की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। बिहार में सुधार और विकास करने वाले नीतीश कुमार का हमने समर्थन किया था। लेकिन आज वो कुर्सी कुमार बने, जनता द्वारा निकाले गए नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं।
एक समय असम में जब रेल हादसा हुआ तो बड़ी संख्या में यात्रियों की हुई मौत के बाद नीतीश कुमार ने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन आज बिहार में शराब से बड़े पैमाने पर मौत हो रही है। लेकिन नीतीश कुमार के चेहरा पर शिकन तक नहीं आ रही है।
कोरोना के दौरान बिहार बड़े पैमाने पर ना सिर्फ लोगों की मौत हुई, बल्कि दूसरे राज्य से मारपीट कर लाखों लोग भगाए गए। नीतीश कुमार ने ना तो भगाए गए बच्चों के लिए उचित शिक्षा की व्यवस्था की और ना ही पलायन रोकने के लिए काम किया। हम इस नीतीश कुमार का विरोध कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग कहते हैं कि मैं दूसरे राज्यों में राजनीतिक दल के लिए काम कर रहा हूं। लेकिन मैं जब से पदयात्रा शुरू की कहीं काम नहीं किया। अयोध्या में राम मंदिर बनना अच्छी बात है, गांव-गांव में मंदिर बने।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना बहुत अच्छी बात है। लेकिन चुनाव नजदीक आते ही यह सब क्यों होता है। चुनाव से पहले ऐसा कर लोगों को बरगलाया जाता है। लालू, नीतीश, मोदी कोई सही तरीके से विकास का काम नहीं कर रहे हैं।
इंडी गठबंधन पर प्रहार करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि गठबंधन के जिन लोगों को बड़ा नेता माना जाता है। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, स्टालिन सभी लोग अपना-अपना क्षेत्र बढ़ाने में लगे हुए हैं। कोई एकरुपता नहीं है, एक दूसरे का मदद करने की मंशा नहीं है। गठबंधन की पहली बैठक नीतीश कुमार के नेतृत्व में पटना में हुई तो सबसे पहले तो इनके सीट का बंटवारा होना चाहिए। लेकिन आज तक बिहार में सीट का बंटवारा स्पष्ट नहीं हुआ है और बात बंगाल की हो रही है। बिहार में सीट बंटवारा का क्या होगा, यह नीतीश कुमार स्पष्ट नहीं कर रहे हैं।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Jan 24 2024, 20:41