दहेज हत्यारोपी पति को कोर्ट ने सुनाई सात साल सश्रम कारावास की सजा
औरंगाबाद : आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडिजे दो धनंजय कुमार मिश्रा ने नगर थाना कांड संख्या -246/21।एस टी आर-257/21 में सज़ा के बिन्दु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन बंदी अभियुक्त विवेक कुमार। टीचर ट्रेनिंग कोलेज के पीछे। शाहपुर औरंगाबाद को सज़ा सुनाई है।
एपीपी राजाराम चौधरी ने बताया कि अभियुक्त को भादंवि धारा -304 बी में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। धारा -498 ए में दो वर्ष की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त साधारण कारावास होगी और दहेज प्रतिषेध अधिनियम में एक साल की सजा और पांच हजार जुर्माना लगाया गया है। जूर्माना न देने पर तीन माह अतिरिक्त कारावास होगी। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।
अधिवक्ता दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि अभियुक्त को 08/01/24 को उल्लेखित धाराओं में दोषी ठहराया गया था। एक अन्य अभियुक्त ससुर नन्द किशोर मेहता को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी सूचक भोला प्रसाद, कुकही हेदरनगर पलामू ने 26/06/21 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि चारपहिया वाहन के लिए अभियुक्तगण मेरी बेटी पर काफी दबाव बनाते थे। मैं कहता था कि जब रिटायरमेंट का पैसा मिलेगा तो खरीद कर दे देंगे। परंतु बेटी मधु के ससुराल वाले नहीं माने। 25/06/21 को दामाद की मां फोन कर कहती है कि आपकी बेटी का तबियत बहुत खराब है जबकि एक दिन पहले बिल्कुल ठीक थी और बेटी दहेज मांगने की बात कही थी। सुबह बेटी के घर गया तो देखा कि उसकी लाश कमरे की चौकी पर रखी थी। जिसे देखने से प्रतीत होता था कि गला दबाकर कर हत्या किया गया है।
मधु और विवेक की शादी हिन्दू रीति रिवाज से धुमधाम से 18/11/19 को हुई थी।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Jan 18 2024, 18:57