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तेजी से बूढ़ा हो रहा चीन, नहीं बढ़ रही जनसंख्या, लगातार दूसरे साल आई गिरावट

#chinapopulationdeclinesforsecondstraightyear

पड़ोसी मुल्क की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। वजह है चीन में जनसांख्यिकी में आ रही गिरावट।बुधवार को चीन की सरकार ने वार्षिक आंकड़े जारी किए। जिनके अनुसार, चीन में साल 2023 में आबादी में 20 लाख की गिरावट आई। चीन की जनसंख्या 2023 में लगातार दूसरे साल कम हुई है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) ने बुधवार को आंकड़े जारी करते हुए बताया है कि 2023 में देश की जनसंख्या गिरकर 1.409 बिलियन हो गई है। ये बीते साल यानी 2022 में 1.4118 बिलियन थी। यानी एक साल में चीन की आबादी करीब 27 लाख घटी है। अर्थव्यवस्था में गिरावट से जूझ रहे चीन में घटती आबादी से जनसांख्यिकीय चुनौतियां गहरा रही हैं, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी।

चीन की जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 6.39 जन्मों के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई, जो एक साल पहले 6.77 से कम थी, जो 1949 के बाद से सबसे निचला स्तर था। 2023 में चीन में 9.02 मिलियन शिशुओं का जन्म हुआ, जबकि 2022 में 9.56 मिलियन बच्चों का जन्म हुआ था। चीन में काम करने वालों लोगों की उम्र यानी 16 से 59 आयु वर्ग के लोग 2022 के मुकाबले 10.75 मिलियन कम हो गए जबकि 60 से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या 2022 से 16.93 मिलियन बढ़ गई।

युवाओं का शादी से मोहभंग

चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन अब इसकी रफ्तार धीमी हो रही है। यहां के युवा बेरोजगार हैं। नौकरी मिल नहीं रही है। खर्चा कैसे चलेगा। इसी डर की वजह से वे शादी नहीं कर रहे हैं। वे मान रहे हैं कि उनके लिए अकेले रहना बेहतर विकल्प है। युवाओं का शादी से मोहभंग होने के कारण विवाह के पंजीकरण में गिरावट आई है। चीन कभी दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश था, लेकिन आज वो जनसंख्या में आ रही गिरावट से जूझ रहा है। पिछले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा था कि राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए विवाह और बच्चे के पालन-पोषण की एक नई संस्कृति को सक्रिय रूप से विकसित करना आवश्यक है। स्थानीय सरकारों ने भी नए परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग उपायों की घोषणा की है। इसमें टैक्स में छूट, नए घर पर सब्सिडी के साथ-साथ दुल्हन की उम्र 25 वर्ष या उससे कम होने पर विवाह के लिए कैश प्राइज शामिल है।

चीन में जन्म दर में आई गिरावट

वन चाइल्ड नीति की वजह से चीन की जन्म दर में तेज गिरावट आई है और अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आबादी में गिरावट की समस्या से जूझ रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले सालों में चीन में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या फंड डाटा के अनुसार, भारत अब चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। भारत की जनसंख्या पिछले साल 142.86 करोड़ दर्ज की गई। चीन की आबादी 140 करोड़ है। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स ने बताया है कि चीन में बीते साल 90 लाख बच्चे पैदा हुए, जो कि साल 2022 में पैदा हुए 95.6 लाख बच्चों से 5 प्रतिशत कम हैं।  

घटती आबादी चीन के लिए मुश्किल बनी

चीन ने बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए साल 1980 वन चाइल्ड पॉलिस लागू की थी, तब बढ़ती आबादी देश के विकास में बाधा बन रही थी। अब घटती आबादी चीन के लिए मुश्किल पैदा कर रही है। अर्थव्यवस्था में गिरावट बढ़ती बेरोजगारी लोगो बच्चे पैदा करने से हतोत्साहित कर रहे हैं। बच्चे पैदा होने के बाद बढ़े वाले खर्च की वजह से लोग इससे भाग रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि लगातार घटती जन्म दर देश के आर्थिक विकास के लिए खतरा साबित हो सकती है। चीन में जनसंख्या दर 2016 से ही कम हो रही है। बीते कुछ समय में चीन में बड़े परिवार के लिए प्रोत्साहित भी किया गया है लेकिन इसका जमीन पर असर होता नहीं दिखा है। चीन में आबादी घटने का क्रम जारी रहा तो देश बूढ़ा हो जाएगा और काम करने वाले लोग घट जाएंगे। इससे चीन की इकोनॉमी पर बड़ा संकट आ जाएगा।

केजरावील को नहीं मिला रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, बताया कब है राम मंदिर जाने का प्लान

#cm_arvind_kejriwal_said_i_have_not_received_invitation_for_ramlala_pran_pratishtha

राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न सिर्फ अयोध्या नगरी में बल्कि देश-विदेश में तैयारियां चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है। अयोध्या में होने वाले समारोह के लिए 700 से ऊपर वीवीआईपी गेस्ट सहित कई लोगों को न्योता भेजा गया है। नेताओं और अभिनेताओं से लेकर अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों को निमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 6,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बना विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' इससे खुद को दूर रख रहा है। न्योता देने के बाद भी इस नए गठबंधन के लगभग सभी प्रमुख नेता 22 जनवरी को होने वाले भव्य कार्यक्रम में नहीं आएंगे। इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि मेरे पास एक लेटर आया था, जिसमें बताया गया कि मुझे 22 जनवरी का निमंत्रण देने लोग आएंगे, लेकिन अभी तक नहीं आए।

सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, मैं अपनी पत्नी, माता-पिता और बच्चों के साथ जाना चाहता हूं। माता-पिता को काफी चाव है। कोई बात नहीं मैं सपरिवार बाद में चला जाऊंगा। उन्होंने कहा, मुझे 22 तारीख को अपना कार्यक्रम खाली रखने के लिए कहा गया था, लेकिन उसके बाद अभी तक कोई निमंत्रण नहीं आया। उस पत्र में लिखा था कि सुरक्षा और वीआईपी मूवमेंट की दृष्टि से केवल एक व्यक्ति को आना है। मैं अयोध्या अपने पूरे परिवार को लेकर जाना चाहता हूं, मेरे माता-पिता को अयोध्या जाने का बहुत चाव है, लेकिन निमंत्रण से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं अयोध्या जाऊंगा।

वहीं, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अब तक 82,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिक इन ट्रेनों के माध्यम से अलग-अलग जगह तीर्थ यात्रा कर चुके हैं... 22 तारीख को जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी उसके बाद हमारी कोशिश रहेगी कि अयोध्या के लिए हम ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें भेज सकें। अयोध्या जाकर भगवान राम लला के दर्शन करने के लिए लोगों में बहुत उत्साह है।

बता दें कि विपक्षी गठबंझन 'इंडिया' से किसी के भी 22 जनवरी के दिन प्राण प्रतिष्ठा में आने की खबर नहीं है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को पहले विपक्ष के तौर पर 22 जनवरी के लिए न्योता मिला था। लेकिन उन्होंने ससम्मान इसे अस्वीकार कर दिया। वहीं समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 22 जनवरी के दिन न आकर दूसरे किसी दिन सपरिवार दर्शन करने की बात कही थी। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक रूप दिया जा रहा है

एयरस्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत को किया निष्कासित, अपने राजदूत को तेहरान से वापस बुलाया

#pakistan_s_tough_stance_after_iranian_air_attack

ईरान की पाकिस्तान के आतंकवादी कैंप पर मिसाइल हमले करने के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है। इस बीच पाकिस्तान ने बौखलाहट में ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया है और तेहरान में अपने राजदूत को पाकिस्तान वापस बुला लिया है।वहीं, ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है।

मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात बलूचिस्तान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी या ईरानी सेना) ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर हमले किए थे।इसके कुछ घंटे बाद रात में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर सख्त विरोध दर्ज कराया था। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त सियासी और फौजी कवायद देखी गई। रातभर मीटिंग्स का दौर चला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर और केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद रावलपिंडी में आर्मी कमांडर्स की मीटिंग हुई।बुधवार दोपहर विदेश मंत्रालयर की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच मीडिया से मुखातिब हुईं। कहा- हमने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत से फौरन देश लौटने को कहा है। ईरान के एम्बेसडर को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, इस वक्त ईरान के राजदूत अपने देश में ही मौजूद हैं। ईरान ने उकसाने वाली हरकत की है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।

मुमताज ने आगे कहा- ईरान ने इंटरनेशनल लॉ को भी तोड़ा है। हम इसके खिलाफ UN में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ईरान को याद रखना होगा कि पाकिस्तान के पास जवाब देने की काबिलियत और हक दोनों हैं। इसकी जिम्मेदारी ईरान सरकार की होगी। हमने ईरान के साथ चल रही हर तरह की और हर लेवल की बातचीत बंद करने का फैसला भी किया है।

वहीं, पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तानी इलाके में जैश ए अदल आतंकवादी समूह के ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया है। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि ईरान के हमलों के कारण दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उस घटनास्थल का उल्लेख नहीं किया है, जहां ईरान ने हमला किया था। हालांकि, ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा था कि हमला बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में हुआ था। ईरान की अर्ध-आधिकारिक तस्नीम समाचार एजेंसी ने कहा कि "इस ऑपरेशन का केंद्र बिंदु बलूचिस्तान में कोह-सब्ज़ (हरा पहाड़)" के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र था।

*एयरस्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने ईरान के राजदूत को किया निष्कासित, अपने राजदूत को तेहरान से वापस बुलाया*

#pakistan_s_tough_stance_after_iranian_air_attack

ईरान की पाकिस्तान के आतंकवादी कैंप पर मिसाइल हमले करने के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है। इस बीच पाकिस्तान ने बौखलाहट में ईरान के राजदूत को निष्कासित कर दिया है और तेहरान में अपने राजदूत को पाकिस्तान वापस बुला लिया है।वहीं, ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है।

मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात बलूचिस्तान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी या ईरानी सेना) ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर हमले किए थे।इसके कुछ घंटे बाद रात में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर सख्त विरोध दर्ज कराया था। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त सियासी और फौजी कवायद देखी गई। रातभर मीटिंग्स का दौर चला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर और केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद रावलपिंडी में आर्मी कमांडर्स की मीटिंग हुई।बुधवार दोपहर विदेश मंत्रालयर की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच मीडिया से मुखातिब हुईं। कहा- हमने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत से फौरन देश लौटने को कहा है। ईरान के एम्बेसडर को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, इस वक्त ईरान के राजदूत अपने देश में ही मौजूद हैं। ईरान ने उकसाने वाली हरकत की है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।

मुमताज ने आगे कहा- ईरान ने इंटरनेशनल लॉ को भी तोड़ा है। हम इसके खिलाफ UN में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ईरान को याद रखना होगा कि पाकिस्तान के पास जवाब देने की काबिलियत और हक दोनों हैं। इसकी जिम्मेदारी ईरान सरकार की होगी। हमने ईरान के साथ चल रही हर तरह की और हर लेवल की बातचीत बंद करने का फैसला भी किया है।

वहीं, पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के बाद ईरान ने कहा था कि उसने पाकिस्तानी इलाके में जैश ए अदल आतंकवादी समूह के ठिकानों को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया है। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि ईरान के हमलों के कारण दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि तीन लड़कियां घायल हो गईं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने उस घटनास्थल का उल्लेख नहीं किया है, जहां ईरान ने हमला किया था। हालांकि, ईरान की सरकारी मीडिया ने कहा था कि हमला बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में हुआ था। ईरान की अर्ध-आधिकारिक तस्नीम समाचार एजेंसी ने कहा कि "इस ऑपरेशन का केंद्र बिंदु बलूचिस्तान में कोह-सब्ज़ (हरा पहाड़)" के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र था।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के वाहन पर किया, कमांडो की गोली मारकर हत्या

#manipur_violence_again_police_commando_shot_dead

मणिपुर में हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मणिपुर में कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। तेंगनोउपल जिले के सीमावर्ती शहर मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के एक वाहन पर बुधवार को हमला कर दिया। इस दौरान उग्रवादियों के साथ सुरक्षा बलों की गोलीबारी हुई। जिसमें, एक पुलिस कमांडो की मौत हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिसकर्मी के गोली लगी थी। फिलहाल इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने बुधवार की सुबह एसबीआई मोरेह के पास स्थित सुरक्षा बलों की एक चौकी को अपना निशाना बनाया है। उन्होंने चौकी पर गोलीबारी की और फिर बम फेंके। इस पर सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की है। इस दौरान उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच करीब एक घंटे तक जमकर गोलियां चलीं। इस मुठभेड़ में पुलिस के एक कमांडो को गोली लगी, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई है। मृतक की पहचान इंफाल पश्चिम जिले के मालोम निवासी वांगखेम सोमरजीत के रूप में हुई है। इस घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाकों को घेर लिया और संदिग्धों की तलाश कर रही है।

मणिपुर में फिर हिंसा भड़कने के पीछे दो संदिग्धों की गिरफ्तारी मानी जा रही है। पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उप संभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सी आनंद की पिछले साल अक्टूबर में की गई हत्या मामले के दो मुख्य संदिग्धों फिलिप खोंगसाई और हेमोखोलाल माते को गिरफ्तार किया था। दोनों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों पर गोलीबारी की थी जिसके बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया। इसके 48 घंटे के बाद ही कुकी समुदाय से जुड़े संदिग्ध उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों की चौकी पर हमला बोल दिया।

मणिपुर सरकार ने तेंगनोउपल में शांति भंग होने, सार्वजनिक सद्भाव बिगड़ने और मानव जीवन एवं संपत्ति को गंभीर खतरे की आशंका संबंधी जानकारी मिलने के बाद 16 जनवरी को देर रात 12 बजे से पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया था। तेंगनोउपल के जिला मजिस्ट्रेट की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कर्फ्यू कानून-व्यवस्था लागू करने और आवश्यक सेवाओं से जुड़ी सरकारी एजेंसियों पर लागू नहीं होगा।

महात्मा गांधी की जगह अब नोट पर होगी प्रभु श्री राम की तस्वीर, RBI ने जारी किया नए सीरीज वाला नोट! हो रहा वायरल

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसको लेकर देश में भी बहुत उत्साह है। वही इस बीच सोशल मीडिया पर प्रभु श्री श्रीराम और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तस्वीरों के साथ 500 रुपये के नोट का फोटो निरंतर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर प्रभु श्रीराम और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के तस्वीरों के साथ वाला 500 रुपये के नोट को देखें तो 500 रुपये के नोट में जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर है वहां वायरल हो रहे 500 रुपये के नोट में प्रभु श्रीराम की तस्वीर है तथा नोट के पीछे जहां लाल किले की फोटो है वहां अयोध्या में तैयार हो रहे राम मंदिर की तस्वीर है। सोशल मीडिया पर प्रभु श्रीराम के फोटो के साथ 500 रुपये का नोट ट्रेंड कर रहा है। 

वही एक ओर ये नोट वायरल हो रहा है लेकिन RBI की ओर से प्रभु श्रीराम के तस्वीर वाले 500 रुपये के नए सीरीज के नोट जारी किए जाने की कोई सूचना सामने नहीं आई है। सूत्रों के अनुसार, प्रभु श्रीराम की तस्वीरों के साथ वायरल हो रहा 500 रुपये का नोट फर्जी है। बैंकिंग सेक्टर के जानकार और वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अश्वनी राणा ने कहा, RBI की ओर से ऐसी कोई ना तो ऐलान किया गया है और ना जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि ये एक फेक न्यूज है। RBI ऐसा कोई 500 रुपये के नए सीरीज का नोट जारी नहीं करने जा रहा है। हालांकि स्ट्रीट बज इसकी पुष्टि भी नहीं करता। लेकिन ऐसी तस्वीरें वायरल जरूर हो रही है।

वही ऐसा पहला अवसर नहीं है जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह किसी और तस्वीर के साथ 500 रुपये के नए सीरीज के नोट जारी किए जाने की बात सामने आई है। जून 2022 में ये बातें रिपोर्ट की जा रही थी कि RBI मौजूदा करेंसी और बैंक नोट में महात्मा गांधी की तस्वीर को बदलकर रवींद्रनाथ टैगोर एवं मिसाइल मैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम की तस्वीर वाले नए सीरीज के नोट छापने पर विचार कर रहा है। तत्पश्चात, RBI को इस खबर का खंडन करने के लिए सामने आना पड़ा। तब RBI ने कहा था कि ऐसा कोई प्रस्ताव RBI के सामने नहीं है।

स्टडी के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में आई भारी गिरावट, जानें मोहभंग के पीछे की वजह

#indianstudentsskippingcanadaamidpoliticalrow

भारत और कनाडा के संबंध पहले जैसे नहीं है। निज्जर की हत्या के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान के बाद से भारत-कनाडा के राजनयिक संबंध तल्ख हो गए हैं।कुछ महीनों पहले दोनों देशों के बीच बिगड़े संबंधों में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास का असर कई सेक्टर्स में दिख रहा है। दोनों देशों के बीच संबंधों में बढ़ती दूरी भारतीय स्टूडेंट्स का रुख भी बदल गया है।पहले हर साल बड़ी संख्या में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए कनाडा जाते थे। पर जब से भारत और कनाडा के बीच विवाद हुआ है, तब से पढ़ने के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में कमी हो गई है।

कनाडा जा कर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 86% तक की कमी आई है।पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच 1 लाख 8 हजार से ज्यादा भारतीय बच्चों को स्टडी परमिट दिया गया। वहीं, अक्टूबर से दिसंबर के बीच सिर्फ 14, 910 भारतीय बच्चों ने स्टडी परमिट के लिए आवेदन किया। इस तरह छात्रों की संख्या में 86 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है।

छात्रों की संख्या में 86 फीसदी तक गिरावट

कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा- कनाडा की तरफ से भारतीय छात्रों को जारी किए जाने वाले स्टडी परमिटों की संख्या में तेजी से गिरावट आई। 2023 की आखिरी तिमाही में ये गिरावट 86 फीसदी तक चली गई। कनाडा में सिख आतंकी की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच हुए राजनयिक विवाद के चलते कम भारतीय छात्रों ने आवेदन किया है। यह संख्या जल्द ही बढ़ने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है।

भारत-कनाडा के रिश्ते प्रभावित हुए

मंत्री मार्क मिलर ने कहा, भारत के साथ हमारे रिश्ते प्रभावित हुए हैं और उसके चलते नए आवेदनों को मंजूरी देने की क्षमता भी हमारी आधी ही रह गई है। अब कनाडा के 21 अधिकारी ही भारत में काम कर रहे हैं। भारत का स्टाफ कनाडा में पहले से ही कम था। डिप्लोमैट्स नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स को कनाडा में पढ़ाई से जुड़ी कई जानकारियां नहीं मिल पाईं। बता दें कि 18 सितंबर 2023 को कनाडा ने भारत पर आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। भारत ने आरोप को खारिज करते हुए 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को वापस जाने के लिए कहा था। 20 अक्टूबर को कनाडा ने अपने 62 में से 41 डिप्लोमैट्स को भारत से हटा दिया था।

भारतीय छात्रों के जाने से भरता रहा है कनाडा का खजाना

बता दें कि 2022 में कनाडा जाने वाले कुल छात्रों में 41 फीसदी भारतीय (2,25,835 छात्र) थे। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के जाने से कनाडा की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। अनुमान के मुताबिक सालाना लगभग 22 बिलियन कनाडाई डॉलर यानी 16.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई होती है। भारतीय राशि में इतनी रकम 13.64 खरब रुपये होती है।

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की संसद में भारत पर आरोप लगाया था। वहीं भारत ने इस आरोप को बेबुनियाद और बेतुका बताया था। इसी के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास पड़ गई थी।

बिलासपुर रेलवे स्टेशन में हादसा प्लेटफॉर्म में घुस गया इंजन, यात्रियों को जाने के लिए भी नहीं बची जगह, ट्रैक पार कर पहुंचे

 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर एक बड़ी दुर्घटना टल गई है. मंगलवार (16 जनवरी) की रात स्टेशन पर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक कोच से इंजन को अलग करने के बीच छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सिग्नल तोड़कर स्टॉपर के ऊपर चढ़ गई. इस दुर्घटना के उपरांत यात्रियों में हड़कंप का माहौल पैदा हो गया है.

हालांकि, इस घटना में कोई भी जनहानि की कोई भी खबर नहीं है, लेकिन लोग इसे रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी कह रहे है. फिलहाल अभी रेलवे के किसी अधिकारी ने इस केस में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली से आ रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस जब बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर आ चुकी है, तो उसका इंजन स्टॉपर (डेड एंड) से जाकर टकराया.

कई ट्रेनों के प्लेटफॉर्म नंबर में किया गया बदलाव

इस दुर्घटना में ट्रेन का इंजन क्षतिग्रस्त हो चुका है. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि डेड एंड के आगे लगे टाइल्स उखड़ कर आगे जा गिरे. कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में घटना रात तकरीबन 8:30 बजे के आस-पास हुई. हादसे के बाद कई ट्रेनों के प्लेटफॉर्म नंबर में परिवर्तन कर दिया गया है. वहीं इससे पहले बालोद जिले के दल्लीराजहरा रेलवे स्टेशन पर 14 जनवरी को रात तकरीबन एक बजे एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई थी, इससे प्लेटफॉर्म 1, 2 और 3 प्रभावित हुए थे.

इस हादसे की वजह से कई पैसेंजर ट्रेनें प्रभावित हुई थीं. वहीं एक महीने में अब यह दूसरी रेल दुर्घटना हुई है. जिसके साथ साथ मालगाड़ी के इंजन के डिरेल होने से रविवार सुबह अंतागढ़ से दुर्ग जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा. पैसेंजर ट्रेन प्लेटफॉर्म पर न रुककर ट्रैक नंबर 4 पर रुक गई, जिस वजह से यात्रियों को ट्रेन तक जाने के लिए ट्रैक पार करके जाना पड़ गया.

ओडिशा में आज '22 जनवरी' जैसा जश्न का माहौल, जानिए जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर की क्या क्या है खास बात

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर एवं उज्जैन में महाकाल मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर सज-धज कर तैयार हो गया है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक इस कॉरिडोर का उद्घाटन कर रहे हैं। देशभर के 90 मंदिरों एवं संस्थानों के प्रतिनिधियों को उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित किया गया है. ओडिशा सरकार ने अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन (22 जनवरी 2024 को प्रस्तावित) की भांति तैयारियां की हैं. दुनियाभर के मेहमानों को न्योता भेजा गया है. मंदिर को दिव्य और भव्य बनाने के लिए परिसर के चारों तरफ परिक्रमा कॉरिडोर विकसित किया गया है. इसे 800 करोड़ की लागत से डेवलप किया गया है.

उद्घाटन के पश्चात् यह कॉरिडोर आम जनता के लिए खुला रहेगा. इस प्रोजेक्ट के तहत 800 करोड़ रुपये की लागत से जगन्नाथ मंदिर की मेघनाद पचेरी (बाहरी दीवार) के चारों तरफ विशाल गलियारों का निर्माण किया गया है. इससे भक्तों को 12 वीं शताब्दी के मंदिर के सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन करने में सहायता प्राप्त होगी. यह तीर्थयात्रियों को सुविधाएं भी प्रदान करेगा तथा मंदिर तथा भक्तों की सुरक्षा को मजबूत करेगा.

ओडिशा सरकार ने शहर में आज के लिए सरकारी अवकाश का ऐलान किया है. जिससे जगन्नाथ मंदिर हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट के उद्घाटन में सार्वजनिक हिस्सेदारी को प्रोत्साहन प्राप्त हो. यहां स्कूल एवं कॉलेज सहित सभी सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान 17 जनवरी को बंद रहेंगे. ओडिशा सरकार ने हेरिटेज कॉरिडोर श्री मंदिर परिक्रमा प्रोजेक्ट को लेकर विशेष तैयारी की है. सरकार का प्लान है कि यहां महीनेभर रोज लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं को जुटाया जाए. नवीन पटनायक सरकार ने जिला कलेक्टरों को 22 जनवरी से हर पंचायत और नागरिक निकाय से पुरी तक भक्तों के आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इस उद्देश्य के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया है.

22 जनवरी को प्रभु श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा व अनुष्ठान के बाद अयोध्या घूमने का मन है तो यहां का भी कर सकते हैं प्लान, जानिए, डिटेल में

रामनगरी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लगभग पूरी तैयारी हो चुकी है। 22 जनवरी को राम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी। इस यादगार लम्हें का PM नरेंद्र मोदी एवं यूपी के CM योगी से लेकर कई बड़े दिग्गज राजनेता और हजारों साधु-संत गवाह होंगे। देश-दुनिया से लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी अयोध्या घूमने का प्लान बना रहे हैं तो वहां घूमने लायक कई जगह हैं, जानिये अयोध्या में घूमने लायक जगह।

अयोध्या में कनक भवन बेहतरीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पुरानी मान्यता है कि यह भवन भगवान श्री राम जी से विवाह के तुरंत बाद देवी सीता को महारानी कैकेयी द्वारा उपहार में दिया गया था। यह देवी सीता और भगवान राम का निजी महल है।

बहू बेगम का मकबरा

अयोध्या स्थित बहू-बेगम के मकबरे को पूर्वांचल का ताजमहल कहा जाता है। इसे अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला ने सैकड़ों साल पहले अपनी पत्नी की याद में यह मकबरा बनवाया था।

गुलाब बाड़ी

गुलाब बाड़ी शहर के सबसे सुंदर बगीचों में से एक है। यहां की हरियाली मनमोहक है। अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला और उनके परिजनों की यहां समाधि बानी हुई है। यहां शानदार मकबरा है, जो विशाल दीवारों से घिरा हुआ है। 8वीं सदी में इस बगीचे में रंगीन गुलाब की कई वेराइटी लगाई गई है। यहां की हरियाली में एक अजीब सा सुकून मिल सकता है।

तुलसी स्मारक भवन

महान संत-कवि गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम तुलसी स्मारक भवन समर्पित है। यहां हर रोज प्रार्थना, भक्ति संगीत और धार्मिक प्रवचन आयोजित होते हैं। परिसर में स्थित अयोध्या शोध संस्थान के पास गोस्वामी तुलसीदास पर साहित्यिक रचनाओं का एक बड़ा भंडार है।

हनुमान गढ़ी

अयोध्या का हनुमानगढ़ी बहुत मशहूर है। यहां एक गुफा है जिसको लेकर कहा जाता है कि यहां हनुमान जी विराजते हें। यहां मन को एक अजीब सा सुकून का एहसास हो सकता है।

सरयू घाट

अयोध्या में सरयू घाट आकर्षण का केंद्र है। यह सरयू नदी के तट पर है। रामनवमी, दीपावली, विजयादशमी जैसे पर्व पर यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं।

नागेश्वरनाथ मंदिर

ऐसा कहा जाता है कि नागेश्वर नाथ मंदिर को भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था। माना जाता है जब कुश सरयू नदी में नहा रहे थें, तो उनका बाजूबंद खो गया था। बाजूबंद एक नाग कन्या को मिला जिसे कुश से लगाव हो गया। वह शिवभक्त थी। कुश ने उसके लिये यह मंदिर बनवाया था।

मोती महल

मोती महल फैजाबाद में एक स्मारक है। इसका अपना ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। मोती महल को अक्सर “पर्ल पैलेस” कहा जाता है।