केजरावील को नहीं मिला रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का न्योता, बताया कब है राम मंदिर जाने का प्लान
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राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न सिर्फ अयोध्या नगरी में बल्कि देश-विदेश में तैयारियां चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है। अयोध्या में होने वाले समारोह के लिए 700 से ऊपर वीवीआईपी गेस्ट सहित कई लोगों को न्योता भेजा गया है। नेताओं और अभिनेताओं से लेकर अलग-अलग क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों को निमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा 6,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बना विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' इससे खुद को दूर रख रहा है। न्योता देने के बाद भी इस नए गठबंधन के लगभग सभी प्रमुख नेता 22 जनवरी को होने वाले भव्य कार्यक्रम में नहीं आएंगे। इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि मेरे पास एक लेटर आया था, जिसमें बताया गया कि मुझे 22 जनवरी का निमंत्रण देने लोग आएंगे, लेकिन अभी तक नहीं आए।
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, मैं अपनी पत्नी, माता-पिता और बच्चों के साथ जाना चाहता हूं। माता-पिता को काफी चाव है। कोई बात नहीं मैं सपरिवार बाद में चला जाऊंगा। उन्होंने कहा, मुझे 22 तारीख को अपना कार्यक्रम खाली रखने के लिए कहा गया था, लेकिन उसके बाद अभी तक कोई निमंत्रण नहीं आया। उस पत्र में लिखा था कि सुरक्षा और वीआईपी मूवमेंट की दृष्टि से केवल एक व्यक्ति को आना है। मैं अयोध्या अपने पूरे परिवार को लेकर जाना चाहता हूं, मेरे माता-पिता को अयोध्या जाने का बहुत चाव है, लेकिन निमंत्रण से कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं अयोध्या जाऊंगा।
वहीं, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अब तक 82,000 से अधिक वरिष्ठ नागरिक इन ट्रेनों के माध्यम से अलग-अलग जगह तीर्थ यात्रा कर चुके हैं... 22 तारीख को जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी उसके बाद हमारी कोशिश रहेगी कि अयोध्या के लिए हम ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें भेज सकें। अयोध्या जाकर भगवान राम लला के दर्शन करने के लिए लोगों में बहुत उत्साह है।
बता दें कि विपक्षी गठबंझन 'इंडिया' से किसी के भी 22 जनवरी के दिन प्राण प्रतिष्ठा में आने की खबर नहीं है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी को पहले विपक्ष के तौर पर 22 जनवरी के लिए न्योता मिला था। लेकिन उन्होंने ससम्मान इसे अस्वीकार कर दिया। वहीं समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी 22 जनवरी के दिन न आकर दूसरे किसी दिन सपरिवार दर्शन करने की बात कही थी। विपक्ष लगातार यह आरोप लगा रहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को राजनीतिक रूप दिया जा रहा है
Jan 17 2024, 19:58