चीन से पहले भारत आना चाहते थे मालदीव के राष्ट्रपति, जानें क्यों टला दौरा
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों पर राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। इसके बाद बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने मालदीव की अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। भारत के साथ टकराव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन यात्रा पर हैं।इस बीच खबर आ रही है कि मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद मालदीव सरकार ने पिछले साल उनके भारत दौरे का प्रस्ताव दिया। हालांकि, कई वजहों से चलते राष्ट्रपति मोइज्जू का भारत दौरा तय नहीं हो पाया।जिसके बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा बतौर राष्ट्रपति तुर्किये से शुरु की थी। वर्तमान में मुइज्जू चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पदभार संभालने के तुंरत बाद भारत का दौरा करना चाहते थे, लेकिन तारीखों पर सहमति के चलते ऐसा न हो सका। माना जा रहा है कि द्विपक्षीय रिश्तों का खराब होना भी उन वजहों में से एक रहा।हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और मालदीव के रिश्ते पिछले हफ्ते और भी ज्यादा खराब हो गए, जब मोइज्जू सरकार के कुछ मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। आपत्तिजनक बयानबाजी के बाद मालदीव सरकार ने तुरंत अपने तीन डिप्टी मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया।
भारत के साथ टकराव के बीच चीन पहुंच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने डिमांड करते हुए कहा कि चीन को उनके देश में और अधिक पर्यटकों को भेजना चाहिए। मुइज्जू की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किए गए एक बयान के अनुसार, ''कोविड से पहले चीन के पर्यटक सबसे अधिक संख्या में हमारे देश में आते थे, और मेरा अनुरोध है कि चीन इस स्थिति को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज करे।'' वहीं, मालदीव की मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों देशों ने हिंद महासागर द्वीप में एक एकीकृत पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।
चीन की अपनी पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दूसरे दिन मुइज्जू ने मंगलवार को फुजियान प्रांत में मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए चीन को द्वीपीय राष्ट्र का निकटतम सहयोगी बताया। मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा, ''चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक है।अपने संबोधन के दौरान उन्होंने 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि "उन्होंने (जिनपिंग) मालदीव के इतिहास में देखी गई सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रदान की हैं।
Jan 10 2024, 13:42