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हेल्थ: हार्ट अटैक के पूर्व आपके स्किन पर उभरती है शुरुआती लक्षण जिसका आप कतई ना करे इग्नोर ...?

आज हार्ट अटैक एक बेहद गंभीर और जानलेवा समस्या बन गयी है,सिर्फ बुजुर्ग ही नही बल्कि युवा एवं बच्चे की जान भी हंसते खेलते चली जा रही है।हार्ट अटैक के पूर्व हमारे शरीर में कई लक्षण उभरते हैं जिन्हें हम साधारण लक्षण समझ कर इग्नोर कर देते हैं। आइये आज बताते हैं हार्ट की गड़बड़ी से आप के त्वचा के कुछ साधारण लक्षण जिन्हें हम अक्सरहां इग्नोर कर देते हैं जबकि वह हार्ट अटैक के पूर्व का साइन है।

 हार्ट को हेल्दी रखने के लिए जितना जरूरी सही व हेल्दी डाइट और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना है, उतना ही जरूरी है हार्ट से जुड़ी बीमारियों के बारे में पर्याप्त जानकारी लेना और हार्ट अटैक से पहले शरीर में दिखने वाले कुछ साधारण लक्षणों की पहचान करना है।

 हार्ट अटैक से ठीक पहले कुछ लक्षण स्किन में भी देखे जा सकते हैं, जिन्हें कुछ लोग तो अन्य छोटी-मोटी समस्याएं समझ कर इग्नोर कर देते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में आपको बताने वाले हैं, जो हार्ट अटैक का शुरुआती संकेत हो सकते हैं।

1. त्वचा नीली पड़ जाना 

जब हार्ट ठीक से काम न कर पाए तो शरीर के कुछ अंगों तक वह पूरी तरह से रक्त नहीं पहुंचा पाता है और इस कारण से खून व ऑक्सीजन की कमी के साथ शरीर के वे हिस्से नीले पड़ने लगते हैं। ऐसा खासतौर पर पैरों व हाथों के आसपास देखा जाता है, जो हार्ट से काफी दूर होती हैं।

2. पैरों की उंगलियों में गांठ बनना

 

पैरों की उंगलियों में चिपचिपे पदार्थ से भरी गांठ बनना भी हार्ट से जुड़ी बीमारी का संकेत देता है, जिसका मतलब है कि हार्ट या शरीर के किसी हिस्से में प्रोटीन जमा हो रहा है, जो बाद में किसी धमनी को ब्लॉक करके हार्ट अटैक का खतरा पैदा कर सकता है। यह गांठ सिर्फ पैरों की उंगलियों में ही नहीं बल्कि शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकती हैं।

3. अचानक से ज्यादा पसीना आना 

पसीना आना वैसे तो सामान्य स्थिति होती है, लेकिन अचानक से ज्यादा पसीना आना कई बार हार्ट से जुड़ी बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। दरअसल, जब हार्ट किसी कारण से ठीक तरीके ब्लड पंप करने में उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है, तो इस कारण अचानक से पसीना आने लगता है। इस लक्षण को गलती से भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।

4. पैरों व टखनों में सूजन आना 

पैरों या फिर टखनों के आसपास सूजन आने की स्थिति को बिल्कुल भी सामान्य नहीं समझना चाहिए, क्योंकि यह कई अंदरूनी बीमारियों को खराब होने का संकेत हो सकता है। जब हार्ट ठीक से काम न कर पाए तो शरीर के दूर के हिस्सों में रक्त जमा होने लगता है।

5. त्वचा पर बैंगनी रंग के निशान

 

शरीर में जब रक्त संचारण क प्रक्रिया जब ठीक से काम नहीं कर पाती है, तो इस कारण से शरीर के कई हिस्सों पर हल्के नीले या बैंगनी निशान बनने लग सकते हैं। रक्त संचारण प्रक्रिया आमतौर पर हार्ट की कोई धमनी के कारण होता है, क्योंकि उसके कारण कई रक्त वाहिकाओं में ब्लड सप्लाई रुक जाती है।

संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो और लोगों को लिया हिरासत में

नई दिल्ली :संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो और लोगों को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि इन दोनों के पहले गिरफ्तार किये गये पांच लोगों के साथ संदिग्ध संबंध हैं. हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की पहचान महेश और कैलाश के रूप में की गई है. दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं. उनका 'जस्टिस फॉर आजाद भगत सिंह' नामक सोशल मीडिया समूह से कथित संबंध है.

स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट की पूछताछ में यह बात सामने आई कि महेश भी हमलावर टीम का हिस्सा बनने वाला था. लेकिन किसी कारण से उसके परिवार के सदस्यों ने उसे रोक दिया. इसके अलावा, महेश ने पांचवें आरोपी और मास्टरमाइंड ललित झा को दिल्ली से राजस्थान के कुचामन पहुंचने के बाद उसके साथियों के मोबाइल फोन जलाने में भी मदद की है.

दूसरी ओर, गुरुवार रात, दो पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) और अतिरिक्त पुलिस आयुक्तों सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ललित झा से पूछताछ की. पुछताछ के दौरान ललित ने अधिकारियों पूरी घटना की जानकारी दी.

सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि हमले की तैयारी महीनों पहले से की जा रही थी. संसद में प्रवेश के लिए प्रवेश पास आवश्यक था. जो उपलब्ध नहीं हो पा रहा था इसलिए वह पहले इसे अंजाम नहीं दे पाये. ललित ने सभी से पूछा था कि पास की व्यवस्था कौन कर सकता है ताकि वे आसानी से संसद में प्रवेश कर सकें.

ललित राजस्थान के होटल से लगातार समाचार चैनलों के जरिए चल रहे घटनाक्रम और पुलिस की गतिविधियों पर नजर रख रहा था. सूत्रों के मुताबिक, मामले में और अधिक खुलासे के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छह टीमें बनाई हैं जो लखनऊ, मैसूर, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र और हरियाणा में आरोपियों से जुड़े स्थानों पर जाएंगी.

इसके अलावा, आरोपियों को क्रॉस-वेरिफिकेशन और सबूतों की पहचान के लिए अलग-अलग स्थानों पर भी ले जाया जाएगा. सभी आरोपी अगले सात दिनों तक स्पेशल सेल की हिरासत में रहेंगे. जांच में यह भी पता चला कि दो जोड़ी जूते लखनऊ में विशेष ऑर्डर पर बनाए गए थे. आरोपियों को इस बात का पता था कि संसद में जूतों की जांच नहीं की जाती है. इसी का इस्तेमाल उन्होंने संसद के अंदर धुएं का डिब्बा ले जाने के लिए किया.

क्रिकेटर एमएस धोनी द्वारा दायर अदालत की अवमानना ​​याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई.

नई दिल्ली: क्रिकेटर एमएस धोनी की ओर से दायर अदालत की अवमानना ​​याचिका में मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी संपत कुमार को 15 दिन की कैद की सजा सुनाई. हालांकि, जस्टिस एसएस सुंदर और सुंदर मोहन की पीठ ने कुमार को अपील दायर करने की अनुमति देने के लिए सजा को तीस दिनों के लिए निलंबित कर दिया.

 धोनी ने कथित दुर्भावनापूर्ण बयानों और समाचार रिपोर्टों पर जी मीडिया, कुमार और अन्य के खिलाफ उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया था. जिसमें दावा किया गया था कि वह 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों की सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में शामिल थे.

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान ने कुमार सहित प्रतिवादियों, जिन्होंने शुरुआत में आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले की जांच की थी, को इस मुद्दे से संबंधित उनके खिलाफ अपमानजनक बयान जारी करने या प्रकाशित करने से रोकने की मांग की थी. उच्च न्यायालय ने पहले अंतरिम निषेधाज्ञा दी थी और जी मीडिया, कुमार और अन्य को धोनी के खिलाफ मानहानिकारक बयान देने से रोक दिया था.

इसके बाद, जी मीडिया और अन्य ने मानहानि के मुकदमे के जवाब में अपने लिखित बयान दायर किए. लिखित बयानों के बाद, धोनी ने एक आवेदन दायर कर दावा किया कि कुमार ने अपनी लिखित दलीलों में और भी अपमानजनक बयान दिए हैं. इस प्रकार उन्होंने प्रार्थना की कि कुमार के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की जाए. एमएस धोनी का प्रतिनिधित्व वकील पीआर रमन ने किया.

हरियाणा में मां की हत्या कर शव ठिकाने लगाने के लिए संगम तट पहुंचे कातिल बेटे को पुलिस ने किया गिरफ्तार

हरियाणा में मां की हत्या कर शव ठिकाने लगाने के लिए संगम तट पहुंचे कातिल बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसने अपनी मां की लाश को सूटकेस में भर रखा था. वह शव संगम में बहाने आया था, इससे पहले ही पुलिस ने शक होने पर उसे रोककर पूछताछ की. जब तलाशी ली तो सूटकेस के अंदर महिला का शव मिला. जिसके बाद पुलिस उसे पकड़कर थाने ले गई. यहां युवक ने बताया कि सूटकेस में जिस महिला की शव मिला है, वह उसकी मां का है.

 संगम किनारे सूटकेस लेकर टहल रहा था युवक

गुरुवार की आधी रात दारागंज थाना क्षेत्र की पुलिस संगम इलाके में गश्त पर थी. इसी दौरान संगम के नजदीक एक युवक टहलता दिखा. उसके पास एक बड़ा सूटकेस और दो बैग थे. पुलिस ने उसे रोका और उसके वहां होने की वजह पूछी तो उसने गुमराह करने के लिए बताया कि वह संगम स्नान करने के लिए आया है. 

पुलिस को उसके चेहरे के हावभाव को देखकर आशंका हुई. जिसके बाद पुलिस ने उसके सामान की तलाशी ली. बड़े सूटकेस को खोला तो पुलिस वाले भी सन्न रह गए. सूटकेस के अंदर एक महिला का शव था. इसके बाद पुलिस युवक को थाने ले गई और कड़ाई से पूछताछ की.

सिर्फ 5 हजार रुपये न मिलने पर कर दी थी मां की हत्या

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि युवक हरियाणा के हिसार जिले में हांसी थाना क्षेत्र के आर्य नगर मोहल्ले का रहने वाला हिमांशु है. हिमांशु ने अपनी मां का नाम प्रतिमा बताया. इसी के साथ उसने पुलिस को बताया कि 13 दिसम्बर को मां प्रतिमा से 5 हजार रुपये मांगे थे. मां ने रुपये देने से इंकार कर दिया. जिसके बाद उसका मां से झगड़ा हुआ. हिमांशु ने मां की गला घोंटकर हत्या कर दी. आर्यनगर के जिस घर में हिमांशु मां के साथ किराए पर रहता है, वहां किसी को इस बात की जानकारी नहीं हुई. जिसके बाद उसने मां की लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. मां का शव सूटकेस में प्रयागराज के लिए निकल पड़ा.

माँ को मोक्ष दिलाने हेतु संगम में प्रवाहित करने लाया था शव

हिमांशु ने पुलिस को बताया कि उसने मां की हत्या के बाद शव को बड़े सूटकेस में भर लिया और शव प्रवाहित करने के लिए प्रयागराज ले आया. बताया कि उसके मन में डर समा गया कि मां की आत्मा को मुक्ति नहीं मिलेगी तो वह उसको परेशान करेंगी. जिसके बाद उसने मां के शव को संगम में प्रवाहित करने की योजना बनाई. इसके तहत शव सूटकेस में लेकर हिसार से प्रयागराज के लिए चल दिया. गुरुवार को प्रयागराज पहुंचने के बाद आधी रात सूटकेस और दो अन्य बैग लेकर संगम किनारे पहुंचा. जहां पर अंधेरा होने की वजह से उसे संगम जाने का रास्ता समझ में नहीं आया. वह वहीं भटक रहा था. उसी समय दारागंज थाने की पुलिस गश्त करते हुए पहुंची और हिमांशु को रोककर पूछताछ की. जिसके बाद उसका राज खुल गया।

 ट्रेन से पहुंचा प्रयागराज, जीआरपी को नही लगी भनक

हिमांशु ने 13 दिसंबर को अपनी मां की गला घोंटकर हत्या करने के बाद शव बड़े सूटकेस में पैक कर दिया. दुर्गंध न निकले इसलिए परफ्यूम छिड़क दिया था. जिसके बाद वह सूटकेस के साथ दो बैग लेकर रेलवे स्टेशन पहुंचा. हिसार से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचा. जहां से उसने प्रयागराज की तरफ आने वाली ट्रेन पकड़ी और गुरुवार को संगमनगरी पहुंच गया. प्रयागराज जंक्शन से निकलकर हिमांशु संगम के लिए निकल पड़ा. यहां पर वह पकड़ा गया. इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि हिसार से गाजियाबाद और फिर गाजियाबाद से प्रयागराज तक हिमांशु सूटकेस में शव लेकर यात्रा करता रहा. लेकिन कहीं भी कोई रोक-टोक या जांच नहीं हुई. सुरक्षा में तैनात जीआरपी और आरपीएफ तक को भनक नहीं लगी.

उत्तराखंड के बाद असम ने भी बहुचर्चित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की तैयारी

नई दिल्ली: उत्तराखंड के बाद असम ने भी बहुचर्चित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की तैयारी कर ली है. असम सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाएगी. सरमा ने कहा कि '4 फरवरी से हमारा विधानसभा सत्र होगा जहां हम बहुविवाह पर विधेयक रखेंगे. 

बहुविवाह विधेयक पारित होने के बाद यूसीसी लागू करने की प्रक्रिया पटरी पर आ जाएगी.'

हालांकि, यूसीसी एक ऐसा मामला है जिसके लिए संसद की मंजूरी की आवश्यकता है, राज्य भी राष्ट्रपति की सहमति से इस पर निर्णय ले सकते हैं. गौरतलब है कि अंतिम मसौदा तैयार होने के बाद, उत्तराखंड सरकार ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित करने के लिए जनवरी में एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाया है.

मुख्यमंत्री सरमा पिछले पांच दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में थे गुवाहाटी रवाना होने से पहले सरमा ने कहा कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा-इंडिपेंडेंट) के वार्ता समर्थक गुट के साथ एक शांति समझौते पर इस महीने के अंत या जनवरी के मध्य तक हस्ताक्षर किए जाएंगे.

सरमा ने कहा कि 'हमने समझौते का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे बस अंतिम रूप देने की जरूरत है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस महीने के अंत या जनवरी के पहले भाग तक समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएंगे.' यह कहते हुए कि संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने का मुद्दा उल्फा के वार्ता समर्थक गुट द्वारा उठाया गया था, सरमा ने कहा कि इस मुद्दे को ठीक करने की जरूरत है.

अपने विभाजन के बाद, अरबिंदो राजखोवा के नेतृत्व वाला वार्ता समर्थक गुट 3 सितंबर, 2011 को शांति वार्ता में शामिल हो गया था. संगठन ने मुख्य रूप से सभी स्तरों के चुनावों में स्थानीय लोगों के लिए 88 प्रतिशत सीट आरक्षण की मांग की है मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि वार्ता समर्थक गुट के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने से उल्फा-इंडिपेंडेंट के साथ बातचीत की राह आसान हो जाएगी.

सरमा ने उल्फा-आई के अध्यक्ष परेश बरुआ से भी हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि 'परेश बरुआ को समझना चाहिए इस तरह की स्थिति शांति प्रक्रिया को पटरी से उतार देगी.

सरमा गुरुवार रात जोरहाट में हुए बम धमाकों का जिक्र कर रहे थे. सरमा ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, 'कुछ उल्फ़ा युवक हथगोले लेकर असम में घुस आए. कुछ समर्पण कर देते हैं तो कुछ इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं.' उल्फा-आई के परेश बरुआ गुट ने शुक्रवार को जोरहाट ग्रेनेड विस्फोट की जिम्मेदारी ली है.

ग्रेनेड विस्फोट के एक दिन बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक तपन डेका, एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता, गृह मंत्रालय में पूर्वोत्तर के सलाहकार एके मिश्रा ने दिल्ली के असम हाउस में सरमा से बातचीत की.

रोहिंग्या मुद्दे को देश के लिए बड़ा सुरक्षा खतरा बताते हुए सरमा ने कहा कि उन्होंने असम और त्रिपुरा में रोहिंग्या शरणार्थियों की आमद के बारे में एनआईए डीजी से जानकारी ली है. उन्होंने कहा कि 'एनआईए ने इससे पहले असम और पूर्वोत्तर में घुसपैठ के मुद्दे पर कई जगहों पर छापेमारी की थी. आज एनआईए महानिदेशक ने मुझे उस मुद्दे पर जानकारी दी.'

राष्ट्रपति मुर्मू-पीएम मोदी से की मुलाकात :दिल्ली प्रवास के दौरान सरमा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से भी मुलाकात की.

सरमा ने कहा कि 'मैंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को असम आने का निमंत्रण दिया है.' मुख्यमंत्री ने मुर्मू से मुलाकात के दौरान उन्हें जनवरी में होने वाले कार्बी महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए राज्य में आमंत्रित किया. सरमा ने प्रधानमंत्री मोदी को भी राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के लिए असम आने का निमंत्रण दिया है.

पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ एनआईए ने की एक साथ पुरे देश के 23 स्थानों पर छापेमारी,

हथियार और कैश बरामद; सेना की वर्दी भी मिली_

 नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के खिलाफ बिहार समेत चार राज्यों में शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की। बिहार प्रदेश में धनरुआ थाना क्षेत्र के गांव बरनी के प्रमोद पांडेय के घर दबिश दी गई।

यहां एनआईए टीम ने प्रमोद पांडेय के पुत्र सोनु पांडेय को अपने कब्जे में लेकर घर तलाशी ली।

चार घंटे की छापेमारी में दो अवैध हथियार, आपत्तिजनक उपकरण और कई दस्तावेज, नकदी और आभूषण के साथ एक भारतीय सेना की वर्दी बरामद की गई। बिहार में टीम का नेतृत्व एनआईए के डीएसपी महेन्द्र सिंह राणा कर रहे थे। एनआईए ने पीएलएफआई कैडरों द्वारा जबरन वसूली से आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण की जानकारी मिलने के बाद इस वर्ष 11 अक्टूबर को विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।

पुरे देश के 23 स्थानों पर बोला धावा

इसके बाद तथ्य जुटाए गए और तथ्यों के आधार पर छापामारी की रणनीति बनाकर एनआईए टीम ने शुक्रवार को एक देश भर में 23 स्थानों पर एक साथ धावा बोला। आज जिन आरोपियों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की गई, वे सभी झारखंड में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएलएफआई के कैडर और समर्थक बताए गए हैं। वे हिंसक वारदात और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल हैं। इन पर जबरिया वसूली और लेवी वसूली के मामले भी हैं।

एनआईए द्वारा एफआईआर में बरनी गांव के सोनू का भी नाम है। जानकारी के अनुसार, एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन के कैडर कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाते थे।

ये सुरक्षा बलों पर हमला, हत्या, आगजनी, आतंक पैदा करने के लिए विस्फोटकों और आइइडी के उपयोग की साजिश भी रच रहे थे। जांच से यह भी बात सामने आई है कि पीएलएफआई के नेता, कैडर और समर्थक झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य पीएलएफआई प्रभावित राज्यों में संगठन को पुनर्जीवित करने और विस्तार करने की साजिश में लगे हुए हैं।

अब होगा मैसुरु हवाईअड्डे का नाम टीपू सुल्तान हवाई अड्डा, कांग्रेस विधायक अब्बैया ने रखा प्रस्ताव


 बेंगलुरु। कांग्रेस के विधायक प्रसाद अब्बैया ने मैसुरु हवाईअड्डे का नाम मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान के नाम पर रखने के प्रस्ताव कर्नाटक विधानसभा में रखा। हालांकि, भाजपा विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।

सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव

हुबली-धारवाड़ पूर्व से विधायक अब्बैया ने राज्य सरकार द्वारा हवाईअड्डों के नाम बदलने के लिए केंद्र को पत्र लिखने के बारे में चर्चा के दौरान यह प्रस्ताव रखा। भाजपा विधायकों ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई। हालांकि, कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से चार हवाईअड्डों के नाम प्रमुख हस्तियों के नाम पर रखने की सिफारिश की।

चार हवाईअड्डों के नाम बदलने की सिफारिश

हुबली हवाईअड्डे का नाम क्रांतिवीर संगोल्ली रायन्ना के नाम पर, बेलगावी हवाईअड्डे का नाम कित्तूर रानी चेन्नम्मा के नाम पर, शिवमोगा हवाईअड्डे का नाम राष्ट्रकवि डा. केवी पुट्टप्पा (कुवेम्पु) विजयपुरा हवाईअड्डे का नाम श्री जगत ज्योति बसवेश्वर के नाम पर रखने की सिफारिश की गई है।

संसद में सरकार ने दी जानकारी,राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मामला कोर्ट में है लंबित


नई दिल्ली। संसद में एक बार फिर राम सेतु का जिक्र हुआ। सरकार ने संसद में बताया कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कहीं।

अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल लंबित नहीं है। उनसे पूछा गया था कि क्या देश में राम सेतु जैसे समुद्र में स्थित या डूबे हुए स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का अनुरोध भारत सरकार के पास लंबित है।

उन्होंने कहा कि स्मारकों और स्थलों की घोषणा प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 की धारा 4 के तहत की जाती है। केंद्र सरकार दो महीने का समय देकर किसी भी प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के अपने इरादे की अधिसूचना जारी करती है।

2014 के बाद 344 पुरावशेष विदेश से प्राप्त हुए

सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने 1976-2023 तक विदेशों से 357 पुरावशेष (एंटीक्विटीज) प्राप्त किए हैं। इसमें से 344 पुरावशेष 2014 के बाद प्राप्त किए गए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उनसे पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों से बरामद तमिलनाडु से संबंधित कलाकृतियों की संख्या के विवरण के बारे में भी पूछा गया था। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों से प्राप्त पुरावशेषों में से आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका से प्राप्त 31 पुरावशेष तमिलनाडु के हैं।

पीएम संग्रहालय के लिए 305.36 करोड़ रुपये खर्च किए गए

सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय परियोजना के लिए आवंटित बजट 340.33 करोड़ रुपये में से 30 नवंबर तक 305.36 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भारत के प्रधानमंत्रियों पर आधारित संग्रहालय की मुख्य विशेषताओं और इस परियोजना के लिए आवंटित बजट से किए गए कुल सरकारी खर्च के बारे में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2022 को किया गया था।

दिल्ली:तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को लेकर दी चुनौती,पहुंची सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कैश फॉर क्वेश्चन मामले में एथिक्स कमिटी की सिफारिश के बाद महुआ की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई थी।

गौरतलब है कि महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद एथिक्स कमिटी का गठन किया गया और फिर एथिक्स कमिटी ने लोकसभा में लंबी जांच-पड़ताल के बाद शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपा था।

रिपोर्ट में एथिक्स कमिटी ने लोकसभा अध्यक्ष से महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी. रिपोर्ट पेश होने के बाद लोकसभा में करीब एक घंटे तक चर्चा चली और फिर महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव जारी किया गया, जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था, 'यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।कृष्णानगर लोकसभा सीट से पहली बार संसद पहुंचीं मोइत्रा को शुक्रवार को संसद से निष्कासित कर दिया गया. 

लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें 'अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण' के लिए जिम्मेदार ठहराया गया जिससे उनके निष्कासन का रास्ता बना. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने इस फैसले की तुलना 'कंगारू अदालत' द्वारा सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है. असम के कछार जिले में 1974 में जन्मी मोइत्रा की शुरुआती शिक्षा कोलकाता में हुई और फिर वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गयीं.

न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज़ में निवेश बैंकर रहीं मोइत्रा ने राहुल गांधी की ''आम आदमी का सिपाही'' पहल से प्रेरित हो कर राजनीति का रुख किया. उन्होंने 2009 में कांग्रेस की युवा इकाई में शामिल होने के लिए लंदन में अपना हाई-प्रोफाइल बैंकिंग करियर त्याग दिया। 

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई में तैनात की गयीं मोइत्रा ने पार्टी के नेता सुब्रत मुखर्जी के साथ निकटता से काम किया।

अगर चेहरे की झुर्रियां हटाना है तो कीजिये कुछ घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल, आप के चेहरे पर हफ्ते भर में दिखेगी चमत्कार...?


दिल्ली:- उम्र बढ़ने के साथ ही चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइंस जैसे एजिंग के लक्षण नजर आने लगते हैं। लेकिन आजकल के गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण कई लोगों के चेहरे पर उम्र से पहले ही झुर्रियां दिखने लगती हैं। इसकी वजह से चेहरा काफी डल और बेजान नजर आता है। कई लोग झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इनसे भी कुछ खास फायदा नहीं मिलता है। 

वहीं, इनमें हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में, झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों की मदद ले सकते हैं। इन्हीं नुस्खों में आलू भी शामिल है। जी हां, आलू के रस में विटामिन बी6 और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो झुर्रियों और फाइन लाइंस को कम करने में मदद कर साबित हो सकते हैं। इसके इस्तेमाल से चेहरे के टैनिंग भी रिमूव होती है। यह स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है।

 तो आइए, जानते हैं झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए कैसे करें आलू के रस का इस्तेमाल?

आलू का रस

झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप आलू के रस को चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए एक आलू को कद्दूकस करके उसका रस निचोड़ लें। फिर एक कॉटन बॉल की मदद से आलू के रस को अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। इसके नियमित इस्तेमाल से आपकी त्वचा में कसाव आएगा। साथ ही, दाग-धब्बों की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।

आलू का रस और शहद

चेहरे की झुर्रियां मिटाने के लिए आप आलू के रस और शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप कटोरी में 3 चम्मच आलू का रस लें। इसमें थोड़ा सा शहद डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इसे अपने चेहरे कर लगाएं और करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से चेहरे को धो लें। इससे झुर्रियां और फाइन लाइंस धीरे-धीरे कम होने लगेंगी। साथ ही, आपकी त्वचा मुलायम भी बनेगी।

आलू का रस और हल्दी

अगर आपके चेहरे पर झुर्रियां हैं, तो आप आलू के रस में हल्दी मिलाकर भी अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए कटोरी में 2-3 चम्मच आलू का रस लें। इसमें चुटकीभर हल्दी पाउडर डालकर मिक्स कर लें। अब इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से चेहरे को वॉश लें। आप सप्ताह में 1-2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

आलू का रस और टमाटर का रस

चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के लिए आप आलू के रस में टमाटर का रस मिलाकर लगा सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आलू के रस में 2 चम्मच टमाटर का रस मिलाएं। इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट बाद चेहरे को धो लें। चेहरे पर आलू और टमाटर का रस लगाने से एजिंग के लक्षण कम होते हैं। साथ ही, मुंहासों की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।