ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल की कार्यशैली गजब, इनका अंक ज्ञान तो ठीक हैं लेकिन शब्द ज्ञान थोड़ा तंग, जानिए पूरा मामला
औरंगाबाद : जिले के दाउदनगर स्थित ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल की कार्यशैली गजब की है। यह कार्य प्रमंडल कमाल का है। इनका अंक ज्ञान तो ठीक हैं लेकिन शब्द ज्ञान थोड़ा तंग है। यही वजह हैं कि विभाग में कमाल हो जाता है। हद तो यह कि विभाग में कमाल हो जाता है और कार्यपालक अभियंता उस कमाल पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर भी कर देते है। ऐसे ही कमाल का विभाग द्वारा जारी किया गया एक चेक इन दिनों चर्चा में है।
यह है खेल-विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार और प्रमंडलीय लेखा पदाधिकारी रितेश रंजन के संयुक्त हस्ताक्षर से एक ठेकेदार रिषभ शांडिल्य को कार्य के एवज में 16 लाख 28 हजार 773 रूपये का भारतीय स्टेट बैंक का चेक 6 दिसम्बर को काटा गया है। चेक में अंक में राशि तो सही है पर शब्दों में ही पूरा गड़बड़ झाला है। शब्दों में अंग्रेजी में राशि सिक्सटीन लैक टवेंटी एट लैक सेवन हंड्रेड लिखा है। मतलब साफ है कि अंकित पूरी राशि ही झोलम झोल है।
बैंक में चेक जाने पर हुआ मामले का खुलासा-माम ले का रोचक पहलू यह है कि ठेकेदार ने चेक लेने के बाद भी राशि के शब्दों पर ध्यान नही दिया। इतना ही नही चेक को भी बैंक में जमा कर दिया। जब चेक की राशि को ठेकेदार के बैंक खाते में ट्रांसफर करने की बारी आई तो मामला प्रकाश में आया और बैंक ने राशि भुगतान हेतु काटे गए चेक को ठेकेदार को वापस कर दिया।
बैंक से चेक वापस होते ही विभाग में मची सनसनी-बैंक से वापस मिले चेक का जब ठेकेदार ने विभाग में वापस किया तब मामला विभाग के संज्ञान में आया। मामला संज्ञान में आते ही विभाग में सनसनी मच गई। आनन-फानन में चेक को सुधार कर ठेकेदार को दूसरा चेक देकर मामले की लीपापोती कर दी गई।
लाख टके का सवाल, गलती का दोषी कौन-मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि इतने बड़े मिस्टेक का दोषी कौन है। किसकी गलती या लापरवाही से यह कमाल हो गया लेकिन इस मामले में विभाग का रवैया पर्दा डालने वाला है। यह कार्य विभाग की कार्यशैली को दर्शाता है, कि कैसे विभाग के लोगो को यह नही मालूम है कि 16,28,773/- की रकम को शब्दों में क्या भरा जाए। चेक से साफ जाहिर है कि चेक पर हस्ताक्षर करने वाले दोनों अधिकारी कार्य के प्रति कितने लापरवाह है।
कार्यपालक अभियंता ने कहा, सुधार कर दे दिया गया ठेकेदार को चेक-मामले में पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने क़ग्या कि गलती को सुधार लिया गया है। सुधारा हुआ चेक ठेकेदार को दे दिया गया है। बैंक से राशि का भुगतान भी हो गया है। यह एक मानवीय भूल है।
मामले की होगी जांच-वही मामले में पूछे जाने पर विभाग के अधीक्षण अभियंता मो. अरशद ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। यह गंभीर मामला है। मामले की जांच कराई जाएंगी। जांच के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Dec 14 2023, 20:00