राजस्थान में कौन संभालेगा “कुर्सी”, बीजेपी वसुंधरा राजे को देगी कमान या होगा कोई नया चेहरा
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राजस्थान में 199 सीटों पर हुए मतदान पर आज 3 दिसंबर को वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू हो चुकी है।इलेक्शन कमीशन के रुझानों में बीजेपी बहुमत में दिख रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 110 सीटों पर बढ़ बनाए हुए है।जबकि अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस धूल चाटते हुए दिख रही है। ऐसे में लोगों के बीच ये सवाल फिर से उठने लगा है कि क्या इस बार भी राजस्थान की कुर्सी को वसुंधरा राजे ही संभालेंगी या सूबे की कमान किसी दूसरे के हाथ आएगी।
चुनावी नतीजों में अब तक नतीजों में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। इसको देखते हुए सीएम फेस को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। खास बात यह है कि इस बार अभी तक कांग्रेस या भाजपा दोनों ही दलों ने अपने सीएम फेस से पर्दा नहीं हटाया है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर राजस्थान का नया सीएम कौन होगा? क्या बीजेपी की जीत पर वसुंधरा राजे को एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? या फिर पार्टी अपने दिग्गजों को छोड़कर किसी नए चेहरे को कमान सौंपेगी।
राजस्थान में वसुंधरा राजे सहित सीएम पद के कई दावेदार हैं। मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर वसुंधरा राजे, अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजेंद्र राठौड़ से लेकर दीयाकुमारी तक के नाम चल चुके हैं। अब दिल्ली से ओम बिरला के नाम की भी एंट्री इस रेस में जुड़ गई है। राजस्थान में हाड़ौती से बीजेपी के सबसे कद्दावर चेहरों में शुमार ओम बिड़ला फिलहाल लोकसभा अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल मई में पूरा हो रहा है। ऐसे में उनकी अगली भूमिका राजस्थान में ही होगी। क्या होगी फिलहाल इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है।
सीएम बनने की रेस में वसुंधरा राजे सबसे आगे हैं। वह राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। उन्हें सरकार चलाने का अनुभव है। इसके साथ ही राज्य की सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। ऐसे में पार्टी अपनी दिग्गज और अनुभवी नेता पर एक बार फिर भरोसा जता सकती है।
हालांकि, यहां एक और प्रश्चचिन्ह है। दरअसल, भाजपा आलकमान और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के बीच लंबे समय से खटपट चल रही है। ये नाराजगी उस समय और बढ़ गई थी जब भाजपा ने राजस्थान चुनाव में सीएम फेस के बिना उतरना तय किया था। यह फैसला वसुंधरा राजे को कतई पसंद नहीं आया था। उनके कई समर्थकों ने तो खुलकर इस बात पर नाराजगी जताई थी और राजे को सीएम फेस घोषित करने की मांग की थी। हालांकि भाजपा ने चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा था। इसके बाद ही ये तय मान लिया गया था कि भाजपा पूर्व सीएम राजे को तीसरी बार सीएम बनाने के मूड में नहीं हैं।
दरअसल, राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे की अपनी एक अलग धमक है, फिर भी बीते पांच साल वह सक्रिय तौर पर नजर नहीं आईं। खास तौर से 2020 में ऑपरेशन लोटस की असफलता का ठीकरा भी राजे के सिर ही फोड़ा गया था, जब एक तरह से ये मान लिया गया था कि राजस्थान से गहलोत सरकार जा सकती है। इसके अलावा सचिन पायलट ने खुद अपनी ही सरकार पर वसुंधरा राजे के खिलासफ कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए पद यात्रा निकाली थी। इसके बाद भी वसुंधरा राजे पार्टी के चुनाव अभियान से एक किनारा किए हुए नजर आईं थीं। न तो गहलोत सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में दिखीं और न ही भाजपा की बैठकों में। इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि राजे और भाजपा आलकमान में सब कुछ ठीक नहीं है।
Dec 03 2023, 14:35