आरआरटीएस प्रोजेक्ट फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट की केजरीवाल सरकार को फटकार, एक हफ्ते के भीतर 415 करोड़ रुपये देने का अल्टीमेटम
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सुप्रीम कोर्ट ने रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) प्रोजेक्ट के लिए फंड ट्रांसफर नहीं करने पर दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही है? हम आपको विज्ञापन के बजट पर रोक लगा देंगे और इसे आरआरटीएस परियोजना के लिए डायवर्ट कर देंगे। कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि पानीपत कॉरिडोर के तहत बन रही आरआरटीएस परियोजना में दिल्ली सरकार द्वारा अपने हिस्से का धन मुहैया नहीं करा सका है। सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को कहा कि अगर आप अपने हिस्से का पैसा मुहैया नहीं कराते हैं तो हमें आपके विज्ञापन बजट पर रोक लगानी होगी और उस बजट को जब्त करना होगा।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने माना कि दिल्ली सरकार अपने ही वादे का उल्लंघन कर रही है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्टैंड पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार के विज्ञापन के खर्च को परियोजना के लिए ट्रांसफर करने का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट ने कहा कि उनका यह आदेश एक हफ्ते तक लंबित रहेगा और अगर इस दौरान सरकार ने बजट आवंटित नहीं किया तो उनका यह आदेश लागू हो जाएगा। ऐसे में अदालत ने साफ कर दिया है कि अगर फंडिंग नहीं हुई, तो दिल्ली सरकार को विज्ञापन बजट से हाथ धोना पड़ सकता है।
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार का विज्ञापन पर तीन सालों का बजट 1100 करोड़ रुपए है और इस साल का बजट 550 करोड़ है, लेकिन सरकार इस जनहित परियोजना के बकाया 415 करोड़ रुपए नहीं दे रही है। इस परियोजना में संबंधित राज्य सरकारों को भी इसमें अपनी हिस्सेदारी चुकानी है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि एक हफ्ते में 415 करोड़ रुपए ट्रांसफर करें।
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इससे पहले भी इस मसले पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। जुलाई में हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि वह अपने प्रचार के लिए कितना खर्च करती है। कोर्ट ने विज्ञापन बजट को जब्त करने की चेतावनी दी थी। इस पर दिल्ली सरकार ने 2 हफ्ते में बकाया धनराशि के भुगतान का भरोसा दिया था। आज जब जजों को जानकारी मिली कि दिल्ली सरकार ने भुगतान नहीं किया है, तो उन्होंने सख्त आदेश पारित कर दिया।
Nov 21 2023, 15:11