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इंदौर की विधानसभा एक से प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और संजय शुक्ला जनसंपर्क के दौरान आए आमने सामने, तीखी नोक झोंक का वीडियो वायरल

मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है और तीन दिसंबर को फैसला आना है। सरकार किसकी बनेगी इसमें तो अभी वक्त है लेकिन प्रत्याशियों की तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इंदौर की सर्वाधिक चर्चित सीट विधानसभा एक में मतदान के दिन भी तनातनी हो गई। यहां से भाजपा के प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला आमने सामने हो गए। सड़क पर दोनों टकराए और बातों ही बातों में दोनों ने एक दूसरे पर छींटाकशी की। वहीं दोनों ओर से तीखी नोक झोंक की बात भी सामने अाई है। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।

दरअसल, इसका पूरे मामले का वीडियो भी सामने आया है, इस वीडियो में संजय शुक्ला ने आपत्ति लेते हुए विजयवर्गीय से कहा कि बाहर के लोगों को लेकर घूम रहे हो। विधानसभा के लोगों को लेकर घूमो। तभी कार्यकर्ता बोल पड़े कि हम सब इसी विधानसभा के हैं। इस समय विजयवर्गीय चिंटू वर्मा को लेकर जनसंपर्क कर रहे थे। चिंटू वर्मा देपालपुर निवासी हैं और भाजपा ग्रामीण के जिला महामंत्री हैं। वे खुद भी वीडियो में दिख रहे हैं।

वर्ल्ड कप में इतिहास रचने वाले क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद शमी के गांव को CM योगी का बड़ा तोहफा, किया ये ऐलान

 वनडे वर्ल्ड कप में अपने शानदार खेल प्रदर्शन को लेकर ख़बरों में छाए गेंदबाज मोहम्मद शमी के गांव सहसपुर अली नगर के दिन भी बहुरने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रांतीय रक्षक दल के प्रस्ताव पर जिम्मेदार अधिकारीयों ने उनके गांव में मिनी स्टेडियम निर्माण की कवायद आरम्भ की है। CDO ने शुक्रवार को गांव पहुंचकर जमीन का मौका मुआयना किया।

सीएम योगी ने राज्य के 20 जिलों में जहां ब्लाक स्तर पर खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं नहीं हैं, वहां स्टेडियम बनाने के निर्देश दिए थे। सीएम ने पिछले दिनों प्रांतीय रक्षक दल को इन ब्लॉकों में मिनी स्टेडियम निर्माण के प्रस्ताव भेजने का आदेश जारी किया था। अधिकारीयों ने जिले में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए जोया ब्लॉक क्षेत्र के गांव सहसपुर अली नगर का चयन किया था। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इसी गांव के निवासी हैं। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 विकेट लेकर उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाने में अहम किरदार निभाया है। 

तत्पश्चात, सीएम ने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। CDO अश्वनी कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को गांव पहुंचकर चयनित जमीन का मुआयना किया। CDO के अनुसार, बजट मिलते ही निर्माण आरम्भ करा दिया जाएगा। वही अमरोहा के कलेक्टर राजेश कुमार त्‍यागी ने बताया कि मोहम्मद शमी के गांव में मिनी स्टेडियम के साथ ओपन जिम बनाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। वहां पर पर्याप्त तथा उपयुक्त जमीन भी है।

पढ़िए, चंद्रयान की सफलता के बाद अब नए मिशन पर ISRO, 350 किलो का रोवर ऐसे रचेगा इतिहास

चंद्रमा पर चंद्रयान 3 लैंडर की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब दो अन्य चंद्र अन्वेषण मिशनों पर काम कर रहा है। अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (SAC/ISRO), अहमदाबाद के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि दो महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन - ल्यूपेक्स और चंद्रयान -4 का लक्ष्य सटीक लैंडिंग तकनीक के साथ चंद्रमा के 90-डिग्री (अंधेरे पक्ष) पर 350 किलोग्राम के विशाल लैंडर को उतारना है और वहां से सैंपल लेकर वापस आना है।

17 नवंबर को पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के 62वें स्थापना दिवस समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए, देसाई ने कहा कि, “चंद्रयान 3 मिशन के बाद उत्पन्न उत्साह के बाद अब हम इस बार संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन पर काम करने जा रहे हैं।” (चंद्रयान 3) हम 70 डिग्री तक गए, ल्यूपेक्स मिशन में हम चंद्रमा के अंधेरे पक्ष का निरीक्षण करने के लिए 90 डिग्री तक जाएंगे और वहां एक विशाल रोवर उतारेंगे, जिसका वजन 350 किलोग्राम तक है, चंद्रयान 3 रोवर 30 किलोग्राम का ही था, इसलिए इस मिशन में लैंडर भी बहुत बड़ा होगा।”

चंद्रयान 4 मिशन के बारे में बोलते हुए, देसाई ने कहा कि, 'चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में चर्चा के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि हम अब बड़ी चुनौतियों का सामना करें।' वैज्ञानिक ने कहा कि, "नए मिशन के साथ चुनौतियां हैं, उम्मीद है कि हम इसे अगले 5 से 10 वर्षों में करने में सक्षम होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि, “जापानी पहले ही 7 सितंबर को एक चंद्रमा मिशन लॉन्च कर चुके हैं, जो सटीक लैंडिंग करेगा, इसलिए इस तकनीक का उपयोग इस मिशन में भी किया जाएगा, क्योंकि हम 90 डिग्री पर एक क्रेटर के किनारे पर 1 किमी x 1 किमी के अन्वेषण क्षेत्र के साथ 350 किलोग्राम के रोवर के साथ (चंद्रयान 3 500 मीटर x500 मीटर था) एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण सटीक लैंडिंग करने की कोशिश कर रहे हैं।"

बताया कि जबकि चंद्रयान 3 मिशन केवल एक चंद्र दिवस के लिए था, आगामी मिशन 7 चंद्र दिनों की अवधि तक चलेगा, जो लगभग 100 पृथ्वी दिनों के बराबर है। नए मिशन के साथ ये चुनौतियां हैं, इसलिए उम्मीद है कि हम ऐसा करने में सक्षम होंगे अगले 5 से 10 वर्षों में चंद्रयान 4 मिशन पर वैज्ञानिक ने कहा कि, “हमने चंद्रयान 4 मिशन की योजना बनाई है, इसे चंद्र सैंपल वापसी मिशन कहा जाएगा, इस मिशन में हम उतरेंगे और चंद्रमा की सतह से नमूना लेकर वापस आ सकेंगे। इस मिशन में, लैंडिंग चंद्रयान 3 की तरह ही होगी, मगर केंद्रीय मॉड्यूल परिक्रमा मॉड्यूल के साथ डॉक करने के बाद वापस आ जाएगा, जो बाद में पृथ्वी के वायुमंडल के पास अलग हो जाएगा और पुनः प्रवेश मॉड्यूल चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान के नमूने के साथ वापस आ जाएगा। यह एक बहुत महत्वाकांक्षी मिशन है, उम्मीद है कि अगले पांच से सात वर्षों में हम चंद्रमा की सतह से नमूना लाने की इस चुनौती को पूरा कर लेंगे।”

कहा कि, “इसके लिए दो लॉन्च वाहनों की आवश्यकता होगी, इसलिए दो लॉन्च होंगे क्योंकि चार मॉड्यूल (ट्रांसफर मॉड्यूल लैंडर मॉड्यूल एस्केंडर मॉड्यूल और री-एंट्री मॉड्यूल) लॉन्च किए जाएंगे, आरएम और टीएम को चंद्र कक्षा में पार्क किया जाएगा और दो लॉन्च किए जाएंगे। नीचे जाएं जिससे एसेंडर मॉड्यूल लैंडर मॉड्यूल से अलग हो जाएगा और नमूना एकत्र करेगा। हमारे पास अभी यह सब कागज पर है और हम इसे प्राप्त करने के लिए विभिन्न तकनीक पर काम कर रहे हैं और यह ISRO में उपलब्ध क्षमताओं के साथ प्राप्त किया जा सकता है।''

बता दें कि, वर्तमान में, ISRO जापानी अंतरिक्ष एजेंसी, JAXA के सहयोग से अपने अगले अंतरिक्ष उद्यम की तैयारी में है। इसे LuPEX, या चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण के रूप में डब किया गया है। 23 अगस्त को, भारत ने एक बड़ी छलांग लगाई जब चंद्रयान 3 लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा, जिससे यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया और चंद्रयान 2 की क्रैश लैंडिंग की 4 वर्ष पहले निराशा समाप्त हो गई थी। अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया है।

उतरने के बाद, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्र सतह पर अलग-अलग कार्य किए, जिसमें सल्फर और अन्य छोटे तत्वों की उपस्थिति का पता लगाना, सापेक्ष तापमान रिकॉर्ड करना और इसके चारों ओर की गतिविधियों को सुनना शामिल था। चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के तुरंत बाद, भारत ने 2 सितंबर को अपना पहला सौर मिशन आदित्य एल1 लॉन्च किया। अब तक की अपनी यात्रा में, अंतरिक्ष यान चार पृथ्वी-बाउंड युद्धाभ्यास और एक ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई) युद्धाभ्यास से गुजर चुका है। सफलतापूर्वक. इस प्रक्रिया में, अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बच निकला।

बंगाल की खाड़ी के ऊपर तीव्र हुआ चक्रवात मिधिली, बांग्लादेश तट पर देगा दस्तक, चेतावनी जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरा दबाव शुक्रवार को एक चक्रवाती तूफान में बदल गया और 80 किमी प्रति घंटे की अधिकतम हवा की गति के साथ बांग्लादेश तट पर भूस्खलन के बाद सुंदरवन से आगे निकल जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात मिधिली 17 नवंबर की रात या 18 नवंबर की सुबह बांग्लादेश तट को पार करेगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, IMD का कहना है कि, बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरा दबाव चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया, क्योंकि यह उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा की ओर बढ़ गया, जो शुक्रवार सुबह पश्चिम बंगाल के समुद्र तटीय रिसॉर्ट शहर दीघा से 200 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और बांग्लादेश में खेपुपारा से 220 किमी दक्षिणपूर्व में स्थित है। मौसम विभाग ने मछुआरों को 18 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी के उत्तर में और पश्चिम बंगाल के तटों पर न जाने की चेतावनी जारी की है।

IMD ने कहा कि चक्रवात का ओडिशा पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह राज्य के तट से 150 किलोमीटर ऊपर से गुजरेगा। IMD के वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने मीडिया को बताया कि हालांकि इसमें कहा गया है कि केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जैसे कुछ जिलों में शुक्रवार को भारी बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के मद्देनजर ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने सभी जिला कलेक्टरों को अलर्ट पर रखा है। एसआरसी सत्यब्रत साहू ने कहा, "हम कोई मौका नहीं लेना चाहते हैं और इसलिए किसी भी स्थिति के लिए राज्य मशीनरी को अलर्ट पर रखते हैं।"

अनुमान लगाया गया है कि चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी वर्षा लाएगा। मौसम कार्यालय ने कहा कि शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में अलग-अलग भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। मालदीव ने इस चक्रवात को 'मिधिली' नाम दिया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के चक्रवातों से प्रभावित देश बारी-बारी से एक क्रम में चक्रवातों के नाम देते हैं।

फाइनल से पहले सोनिया गांधी ने टीम इंडिया को दिया खास संदेश, ट्वीट कर कही ये बात

#former_congress_president_sonia_gandhi_message_to_team_india

अब से थोड़ी देर में क्रिकेट विश्व कप का फाइनल मुकाबला खेला जाने वाला है। आज अहमदाबाद में होने वाले फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को पीटकर भारत तीसरी बार खिताब अपने नाम करेगा। मैच की सब तैयारियां हो चुकी हैं, दर्शकों का रेला नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंच रहा है।इससे पहले पूरे देशभर में किरुकेट प्रशंसकों के दुआओं का दौर जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने भारतीय टीम को शनिवार को शुभकामनाएं दीं हैं।

कांग्रेस ने एक्स (पहले ट्विटर) पर सोनिया गांधी का एक वीडियो संदेश पोस्ट किया है। सोनिया गांधी ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपने वीडियो संदेश में कहा, मेरी प्यारी टीम इंडिया के खिलाड़ियों, सबसे पहले इस वर्ल्ड कप के दौरान आपके खेल और टीम वर्क के लिए आपको बहुत सारी बधाई। आपने पूरे देश को लगातार खुशी और गौरव के पल दिए हैं। इस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच तक की आपकी यात्रा में बहुत बड़े संदेश हैं। वो संदेश एकता, कड़ी मेहनत और संकल्प का है। मैं टीम इंडिया के खिलाड़ियों को उनके शानदार प्रदर्शन पर बधाई देना चाहती हूं। आज मुझे पिछले दो उन मौकों की याद आ रही है जब भारत ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती थी। पहले 1983 में और फिर 2011 में। उन दोनों अवसरों पर देश सम्मान और खुशी से झूम उठा था। अब फिर से वो अवसर आ गया है। क्रिकेट ने हमेशा हमारे देश को जोड़ने का काम किया है। अब, जब आप फाइनल मैच के लिए तैयार हैं तो पूरा देश आपके साथ खड़ा है और आपकी सफलता की कामना कर रहा है। आपको मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। आप में वर्ल्ड चैंपियन बनने की सारी खूबियां हैं। मुझे पूरा विश्वास है टीम इंडिया जीतेगी।

विश्व कप का फाइनल मुकाबला आज अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। खिताबी मुकाबले में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से है। दोनों टीमें 20 साल बाद विश्व कप के फाइनल में एक-दूसरे से खेलेंगी। पिछली बार 2003 में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को हराया था। भारत उस हार का बदला लेने के लिए मैदान पर उतरेगा। टीम इंडिया अगर विश्व कप जीतती है यह उसका तीसरा खिताब होगा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की नजर पांचवीं बार चैंपियन बनने पर है।

*साल 2023 को मिली मिस यूनिवर्स, निकारागुआ की शेन्निस पलासियोस के सिर सजा ताज, जानें भारत की श्वेता का स्थान*

#missuniverse2023nameannouncedsheynnispalacios_crowned

मिस यूनिवर्स 2023 के नाम का ऐलान हो गया है।90 देशों की खूबसूरत हसीनाओं ने इस प्रतियोगिता में अपनी-अपनी किस्मत आजमाई। जिसमें शेनिस पलासियोस को मिस यूनिवर्स 2023 खिताब का विजेता घोषित किया गया है। उन्हें पूर्व विजेता यूएसए की आर'बोनी गेब्रियल द्वारा ताज पहनाया गया। इस सौंदर्य प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया की मोरया विल्सन दूसरी रनर-अप रहीं, जबकि थाईलैंड की एन्टोनिया पोर्सिल्ड को फर्स्ट रनर-अप घोषित किया गया। 

पहली निकारागुआन महिला

शेनिस पलासियोस मिस यूनिवर्स बनने वाली पहली निकारागुआन महिला हैं। इस खिताब को अपने नाम करने के बाद वे बेहद खुश नजर आईं। सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही शेन्निस पलासियोस का नाम अनाउंस हुआ तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। मॉडल शिवर करने लगीं। बता दें, मिस यूनिवर्स 2023 के आखिरी राउंड में टॉप 3 कंटेस्टेंट्स से एक ही सवाल पूछा गया था। सवाल था कि “यदि आप किसी अन्य महिला के स्थान पर एक वर्ष तक रह सकते हैं, तो आप किसे चुनेंगे और क्यों?” मिस थाईलैंड ने अपने जवाब में मलाला यूसुफजई का नाम लिया। वहीं मिस ऑस्ट्रेलिया ने उनकी मां को चुना। अंत में मिस निकारागुआ के जवाब ने सभी को हैरान किया।

टॉप 20 फाइनलिस्ट में थी श्वेता शारदा

इस साल चंडीगढ़ में जन्मी श्वेता शारदा ने मिस यूनिवर्स 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने टॉप 20 फाइनलिस्ट में जगह बनाई। श्वेता को मिस दिवा यूनिवर्स का ताज पहनाया गया था। पिछले साल, श्वेता ने काफी टफ कॉम्पीटीशन में 15 अन्य प्रतियोगियों के बीच खड़े होकर मुंबई में समारोह में प्रतिष्ठित मिस दिवा यूनिवर्स का खिताब हासिल किया था।

वर्ल्ड कप का फाइनल आज, 20 साल बाद टकरा रही दो दिग्गज टीमें, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगा घमासान

#india_vs_australia_world_cup_2023_final

जिस घड़ी का सबको इंतजार था वो तारीख आ गई। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल आज अहमदाबाद में खेला जाएगा। भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया दुनिया की दो सर्वश्रेष्ठ टीमें दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में आज दोपहर को भिड़ेंगी।दोनों टीमों के बीच ये मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा जहां एक लाख से अधिक दर्शक मौजूद होंगे। भारतीय टीम की नजर जहां अपने तीसरे वनडे वर्ल्ड कप खिताब को जीतने पर हैं, तो वहीं ऑस्ट्रेलिया छठी बार इस ट्रॉफी को उठाने की कोशिश करेगी। दोनों ही टीमों ने इस टूर्नामेंट में अब तक शानदार खेल दिखाया है।

किसी भी खेल में जीत या हार का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल होता है। वो भी जब बात इतने बड़े टूर्नामेंट के फाइनल की हो। हालांकि, कुछ कसौटियों पर दोनों टीमों को परखा जा सकता है।पहली कसौटी- इस वर्ल्ड कप में अब तक टीम इंडिया अपराजेय रही है। उसने लगातार 10 मैच जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने भी फाइनल तक का सफर लगातार 8 जीत के साथ तय किया है लेकिन लीग मैच में उसे भारत और दक्षिण अफ्रीका से हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ मैच में ऑस्ट्रेलिया को रोना आ गया था।अफगानिस्तान के मैच में 91 रन पर 7 विकेट गंवाने के बाद ग्लेन मैक्सवेल की करिश्माई पारी ने बचा लिया। उसके बाद बांग्लादेश की टीम ने कंगारुओं के खिलाफ 300 से ज्यादा रन ठोक दिए। 

इससे उलट भारतीय टीम ने इस वर्ल्ड कप में 100-200-300 से ज्यादा रन से भी मैच जीते हैं। विकेट के लिहाज से भारत की सबसे छोटी जीत 4 विकेट की है और रनों के लिहाज से 70 रन की। ये दोनों मैच उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे।लीग मैच में उसने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराया था और सेमीफाइनल में 70 रन से। इससे आसानी से समझ सकते हैं किस टीम के पास ‘कंसिसटेंसी’ बेहतर है।

दोनों टीमों के बीच अब तक 150 मुकाबले हुए हैं। इनमें ज्यादातर जीत ऑस्ट्रेलिया के हिस्से आई हैं। कंगारू टीम ने कुल 83 मैच जीते हैं। वहीं भारतीय टीम के हिस्से 57 जीत आई हैं। बाकी मुकाबले बेनतीजा रहे हैं। वैसे, दोनों टीमों के बीच पिछले 5 मुकाबलों को देखा जाए तो भारतीय टीम हावी रही है। टीम इंडिया ने तीन मैच जीते हैं। जिस मैदान पर आज का फाइनल खेला जाना है, वहां भी यह दोनों टीमें तीन बार पहले भी टकरा चुकी हैं। यहां भी टीम इंडिया ने दो मुकाबले जीते हैं।

भारतीय गेंदबाज इस विश्व कप में अभी तक 95 विकेट ले चुके हैं। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप के एक एडिशन में दो बार इससे ज्यादा विकेट लिए हैं। कंगारू टीम ने 2007 विश्व कप में 97 विकेट चटकाए थे वहीं 2003 में 96 विकेट अपने नाम किए थे। भारतीय टीम यदि फाइनल जीतने में सफल रही तो फिर वह लगातार 11 मैचों में अजेय रहने का रिकॉर्ड भी कायम करेगी। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया दो विश्व कप में लगातार 11 मैच जीत चुका है।

महापर्व छठ का तीसरा दिन आज, डूबते सूरज को दिया जाएगा अर्घ्य

#chhath_puja

नहाय-खाय के साथ शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज अस्तलचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आज व्रती तालाब, नदी आदि पानी के स्रोत में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।संध्या अर्घ्य के दिन सूर्यास्त का समय शाम लगभग 5:26 बजे होगा, जिसके दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

आज के दिन छठी मइया की पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है और शाम को सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने से पूर्व घाट पर सायं काल में बांस की टोकरी में छठ पूजा में शामिल सभी पूजा सामग्री, फल और पकवान आदि को अर्घ्य के सूप में सजाया जाता है और इसके बाद अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देता हैं। अर्घ्य के समय सभी लोग पवित्र नदी या घाट के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं और छठ के प्रसाद से भरे हुए सूप से छठी मइया की पूजा की जाती है। 

छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व को कई नामों से जाना जाता है। जैसे डाला छठ, सूर्य षष्ठी और छठ पूजा के नाम से जाना जाता है। छठ का त्योहार मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा और उपासना का त्योहार है। इसमें व्रती 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखता है और अपनी संतान की लंबी आयु और अरोग्यता के लिए छठी माता से आशीर्वाद प्राप्त करता है।

तो इस बार भी 'झागभरी यमुना' में ही करना होगी छठ पूजा, केजरीवाल सरकार ने कहा था- दो दिन में साफ कर देंगे, दावा फेल

छठ पर्व से पहले दिल्ली जल बोर्ड द्वारा इसे साफ करने के दावों के बावजूद दिल्ली में यमुना नदी जहरीले झाग से ढकी है। प्रदूषित पानी के कारण श्रद्धालुओं, विशेषकर छठ व्रत करने वाली महिलाओं को कठिनाई को देखते हुए राजनीतिक तनाव भी बढ़ गया है। भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर त्योहार मनाने वालों की भावनाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।

बता दें कि, यमुना का जहरीला झाग श्रद्धालुओं, विशेषकर महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, जो छठ पर्व के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घुटनों तक पानी में उतरते हैं। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) झाग को खत्म करने के लिए रासायनिक छिड़काव करता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है, जिससे पूजा करने वालों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंता बढ़ जाती है।  

मंत्री आतिशी मार्लेना का आश्वासन व बीजेपी की आलोचना

बता दें कि, दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी मार्लेना ने दावा किया था कि खाद्य-ग्रेड रसायनों के उपयोग सहित प्रयासों से दो दिनों में झाग खत्म हो जाएगा। हालाँकि, यह दावा हवा-हवाई प्रतीत होता है, जिसके कारण भाजपा उसकी आलोचना कर रही है। यमुना जल पर सफेद झाग की परत को छठ मनाने वाले पूर्वांचली लोगों की भावनाओं को संबोधित करने में विफलता के रूप में देखा जाता है। वही, आतिशी का कहना है कि, यूपी से ही यमुना प्रदूषित होकर दिल्ली में प्रवेश करती है, हालाँकि, मंत्री होने के बावजूद वो भूल जाती हैं कि, दिल्ली के बाद यमुना नदी यूपी में प्रवेश करती है, यूपी से दिल्ली में नहीं आती।

उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में सत्ता में आई थी और अरविंद केजरीवाल पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। तब से केजरीवाल दावा करते रहे हैं कि, अगली छठ पूजा तक यमुना साफ कर दूंगा और आपके साथ मैं भी डुबकी लगाऊंगा, लेकिन 10 साल बीत गए, आज तक न तो यमुना साफ हुई और न ही सीएम केजरीवाल ने डुबकी लगाई। कभी जीवन रेखा रही यमुना नदी धीरे-धीरे प्रदूषित जल निकाय में तब्दील हो रही है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है। चूंकि यमुना नदी में जहरीले झाग की समस्या बनी हुई है, इसलिए छठ त्योहार समारोहों पर प्रभाव और व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंताएं बनी हुई हैं। यमुना के पारिस्थितिक स्वास्थ्य की बहाली सुनिश्चित करने के लिए प्रदूषण के मूल कारणों को संबोधित करना अनिवार्य हो जाता है।

'हलाल' उत्पादों पर बैन लगाने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तर प्रदेश ! योगी सरकार ने अपनाया सख्त रुख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार हलाल प्रमाणीकरण से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। कुछ कंपनियां हलाल प्रमाणीकरण की आड़ में डेयरी, कपड़ा, चीनी, स्नैक्स, मसाले और साबुन जैसे विभिन्न उत्पादों को प्रमाणित कर रही हैं। इसका पता चलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है और अब कड़ी कार्रवाई होने की संभावना है। राज्य सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सख्त नियम लाने की योजना बना रही है।

दरअसल, हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में FIR दर्ज की गई है। शैलेन्द्र शर्मा द्वारा दायर शिकायत में चेन्नई में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली में जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, मुंबई में हलाला काउंसिल ऑफ इंडिया और मुंबई में जमीयत उलेमा महाराष्ट्र पर आरोप लगाए गए हैं। FIR में हलाल प्रमाणीकरण के साथ सामान की बिक्री में लगी अज्ञात कंपनियों के खिलाफ IPC की धारा 120बी/153ए/298, 384, 420 और 467, 468, 471, 505 शामिल हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में कोई भी सरकारी संगठन इस तरह का प्रमाणन जारी नहीं करता है।

क्या है हलाल और हराम 

बता दें कि, इस्लामी धर्मशास्त्र में हलाल और हराम अरबी शब्द हैं। हलाल का तात्पर्य वह है जो इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार सही है या उसके द्वारा अनुमोदित है। यह इस्लाम के शरिया कानून के अनुरूप है और उन वस्तुओं या प्रथाओं को दर्शाता है, जो वैध, उचित और निषिद्ध नहीं हैं। दूसरी तरफ, हराम का तात्पर्य इस्लामी धर्मशास्त्र में निषिद्ध या अस्वीकार्य चीज़ों से है, जो उन चीज़ों को दर्शाता है जो निषिद्ध, बुरी या पापपूर्ण हैं। 

आमतौर पर इस्लाम में हलाल प्रमाणीकरण खाद्य पदार्थों की निर्माण प्रक्रिया और जानवरों के वध से संबंधित है। जब किसी उत्पाद को "हलाल प्रमाणित" के रूप में लेबल किया जाता है, तो यह इंगित करता है कि इसे इस्लामी मान्यताओं के अनुसार तैयार किया गया है। कई कंपनियाँ अपने उत्पादों पर "हलाल प्रमाणित" स्टाम्प का उपयोग करती हैं। जानवरों को काटने में भी मुस्लिम लोग हलाल पद्धति का ही उपयोग करते हैं, जिसमे अल्लाह का नाम लेकर धीरे-धीरे जानवर की गर्दन काटी जाती है और फिर ही उसे खाने योग्य माना जाता है। वहीं, हिन्दुओं और सिखों में झटका मांस खाने की परंपरा रही है, झटका यानी, एक ही वार में जानवर का सिर धड़ से अलग कर देना, माना जाता है कि, इससे पशु को अधिक दर्द नहीं होता। वहीं, हलाल में धीरे-धीरे काटने पर पशु तड़पते रहता है। अधिकतर होटलों से लेकर दुकानों में भी हलाल मांस ही बिकता है। बड़ी बात ये है कि, मांस को हलाल तभी माना जाएगा, जब जानवर को किसी मुस्लिम द्वारा काटा जाएगा। इस प्रथा के कारण मांस का कारोबार करने वाले दलित हिन्दुओं का रोज़गार दिन-ब-दिन घटता जा रहा है और उनके सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है।