अमेरिका देगा इजरायल को स्पाइस बम, भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक में किया था इस्तेमाल
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इजराइल और हमास की जंग और भीषण होती जा रही है। इजराइल गाजा पर लगातार हमले कर रहा है।हमास के खत्मे में अमेरिका हर कदम पर इजराइल के साथ खड़ा है। इस बीच बाइडेन प्रशासन ने इजरायल के लिए 320 मिलियन डॉलर के हथियार सौदे को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे के तहत इजरायल को स्पाइस फैमिली ग्लाइडिंग बम असेंबली मिलेगा।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, प्रशासन ने स्पाइस फैमिली ग्लाइडिंग बम असेंबली के नियोजित ट्रांसफर के बारे में कांग्रेस के नेताओं को 31 अक्टूबर को औपचारिक अधिसूचना भेजी, जो युद्धक विमानों द्वारा दागे जाने वाले एक प्रकार के सटीक निर्देशित हथियार हैं। पत्राचार में कहा गया है कि समझौते के तहत हथियार निर्माता राफेल यूएसए बमों को इजराइली रक्षा मंत्रालय द्वारा उपयोग के लिए अपनी इजराइली मूल कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स को ट्रांसफर करेगा। योजना में हथियारों के उपयोग से संबंधित समर्थन, संयोजन, परीक्षण और अन्य तकनीकी का प्रावधान भी शामिल है। यह उन्हीं हथियारों के 402 मिलियन डॉलर के ट्रांसफर की योजना है, जिसके लिए प्रशासन ने पहली बार 2020 में कांग्रेस की मंजूरी मांगी थी।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, हथियारों के सौदे की ये डील स्पाइस फैमिली ग्लाइडिंग बम असेंबली के स्मार्ट बमों के ट्रांसफर पर ही केंद्रित है। ये बम अपनी सटीकता के लिए जाना जाता है। बाइडेन प्रशासन ने स्पाइस फैमिली ग्लाइडिंग बम असेंबली के ट्रांसफर के बारे में जानकारी दी है। इस डील के तहत राफेल यूएसए बमों को इजराइली कंपनी राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम को ट्रांसफर करेगा। डील में हथियारों के उपयोग से संबंधित जानकारी, परीक्षण और तकनीक का भी आदान-प्रदान होना है।
स्पाइस फैमिली ग्लाइडिंग बम एक प्रकार का स्मार्ट बम है, जो अपनी उच्च सटीकता के लिए जाना जाता है। स्पाइस (स्मार्ट, सटीक प्रभाव, कॉस्ट इफेक्टिव) बम हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियार हैं। इन बमों को बिना निर्देशित बमों की सटीकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो उन्हें प्रभावी ढंग से जीपीएस-निर्देशित हथियारों में बदल देते हैं। इन्हें राफेल यूएसए द्वारा डेवलप किया गया है। बता दें राफेल यूएसएस इज़राइल के सबसे प्रमुख हथियार निर्माताओं में से एक की अमेरिकी ब्रांच है।
बता दें कि इन्हीं बमों का इस्तेमाल बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान किया गया था जब इंडियन एयर फोर्स ने 26 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले के जवाब में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर को निशाना बनाया था।
Nov 10 2023, 10:04