दिल्ली में दम घोंटू हुई हवा, लगातार जहरीले हो रहे है वातावरण में सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI पहुंचा 373
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दिल्ली की हवा लगातार खराब हो रही है।दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के साथ ही जहरीली दवा के स्तर में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार (1 नवंबर) को लगातार पांचवें दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही। क्योंकि बुधवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 पर पहुंच गया। इससे पहले सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया था।
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी और उसके उपनगरों में मंगलवार को धुंध छाई रही और शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सोमवार (30 अक्टूबर) को यह 347 और रविवार को 325 था। इस बीच, आर्थिक राजधानी मुंबई में हवा की गुणवत्ता 173 AQI के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में थी।
पराली और अन्य कारणों से स्मोक आ रहा
हवाओं की दिशा बदलने के साथ पराली और अन्य कारणों की वजह से स्मोक राजधानी में आ रहा है। अगले दो से तीन दिनों तक स्थिति स्मोक वाली ही रह सकती है। ऐसे में लोगों की परेशानियां और बढ़ सकती हैं। सुबह की तुलना में शाम को स्मोक की वजह से हालात अधिक बुरे हो गए। तीन बजे के बाद स्मोक की वजह से विजिबिलिटी भी कम होने लगी। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन, घुटन, थकावट, सांस में तकलीफ आदि की समस्या भी होने लगी। लोगों का बाहर रहना मुश्किल हो रहा था। मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार, सुबह के समय भी स्मोक था, लेकिन इसका असर कम था। शाम होते-होते स्मोक बढ़ने लगा। इसकी वजह से विजिबिलिटी भी कम हो गई। हवाओं की कम गति के साथ बदली दिशाओं की वजह से भी स्मोक दिल्ली में पहुंच रहा है। अगले दो से तीन दिन हालात ऐसे ही बने रहने की संभावना है।
अक्टूबर महीने में प्रदूषण स्तर?
दिल्ली में इस बार का अक्टूबर महीना पिछले तीन सालों में सबसे प्रदूषित रहा। सामान्य बारिश न होने की वजह से भी लोगों को ज्यादा एयर पॉल्यूशन का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, जनवरी से अक्टूबर तक के आंकड़े देखें तो इस बार पहले की तुलना में प्रदूषण का स्तर कम रहा। हालांकि, बारिश की कमी से 2021 और 2022 की तुलना में इस बार अक्टूबर में प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहा। इस बार अक्टूबर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 रहा। साल 2022 में यह 210 और साल 2021 में यह 173 अंक पर था।
दिल्ली में आज से ग्रैप-2 लागू
वहीं, दिल्ली सरकार ने पिछले कुछ दिनों से राजधानी में गंभीर प्रदूषण के हालात को देखते हुए ग्रैप-2 (GRAP-2) लागू करने का फैसला लिया है। यह फैसला आज बुधवार सुबह से लागू हो गया है। इसका मकसद दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाना है। अब दिल्ली में रहने वाले और राजधानी से अपने वाहनों से गुजरने वाले लोगों को ग्रैप-2 के नियमों का पालन करना होगा। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि ग्रैप-2 के प्रावधान लागू होने के बाद 1 नवंबर से दिल्ली में अन्य राज्यों की डीजल बसें एंट्री नहीं कर पाएंगी। दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर 1 नवंबर से दिल्ली में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से आने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी है। अब दिल्ली में उन्हीं डीजल बसों को प्रवेश की इजाजत मिलेगी, जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं। इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की भी एंट्री बनी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
लगातार खराब हो रही हवा पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा शुरू किए गए उपायों को गिनाते हुए एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
Nov 01 2023, 17:18