*विपक्ष के फोन हैकिंग के आरोप पर केंद्र का जवाब, केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा-एपल ने 150 देशों में जारी किया अलर्ट*
#unionministerashwinivaishnaviphonealerthacking_message
देश के पांच राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए बड़ा मुद्दा मिल गया है।विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जासूसी करने के आरोप लगाए हैं।कांग्रेस नेताओं- शशि थरूर, केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा समेत तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी,एआईएमआएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने स्क्रीनशॉट्स शेयर किए। विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि उनके फोन निर्माता ने उन्हें वॉर्निंग मेसेज किया है। बाद में, राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नरेंद्र मोदी सरकार पर विपक्षी नेताओं की जासूसी कराने का आरोप लगाया। राहुल ने दावा किया कि उनके ऑफिस में सभी लोगों को एप्पल का नोटिस मिला है।अब सरकार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है।
सरकार ने दिया ये जवाब
एपल आईफोन हैकिंग के विपक्ष के दावों को केंद्र सरकार ने मंगलवार को सिरे से खारिज कर दिया। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव ने साथ ही कहा कि आरोपों की जांच के लिए आदेश दिए गए हैं।अश्विन वैष्णव ने कहा कि कुछ साथियों ने एप्पल अलर्ट के बारे में संदेश दिए हैं, ऐसे में हम मामले की तह तक जाएंगे। उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा, कुछ हमारे आलोचक हैं जो झूठे आरोप हमेशा लगाते रहते हैं। ये देश की प्रगति नहीं चाहते। एपल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। एपल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है। एपल ने अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है।
वैष्णव ने कहा कि इनकी (विपक्षी दलों) आदत है कि जब भी कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो कहते हैं कि निगरानी हुई है। इन्होंने ये आरोप कुछ साल पहले भी लगाने की कोशिश की थी। इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला।प्रियंका गांधी ने भी दावा किया था कि उनके दो बच्चों का फोन हैक हुआ था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
एप्पल ने बयान जारी कर दी सफाई
वहीं कंपनी ने इस पूरे विवाद पर अपना बयान जारी कर दिया है।एप्पल ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि वह खतरे की सूचनाओं के लिए किसी देश की सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराती है। कंपनी ने अपने बयान में कहा, सरकार प्रायोजित हैकर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत होते हैं। उनके हमले समय के साथ विकसित होते रहे हैं। ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं।इसके अलावा कंपनी ने कहा, यह संभव है कि खतरे की कुछ सूचनाएं फॉल्स अलार्म हो सकती हैं, या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है। हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से हमें खतरे की सूचनाएं जारी करनी पड़ रही हैं, क्योंकि इससे सरकार प्रायोजित हमलावरों को भविष्य में पहचान से बचने के लिए अपने व्यवहार को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।
Oct 31 2023, 18:08