हज़ारीबाग : झारखंड राज्य फसल राहत योजना को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न।
हज़ारीबाग: झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत कृषकों के पंजीकरण एवं आवेदन की प्रक्रिया विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार की अध्यक्षता उपायुक्त नैंसी सहाय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, झारखंड फसल राहत योजना सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के तहत कृषकों को प्रकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
खरीफ एवं रबी फसलों के लिए कृषकों को अलग-अलग निबंध करना होता है। वर्तमान रब्बी खेती के मद्देनजर निबंधन प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कृषकों को प्रोत्साहित करने को कहा। कृषकों की सही पहचान कर सत्यापन के क्षेत्रीय पदाधिकारियों से करने एवं निबंध प्रक्रिया में राजस्व कर्मियों तथा प्रज्ञा केन्द्रों को क्षेत्रीय स्तर पर काम करने का निर्देश उपायुक्त ने दिया।
साथ ही पैकस के माध्यम से गोदाम धान के स्टॉल तथा वास्तविक स्टॉल का सत्यापन करने का निर्देश दिया। साथ हीं उन्होंने संबंधित आंचल एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को निर्देशित किया।
इस मौके पर जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि, खरीफ फसल मौसम 2023-24 हेतु निबंधन एवं आवेदन प्रारंभ है। योजना के तहत सी.एस.सी. के द्वारा आवेदन करने वाले पूर्व से निबंध किसानों को आवेदन हेतु ₹10/- मात्र एवं नए निबंध और आवेदन करने वाले किसानों को ₹40/- मात्र ही देना है। स्वयं ऑनलाइन निबंधन और आवेदन करने वाले किसानों एवं सी.एस.सी के द्वारा आवेदन करने वाले किसानों को इ- के.वाई.सी. के लिए, सी.एस.सी. को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना है।
झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना
झारखण्ड राज्य फसल राहत योजना फसल क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जानेवाली एक ि योजना है। इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में किसानों को एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इस योजना से भू-स्वामी तथा भूमिहीन किसान यानि बटाईदार किसान दोनो लाभान्वित होगे। इस योजना के तहत किसानों से किसी भी प्रकार के फसली प्रिमियम नहीं लिया जाना है।
इन्हें सीधे तौर पर सरकार द्वारा फसल क्षति होने की स्थिति में आर्थिक सहायता निम्नांकित प्रावधानों के तहत की जायेगी
(i) योजना अंतर्गत लाभ केवल प्राकृतिक आपदा से होनेवाले फसल क्षति के मामले में लागू होगा।
(II) योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम (खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निकान एवं आवेदन करना होगा।
(III) योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रिमियम नहीं देना होगा।
(IV) प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण कॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट (सीसीई)
के द्वारा किया जायेगा।
(v) तीस से पचास प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ रूपया तीन हजार की सहायता राशि दी जायेगी।
(VI) पचास प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदन को प्रति एकड़ रूपये चार हजार की सहायता राशि दी जायेगी।
(VII) अधिकतम पाँच एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जायेगी।
Oct 31 2023, 15:32
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