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नाभी पर रोजाना तेल लगा कर सोने से मिलते हैं कई स्वास्थ लाभ, बढ़ने लगेगी आंखो की रोशनी


नयी दिल्ली : कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से हम आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए उपयोग कर सकते हैं. आज हम आपको एक ऐसा ही नुस्खा बताएंगे जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. 

नाभि हमारे शरीर का केंद्र बिंदु होती है.

आज के समय में लोगों का ज्यादातर समय मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन के सामने गुजरता है, जिसका असर आंखों की रोशनी पर पड़ता है. इसके अलावा आजकल लोगों का खानपान और लाइफस्टाइल ऐसा है कि कम उम्र में ही यहां तक की छोटे बच्चों को भी चश्मा लगाना पड़ जाता है।

आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग होती हैं, इसलिए हमें उनका खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है. आंखों के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से हम आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए उपयोग कर सकते हैं.

आज हम आपको एक ऐसा ही नुस्खा बताएंगे जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है. 

नाभि हमारे शरीर का मध्य केंद्र होती है जिससे पूरे शरीर के अंग जुड़े रहते हैं. हमारी नाभि से शरीर के अलग-अलग अंगों तक जाने वाली नाड़ियां जुड़ी हुई हैं।

वहीं आंखों तक जाने वाली ऑप्टिक नर्व भी हमारी नाभि से जुड़ी होती है. नाभि में यदि हम तेल या फिर देसी घी लगाते हैं तो ये हमारी आंखों के लिए फायदेमंद हो सकता है. 

आंखों की रोशनी बढ़ाने के देसी उपाय :

बादाम का तेल

बादाम का तेल अम्लीय होता है. हालांकि इस तेल की तासीर गर्म होती है. इसलिए आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए सर्दियों के मौसम में हम इसे नाभि पर लगा सकते हैं. रात को सोने से पहले नाभि पर बादाम तेल लगाकर सोना आंखों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

देसी घी

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हम नाभि पर देसी घी भी लगा सकते हैं. रात को सोने से पहले नाभि पर 2 से 3 बूंद देसी घी लगाकर सोना आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद कर सकता है.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर करेंगें देश से मन की बात,

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा करेंगे। यह मासिक रेडियो कार्यक्रम की 106वीं कड़ी होगी। यह कार्यक्रम आकाशवाणी और दूरदर्शन के समूचे नेटवर्क पर प्रसारित किया जाएगा। 

यह आकाशवाणी, वेबसाइट और न्‍यूज ऑन ए.आई.आर मोबाइल एप पर भी उपलब्‍ध होगा। आकाशवाणी, दूरदर्शन समाचार, प्रधानमंत्री कार्यालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के यू-ट्यूब चैनलों पर भी मन की बात कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा। हिन्‍दी प्रसारण के तुरन्‍त बाद आकाशवाणी से इस कार्यक्रम को क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारित किया जाएगा।

ग्रेजुएशन के बाद ये 4 शॉर्ट टर्म कोर्स दिलाएंगे मोटी सैलरी, खत्म होगी पैसे की किल्लत

नयी दिल्ली : कई बार ग्रेजुएशन के बाद भी नौकरियां नहीं मिलती तो आपको बता दें कि ग्रेजुएशन के बाद अक्‍सर शॉर्ट टर्म कोर्सेज करके बेतहरीन नौकरी पाई जा सकती है. बदलते जमाने में आती नई नई टेक्नोलॉजी के बीच शॉर्ट टर्म कोर्स का जमाना है।

बाजार में आई नई तकनीक को पढ़ने के लिए डिग्री कोर्स शुरू होने में समय लगता है. लेकिन शॉर्ट टर्म कोर्स इसकी तुलना में जल्द लॉन्च कर दिए जाते हैं. इन ज्यादातर कोर्सेज में प्रैक्टिकल काम पर जोर ट्रेनिंग दी जाती है.जानिए ऐसे कुछ कोर्सेज के बारे में, जिन्हें कर के अच्छी नौकरी की संभावनाएं हैं.

आज के वक्त हर फील्ड में एक्सेलेंस की जरुरत है. पहले वक्त में बड़ी मानी जाने वाली बैचलर डिग्री आज के जमाने में बेसिक एजुकेशन मानी जाती है. कॉम्पिटिशन के दौर में नौकरी पाने के लिए बैचलर डिग्री भी काफी नहीं मानी जा रही. 

सभी जॉब्स में एडिशनल क्वालीफिकेशन की मांग की जाती है. जिस जगह जॉब करनी है उसी में स्पेशलाइजेशन के लिए शॉर्ट टर्म कोर्स बेहतरीन ऑप्शन है. 

इस कड़ी में जॉब-ओरिएंटेड शॉर्ट टर्म कोर्स या पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा कर सकते हैं. इनकी डिटेल नीचे दी जा रही है. इन कोर्सेज को करने के बाद काफी स्कोप है.

पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट :

(पीजीडीएम) उन शॉर्ट टर्म कोर्सेज में से एक है, जो ग्लोबली मान्यता प्राप्त है. यह एमबीए जैसा है, इसमें स्पेशलाइजन करने के लिए बहुत से ऑप्शन हैं. इसमें बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन, फाइनांस, और बैंकिंग से एचआर तक कोर्स कर सकते हैं. इसे करने के बाद अलग अलग प्रोफाइल्स पर अच्छा पैकेज मिलता है.पीजीडीएम में ऑपरेशंस मैनेजमेंट, इंटरनेशनल बिजनेस, बिज़नस एनेलिटिक्स, फाइनांश, ई- बिज़नस, बिज़नस इंटरप्रिन्योरशिप , बायोटेक्नोलॉजी , रिटेल मैनेजमेंट में कोर्स करना चुन सकते हैं.

बिज़नस अकाउंटिंग एंड टैक्सेशन :

(बैट) कोर्स भी एक बेहद पॉपुलर प्रोफेशनल प्रोग्राम है जिसे ग्रेजुएशन के बाद किया जा सकता है. यह आम तौर पर 6 महीने के कोर्स के तौर पर कराया जाता है. इसमें छात्रों को बिज़नस एकाउंटिंग और टैक्सेशन से संबंधित ऑपरेशंस को संभालने में ट्रेनिंग दी जाती है.

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर :

 ;(सीएफपी) कोर्स भी ग्लोबली जाना जाता है. ये कोर्स एफपीएसबी इंडिया की ओर से ऑफर किया जाता है. इस सर्टिफिकेशन के लिए 6 मॉड्यूल्स के लिए 5 एग्जाम क्वालीफाई करने होते हैं. यह सबसे पसंदीदा शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्सेज में से एक है.

डेटा विज़ुअलाइज़ेशन

 ग्रेजुएशन के बाद ट्रेंडिंग शॉर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्सेज में डेटा विज़ुअलाइज़ेशन महत्वपूर्ण है. व्यापार जगत में नई तकनीकों के आने के साथ डेटा और आईटी उद्योग फलफूल रहा है, इसलिए डेटा विज़ुअलाइज़ेशन में एनएफ। विशेषज्ञता प्राप्त करना निश्चित रूप से आपके करियर को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

शरद पूर्णिमा पर बांग्ला समाज के लोग मनाते हैं लखी पूजा


नयी दिल्ली : बिहार-झारखंड के बंगाली समाज में कोजागरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर घर-घर मे कोजागरी लक्ष्मी पूजा का आयोजन होता है। शरद पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वहीं बंगाली समुदाय के लोग आज का दिन कोजागरी लखी पूजा के नाम से मनाते हैं। 

शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोग मंडप में मां की प्रतिमा स्थापित करते हैं और घर में विशेष पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आज की रात मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। 

इस दिन पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती। ऐसे में चलिए जानते हैं लखी पूजा के बारे में खास और जरूरी बातें...

पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और कमला पूर्णिमा भी कहते हैं।

बंगाली समुदाय के लोग मनाते हैं लखी पूजा

शरद पूर्णिमा के दिन बंगाली समाज के लोग विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जिसे लखी पूजा भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ नारायण की भी पूजा की जाती है। बंगाली समुदाय के लोग लखी पूजा को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। घरों में पकवान बनाए जाते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।  

क्या है मान्यता?

मान्यता है कि इस रात चंद्रमा कि किरणों से अमृत बरसता है, इसलिए खीर बनाते हैं और शाम को छत पर या खुले में खीर रखकर अगले दिन सुबह उसका सेवन करते हैं। कहा जाता है कि रातभर इसे चांदनी में रखने से इसकी तासीर बदलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा व रास पूर्णिमा भी कहते हैं; हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं। 

 ;(1) ज्‍योतिष के अनुसार, पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमाँ सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है।

[2] हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। 

मान्यता है इस रात्रि को चन्द्रमा की किरणों से अमृत झड़ता है। तभी इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रात भर चाँदनी में रखने का विधान है।

शरद पूर्णिमा पर लग रहा है चंद्र ग्रहण का साया, जानें इस बार खीर का भोग लगाएं या नहीं?

नयी दिल्ली : आज शरद पूर्णिमा है, और इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण भी लग रहा है. शरद पूर्णिमा के दिन को विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दिन, चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अमृत की बरसात करता है. इसलिए इस दिन खीर बनाने और चंद्रमा की रौशनी में रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

इस मौके पर, खीर को एक प्रसाद के रूप में भी ग्रहण करने की प्रथा है, ऐसा माना जाता है कि यह आरोग्य को बढ़ावा देता है और चंद्रमा के प्रतिकूल प्रभाव से मुक्ति प्रदान करता है. हालांकि, इस बार शरद पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण भी होने वाला है, जिससे दुविधा की स्थिति पैदा हो रही है.

चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है. मंत्रालय के वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य द्वारा बताया गया है कि चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने वाला है. इस दिन शरद पूर्णिमा भी मनाई जाती है, और शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाने का विशेष महत्व होता है. खीर बनाने से पहले,आप जो दूध लाते हैं, उसे सूतक शुरू होने से पहले तुलसी के पत्ते डालकर रख दें.चंद्रग्रहण से पहले, यानी सूतक काल में, अगर आप खीर को चंद्रमा की रौशनी में रखते हैं, तो ध्यान दें कि आप उसे इतनी ही बनाएं. जो ग्रहण शुरु होने से पहले खत्म हो जाए, क्योंकि ग्रहण शुरु होने के बाद वह दूषित हो जाएगी. शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का अड़ंगा, दान करें ये 5 फल, चंद्र दोष होगा दूर

सूतक काल का यह है समय :

उन्होंने बताया कि सूतक काल के पहले ही खीर बनाकर मंदिर या देवता स्थल पर रखें और भगवान को भोग लगाएं. ग्रहण काल में कोई भी खाद्य पदार्थ में दोष लग जाता है, इसलिए उसका सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसी स्थिति में सूतक काल के पहले, उसका सेवन कर लेना चाहिए. 

चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर के शाम को 4 बजकर 5 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा, जबकि ग्रहण रात्रि 01:05 बजे से प्रारंभ होगा और मोक्ष रात 02.23 बजे होगा.

जानिए क्या है महत्व :

शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी का विशेष महत्व है, और कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी में कुछ खास तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए शुद्ध और सकारात्मक होते हैं. इस दिन, चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब होता है, जिससे चंद्रमा की रोशनी का पॉजिटिव प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है. 

आर्थिक संपदा के लिए शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण का विधान शास्त्रों में बताया गया है, और इसी कारण को-जागृति या कोजागरा की रात भी कही जाती है. को-जागृति और कोजागरा का अर्थ होता है कि कौन जाग रहा है, और यह एक महत्वपूर्ण पूजा और जागरण की रात होती है.

शरद पूर्णिमा आज शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखी खीर खाने का है खास महत्व

नयी दिल्ली : शरद पूर्णिमा पर खीर का काफी महत्व है। इस दिन चंद्र देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। शरद पूर्णिमा के दिन पारम्परिक रूप से दूध और चावल की खीर बनाई जाती है और उसे पूरी रात के लिए चांदनी में रखा जाता है। 

शरद पूर्णिमा पर खीर का महत्व

हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा तिथि को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा वर्ष में एकमात्र ऐसा दिन है जब चन्द्रमा अपनी सभी सोलह कलाओं के साथ निकलता है। इस दिन चंद्र देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। शरद पूर्णिमा के दिन पारम्परिक रूप से दूध और चावल की खीर बनाई जाती है और उसे पूरी रात के लिए चांदनी में रखा जाता है। ऐसा करने से उस खीर में चन्द्रमा के औषधीय व दैवीय गुण आ जाते हैं, जो व्यक्ति के लिए बहुत-ही लाभकारी सिद्ध होते हैं।

फरीदाबाद:सूरजकुंड रोड स्थित द पैलेस मैरिज हाल में शादी समारोह के दौरान लगी आग,मची भगदड़,कोई हताहत नहीं


फरीदाबाद : शादी समारोह के दौरान मैरिज पैलेस में आग लग गई, जिससे सूरजकुंड रोड स्थित द पैलेस मैरिल हाल पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया। मैरिज पैलेस में आग लगने से वहां हड़़कम्प मच गया, जिसके बाद आनन-फानन में फायर बिग्रेड बुलाकर आग पर काबू पाया गया।

इसमें किसी तरह के जानी नुकसान से बचाव रहा।

इस दौरान कुछ बाराती आग का वीडियो बनाने लगे, जिसको लेकर वहां बारातियों में आपस में भी बहस होती रही। जानकारी के मुताबिक गुरुवार रात करीब 11 बजे मैरिल पैलेस में शादी चल रही थी, इस दौरान अंदर खाना भी चल रहा था और बाराती डांस कर रहे थे, इसी दौरान कुछ लोगों ने खुशी में पटाखे जलाने शुरू कर दिए और इन्हीं में से किसी पटाखे की चिंगारी निकली और मैरिज हॉल में जा पहुंची, जिससे मैरिज हॉल में आग लग गई। 

यह मैरिज पैलेस आर्टिफिशियल तरीके से बनवाया गया था, इसमें ज्यादा सीमेंट या ईटें आदि का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिस वजह से आग तेजी से फैली और चंद मिनटों में पूरा पैलेस जल गया। 

हालांकि फायर बिग्रेड के मौके पर पहुंचने के बाद आग पर काबू पाने से किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ। इस मामले में अंखीर चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश ने बताया कि जैसे ही उन्हें आग लगने की सूचना मिली उन्होंने इसकी सूचना तुरंत दमकल विभाग को दी और अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिसके बाद आग बुझाई गई। मामले की जांच की जा रही है।

कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की रिमांड 10 तक बढ़ाई, पत्रकारों से बोले- सत्ता के खिलाफ जारी रहेगा संघर्ष*


नई दिल्ली:- आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। संजय सिंह को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान पत्रकारों से जब संजय सिंह की मुलाकात हुई, तो उन्होंने कहा कि सत्ता के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। कोर्ट ने संजय की रिमांड को 10 नवंबर तक बढ़ा दिया है।

शौक़ : 26 साल की रूसी महिला क्रिस्टीना बनी 22 बच्चों की मां ,शतक लगाने का है इरादा!


नयी दिल्ली :- महंगाई के इस जमाने में हर कोई छोटा परिवार चाहता है लेकिन एक महिला इसका उल्टा 26 बच्चों को बनी मां,हर महिला के लिए मां बनना बेहद खास अनुभव होता है. पर ये सफर आसान नहीं होता. मानसिक से लेकर शारीरिक रूप से भी औरतें प्रेग्नेंसी के दौरान काफी समस्याओं से गुजरती हैं. प्रेग्नेंसी के बाद मां के तौर पर उनकी जिम्मेदारियां और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।

इस वजह से आजकल औरतें एक से ज्यादा बच्चे नहीं चाहतीं. पर आपको जानकर हैरानी होगी कि एक रूसी महिला, एक-दो नहीं, 22 बच्चों की मां है, और वो सिर्फ 26 साल की है!

26 साल की रूसी महिला क्रिस्टीना ऑजटर्क जॉर्जिया में रहती हैं. उनके 22 बच्चे हैं, पर वो इस संख्या को 3 अंकों में ले जाना चाहती हैं, यानी वो बच्चों के मामले में शतक लगाना चाहती हैं।

आप अगर इस बात से हैरान हो रहे हैं कि सिर्फ 26 साल की महिला के 22 बच्चे कैसे हो सकते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है. आपको बता दें कि क्रिस्टीना की सबसे बड़ी बेटी, 8 साल की विक्टोरिया नेचुरल तरीके से कंसीव हुई थी. पर उसके बाद के सारे 21 बच्चे सरोगेसी से पैदा हुए थे।इन 21 में से 20 बच्चे साल 2020 में पैदा हुए थे. वो उस सभी से बेहद प्यार करती हैं।

105 बच्चे चाहती है महिला

साल 2021 में उन्होंने अपनी सबसे छोटी बेटी ओलीविया का स्वागत किया था. महिला ने बताया कि वो अपने करोड़पति पति से 105 बच्चे चाहती हैं. आपको बता दें कि उनके पति उनसे 32 साल बड़े हैं. 58 साल के गैलिप ऑजटर्क होटल के मालिक हैं. इसी साल की शुरुआत में उन्हें 8 साल की जेल हो गई थी. उनके ऊपर गैरकानूनी ड्रग्स खरीदने और रखने का आरोप लगा था। 

कपल सरोगेसी की मदद से अपने बच्चों का स्वागत इस दुनिया में कर रहे हैं, इस वजह से गैलिप, जेल में रहते हुए भी पिता बन जाएंगे.

अकेले कर रहीं बच्चों की देखभाल

क्रिस्टीना, जॉर्जिया के बाटुमी शहर में छुट्टियां मना रही थीं, तब उनकी मुलाकात गैलिप से हुई थी. इस साल फरवरी में क्रिस्टीना ने एक किताब लॉन्च की थी, जिसमें उन्होंने मेगा-मॉम होने का अपना अनुभव साझा किया था. क्रिस्टीना ने बताया कि जब से उनके पति गिरफ्तार हुए हैं, तब से बच्चों की देखभाल उन्हें अकेले ही करनी पड़ रही है।

उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर के बताया था कि पति के न होने की वजह से उन्हें अकेलापन काफी ज्यादा सताता था. द सन वेबसाइट की फैबुलस मैग्जीन से बात करते हुए उन्होंने बताया था कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 के बीच उन्होंने सरोगेट्स को 1.4 करोड़ रुपये दिए थे. एक वक्त बीच में ऐसा भी था कि घर में एक साथ 16 दाइयां काम करती थीं, जिन्हें सैलरी के तौर पर कुल 68 लाख रुपये से ज्यादा दिए जाते थे।

क़तर में भारत के 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाई गई ,इजरायल के लिए जासूसी का है झूठा आरोप


दिल्ली:- क़तर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाई. ये अधिकारी कतर की एक कंपनी में काम करते थे. कतर की इस्लामी सरकार ने इन पर जासूसी का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. ये गिरफ्तारी 30 अगस्त, 2022 को हुई थी।

ये सभी पूर्व अधिकारी वहाँ की अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज (ADGTCS) नाम की कंपनी के लिए काम कर रहे थे। कतर सरकार ने इन भारतीयों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया था। हालाँकि, इन अधिकारियों का साफ कहना है कि इस्लामी सरकार द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह मनगढंत है।

कतर की अदालत के इस फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर के इस फैसले से भारत हैरान है और वो पीड़ितों को हरसंभव कानूनी मदद देने के साथ इस फैसले को चुनौती देंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, “मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”

मंत्रालय ने आगे कहा गया है, “हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम सभी को कांसुलर और कानूनी मदद देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएँगे। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं। हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।”

गौरतलब है कि कतर में आठ महीने पहले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अगस्त 2022 से पनडुब्बी कार्यक्रम को लेकर कथित जासूसी के आरोप में ये सभी कतर की जेल में है। 

हालाँकि, कतर की तरफ से इन लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें जेल में भी अकेला रखा गया है।

इन लोगों को कांसुलर पहुँच दी गई है। भारत सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। इन का पहला ट्रायल मार्च में शुरू हुआ था। हिरासत में लिए गए पूर्व अधिकारियों में से एक की बहन मीतू भार्गव ने अपने भाई को वापस लाने के लिए सरकार से मदद माँगी थी।

8 जून को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की अपील की थी। उन्होंने लिखा था, “ये पूर्व नौसेना अधिकारी देश का गौरव हैं और मैं फिर से हमारे माननीय प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूँ कि अब वक्त आ गया है कि उन सभी को बगैर किसी देरी के तुरंत भारत वापस लाया जाए।”

इसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया गया था। गौरतलब है कि नौसेना में अहम भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाल चुके ये सभी सम्मानित आठ पूर्व अधिकारी कतर निजी फर्म ADGTCS काम करते थे। यह कंपनी कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को ट्रेनिंग और उससे जुड़ी सेवाएँ देती है।

कतर में इन पूर्व अधिकारियों की जमानत याचिकाएँ कई बार खारिज कर दी गईं। सजा पाने वालों में नौसेना के पूर्व अधिकारियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं।

हिरासत में लिए में लिए गए रिटायर्ड कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अल दहरा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। उन्होंने भारतीय नौसेना में सर्विस करते हुए कई युद्धपोतों की कमान संभाली थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में एक भारतीय पत्रकार और उसकी पत्नी को इस मामले में रिपोर्टिंग करने के कारण कतर छोड़ने का आदेश दिया गया था।