इजरायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान, जानिए भारत ने वोटिंग से क्यों बनाई दूरी?
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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को गाजा में इजरायली सेना और हमास आतंकवादियों के बीच संघर्ष पर एक प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव का मकसद गाजा में "तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम" का आह्वान करना था। इस प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। लेकिन, चर्चा के दौरान भारत ने खुलकर इजरायल का पक्ष लिया और आतंकवाद की जमकर आलोचना की।
भारत, ब्रिटेन समेत 45 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया
इजराइल-हमास के बीच जारी जंग का आज 22वां दिन है। इजरायल ने गाजा में बमबारी तेज कर दी है। इजरायली सेना ने बताया कि उसकी एयर फोर्स और ग्राउंड फोर्स गाजा पट्टी में अपने ऑपरेशन को बढ़ा रही है। इधर, इजरायल-फिलिस्तीन संकट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आपातकालीन विशेष सत्र बुलाया गया है। इसी सत्र में सीजफायर के लिए जॉर्डन की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसपर वोटिंग हुई। पक्ष में 120 वोट पड़े, जबकि विरोध में सिर्फ 14 वोट पड़े। ऐसे में इजरायल-हमास में सीजफायर का प्रस्ताव यूएन में पास हो गया। हालांकि, भारत, ब्रिटेन समेत 45 देशों ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया। इस प्रस्ताव में हमास के हमले का जिक्र नहीं था। कनाडा ने प्रस्ताव संशोधित कर पास कराने की मांग की लेकिन ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका।
भारत ने इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पर क्या कहा
भारत ने जॉर्डन के पेश किए गए इजरायल-फिलिस्तीन प्रस्ताव पर दूरी जरूर बनाए रखी पर आतंकवाद को लेकर हमास पर जमकर निशाना साधा। भारत ने कहा कि वह इजरायल फिलिस्तीन संघर्ष को दूर करने के लिए द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप दूत योजना पटेल ने इजरायल में हुए हमास के आतंकी हमले पर दुख जताया और इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई का आह्वान किया और गाजा में चिंताजनक मानवीय स्थिति पर भी दुख जताया। उन्होंने कहा कि भारत तनाव कम करने के प्रयासों का समर्थन करता है और फिलिस्तीन की मदद के लिए हमेशा तैयार है।
Oct 28 2023, 13:07