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राजद के वरिष्ठ नेता सुरेश पासवान ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा- आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बिहार के तमाम सीटों पर जीत हासिल करेंगे


औरंगाबाद: सूबे के पूर्व पर्यटन राज्य मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता सुरेश पासवान ने भाजपा पर निशाना साधते हुए डंके की चोट पर कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बिहार के तमाम सीटों पर जीत हासिल करेंगे। 

उन्होंने कहा कि भाजपा पहले यह बताएं कि उनके पास जुमलेबाजी के अलावे है क्या? जबकि मौजूदा जातीय जनगणना में इंडिया गठबंधन के पास 55 प्रतिशत वोटर हैं। यहां सिर्फ वोटर ही नहीं बल्कि वर्कर और कैडर भी हैं।

 पांच राज्यों के होने वाले चुनाव में भाजपा को घेरते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास उम्मीदवार कहां है। स्थिति यह हो गई है कि एमपी को विधानसभा चुनाव लड़वाया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी देश के प्रत्येक राज्य में आंतरिक कलह से जूझ रही है और इंडिया गठबंधन का जनाधार बढ़ रहा है।

बिहार के औरंगाबाद से चिराग की दहाड़, कहा डिवाइड ऑफ रूल पर काम कर रही है बिहार सरकार

औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए लोजपा के रास्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुये कहा कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री लिवास की तरह पार्टी बदलते है अगर महागठबंधन रहते है तो एनडीए के तरफ झांकते है और एनडीए में रहते है तो महागठबंधन की ओर झांकते है हमारे मुख्यमंत्री जनादेश को ठुकराते हुए अपनी मनमानी की गठबंधन करते है जब जनता महागठबन्ध को जनादेश दिया था तब वह एनडीए के साथ मिलकर सरकार चलाये और जब जनता एनडीए को जनादेश दिया तो वह महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार चला रहे है।

 जिसके कारण 2024, में आनेवाला लोकसभा चुनाव तथा विधानसभा चुना में जनता इनको सबक सिखाने का काम करेगी इनकी गलत राजनीतिक के कारण आज जदयू बिहार में तीसरे नम्बर की पार्टी बनकर रह गई है और आने वाले दिन में जदयू पार्टी शून्य पर बिहार में बोल्ड हो जाएगी उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री को13 करोड़ बिहारियो की चिन्ता नही है,आज वह पूरे बिहार को जात पात में बाटकर अंग्रेजो वाली नीति पर काम कर रहे है आज वह बिहारियो को जात पात में बाट कर राज करना चाहते है, जो जनता पूरी तरह से समझ गई है,और आने वाले दिन में उन्हें सबक सिखाने की काम करेंगी जब उनसे यह पूछा गया कि एक तरफ समाजिक समरस्ता की बात किया जाता है।

वही दूसरी तरफ बिहार सरकार जातीय जनगणना कर रही है इसको आप किस नजरिये से देखते है इस मामले पर उन्हों ने कहा कि सरकारी योजना की लाभ पहुचने हेतु अगर वह जातीय जनगणना सही तरीके से करवाया होता तो भी सामाजिक हित मे होता लेकिन वह जातीय जनगणना भी बंद कमरे में करवाया है जो किसी भी बिंदु पर सही नही है इस जातीय जनगणना से लोगो मे नफरत फैलाने का काम किया है उन्होंने जो कहि से उचित नही है।

 वही उन्होंने यह भी बताया कि अगर बिहार में मेरी सरकार बना तो हम हाथ पकड़ कर 13 करोड़ बिहारियो का चिंतन करेगे और उन्हें मुख्य धारा में लाने की कोशिस करेगे और मेरे सरकार में बिहारियो को शिक्षा और रोजगार को लेकर बाहर नही जाना पड़ेगा।।

इस मौके पर लोजपा महासचिव प्रमोद सिंह लोजपा जिला संयोजक सोनू सिंह ,अनूप ठाकुर महिला जिला अध्यक्ष रंजू वर्मा ,ट्रस्ट अध्यक्ष संजय मौआर, नीलमणि ,बिजय पाण्डेय मुकेश शर्मा ,रबीन्द्र शर्मा , उपस्थित थे।

जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा ने बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

औरंगाबाद: जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा ने कहा हैं कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने राज्य में देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान चलाया था। केंद्र सरकार भी उन्ही के पदचिंहों पर चलते हुए भ्रष्टाचार के मामलें में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी है। 

श्री सिंहा ने शनिवार को यहां राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंहा की धरती पर श्री बाबू की प्रतिमा का अनावरण करना, उनके लिए सौभाग्य की बात है। कहा कि श्री बाबू के जमाने में योजना आयोग के दृष्टिकोण में बिहार देश के टॉप-5 राज्यों में रहता था। अब किन्ही कारणों से बिहार इस मामले में पिछड़ गया है, जो विचारणीय विषय है।

 उन्होने कहा कि यदि श्री बाबू 10 साल और मुख्यमंत्री रह गए होते तो बिहार भी आज विकास के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र के समकक्ष खड़ा होता। कहा कि श्री बाबू के समय बिहार में सुशासन और गुड गर्वनेंस बेहतर स्थिति में था। इस कारण श्री बाबू सुशासन और गुड गर्वनेंस की प्रतिमूर्ति माने जाते थे। उन्होने राजनीति में गंगोत्री बहाई थी, जिसमें भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नही था। भ्रष्टाचार के वें कितने बड़े विरोधी थे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि श्री बाबू ने ही अपने समय में राज्य में देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान शुरू किया था। 

इसी तरह के अभियान के तर्ज पर केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रखी हैं। कहा कि श्री बाबू विद्रोही क्रांतिकारी थे। वें आधुनिक बिहार के निर्माता थे। वें हमेशा समसामयिक रहे। उनका सुशासन आज भी समसामयिक है और सुशासन के लिए उन्हे सदैव याद किया जाता रहेगा। गुटबंदी के बावजूद उनके लिए राष्ट्र निर्माण प्रथम था। वें यह मानते थे कि जन आकांक्षाओं की पूर्ति नौकरशाही के सहयोग के बिना संभव नही है। इसे उन्होने अपने कार्यकाल में साबित कर दिखाया भी था। 

उन्होने कार्यक्रम में अपने भाषण के पूर्व एलजेपीआर सुप्रीमो चिराग पासवान द्वारा कही गई बातों की ओर ईशारा करते हुए कहा कि जब फैसला लेने की बारी आए तो चिराग की बातों को जरूर याद करिएगा। उनके पूर्व एलजेपीआर सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा कि जब कश्मीर जल रहा था, तब नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 370 और 35 ए को हटाने का काम किया। उस वक्त कश्मीर के जलने की आशंका जताई जा रही थी, जिसे राज्यपाल के रूप में मनोज सिंहा ने निर्मल साबित किया।

 कश्मीर को पुनः खुबसूरत परिस्थितियों में लाया। कहा कि श्री बाबू ने विपरीत परिस्थिति में भी बिहार को आगे बढ़ाने का काम किया लेकिन आज बिहार की स्थिति बद से बदतर हो गई है। आज बिहारी हर जगह और हर क्षेत्र में आगे है लेकिन बिहार पीछे है। नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि बिहार हर मापदंड पर निचले पायदान पर है। श्री बाबू ने तो ऐसे बिहार की परिकल्पना नही की थी। इसके लिए दोषी यहां की सरकार है। अनंत संभावनाओं वाले बिहार का बुरा हाल है।

 यहां बदलाव की जरूरत है और बदलाव से ही बिहार फिर आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह, महाराजगंज के बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रिवाल एवं पूर्व मंत्री भीम सिंह चंद्रवंशी आदि ने विचार रखे। 

कार्यक्रम में जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार, विधान पार्षद डॉ. अजय सिंह, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह, कुटुम्बा के विधायक राजेश कुमार, पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह, अवधेश कुमार सिंह, पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार, मनोज शर्मा, उषा विद्यार्थी एवं एलजेपीआर के प्रदेश महासचिव प्रमोद सिंह आदि मौजूद रहे।

जदयू प्रदेश सचिव संजीव कुमार सिंह ने डेढ़ दर्जन लोगों के इस्तीफा को राजनीतिक साजिश करार दिया

औरंगाबाद: 20 सूत्री में पद को लेकर जदयू के जिला कमेटी औरंगाबाद के पदाधिकारीओ द्वारा पार्टी के डेढ़ दर्जन लोगों ने इस्तीफा दिया गया है। 

उसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए बिहार के जदयू प्रदेश सचिव संजीव कुमार सिंह ने कहा कि जिस मुद्दे पर इस्तीफा दिया गया है वह 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति में पद को लेकर इस्तीफा नहीं दिया गया है।

 यह पार्टी के प्रति साजिश की गई है गठबंधन की सरकार है जिसमें जो हमारी हिस्सेदारी मिली है उसमें सभी को ध्यान में रखते हुए पार्टी के समीकरण के आधार पर इसका गठन किया गया है। अगर पार्टी में आपत्ति हुई तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बात करनी चाहिए थी और नबीनगर को जिला कार्यकारिणी के गठन में सर्वाधिक हिस्सेदारी मिली है।

 तथा जिला के अध्यक्ष ने नबीनगर को पार्टी कार्यकारिणी में सर्वोच्च प्राथमिकता दिया है और जिला 20 सूत्री कार्यकारिणी में पद सीमित है और पार्टी के कार्यकर्ता अधिक हैं पार्टी में जिसकी जितनी भागीदारी होगी उसकी उतनी ही हिस्सेदारी होगी 20 सूत्री में सभी कार्यकर्ता को पद देना पार्टी को संभव नहीं है पार्टी में कई अन्य जगहों पर रिक्त पदों में स्थान दिया जाएगा जो भी बात को पार्टी फॉर्म में ना रह कर इस्तीफा देकर जदयू पार्टी के अनुशासन को भंग करना नीतीश कुमार के पार्टी के संविधान के विपरीत है इससे काफी आहत हुई है पद के लिए कोई पार्टी में आता है तो एक अनार और सौ बीमार की तरह बर्ताव करते हैं जो लोग ज्यादा लाभ पार्टी में रहकर लिए हैं वही लोग पार्टी को कमजोर करने में लगे हुए हैं जदयू नेता संजीव कुमार सिंह ने कहा कि इस्तीफा से कोई असर नहीं पड़ेगा वैसे लोग जो पद के लिए आये वैसे लोगों को आने-जाने का लगा रहता है पार्टी के वफादार सिपाही ही संगठन को मजबूती प्रदान करते हैं।

 औरंगाबाद जिला में नबीनगर अपनी अग्रिम भूमिका निभाई है कोई भी भ्रम में ना रहे कि हमारे आने-जाने से पार्टी के सेहत पर कोई अंतर पड़ेगा कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना वाले बात को कहते हुए उन्होंने साफ कर दिया 20 सूत्री एक बहाना था।

उनको कहीं और जाना था पार्टी ने इन पर विश्वास किया और इन लोगों ने विश्वास घात किया है तथा उन्होंने साफ कहा कि जो लोग पार्टी में इस्तीफा दिए हैं वह पहले से ही राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के संपर्क में लगातार बने हुए थे।

20 सूत्री कार्यान्वयन समिति की घोषणा के बाद औरंगाबाद जदयू जिला कमिटि में मचा घमासान, समिति में जगह नही मिलने से बड़ी संख्या में नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा


औरंगाबाद - केंद्र में सत्तासीन बीजेपी की औरंगाबाद जिला कमिटी में घमासान के बाद बिहार में सत्तासीन जेडीयू की जिला कमिटी में भी घमासान मच गया है। बिहार सरकार द्वारा घोषित जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन(20 सूत्री) समिति की घोषणा के बाद समिति में स्थान नही मिलने से नाराज होकर पार्टी के करीब डेढ़ दर्जन पदाधिकारियों ने संगठन के मुख्य जिला प्रवक्ता सह काराकाट सांसद के नबीनगर प्रतिनिधि राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू के नेतृत्व में पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया है। 

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे संयुक्त ईस्तीफे में नेताओं ने पार्टी के जिलाध्यक्ष सह रफीगंज के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह पर नबीनगर विधानसभा क्षेत्र में जदयू को कमजोर करने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है। कहा है कि नवगठित 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति मे नबीनगर विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। इसी वजह से वें पार्टी के पदों से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे रहे है। 

यह भी कहा है कि विगत विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में नबीनगर से सबसे अधिक वोट एनडीए(जेडीयू) उम्मीदवार को मिला था जबकि अन्य उम्मीदवारों का जमानत जब्त हो गया था। इसके बावजूद जिलाध्यक्ष ने एक षड्यंत्र के तहत नबीनगर विधानसभा क्षेत्र में जनता दल(यू) को कमजोर करने की साजिश की है। जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन(20 सूत्री) के गठन में नबीनगर विधानसभा क्षेत्र के जदयू कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई है। 

इसी वजह से वें पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित जिला कमिटी के पदाधिकारी के पद से हम सब इस्तीफा दे रहे है। 

पार्टी के पदों से त्यागपत्र देने वालो में जेडीयू के मुख्य जिला प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू, जिला उपाध्यक्ष विभूति नारायण पांडेय, उपाध्यक्ष सूर्यवंश सिंह, सुरेंद्र कुमार सिंह, महावीर प्रसाद कुशवाहा, जिला महासचिव रंजीत सिंह, जिला सचिव फारुक कैंसर, जिला महासचिव उदय पटेल, जिला सचिव मुकेश पटेल, जिला सचिव नागेंद्र सिंह, जिला महासचिव ओमप्रकाश गुप्ता एवं अन्य शामिल है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय बोर्ड मिस नेहा दयाल ने मंडल कारा का किया निरीक्षण, 31 कैदियों को किशोर के रुप में चिन्हित कर जेल प्रशासन को दिया

औरंगाबाद – जिले के मंडल कारा में बंद 31 कैदियों को किशोर के रुप में चिन्हित करते हुए जेल प्रशासन से उनकी उम्र की सही जांच किये जाने का आदेश किशोर न्याय बोर्ड द्वारा दिया गया है। 

इस बात की जानकारी देते हुए किशोर न्याय बोर्ड के पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि आज़ किशोर न्याय बोर्ड औरंगाबाद की टीम प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय बोर्ड मिस नेहा दयाल के नेतृत्व में मंडल कारा औरंगाबाद का निरीक्षण किया। इस दौरान जेल में बंद 31 कैदियों को चिह्नित कर सही उम्र जांच करने का आदेश दिया। जो देखने से किशोर प्रतित हो रहे थे। 

जेल अधिकारियों से कहा गया कि जांच प्रतिवेदन शीघ्र किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद को उपलब्ध कराई जाए। साथ में यह भी कहा गया कि कैदियों के स्वास्थ्य सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। 

 इस अवसर पर किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अरूण कुमार सिंह और संजू कुमारी उपस्थित थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कार्य में लापरवाही करनो औरंगाबाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को पड़ा महंगा, जिलाधिकारी ने वेतन बंद करने का जारी किया आदेश

औरंगाबाद : जिले के सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सुनील कुमार का वेतन बंद कर दिया गया है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने इस आशय का पत्र जारी किया है। 

जारी पत्र में कहा गया है कि सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ उपलब्ध रहते हुए कार्य नहीं किए जाने के आरोप में दोषी चिकित्सकों के खिलाफ मंतव्य सहित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही सितंबर और अक्टूबर महीने के डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी उपलब्ध कराने का निर्देश उपाधीक्षक को दिया गया था। उनके स्तर से अभी तक प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया। 

कहा गया कि उनके द्वारा बिना रोस्टर ड्यूटी बनाए ही मनमाने तरीके से कार्य कराया जा रहा है। यह उनके कार्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता और अनुशासनहीनता को दर्शाता है। पत्र में निर्देश दिया गया है कि दो दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करेंगे। किस परिस्थिति में उनके द्वारा दोषी चिकित्सकों से संबंधित प्रतिवेदन और सितंबर तथा अक्टूबर महीने के डॉक्टरों की रोस्टर ड्यूटी उपलब्ध नहीं कराई गई है, इसके बारे में पूछा गया है। इसके साथ ही उनका वेतन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। 

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें यह पत्र प्राप्त हुआ है जिसके आलोक में उपाधीक्षक का वेतन बंद हुआ है। 

इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से उनके सरकारी मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

नवरात्र पर गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में गरबा नाईट का हुआ आयोजन, डांडिया व झिझिया फोक डांस करते झूमे स्टूडेंट्स

औरंगाबाद : जिले के रफीगंज के अरथुआ स्थित राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में दुर्गा पूजा के अवसर पर बुधवार की रात गरबा नाईट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने गरबा के दौरान डांडिया के साथ ही बिहार की विलुप्त हो रही प्रसिद्ध लोक नृत्य झिझिया डांस भी किया। गौरतलब है कि झिझिया बिहार का एक प्रसिद्ध सांस्कृतिक लोक नृत्य है, जिसकी प्रस्तुति दशहरा उत्सव के दौरान दी जाती है। यह नृत्य विजय की देवी मां दुर्गा के प्रति भक्ति प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है।

इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत मणि ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन से छात्र-छात्राओं को अपनी पारंपरिक विरासत और रीति-रिवाजों को प्रदर्शित करने का मौका मिलता है। यह लोगों के बीच खुशी, एकता और उत्सव व्यक्त करने का एक माध्यम है।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां की आरती के साथ की गई। उसके बाद कॉलेज की छात्रा सुरभि, आकांक्षा, अंजलि, साक्षी एवं निशा ने झिझिया लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके बाद डांडिया का आयोजन हुआ। डांडिया और झिझिया दोनों ही डांस पर स्टूडेंट्स जमकर झूमे। 

इस दौरान महाविद्यालय के प्राध्यापकगण भी मौजूद रहें। महाविद्यालय के कैंपस इंचार्ज डॉ. सचिन माहेश्वर ने बताया कि कार्यक्रम को छात्रों ने काफी अनुशासित तरीके से संचालित किया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में भी दिखेगी श्री बाबू-अनुग्रह बाबू की जोड़ी, बिहार विभूति के बगल में स्थापित डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का 21 को अक्टूबर को होगा अनावरण


औरंगाबाद : देश की आजादी के बाद की बिहार की राजसत्ता की चर्चित राजनीतिक जोड़ी श्री बाबू-अनुग्रह बाबू की जोड़ी के फिर से दर्शन होंगे। यह अवसर 21 अक्टूबर को तब मिलेगा जब जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा यहां राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। औरंगाबाद में श्री बाबू की प्रतिमा बिहार विभूति अनुग्रह नारायण सिंहा के स्मारक के बगल में ही कुछ दूरी पर स्थापित की गई है। इस लिहाज से प्रतिमा स्थापना के बहाने यह पुरानी जोड़ी फिर से लग गई है। 

गौरतलब है कि श्री बाबू की सरकार में बिहार विभूति के रूप में चर्चित रहे अनुग्रह नारायण सिंहा वित्त मंत्री थें। दोनों में बड़ी अच्छी राजनीतिक दोस्ती थी। इस कारण उन्हे राज्य में श्री बाबू-अनुग्रह बाबू की जोड़ी के रूप में जाना जाता रहा है। अनुग्रह बाबू औरंगाबाद के पोईवां के निवासी रहे है। शहर में समाहरणालय के मुख्य द्वार के पास उनका स्मारक बना हुआ है, जिसमें उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित है। अनुग्रह बाबू की यहां प्रतिमा स्थापना के बाद से ही श्री बाबू के स्मारक की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसी कमी को बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह स्मृति ट्रस्ट ने उनकी प्रतिमा को अनुग्रह बाबू के स्मारक के बगल में स्थापित कर साकार किया है। 

ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय मौआर एवं सचिव नीलमणि कुमार ने गुरुवार को यहां प्रेसवार्ता में बताया कि श्री बाबू के यहां के लाखों अनुयायियों की यह दिली ख्वाहिश थी कि औरंगाबाद में श्री बाबू की प्रतिमा अनुग्रह बाबू के बगल में ही लगे। ट्रस्ट ने इस ख्वाहिश को जन सहयोग से पूरा किया है। स्मारक में लगी श्री बाबू की प्रतिमा के अनावरण की तारीख 21 अक्टूबर तय की गई है। इस दिन जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिंहा उनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे। 

अनावरण समारोह में नेता प्रतिपक्ष विजय सिंहा, लोजपा(रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान, आरएलजेडी सुप्रीमो व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, बीजेपी सांसद जनार्दन सिग्रिवाल, औरंगाबाद के सांसद सुशील सिंह, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर, कुटुम्बा के विधायक राजेश कुमार, एमएलसी दिलीप सिंह, जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार एवं यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत दर्जनो नेता मौजूद रहेंगे। 

ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि प्रतिमा अनावरण समारोह की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई है। 

प्रेसवार्ता में भाजपा नेता सुनील शर्मा, मंटू शर्मा, ईं. कृष्णा शर्मा, वार्ड पार्षद सुशील कुमार, रवींद्र शर्मा एवं संजय शर्मा आदि मौजूद रहे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद जिला परिवहन विभाग का कमाल : नियम को ताक पर रखकर सबकुछ फेल विभाग की गाड़ी को सरपट दौड़ा रहे सड़क पर

औरंगाबाद : जिले का परिवहन महकमा बड़े कमाल का है। यह महकमा औरों के वाहनों के रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, फिटनेस, रोड टैक्स आदि कागजातों की जांच करता है। कागजातों में कमी रहने पर जुर्माना भी लगाता है, पर इस विभाग के अपने ही एक वाहन का सब कुछ फेल है। 

अब बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन यानी इन पर कौन जुर्माना लगाए? मतलब जब गाड़ी का मालिक परिवहन विभाग ही है, तो बात "जब सैयां भये कोतवाल तो अब डर काहे का"। बात सही भी है विभाग की गाड़ी है तो डर भी नही है। 

यही वजह है कि परिवहन विभाग की इस गाड़ी पर विभाग के कारिंदें सवार होकर एनएच, एसएच और अन्य सड़कों पर निडर होकर निकलते है। सड़क पर वाहनों की जांच करते है, कागजातों में कमी होने और परिवहन नियमों का उल्लंघन पर जुर्माना भी लगाते है। 

हद यह कि इतना सब करने के बावजूद इनका अपने ही वाहन पर ध्यान नही है। जी हां हम बात कर रहे है औरंगाबाद के परिवहन विभाग के महिंद्रा कमांडर जीप की। जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर-बीआर 26 बी 4777 है। यही वह वाहन है, जिसका सब कुछ फेल हैं।

क्या बोलते हैं अधिकारी

इस बारे में जब जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद कुमार दास से जब बात की गई तो उन्होने स्वीकार किया कि वाहन के सभी कागजात फेल है। उन्होने दावा किया कि वाहन परिवहन कार्यालय परिसर में खड़ी रहती है। हालांकि उनसे बातचीत के पहले ही परिवहन विभाग में ङ्यूटी करने वाले गार्ड ने नाम नही उजागर करने के शर्त पर स्वीकार किया कि वाहन का इस्तेमाल होता है। 

वही इसके उलट डीटीओ ने पूछे जाने पर यह कहा कि गार्ड कोई अधिकृत व्यक्ति है कि उसकी बात को माना जाएं। वे विभाग के प्रधान है और जब वे कह रहे है कि वाहन इस्तेमाल में नही है, तो नही है। हालांकि उन्होने यह स्वीकार किया कि यदि सारे कागजात फेल होने के बाद भी वाहन चल रहा है, तो यह सही नही है। 

डीटीओ ने यह भी जोड़ा कि संभव है कि वाहन को कभी किसी ने चलाया हो और आपकी उस पर नजर पड़ गई हो। 

डीटीओ की घुमा फिरा कर कही गई बातों के संकेत साफ है और खुद उनकी ही बातें चुगली कर रही है कि इस खटारा और सभी फेल कागजात वाले वाहन सड़क पर जरूर चलती है।

औरंगाबाद से