हर मानसिक बीमारी पागलपन नहीं होती। लेक ऑफ़ कम्युनिकेशन मानसिक बीमारी का है एक बड़ा कारण
बेगूसराय में एक कार्यक्रम आयोजित कर बताया गया कि हर मानसिक बीमारी पागलपन नहीं होती। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के तालमेल से ही एक बेहतर जीवन जी सकते है। इसलिए जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर हो। मानसिक से संबंधित जो भी समस्या है उसको भी लोग खुले तौर पर चिकित्सकों से बात करें तो मानसिक डिप्रेशन से बचा जा सकता है। ये बातें श्री कृष्ण महिला महाविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मनोचिकित्सक डॉ. विश्वामित्र ठाकूर ने कही।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को लेकर महिला महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य एवं सार्वभौमिक मानव अधिकार है विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि आईएमए के सचिव डॉ. रंजन चौधरी, डॉ. भावेश कुमार और कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विमल सिंह भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में प्राचार्य डा. विमल कुमार ने कहा की आज की भाग दौड़ और जीवन शैली के कारण पाँच में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में मानसिक रूप से बीमार हैं। वहीं उपस्थित चिकित्सक डॉ. रंजन चौधरी और डॉ. भावेश कुमार ने कहा की मानसिक बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है की खुद को बदले हुए परिवेश में ढालने की कोशिश करें। पॉजिटिव एनर्जी वालों से ज्यादा बात करें। नकारात्मक अरगुमेंट से बचे। लेक ऑफ़ कम्युनिकेशन भी मानसिक बीमारी का एक बड़ा कारण है। फ्रेंड सर्कल, समाज, परिवार में अपना कम्युनिकेशन को बढ़ाएं। अपनी समस्या को दुसरो के साथ शेयर कीजिए।
कॉलेज की शिक्षिका डॉ. रुमा सिन्हा ने कहा की यहाँ कार्यक्रम लोगों को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम का संचालन कॉलेज की शिक्षिका डॉ. रुमा सिन्हा और डॉ. संगीता कुमारी ने किया। मौके पर कॉलेज की मनोविज्ञान की प्रोफ़ेसर डॉ. साधना शर्मा, प्रो. डॉ. शिखा चौधरी, डॉ. अर्चना कुमारी, डॉ. सुजाता, डॉ. विजेंद्र कुमार त्रिपाठी, अनुपम अनुज, डॉ. अलका रानी, डॉ. यासमीन अख्तर, डॉ सीमा झा व अन्य शिक्षक शिक्षिका उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रुमा सिन्हा ने किया
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Oct 11 2023, 11:02