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*धर्मराज और विजय हत्याकांड का आरोपी 15000 का इनामियां बदमाश गिरफ्तार भेजा गया जेल*
सुल्तानपुर,अखंडनगर थाना क्षेत्र के मरूई किशुनदासपुर गांव में करीब एक साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड का आरोपी और 15 हजार के इनामी बदमाश को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बदमाश के पास से असलहा व कारतूस बरामद हुआ है। मरुई गांव के किसान धर्मराज मौर्य और दूसरे मजरे राजभर बस्ती के विजय कुमार राजभर की तीन जुलाई 2023 की रात 11 बजे गोली मारकर हत्या दी गई थी। इससे पहले वर्ष 2013 में ग्राम मरूई किशुनदासपुर में दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इसमें राजमन राजभर घायल हो गए थे। बाद में उनकी मौत हो गई थी। इस मारपीट में तीन जुलाई को मारे गए विजय राजभर को भी आरोपी बनाया गया था।
*कमल सरोवर पर लाखों खर्च के बाद भगवान श्री राम भूले भटके लोगों के आने का कर रहे हैं वहां इंतजार*
सफेदपोश नेताओं द्वारा कमल सरोवर का निर्माण कराकर शासन प्रशासन ने वाहवाही तो खूब लूटी, लेकिन आज उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं? यहां अव्यवस्थाओं का अब बोलबाला है। इस कमल सरोवर की अब केवल चर्चा फाइलों तक ही सीमित रह गई। जिसका उद्घाटन और फीता काटने के लिए नेता पहुंचे हुए थे आज वही कमल सरोवर अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। जबकि सीडीओ का ड्रीम प्रोजेक्ट कमल सरोवर था। जिसका उद्घाटन करने स्वयं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पधारे हुए थे। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कमल सरोवर में सुविधाएं मुहैया कराने को कौन कहे,अब वहां सुविधाएं कम असुविधाएं ज्यादा हैं। आसपास के अलावा दूरदराज से आने वाले पर्यटक कमल सरोवर में पहुंच कर आनंद उठाने का सपना था।,लेकिन वहां पहुंचकर आनंद उठाने की बात कौन कहे,अब वहां केवल सपना ही रह गया है। आखिर सरकार की इन योजनाओं पर जिला प्रशासन क्यों हो जाता है बेपरवाह,क्या केवल फोटो सेशन तक ही सीमित रह जाती है सरकार की यह योजनाएं,आखिर उद्घाटन के बाद क्यों नहीं देते अधिकारी इस पर ध्यान? कमल सरोवर का निर्माण होने से कई लोगों को भले ही रोजगार मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे लोग। वह भी उन लोगों का सपना चूर चूर हो गया। इस कमल सरोवर में चार नौकाएं और कमल के फूल लगाए गए थे जो अब कहीं दिखता ही नहीं। वहां लगाए गए कर्मचारी कई महीने से वेतन नही पाने से वह भी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे। जो अब यहां कोई दिखाई नहीं देता। सुनने में यह आया कि कमल सरोवर में केवल अब जानवर ही दिखाई देते है....
छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन, बेटे ने कहा छठी मैया ने अपने पास बुलाया

#sharda_sinha_dies_at_the_age_of_72_at_aiims_hospital

Sharda Sinha (Indian Folk Singer)

प्रतिष्ठित छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें इलाज के लिए एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था, उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने उनके इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके ये दु:खद समाचार शेयर किया कि अब उनकी माँ शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं l

देहांत के कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक छठ पर्व गीत जारी किया "दुखवा मिटाए छठी मैया " l उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनके बेटे ने इसका ऑडियो उनके यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया था l  

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके बेटे से बात की थी और उन्हें हिम्मत रख कर अपनी माँ की सेवा करने को कहा था। कुछ दिन पहले ही इंस्टाग्राम पर उनकी तबीयत को लेकर गलत खबर डालने पर उनके बेटे ने एक पोस्ट किया था जिसमे की वे शारदा जी के तबीयत की जानकारी दे रहे थे l

शारदा जी की निधन की खबर सुनते ही उनके प्रशंसक को एक सदमा लग गया है , छठ महापर्व के पहले ही दिन उनकी मृत्यु की खबर एक शोक की लहर ले आई है l हर एक गीत के साथ लोग उन्हें ही याद कर रहे हैं।साथ ही लोग छठी मैया के प्रति ऊनकी भक्ति को भी नमन कर रहे हैं कि, नहाय खाय के दिन ही मां ने उन्हें अपने पास बुलाया है।छठ का पर्व पूरे देश में उनकी याद के साथ मनाया जाएगा। यह एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है, और इसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी, यहां तक कि यह छठ महापर्व भी उनके बिना वैसा नहीं होगा, उनके गाए हर गीत के साथ भावना बनी रहेगी,और नुकसान महसूस किया जाएगा।

उन्होंने कई गाने गाए हैं और बिहार की संस्कृति को मूल भाव से समृद्ध किया है। गाने चाहे शादी, छठ या किसी अन्य अवसर के हों, उनकी आवाज कभी भी अतिरिक्त भावनाएं और आकर्षण जोड़ने में विफल नहीं रही है l

यह क्षति व्यक्तिगत है और हर बिहारवासी इसे अपने परिवार के किसी सदस्य को खोने जैसा महसूस कर रहा है, शारदा जी अपनी कला के माध्यम से अमर रहेंगी।

हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं..

स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन :PM मोदी समेत कई लोगों ने जताया दुःख
संजीव सिंह बलिया। स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन के बाद बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, 'आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।' 
शारदा सिन्हा को पूरी दुनिया में उनकी सुरीली आवाज और खासतौर पर उनके छठ गीतों के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ समय से उनकी सेहत काफी नाजुक थी। एम्स दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। उनकी मौत की खबर ने बिहार समेत पूरे देशवासियों को हिलाकर रख दिया है। शारदा सिन्हा को उनकी सुरीली आवाज और गीतों के लिए कई खिताबों और अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। 
#शारदा_सिन्हा_जी_को_श्रद्धांजलि__ भारतीय लोक संगीत की महान गायिका शारदा सिन्हा जी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
#शारदा_सिन्हा_जी_को_श्रद्धांजलि__ भारतीय लोक संगीत की महान गायिका शारदा सिन्हा जी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

उनके द्वारा गाए गए भोजपुरी, मैथिली, और मगही गीतों ने सांस्कृतिक धरोहर को संजीवनी दी है। उनके गीतों में केवल सुर और ताल ही नहीं, बल्कि बिहार की मिट्टी की सुगंध और परंपराओं की मिठास भी घुली रहती है। #शारदा सिन्हा जी ने दशहरा, छठ, होली और अन्य त्योहारों के गीतों के माध्यम से केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोक संगीत को एक नई पहचान दिए हैं । उनके गीत हर वर्ग और आयु के लोगों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। उन्होंने अपनी मधुर आवाज के जरिए लोक संस्कृति को हर घर तक पहुँचाया है। उनका योगदान अविस्मरणीय है, और संगीत की दुनिया में उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी आवाज में जो अपनापन और सादगी थी, वह हर श्रोता के दिल को छू जाती थी। उनकी संगीत साधना और उनके गीत हमेशा हमारी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जीवित रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार तथा प्रशंसकों को इस कठिन समय में सहनशक्ति दे। उनकी विरासत हमारे दिलों में हमेशा बनी रहेगी। दिवंगत शारदा सिन्हा जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
बलिया के CRPF के BHM पद पर तैनात ऑफिसर को गार्ड ऑफ ऑनर देकर नम आँखों से दी गई अंतिम विदाई
संजीव सिंह बलिया। नगरा नगर पंचायत के सरायचावट गांव के हरिनाथ राम के बड़े पुत्र व प्राथमिक विद्यालय अखरही के शिक्षामित्र व पत्रकार साथी शिवकुमार जी के बड़े भाई प्रेमलाल मुन्ना जो सीआरपीएफ में BHM पद पर इलाहाबाद में कार्यरत थे कुछ दिन से बीमार होने के कारण से लखनऊ वेलशन हॉस्पिटल में एडमिट थे ।इलाज के दौरान आज रात 1 बजे अंतिम सांस ली ।जैसे ही देहांत की खबर गांव में लगी तो लोगों का हुजुम जुट गया।हर कोई इस घटना से दुखी था। मंगलवार शाम करीब 6 बजे आफिसर प्रेमलाल का शव को CRPF RF 101 बटालियन की टुकड़ी 16 लोगों का जत्था लेकर नगरा नगर पंचायत स्थित उनके पैतृक गांव सरायचावट(छत्रपुरा) घर पहुंचा। CRPF शांतिपुरम फाफामऊ इलाहाबाद के इंस्पेक्टर अनिल कुमार के द्वारा उनकी पत्नी को 50 हजार का तत्काल सहायता राशि दिया गया। अंतिम दर्शन के बाद ऑफिसर को रात्री करीब 8 बजे मुक्तिधाम तुर्तीपार पर गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई।इस दौरान हेड कांस्टेबल अमित कुमार,हवलदार टी दुर्गा प्रसाद, विनय कुमार,सिपाही,सिपाही रामकुमार यादव ,सिपाही रविकांत सिंह,सिपाही मोहम्मब कैब अनिल कुमार, नगरा नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि उमाशंकर राम, क्रांति  यादव, दीपक  कुमार, BEO राम प्रताप  सिंह   रहे।
72 वर्षीय बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स में लिया अंतिम सांस, छठ महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से प्रशंसकों में छायी मायूसी




बिहार की मशहूर लोकगायिका व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। मंगलवार को दिल्ली एम्स में देर शाम शारदा सिन्हा ने आखिरी सांस ली। सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत नाजुक बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था। आज मंगलवार को उन्होंने अपने गीतों के यादों के साथ दुनिया को अलविदा कह दिया।


लोक आस्था का महापर्व छठ कि आज से शुरुआत हुई। छठ महापर्व में कहे तो शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा माना जाता है। शारदा सिन्हा के गाये छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं। इस महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से उनके शुभचिंतकों को झकझोर कर रख दिया, और  प्रशंसकों में मायूसी छा गई।


72 वर्षीय बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार को दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली। शारदा सिन्हा की तबीयत पिछले महीने से ही खराब चल रही थी।  जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। आइसीयू में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन इलाज के बाद उनकी तबीयत स्थिर हुई तो प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। जिसके बाद परिवार समेत उन तमाम लोगों ने राहत की सांस ली थी जिनकी नजरें शारदा सिन्हा के तबीयत पर टिकी हुई थी।


इसी बीच सोमवार 4 नवंबर की सुबह तबीयत फिर से बिगड़ी और बिगड़ी उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। उनके पुत्र अंशुमन लगातार सोशल मीडिया पर हेल्थ अपडेट दे रहे थे। जब शारदा सिन्हा ने आखरी सांस लिया तो उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर फिर से पोस्ट कर लिखा कि मां अब शारीरिक रूप से हम सबके बीच नहीं रही।


उनके प्रशंसकों को उम्मीद था कि शारदा सिन्हा फिर से सेहतमंद होकर लौटेंगी। मौत से लड़कर वो जीतेंगी। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रशंसक उन्हें याद करके श्रद्धांजलि दे रहे हैं। खासकर छठ महापर्व के बीच में उनका इस दुनिया से जाना लोगों को अधिक रूला गया है। हालांकि शारदा सिन्हा के द्वारा गाए गीतों के माध्यम से हम सबके अंदर जीवित रहेंगी।

शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

लखनऊ । प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह (डाएट लखनऊ) एवं कार्यक्रम समन्वयक सबा खान के निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाएट), निशातगंज, लखनऊ में शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 जिसमें प्रशिक्षक के रुप में ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क, लखनऊ से पंकज शर्मा ने सड़क चिन्ह, रोड मार्किंग, ट्रैफिक लाइट एवं लाईसेंस सम्बन्धी जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया एवं लेन पद्धति,की जानकारी दी तथा गोल्डेन आवर,पूर्व वाहन सवारी जांच व गुड समेरिटन कानून के प्रति जागरूक किया।

 कार्यक्रम आयोजन प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह ;(डाएट लखनऊ) एवं कार्यक्रम समन्वयक अदिति श्रीवास्तव मैम के द्वारा कराया गया जिसमें 58 शिक्षकों ने भाग लिया।

रायपुर गोलीकांड मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 2 फरार आरोपियों को ओडिशा से किया गिरफ्तार

रायपुर- राजधानी रायपुर की सेंट्रल जेल के बाहर सोमवार को हुए गोलीकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सोमवार को पकड़े गए दो आरोपियों, शेख शाहनवाज और शाहरूख, के साथ वारदात को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहे अब्दुल शेख गफ्फार उर्फ वादिया और हीरा छुरा को क्राइम ब्रांच की टीम ने ओडिशा में गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा फरार होने में उनकी मदद करने वाले दो अन्य युवकों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।

क्या है पूरा मामला?

बीते सोमवार 4 नवंबर को राजधानी के टिकरापारा निवासी शेख साहिल अपने परिवार के साथ जेल में बंद भाई से मिलने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे था। उसी दौरान, शेख शाहनवाज उर्फ शानू महाराज (उम्र 25 साल), शाहरूख (उम्र 19 साल), अब्दुल शेख गफ्फार उर्फ वादिया (उम्र 47 साल) और हीरा छुरा (उम्र 24 साल) ने सुनियोजित तरीके से दो अलग-अलग बाइक पर वहां पहुंचकर साहिल पर कट्टे से गोली फायर कर दी और मौके से फरार हो गए। इस हमले में साहिल के गले में गोली धंस गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज जारी है।

घटना की जानकारी मिलते ही थाना गंज में अपराध दर्ज कर लिया गया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 विशेष टीमों का गठन किया गया। रायपुर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए यपुर और दुर्ग की सीमाओं के पास नंदनवन क्षेत्र में घेराबंदी कर शेख शाहनवाज और शाहरूख को गिरफ्तार किया।

ओडिशा में क्राइम ब्रांच की टीम का ऑपरेशन

शाहनवाज और शाहरूख से पूछताछ के आधार पर, पुलिस ने आरोपियों के छिपने के हर संभावित स्थान पर लगातार रेड मारी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बीच पुलिस को जानकारी मिली कि अब्दुल शेख गफ्फार और हीरा छुरा ओडिशा फरार हो चुके हैं। इसके बाद, क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें ओडिशा में ट्रेस कर गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस भागने में मदद करने के आरोप में नरेन्द्र जगत उर्फ सुदामा (उम्र 22 साल) और रवि जाल (उम्र 34 साल) को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, इस वारदात में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

ब्रेकिंग : पद्म अवार्ड से सम्मानित बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन,छठ से शुरू हुई लोकप्रियता छठ में हुई खत्म

नई दिल्ली : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली में निधन हो गया। उनका कई दिनों से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। शारदा सिन्हा को छठ के गीतों के लिए जाना जाता था, और उनकी लोकप्रियता छठ से शुरू हुई थी। उनके निधन से उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।

पिछले तकरीबन 15 दिन से उनका दिल्‍लरी AIIMS में इलाज चल रहा था. उनके बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने इससे पहले बताया था कि वह बोलने में भी लड़खड़ाने लगी हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्‍हें आईसीयू से निकाल कर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था. दिल्‍ली एम्‍स से मिली जानकारी के अनुसार, शारदा सिन्‍हा ने रात 9:20 बजे अंतिम सांस ली.

बेटे ने दी थी हेल्थ अपडेट

इससे पहले उनके बेटे अंशुमान ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव होकर अपनी मां की हेल्थ अपडेट दी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी हालत खराब है और डॉक्टर कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें और झूठी खबरें न फैलाएं. अब खबर आई है कि उनका इंतकाल हो गया है.

कौन है शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा छठ पर्व पर गाए गए गीतों के लिए काफी मशहूर हैं. उनका जन्म बिहार के समस्तीपुर में 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था. संगीतमय परिवार में जन्मी शारदा ने बचपन से ही शास्त्रीय संगीत की डिग्री हासिल की. उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में कई लोकगीत गाए हैं. 1980 में शारदा ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से की थी. लेकिन उन्हें लोकप्रियता छठ पर्व के गीत गाकर मिली।

पद्म विभूषण से किया जा चुका है सम्मानित

इतना ही नहीं शारदा सिन्हा ने कुछ मशहूर बॉलीवुड गाने गाए हैं, जिनमें सलमान खान की 'मैंने प्यार किया' में 'काहे तो से सजना', सलमान और अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2' का 'तार बिजली से पतले' शामिल हैं.इसके अलावा उन्होंने माधुरी दीक्षित की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' में 'बाबुल' गाना गाया है. शारदा को 1992 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण और 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

*धर्मराज और विजय हत्याकांड का आरोपी 15000 का इनामियां बदमाश गिरफ्तार भेजा गया जेल*
सुल्तानपुर,अखंडनगर थाना क्षेत्र के मरूई किशुनदासपुर गांव में करीब एक साल पहले हुए दोहरे हत्याकांड का आरोपी और 15 हजार के इनामी बदमाश को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बदमाश के पास से असलहा व कारतूस बरामद हुआ है। मरुई गांव के किसान धर्मराज मौर्य और दूसरे मजरे राजभर बस्ती के विजय कुमार राजभर की तीन जुलाई 2023 की रात 11 बजे गोली मारकर हत्या दी गई थी। इससे पहले वर्ष 2013 में ग्राम मरूई किशुनदासपुर में दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इसमें राजमन राजभर घायल हो गए थे। बाद में उनकी मौत हो गई थी। इस मारपीट में तीन जुलाई को मारे गए विजय राजभर को भी आरोपी बनाया गया था।
*कमल सरोवर पर लाखों खर्च के बाद भगवान श्री राम भूले भटके लोगों के आने का कर रहे हैं वहां इंतजार*
सफेदपोश नेताओं द्वारा कमल सरोवर का निर्माण कराकर शासन प्रशासन ने वाहवाही तो खूब लूटी, लेकिन आज उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं? यहां अव्यवस्थाओं का अब बोलबाला है। इस कमल सरोवर की अब केवल चर्चा फाइलों तक ही सीमित रह गई। जिसका उद्घाटन और फीता काटने के लिए नेता पहुंचे हुए थे आज वही कमल सरोवर अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। जबकि सीडीओ का ड्रीम प्रोजेक्ट कमल सरोवर था। जिसका उद्घाटन करने स्वयं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पधारे हुए थे। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कमल सरोवर में सुविधाएं मुहैया कराने को कौन कहे,अब वहां सुविधाएं कम असुविधाएं ज्यादा हैं। आसपास के अलावा दूरदराज से आने वाले पर्यटक कमल सरोवर में पहुंच कर आनंद उठाने का सपना था।,लेकिन वहां पहुंचकर आनंद उठाने की बात कौन कहे,अब वहां केवल सपना ही रह गया है। आखिर सरकार की इन योजनाओं पर जिला प्रशासन क्यों हो जाता है बेपरवाह,क्या केवल फोटो सेशन तक ही सीमित रह जाती है सरकार की यह योजनाएं,आखिर उद्घाटन के बाद क्यों नहीं देते अधिकारी इस पर ध्यान? कमल सरोवर का निर्माण होने से कई लोगों को भले ही रोजगार मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे लोग। वह भी उन लोगों का सपना चूर चूर हो गया। इस कमल सरोवर में चार नौकाएं और कमल के फूल लगाए गए थे जो अब कहीं दिखता ही नहीं। वहां लगाए गए कर्मचारी कई महीने से वेतन नही पाने से वह भी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए थे। जो अब यहां कोई दिखाई नहीं देता। सुनने में यह आया कि कमल सरोवर में केवल अब जानवर ही दिखाई देते है....
छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन, बेटे ने कहा छठी मैया ने अपने पास बुलाया

#sharda_sinha_dies_at_the_age_of_72_at_aiims_hospital

Sharda Sinha (Indian Folk Singer)

प्रतिष्ठित छठ गीतों के लिए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें इलाज के लिए एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया था, उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने उनके इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके ये दु:खद समाचार शेयर किया कि अब उनकी माँ शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं l

देहांत के कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक छठ पर्व गीत जारी किया "दुखवा मिटाए छठी मैया " l उनकी तबीयत खराब होने के कारण उनके बेटे ने इसका ऑडियो उनके यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया था l  

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके बेटे से बात की थी और उन्हें हिम्मत रख कर अपनी माँ की सेवा करने को कहा था। कुछ दिन पहले ही इंस्टाग्राम पर उनकी तबीयत को लेकर गलत खबर डालने पर उनके बेटे ने एक पोस्ट किया था जिसमे की वे शारदा जी के तबीयत की जानकारी दे रहे थे l

शारदा जी की निधन की खबर सुनते ही उनके प्रशंसक को एक सदमा लग गया है , छठ महापर्व के पहले ही दिन उनकी मृत्यु की खबर एक शोक की लहर ले आई है l हर एक गीत के साथ लोग उन्हें ही याद कर रहे हैं।साथ ही लोग छठी मैया के प्रति ऊनकी भक्ति को भी नमन कर रहे हैं कि, नहाय खाय के दिन ही मां ने उन्हें अपने पास बुलाया है।छठ का पर्व पूरे देश में उनकी याद के साथ मनाया जाएगा। यह एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है, और इसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी, यहां तक कि यह छठ महापर्व भी उनके बिना वैसा नहीं होगा, उनके गाए हर गीत के साथ भावना बनी रहेगी,और नुकसान महसूस किया जाएगा।

उन्होंने कई गाने गाए हैं और बिहार की संस्कृति को मूल भाव से समृद्ध किया है। गाने चाहे शादी, छठ या किसी अन्य अवसर के हों, उनकी आवाज कभी भी अतिरिक्त भावनाएं और आकर्षण जोड़ने में विफल नहीं रही है l

यह क्षति व्यक्तिगत है और हर बिहारवासी इसे अपने परिवार के किसी सदस्य को खोने जैसा महसूस कर रहा है, शारदा जी अपनी कला के माध्यम से अमर रहेंगी।

हम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं..

स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन :PM मोदी समेत कई लोगों ने जताया दुःख
संजीव सिंह बलिया। स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन के बाद बेटे अंशुमान सिन्हा ने कहा, 'आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।' 
शारदा सिन्हा को पूरी दुनिया में उनकी सुरीली आवाज और खासतौर पर उनके छठ गीतों के लिए जाना जाता है। पिछले कुछ समय से उनकी सेहत काफी नाजुक थी। एम्स दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था। उनकी मौत की खबर ने बिहार समेत पूरे देशवासियों को हिलाकर रख दिया है। शारदा सिन्हा को उनकी सुरीली आवाज और गीतों के लिए कई खिताबों और अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। 
#शारदा_सिन्हा_जी_को_श्रद्धांजलि__ भारतीय लोक संगीत की महान गायिका शारदा सिन्हा जी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
#शारदा_सिन्हा_जी_को_श्रद्धांजलि__ भारतीय लोक संगीत की महान गायिका शारदा सिन्हा जी को हमारी भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

उनके द्वारा गाए गए भोजपुरी, मैथिली, और मगही गीतों ने सांस्कृतिक धरोहर को संजीवनी दी है। उनके गीतों में केवल सुर और ताल ही नहीं, बल्कि बिहार की मिट्टी की सुगंध और परंपराओं की मिठास भी घुली रहती है। #शारदा सिन्हा जी ने दशहरा, छठ, होली और अन्य त्योहारों के गीतों के माध्यम से केवल बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोक संगीत को एक नई पहचान दिए हैं । उनके गीत हर वर्ग और आयु के लोगों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। उन्होंने अपनी मधुर आवाज के जरिए लोक संस्कृति को हर घर तक पहुँचाया है। उनका योगदान अविस्मरणीय है, और संगीत की दुनिया में उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनकी आवाज में जो अपनापन और सादगी थी, वह हर श्रोता के दिल को छू जाती थी। उनकी संगीत साधना और उनके गीत हमेशा हमारी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जीवित रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार तथा प्रशंसकों को इस कठिन समय में सहनशक्ति दे। उनकी विरासत हमारे दिलों में हमेशा बनी रहेगी। दिवंगत शारदा सिन्हा जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
बलिया के CRPF के BHM पद पर तैनात ऑफिसर को गार्ड ऑफ ऑनर देकर नम आँखों से दी गई अंतिम विदाई
संजीव सिंह बलिया। नगरा नगर पंचायत के सरायचावट गांव के हरिनाथ राम के बड़े पुत्र व प्राथमिक विद्यालय अखरही के शिक्षामित्र व पत्रकार साथी शिवकुमार जी के बड़े भाई प्रेमलाल मुन्ना जो सीआरपीएफ में BHM पद पर इलाहाबाद में कार्यरत थे कुछ दिन से बीमार होने के कारण से लखनऊ वेलशन हॉस्पिटल में एडमिट थे ।इलाज के दौरान आज रात 1 बजे अंतिम सांस ली ।जैसे ही देहांत की खबर गांव में लगी तो लोगों का हुजुम जुट गया।हर कोई इस घटना से दुखी था। मंगलवार शाम करीब 6 बजे आफिसर प्रेमलाल का शव को CRPF RF 101 बटालियन की टुकड़ी 16 लोगों का जत्था लेकर नगरा नगर पंचायत स्थित उनके पैतृक गांव सरायचावट(छत्रपुरा) घर पहुंचा। CRPF शांतिपुरम फाफामऊ इलाहाबाद के इंस्पेक्टर अनिल कुमार के द्वारा उनकी पत्नी को 50 हजार का तत्काल सहायता राशि दिया गया। अंतिम दर्शन के बाद ऑफिसर को रात्री करीब 8 बजे मुक्तिधाम तुर्तीपार पर गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई।इस दौरान हेड कांस्टेबल अमित कुमार,हवलदार टी दुर्गा प्रसाद, विनय कुमार,सिपाही,सिपाही रामकुमार यादव ,सिपाही रविकांत सिंह,सिपाही मोहम्मब कैब अनिल कुमार, नगरा नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि उमाशंकर राम, क्रांति  यादव, दीपक  कुमार, BEO राम प्रताप  सिंह   रहे।
72 वर्षीय बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने दिल्ली एम्स में लिया अंतिम सांस, छठ महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से प्रशंसकों में छायी मायूसी




बिहार की मशहूर लोकगायिका व पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। मंगलवार को दिल्ली एम्स में देर शाम शारदा सिन्हा ने आखिरी सांस ली। सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत नाजुक बनी हुई थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था। आज मंगलवार को उन्होंने अपने गीतों के यादों के साथ दुनिया को अलविदा कह दिया।


लोक आस्था का महापर्व छठ कि आज से शुरुआत हुई। छठ महापर्व में कहे तो शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा माना जाता है। शारदा सिन्हा के गाये छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं। इस महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से उनके शुभचिंतकों को झकझोर कर रख दिया, और  प्रशंसकों में मायूसी छा गई।


72 वर्षीय बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार को दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली। शारदा सिन्हा की तबीयत पिछले महीने से ही खराब चल रही थी।  जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। आइसीयू में उनका इलाज चल रहा था। लेकिन इलाज के बाद उनकी तबीयत स्थिर हुई तो प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। जिसके बाद परिवार समेत उन तमाम लोगों ने राहत की सांस ली थी जिनकी नजरें शारदा सिन्हा के तबीयत पर टिकी हुई थी।


इसी बीच सोमवार 4 नवंबर की सुबह तबीयत फिर से बिगड़ी और बिगड़ी उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। उनके पुत्र अंशुमन लगातार सोशल मीडिया पर हेल्थ अपडेट दे रहे थे। जब शारदा सिन्हा ने आखरी सांस लिया तो उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर फिर से पोस्ट कर लिखा कि मां अब शारीरिक रूप से हम सबके बीच नहीं रही।


उनके प्रशंसकों को उम्मीद था कि शारदा सिन्हा फिर से सेहतमंद होकर लौटेंगी। मौत से लड़कर वो जीतेंगी। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रशंसक उन्हें याद करके श्रद्धांजलि दे रहे हैं। खासकर छठ महापर्व के बीच में उनका इस दुनिया से जाना लोगों को अधिक रूला गया है। हालांकि शारदा सिन्हा के द्वारा गाए गीतों के माध्यम से हम सबके अंदर जीवित रहेंगी।

शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

लखनऊ । प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह (डाएट लखनऊ) एवं कार्यक्रम समन्वयक सबा खान के निर्देशन में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाएट), निशातगंज, लखनऊ में शिक्षकों के लिए सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 जिसमें प्रशिक्षक के रुप में ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क, लखनऊ से पंकज शर्मा ने सड़क चिन्ह, रोड मार्किंग, ट्रैफिक लाइट एवं लाईसेंस सम्बन्धी जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया एवं लेन पद्धति,की जानकारी दी तथा गोल्डेन आवर,पूर्व वाहन सवारी जांच व गुड समेरिटन कानून के प्रति जागरूक किया।

 कार्यक्रम आयोजन प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह ;(डाएट लखनऊ) एवं कार्यक्रम समन्वयक अदिति श्रीवास्तव मैम के द्वारा कराया गया जिसमें 58 शिक्षकों ने भाग लिया।

रायपुर गोलीकांड मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 2 फरार आरोपियों को ओडिशा से किया गिरफ्तार

रायपुर- राजधानी रायपुर की सेंट्रल जेल के बाहर सोमवार को हुए गोलीकांड मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सोमवार को पकड़े गए दो आरोपियों, शेख शाहनवाज और शाहरूख, के साथ वारदात को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहे अब्दुल शेख गफ्फार उर्फ वादिया और हीरा छुरा को क्राइम ब्रांच की टीम ने ओडिशा में गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा फरार होने में उनकी मदद करने वाले दो अन्य युवकों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है।

क्या है पूरा मामला?

बीते सोमवार 4 नवंबर को राजधानी के टिकरापारा निवासी शेख साहिल अपने परिवार के साथ जेल में बंद भाई से मिलने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे था। उसी दौरान, शेख शाहनवाज उर्फ शानू महाराज (उम्र 25 साल), शाहरूख (उम्र 19 साल), अब्दुल शेख गफ्फार उर्फ वादिया (उम्र 47 साल) और हीरा छुरा (उम्र 24 साल) ने सुनियोजित तरीके से दो अलग-अलग बाइक पर वहां पहुंचकर साहिल पर कट्टे से गोली फायर कर दी और मौके से फरार हो गए। इस हमले में साहिल के गले में गोली धंस गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज जारी है।

घटना की जानकारी मिलते ही थाना गंज में अपराध दर्ज कर लिया गया और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 10 विशेष टीमों का गठन किया गया। रायपुर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए यपुर और दुर्ग की सीमाओं के पास नंदनवन क्षेत्र में घेराबंदी कर शेख शाहनवाज और शाहरूख को गिरफ्तार किया।

ओडिशा में क्राइम ब्रांच की टीम का ऑपरेशन

शाहनवाज और शाहरूख से पूछताछ के आधार पर, पुलिस ने आरोपियों के छिपने के हर संभावित स्थान पर लगातार रेड मारी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बीच पुलिस को जानकारी मिली कि अब्दुल शेख गफ्फार और हीरा छुरा ओडिशा फरार हो चुके हैं। इसके बाद, क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें ओडिशा में ट्रेस कर गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस भागने में मदद करने के आरोप में नरेन्द्र जगत उर्फ सुदामा (उम्र 22 साल) और रवि जाल (उम्र 34 साल) को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, इस वारदात में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

ब्रेकिंग : पद्म अवार्ड से सम्मानित बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन,छठ से शुरू हुई लोकप्रियता छठ में हुई खत्म

नई दिल्ली : बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली में निधन हो गया। उनका कई दिनों से इलाज चल रहा था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। शारदा सिन्हा को छठ के गीतों के लिए जाना जाता था, और उनकी लोकप्रियता छठ से शुरू हुई थी। उनके निधन से उनके प्रशंसकों में शोक की लहर है।

पिछले तकरीबन 15 दिन से उनका दिल्‍लरी AIIMS में इलाज चल रहा था. उनके बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने इससे पहले बताया था कि वह बोलने में भी लड़खड़ाने लगी हैं. कुछ दिनों पहले ही उन्‍हें आईसीयू से निकाल कर प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया गया था. दिल्‍ली एम्‍स से मिली जानकारी के अनुसार, शारदा सिन्‍हा ने रात 9:20 बजे अंतिम सांस ली.

बेटे ने दी थी हेल्थ अपडेट

इससे पहले उनके बेटे अंशुमान ने लोक गायिका शारदा सिन्हा के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव होकर अपनी मां की हेल्थ अपडेट दी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी हालत खराब है और डॉक्टर कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें और झूठी खबरें न फैलाएं. अब खबर आई है कि उनका इंतकाल हो गया है.

कौन है शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा छठ पर्व पर गाए गए गीतों के लिए काफी मशहूर हैं. उनका जन्म बिहार के समस्तीपुर में 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था. संगीतमय परिवार में जन्मी शारदा ने बचपन से ही शास्त्रीय संगीत की डिग्री हासिल की. उन्होंने भोजपुरी और मैथिली में कई लोकगीत गाए हैं. 1980 में शारदा ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन से की थी. लेकिन उन्हें लोकप्रियता छठ पर्व के गीत गाकर मिली।

पद्म विभूषण से किया जा चुका है सम्मानित

इतना ही नहीं शारदा सिन्हा ने कुछ मशहूर बॉलीवुड गाने गाए हैं, जिनमें सलमान खान की 'मैंने प्यार किया' में 'काहे तो से सजना', सलमान और अनुराग कश्यप की 'गैंग्स ऑफ वासेपुर 2' का 'तार बिजली से पतले' शामिल हैं.इसके अलावा उन्होंने माधुरी दीक्षित की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' में 'बाबुल' गाना गाया है. शारदा को 1992 में पद्म श्री और 2018 में पद्म विभूषण और 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।