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उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव से ही आई थीं घरों में दरारें, सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में खुलासा

 सीबीआरआई रुड़की की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों भवनों में आईं दरारों के पीछे मूल कारण जमीन का धंसना था। यही नहीं जोशीमठ में जिस जगह जमीनों में लंबी दरारें आई हैं, वहीं ज्यादातर कमजोर इमारतें बनाई गई थीं। यही नहीं भूमि धंसने के बाद जोशीमठ की पहाड़ियों पर संवेदनशीलता और भी बढ़ गई है। अतिसंवेदनशील भवनों में दरारों की चौड़ाई पांच मिलीमीटर से अधिक थी। जबकि मध्यम रूप से संवेदनशील भवनों में आई दरारें दो से पांच मिलीमीटर तक चौड़ी थीं।

सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो बताते हैं कि जनवरी में भूधंसाव के दौरान 300 मिलीमीटर तक चौड़ाई और तीन से चार मीटर गहराई की करीब 40 दरारें आई हैं। नुकसान इन्हीं दरारों के आसपास बने भवनों को हुआ है। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया का कहना है कि रिपोर्ट में प्रत्येक तथ्य को बारीकी से अध्ययन में शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर उपाय किए जाने जरूरी हैंै।

सबसे जरूरी है जोशीमठ की पहाड़ी में इमारतों की मैपिंग, खतरनाक क्षेत्रों के आकलन और उनके कारणों की पहचान करना, हिमालयी क्षेत्र में निर्माण कार्यों का मैनुअल तैयार करना और सख्ती से पालन कराना, पहाड़ों पर भूवैज्ञानिक आधार पर सुरक्षित भूमि का मानचित्र तैयार करना, पूर्व चेतावनी प्रणाली के जरिए सतत निगरानी और आपदा का पूर्वानुमान जारी करना आदि। उन्होंने कहा कि भविष्य के खतरे और चुनौतियों को देखते हुए सभी वैज्ञानिक पहलुओं पर काम जरूरी है।

मोटे दाने की चट्टानों पर निर्माण करना पड़ा भारी

वैज्ञानिक डॉ.अजय चौरसिया के अनुसार जोशीमठ हिमालय में 890 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के बाएं किनारे पर उत्तरी ऊपरी-मध्य ढलान पर मे सेंट्रल थ्रस्ट (एमसीटी) पर स्थित है। जोशीमठ में उत्तर की ओर झुकने वाली चट्टानों के चलते ढलान बना है। पुराने भूस्खलन मोटे दाने वाले मलबे की सामग्री के जमा होने से बनी विशाल चट्टानें और उस पर निर्माण कार्यों का भारी दबाव भवनों में दरार का बड़ा कारण है। इसके अलावा समय-समय पर पानी की सही निकासी नहीं होने और हिमनदी के कटाव के कारण पुराने भूस्खलन फिर से सक्रिय हो गए। जो स्थिति को और भी खतरनाक बना रहे हैं।

क्या दिल्ली में बंद हो गया अफगानिस्तान का दूतावास?जानें क्या है पूरा मामला

#afghan_embassy_operations_will_be_closed_in_india

भारत में अफगानिस्तान के दूतावास को बंद किए जाने की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत में अफगानिस्तान का दूतावास नई दिल्ली में अपना कामकाज बंद कर रहा है। दावा यह भी किया गया है कि अफगान एजेंसी ने इस संबंध में जानकारी दी है। दावा है कि अफगानिस्तान के दूतावास ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है।अफगान दूतावास के इस कथित पत्र की जांच की जा रही है।

पिछले कुछ दिनों से यह खबरें मिल रही हैं कि भारत में अफगानिस्तान अपना दूतावास बंद करने जा रहा है। अफगान दूतावास द्वारा अपना परिचालन बंद करने की खबरों पर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस संबंध में एक संचार पत्र जारी किया है। संचार पत्र की प्रामाणिकता और इसकी सामग्री की जांच की जा रही है।

फ़रीद मामुंडज़े भारत में अफगानिस्तान के राजदूत के रूप में काम कर रहे थे। फिलहाल वह लंदन में हैं। तालिबानी टेकओवर से पहले गनी सरकार ने उन्हें दिल्ली में नियुक्त किया था। अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी वह भारत में अफगान राजदूत के रूप में काम कर रहे हैं।

अप्रैल-मई में अफगान दूतावास में अंतर-कलह की खबरें सामने आई थी। पता चला कि तालिबान अपनी तरफ से यहां दूत नियुक्त करने वाला है। तालिबान द्वारा ममुंदजई की जगह नई दिल्ली में मिशन का नेतृत्व करने के लिए प्रभारी राजदूत की नियुक्ति की रिपोर्ट के बाद दूतावास में आंतरिक कलह शुरू हो गई थी। हालांकि बाद में दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा था कि मिशन के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है।अफगान दूतावास में 2020 से व्यापार पार्षद के रूप में काम कर रहे कादिर शाह ने इसी साल अप्रैल के अंत में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा किया कि उन्हें तालिबान द्वारा दूतावास में चार्जे डी अफेयर्स (प्रभारी राजदूत) के रूप में नियुक्त किया गया है।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानियों की सरकार आने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध विच्छेद हो चुके हैं। मगर अफगान के दूतावास को भारत ने अभी तक बंद नहीं किया है। भारत ने अभी तक तालिबान की आंतरिक सरकार को मान्यता नहीं दी है। भारत अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है। साथ ही इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- निज्जर की मौत का लेंगे बदला, भारत में आतंक का वर्ल्ड कप होगा

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खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत में शुरू हो रहे क्रिकेट विश्वकप में हमला करने की धमकी दी है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ऑडियो क्लिप जारी कर क्रिकेट वर्ल्ड कप को लेकर धमकी दी है।बता दें कि भारत 5 में अक्टूबर से 13वें वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हो रही हैष पहली बार पूरा टूर्नामेंट भारत में खेला जा रहा है। 10 टीमों वाले इस वर्ल्ड कप के लिए लगभग सभी टीमें भारत पहुंच गई हैं, जिसमें पड़ोसी देश पाकिस्तान भी शामिल है।

पिछले कुछ दिनों से खालिस्तान को लेकर भारत और कनाडा के रिश्ते तल्ख हो रखे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर अपने ‘एजेंट्स’ के जरिये कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था।तनाव भरे इस माहौल के बीच कनाडा में बने ‘सिख फॉर जस्टिस’ नाम के खालिस्तानी आतंकी संगठन के प्रमुख पन्नू लगातार भारत को धमका रहा है। अब एक बार फिर वर्ल्ड कप के बहाने पन्नू ने धमकी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू ने एक मैसेज में भारत में होने जा रहे वर्ल्ड कप को निशाना बनाने की धमकी दी है। पन्नू ने इस मैसेज में कहा है कि भारत में 5 अक्टूबर से वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है लेकिन 5 अक्टूबर से उनका संगठन वर्ल्ड टेरर कप यानी आतंक का वर्ल्ड कप शुरू करेगा।

वर्ल्ड कप पर हमला करने की धमकी देने वाले पन्नू की एक कॉल रिकॉर्डिंग पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओटावा में भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का अपमान करने का आरोप लगाया है। वायरल हुए ऑडियो में पन्नू ने कहा,शहीद निज्जर की हत्या पर, हम आपकी गोली के खिलाफ मतपत्र का उपयोग करने जा रहे हैं। हम आपकी हिंसा के खिलाफ वोट का इस्तेमाल करने जा रहे हैं। याद रखें, इस अक्टूबर में वर्ल्ड क्रिकेट कप नहीं होगा। यह वर्ल्ड आतंक कप की शुरुआत होगी। यह संदेश एसएफजे जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू का है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू वे आगे कहा, "भारत और मोदी शासन ने प्रधानमंत्री ट्रूडो का अपमान किया है। मोदी शासन, यह सलाह दी जाती है कि आप ओटावा में अपना दूतावास बंद करें और अपने राजदूत वर्मा को वापस लाएं। यह सलाह कनाडाई लोगों की है और यह सलाह एसएफजे जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू की है। हम प्रधानमंत्री ट्रूडो का अनादर करने के लिए मोदी और राजदूत वर्मा को जिम्मेदार ठहराएंगे।

भारत से सख्त तेवर के आगे झुके कनाडा के पीएम ट्रूडो, कहा-भारत आर्थिक ताकत, संबंध मजबूत करने को लेकर गंभीर

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“ऊंट पहाड़ के नीचे आना” ये कहावत तो सही ने सुनी होगी। जो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर बड़ी ही सटीक बैठ रही है। दरअसल, भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यू-टर्न ले लिया है। आरोप के बाद भारत की सख्ती के बाद कनाडा के सुर बदलते दिख रहे हैं। अब ट्रूडो ने भारत को उभरती ताकत बता कर उसके साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की इच्छा जाहिर की है।

कनाडा के अखबार नेशनल पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम ट्रूडो ने कहा है कि वह अभी भी भारत के साथ मजबूत और घनिष्‍ठ संबंधों को कायम रखने पर प्रतिबद्ध हैं। ट्रूडो के मुताबिक वो भारत के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनकी मानें तो दुनिया भर में भारत का कद और उसका प्रभाव बढ़ रहा है। ऐसे में यह 'बेहद महत्वपूर्ण' है कि कनाडा और उसके सहयोगी भारत के साथ जुड़े रहें।कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा, भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है और जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं। 

हालांकि ट्रूडो ने निज्‍जर मामले में फिर वही पुरानी बात भी दोहराई। ट्रूडो ने कहा, उसी समय हमें जाहिर तौर पर, कानून के शासन वाले देश के रूप में, हमें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा के साथ काम करने की जरूरत है कि हमें इस मामले के पूरे तथ्य मिलें। ट्रूडो ने कहा, यह कुछ ऐसा है जिसे सभी लोकतांत्रिक देशों, कानून के शासन का सम्मान करने वाले सभी देशों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।हम भारत सरकार के प्रति अपने दृष्टिकोण सहित अपने सभी साझेदारों के साथ कानून के शासन में रहते हुए एक विचारशील, जिम्मेदार तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब भारत और कनाडा के रिश्ते बेहद नाजुक दौर में हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच मचे कूटनीतिक घमासान के बीच भारत-अमेरिका के विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई है। हालांकि, वॉशिंगटन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात के दौरान खालिस्तानी आतंकी निज्जर के मारे जाने का मुद्दा उठा या नहीं ये साफ नहीं हो पाया विदेश विभाग में इस भेंटवार्ता से पहले ब्लिंकन के साथ मीडिया के सामने जयशंकर ने कहा, यहां आकर अच्छा लगा, जी20 सम्मेलन के लिए सभी तरह की सहयोग के लिए अमेरिका को धन्यवाद।

लहीं, ब्लिंकन ने कहा कि जी20 और न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र समेत पिछले कुछ सप्ताह में विभिन्न मौकों पर उनकी अच्छी चर्चा रही है। उन्होंने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के साथ चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। वैसे दोनों नेताओं ने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, इंफाल घाटी में सीएम के पैतृक आवास पर हमला

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मणिपुर में हालात फिर बिगड़ते दिख रहे हैं. जातीय हिंसा की वजह से पिछले चार महीने से अधिक वक्त से राज्य में अशांति है। गुरुवार की रात हिंसा और उपद्रव ने उस वक़्त नया मोड़ ले लिया जब कुछ लोगों के एक समूह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हिंगेंग स्थित घर में घुसने की कोशिश की। हालांकि मुख्यमंत्री और उनके परिवार का कोई शख़्स वहां मौजूद नहीं था।पुलिस ने बताया कि भीड़ ने सीएम के परिवार के खाली घर पर हमला करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने भीड़ को रोक लिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि इंफाल पूर्व के हिंगिंग इलाके में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे विफल कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक लगभग 500-600 लोगों ने शुरुआत में हमले में शामिल थे। हालांकि रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने इस हमले के नाकाम कर दिया। उनका कहना है कि उपद्रवी मकान में घुस पाते इससे पहले ही उन्हें वहां से तितर-बितर कर दिया गया।

इससे पहले भीड़ ने गुरुवार तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी जमकर तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने दो चार पहिया वाहनों को आग लगा दी।साथ ही गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली।

दो मैतेई छात्रों का शव मिलने के बाद फिर भड़की हिंसा

दो मैतेई छात्रों के शव मिलने के बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। ये दोनों छात्र, 20 साल के फिजाम हेमजी और 17 साल की हिजाम लुआनथो इनगाम्बी, जुलाई में बिष्णुपुर के पास से लापता हो गए थे लेकिन मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने के बाद इन दोनों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई। बाद में दोनों के शव चूराचांदपुर के पास लमदान में मिले और ये आशंका जताई गई कि इन्हें अगवा कर उनकी हत्या की गई है।इसके बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है।

कश्मीर के इस जांबाज अधिकारी को बुलाया गया

राज्य में फिर भड़की हिंसा के बीच जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में तैनात एसएसपी राकेश बलवाल को मणिपुर बुलाया गया है। राकेश बलवाल को आतंकियों से निपटने के मामले में विशेषज्ञता है। वर्ष 2012 बैच के इस आईपीएस अधिकारी के मणिपुर पहुंचने पर उन्हें नई पोस्टिंग दी जाएगी। वहीं सीबीआई की एक टीम वर्तमान में इस पूर्वोत्तर राज्य में हुई हत्याओं की जांच कर रही है, जहां पर पिछले करीब 5 महीने से जातीय तनाव चल रहा है।

एशियन गेम्स 2023: भारत को मिला आठवां गोल्ड, शूटिंग में सोने और चांदी पर सादा निशाना

#asiangames2023wingoldmedalshooting50mrifle_event

एशियाई खेलों का आज छठा दिन है। भारतीय निशानेबाज मेडल की बरसात करने में लगे हुए हैं। भारत ने एशियन गेम्स 2023 के छठे दिन की शुरुआत में ही गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। महिलाओे के बाद पुरुष टीम ने भी मेडल जीता है। ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर , स्वप्निल कुशाले और अखिल श्योराण की टीम ने भारत को 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में गोल्ड मेडल दिलाया है। इस टीम ने वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ मेडल अपने नाम किया है।वहीं, भारत ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम इवेंट में सिल्वर मेडर अपने नाम किया है। भारत की ईशा, दिव्या और पलक ने ये पदक अपने नाम किया।

भारत ने जीता गोल्ड

50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में अश्ववारी प्रताप सिंह तोमर, स्पनिल कुशाले और अखिल श्योरेन ने कमाल करते हुए पहला स्थान हासिल किया। भारतीय शूटिंग टीम ने 1769 का स्कोर किया। चीन की टीम दूसरे स्थान पर है और उसने 1763 का स्कोर करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया। चीन की टीम भारत से सिर्फ 5 अंक पीछे रही। रिपब्लिक ऑफ कोरिया की टीम तीसरे नंबर पर मौजूद रही। उसने 1748 का स्कोर करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता।

वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ जीता सोना

भारतीय पुरुष टीम ने शूटिंग के 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। भारतीय प्लेयर्स ने कुल 1769 का स्कोर किया। उन्होंने यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अमेरिका ने 1761 का स्कोर किया था। चीन की टीम भी अमेरिका से आगे निकल गई थी। 

सिल्वर मेडल भी किया अपने नाम 

युवा निशानेबाज ईशा सिंह की अगुवाई में भारतीय महिला 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने एशियाई खेलों में रजत पदक जीता । 18 वर्ष की ईशा (579), पलक (577) और दिव्या टीएस (575) का कुल स्कोर 1731 रहा । चीन ने 1736 अंक लेकर स्वर्ण पदक जीता जो एशियाई खेलों का रिकॉर्ड भी है । चीनी ताइपै को कांस्य पदक मिला। भारतीय महिला टीम चीन से 5 अंक पीछे रही। वरना वह गोल्ड मेडल जीत लेती। 

मेडल टैली में पांचवें से चौथे नंबर पर आया भारत

भारत ने अब तक का 7वां गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस गोल्ड के साथ भारत मेडल टैली में पांचवें से चौथे नंबर पर आ गया है। कल भारत मेडल्स टैली के प्वाइंट्स टेबल में 6 गोल्ड के साथ पांचवें नंबर था। लेकिन अब भारतीय दल एक और गोल्ड जीत उज्बेकिस्तान को पछाड़ दिया है। उज्बेकिस्तान के नाम अब तक 6 गोल्ड दर्ज हैं। एशियाई खेलों में भारत की ओर लगातार शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।भारत ने अभी तक एशियन गेम्स में कुल 27 पदक जीत लिए हैं, जिसमें 7 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारत ने सबसे ज्यादा 15 पदक शूटिंग गेम से जीते हैं।

भारत में तेज गति से बढ़ रही है बुजुर्गों की आबादी, अगले तीन दशकों में कुल जनसंख्या के 20 फीसदी से ज्यादा होंगे बूढ़े

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भारत की आबादी तेजी से बुजुर्ग हो रही है।इस सदी के मध्य तक यह बच्चों की आबादी को पार कर सकती है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दशकों में युवा भारत तेजी से बूढ़े होते समाज में बदल जाएगा।इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अगले तीन दशकों में भारत का समाज पूरी तरह बदल जाएगा। दरअसल 2050 तक हर 5 में से एक शख्स भारत में बुजुर्ग होगा। यानी सीधे तौर पर कहें तो अगले 3 दशकों में भारत की 20 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो जाएगी जो वर्तमान में 10.1 फीसदी है।

2050 तक भारत में 34.7 करोड़ बुजुर्ग होंगे

भारत दुनिया में किशोरों और युवाओं की सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों (60 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों) की आबादी का हिस्सा 2021 में 10.1 प्रतिशत था जो बढ़कर 2036 में 15 प्रतिशत और 2050 में 20.8 प्रतिशत तक होने का अनुमान है। यानी 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 34.7 करोड़ होने का अनुमान है। सदी के अंत तक देश की कुल आबादी में बुजुर्गों की संख्या 36 प्रतिशत से अधिक होगी।

भारत ही नहीं दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही

इस रिपोर्ट के मुताबिक केवल भारत में ही बुढ़ापे की समस्या नहीं है, बल्कि दुनियाभर की आबादी बूढ़ी हो रही है। वैश्विक स्तर पर साल 2022 में दुनिया की कुल आबादी (7.9 अरब) में से 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक की आयु के थे। यह कुल आबादी का 13.9 फीसदी हिस्सा है। वहीं साल 2050 तक वैश्विक स्तर पर बुजुर्गों की संख्या बढ़कर करीब 2.2 अरब यानी लगभग 22 फीसदी तक पहुंच जाएगी। 

क्यों बढ़ रही बुजुर्गों की संख्या?

भारत में बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के मुख्य तीन कारण बताए जा रहे हैं। इनमें घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि शामिल है। बीते एक दशक में देश में प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी की गिरावट आई है। 2008-10 के दौरान देश की सकल प्रजनन दर 86.1 थी, जो 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है।

बिहार देश का सबसे युवा राज्य

कुल आबादी में बुजुर्गों के राष्ट्रीय औसत से कम संख्या वाले 11 राज्य हैं। इनमें 7.7% बुजुर्ग आबादी के साथ बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। 8.1% बुजुर्ग आबादी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य है। शीर्ष पांच राज्यों में असम (8.2%) तीसरे, झारखंड (8.4%) चौथे और राजस्थान व मध्य प्रदेश (8.5%) पांचवें स्थान पर हैं।

केरल सबसे बुजुर्ग राज्य

60 पार उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है। वहां बुजुर्गों की उत्तरजीविता में वृद्धि व प्रजनन दर में तीव्र गिरावट हुई है। सबसे बुजुर्ग पांच राज्यों में तमिलनाडु, केरल व आंध्र प्रदेश दक्षिण से हैं, हिमाचल व पंजाब उत्तर से हैं। आंध्र (12.3%) पांचवां, पंजाब (12.6%) चौथा, हिमाचल (13.1%) तीसरा और तमिलनाडु (13.7%) दूसरा सबसे बुजुर्ग राज्य है।

संपत्ति के मामले में भारत में 40 प्रतिशत बुजुर्ग गरीब

रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग संपत्ति के मामले में गरीब हैं और लगभग 18.7 प्रतिशत बुजुर्गों के पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है। बुजुर्गों में गरीबी का यह स्तर उनके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। कुल मिलाकर भारत में हर 5 में से 2 बुजुर्ग संपत्ति के लिहाज से गरीब श्रेणी में हैं। यह जम्मू-कश्मीर में 4.2 प्रतिशत और पंजाब में 5 प्रतिशत है जबकि लक्षद्वीप में 40.2 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 47 प्रतिशत है।

बीजेपी में क्या होगा शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमण सिंह का भविष्य?

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मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन तीनों राज्य में चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है। बीजेपी ने मध्यप्रदेश में प्रत्याशियों की दो सूची जारी कर दी है। वहीं, छत्तीसगढ़ में 21 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है। अब दूसरी लिस्ट जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि राजस्थान में भी जल्द ही 50 सीटों की लिस्ट जारी हो सकती है। बीजेपी की चुनावी तैयारियों के बीच तीन दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और रमन सिंह के भविष्य पर सवालिया निशान लगने लगे है। ये तीनों दिग्गज लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं।शिवराज जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, तो वहीं वसुंधरा राजे राजस्थान और रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 

दरअसल, हिंदी हार्टलैंड के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। दो दशक में पहली बार है, जब इन राज्यों के चुनाव में बिना सीएम फेस बीजेपी मैदान में उतर रही है। तीन में से 2 राज्यों में अभी बीजेपी सत्ता से बाहर है। बीजेपी ने इस बार तीनों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।माना जा रहा है कि बीजेपी इन तीनों ही राज्यों में उनके उत्तराधिकारियों की तलाश कर रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा को टिकट तो मिल सकता है लेकिन सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान का भविष्य अस्थिर

मध्य प्रदेश चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट जब जारी की, तो उसमें कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों का नाम देखकर सबको हैरत हुई। बीजेपी ने एमपी चुनावों की दूसरी लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत चार सांसदों को विधायकी का टिकट दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारकर सीएम का विकल्प खुला रखा गया है। वहीं, अब तक बीजेपी ने जो दो लिस्ट जारी की हैं, उसमें शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं है।ऐसे में शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य को लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भेजने के भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के फैसले ने आडवाणी-युग के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भविष्य अस्थिर कर दिया है।

वसुंधरा राजे सिंधिया को भी भेजा संकेत

माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में अपने आश्चर्यजनक कदम के साथ, वर्तमान भाजपा सरकार ने वसुंधरा राजे सिंधिया को भी संकेत भेज दिया है, जो पड़ोसी राज्य राजस्थान में मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखती हैं। चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज की तरह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा दो दशकों से अधिक समय से राजस्थान भाजपा की निर्विवाद नेता हैं, लेकिन वर्तमान सरकार अब उनका प्रभुत्व खत्म करना चाहती है।

भाजपा ने अब तक राजस्थान के लिए किसी मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं की है और शीर्ष पद की दौड़ को खुला रखने के लिए केंद्रीय मंत्रियों सहित कई प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारने के मध्य प्रदेश मॉडल का अनुसरण करने की संभावना है।

रमन सिंह की स्थिति भी ठीक नहीं

शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के अलावा एक और दिग्गज का भविष्य संकट में है।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी चुनावी साल में एक्टिव हैं, लेकिन उनकी भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है। रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी 2018 में बुरी तरह चुनाव हारी थी। इसके बाद पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उनके बेटे का भी टिकट काट दिया था। रमन सिंह कहने को अभी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर हैं, लेकिन उनके पास भी कोई बड़ा काम नहीं है। वसुंधरा राजे की तरह ही उन्हें भी किसी राज्य का प्रभार नहीं दिया गया है। छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव रमन सिंह के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, पार्टी उन्हें ज्यादा तवज्जो देते नहीं दिख रही है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से बताया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी आलाकमान बदलाव का फैसला काफी पहले ही कर चुका है, इसलिए रमन सिंह की बजाय अन्य नेताओं को ज्यादा आगे किया जा रहा है।

रंदा चलाया, फर्नीचर मरम्‍मत की, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लकड़ी कारीगरों से मिलकर पूछा उनका हाल, सोशल मीडिया पर वीडियो जमकर हो रहा वायरल


 कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को अचानक दिल्‍ली के कीर्तिनगर में एशिया की सबसे बड़े फर्नीचर मार्केट में पहुंचे। इस दौरान उन्‍होंने लकड़ी कारीगरों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। राहुल को अपने बीच देखकर लकड़ी कारीगर फूले नहीं समाए।

राहुल ने भी इस दौरान फर्नीचर बनाने के काम में हाथ आजमाया। उन्‍हें रंदा चलाते और नाप - जोख लेते देखा गया। इस मुलाकात के बारे में कांग्रेस ने अपने ऑ‍फ‍िश‍ियल ट्विटल हैंडल से भी जानकारी दी। सोशल मीड‍िया पर इस मुलाकात की तस्‍वीरें पोस्‍ट करते हुए कांग्रेस ने ल‍िखा , "दिल्ली के कीर्तिनगर स्थित एशिया के सबसे बड़े फर्नीचर मार्केट पहुंचे जननायक राहुल गांधी। वहां उन्होंने बढ़ई भाइयों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और उनके हुनर को करीब से जानने और समझने की कोशिश की।

कुली के बाद राहुल गांधी का बढ़ई वाला यह अंदाज देखने को मिला है। इस बार भी कांग्रेस नेता ने फर्नीचर मार्केट में अचानक पहुंच सबको चौंका दिया। इस दौरान उन्‍होंने सिर्फ कारीगरों से बातचीत ही नहीं की अलबत्‍ता उनके काम को भी बारीके से समझने की कोशिश की। इस दौरान उन्‍हें फर्नीचर की मरम्‍मत करते , रंदा चलाते और हथौड़ा पीटते देखा गया।

सर्वविदित है कि बीते दिनों भी राहुल गांधी अचानक राजधानी स्थित आनंद विहार रेलवे स्‍टेशन पहुंच गए थे। कुलियों से मुलाकात के दौरान उन्‍होंने भी कुली बन यात्रियों का सामान उठाया था।

इसका वीडियो खूब वायरल हुआ था। इसके पहले उन्‍होंने हरियाणा में ट्रैक्‍टर चलाया था। फिर मोटर मैकेनिकों के साथ मुलाकात की थी। करोलबाग में वह मोटरसाइकिल मैकेनिकों से भी मिले थे। राहुल गांधी का यह कारनामा अब जनता की जुबान बन गई है।

दुनिया का सबसे दमदार राडार, पृथ्वी पर होगी जिसकी पैनी नजर, इसरो और नासा का है ज्वाइंट प्रोजेक्ट

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दुनिया की दो सबसे ताकतवर स्पेस एजेंसियां एक साथ मिलकर एक सैटेलाइट का निर्माण कर रहे हैं। इस सैटेलाइट का नाम नासा इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) है जो अगले साल की शुरुआत में लॉन्च के लिए लगभग तैयार हो चुका है। भारत का इसरो अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस प्रोजेक्ट पर एक साथ काम कर रहे हैं।ये डबल फ्रीक्वैंसी रडार है, जिसे दो हिस्से में तैयार किया जा रहा है। सेटेलाइट का प्रमुख पे-लोड एल-बैंड जो 24 सेंटीमीटर वेबलैंथ का होगा, उसे नासा तैयार कर रहा है। वहीं 12 सेंटीमीटर वेबलेंथ का एस-बैंड इसरो तैयार कर रहा है। वहीं, इसरो रडार की इमेंजिंग प्रणाली का भी विकास कर रही है। इसके अलावा माइक्रोवब और ऑप्टिकल सेंसर भी इसरो ही तैयार कर रही है।

दुनिया का सबसे महंगा अर्थ इमेजिंग सेटेलाइट

ये दुनिया का सबसे महंगा अर्थ इमेजिंग सेटेलाइट होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 120 मिलियन डॉलर खर्च कर रहा है। जबकि, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 1 बिलिय़न ड़ॉलर लगा रही है। स्पेस में ऑपरेशनल हो जाने के बाद ये उपग्रह अपने उन्नत राडार से इमेजिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए पूरी धरती की हाई क्वालिटी इमेंज लेगा। ये धरती पर होने वाली हर तरह की हलचल का पता लगा सकेगा। आर्कटिक और अंटार्कटिंक एरिया में जो बर्फ की चादरें पिघल रही है। अर्थ की सिसनिक प्लेटों में हो रही गतिविधि का पता चल सकेगा। जिससे भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा को रोका जा सकेगा। ज्वालामुखी विस्फोट, समुद्र और सागर की गहराई की हर जानकारी देगा। इसकी मदद से आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर काम किए जा सकेंगे।

आखिर अमेरिका ने भारत की ही मदद क्यों ली?

इस खास खोज के लिए, आकाश से धरती की निगरानी के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने भारत को अपना साथी चुना। निसार के जरिए भारत और अमेरिका दुनिया को खास देने वाले हैं। शायद वो चीज जो मानवता के विकास में मददगार साबित हो सकती है। लेकिन सोचने वाली बात है कि आखिर अमेरिका ने भारत की ही मदद क्यों ली। वो खुद चलकर आया भारत से मदद मांगने। शायद इधर कुछ सालों में भारत ने अंतरिक्ष और उससे जुड़ी तकनीक के क्षेत्र में अच्छी खासी तरक्की कर ली है। जिसकी आशा अमेरिका ने कभी नहीं की होगी भारत ने वो कर दिखाया है

भारत ने अपने भरोसे और 20 साल की मेहनत के बाद खुद को साबित किया

बात 1992 की है, जब अमेरिका में जॉज बुश सीनियर की सरकार थी। तब रशिया भारत को क्रायोजेनिक इंजन की टेकनॉलोजी देने वाला था। लेकिन अमेरिका ने इसपर रोक लग दी। क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल रॉकेट में होता है और उस वक्त ये तकनीक सिर्फ अमेरिका और रशिया के पास थी। अमेरिका नहीं चाहता था इस दौड़ में कोई तीसरा खड़ा हो। लेकिन भारत ने अपने भरोसे के बल पर और 20 साल की मेहनत के बाद क्रायोजेनिक इंजन बनाने में सफल हुआ। ये वही क्रायोजेनिक इंजन है, जो जीएसएलवी में लगता है और इसी क्रायोजेनिक इंजन से निसार को भी लॉन्च किया जाना है।

नासा ने इसरो में दिखाई दिलचस्पी

नासा दुनिया की सबसे विकसित स्पेस एजेंसी है, बावजूद नासा ने इसरो में दिलचस्पी दिखायी। इसकी शुरूआत 2012 में हुई, जब इसरो ने भारत का पहला स्वदेशी राडार इमेंजिंग सेटेलाइट लॉन्च किया। इस सेटेलाइट की मदद से रात हो या दिन, मौसम कैसा भी हो, धरती के सतह की तस्वीरें ली जा सकती है। इसके बाद ही नासा ने भारत के साथ हाथ मिलाकर ये प्रोजेक्ट शुरू करने की इच्छा जतायी। इस मामले में करीब 2 साल की तक बातचीत के बाद निसार सेटेलाइट को लेकर सहमति बनी। अब दोनों देश मिलकर विज्ञान और प्राद्यौगिकी का इस्तेमाल मानव हित में करेंगे।