जहानाबाद के आर्य पथ मालहचक में केक काटकर मनाया गया विश्व तेली दिवस
जहानाबाद – आज तेली दिवस पर पूरे भारत में कई जगहों पर तेली जाती का समूह एकत्रित होकर बहुत धूमधाम से आपस में मिठाईयां खिलाकर इस दिवस को मनाया गया। इस कार्यक्रम में लक्ष्मण साह, धर्मेंद्र कुमार निराला, दामोदर साव, मोनू कुमार कृष्ण कुमार गुप्ता चंदन कुमार दीपक राज महेश प्रसाद अभिषेक कुमार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
आप जानते हैं कि हिंदुओं के प्रथम पूज्य श्रीगणेश के पुनर्जीवित होने की धार्मिक कथा से तेली जाति के उदभव की कहानी जुड़ी है। पौराणिक कथाओं में गणेश जी के पुनर्जीवित होने के बाद कहानी का समापन हो जाता है। किंतु, तेली समाज के विद्वान पुरखों ने इस कहानी को वर्षों पहले आगे बढ़ाया है। जो अभी ज्यादा प्रचारित नहीं है। इस दंतकथा में उस व्यापारी को न्याय दिलाते हैं, जिसके हाथी का सिर काटकर गणेश जी के धड़ पर जोड़ा गया था।
ऐसी मान्यता है कि वही व्यापारी सनातन इतिहास का 'प्रथम तेली' बना। जिस दिन गणेश जी को पुनर्जन्म मिला उसी दिन प्रथम घानीका भी निर्माण हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन “तेली दिवस” मनाया जाना तार्किक रूप से सही माना जाता है।
इसका दस्तावेजीकरण मानवशास्त्री आर व्ही रसेल ने किया था जो सन 1916 में प्रकाशित हुआ। उन्होंने अपने प्रसिद्ध पुस्तक The Tribes and Castes of Central Provinces के खंड 3 के पृष्ठ क्रमांक 542 से 557 में कुल 16 पृष्ठों में तेली जाति के उदभव, विकास और रीति-रिवाज का विषद विवेचना किया है।
जहानाबाद से बरुण कुमार


 
						
 
 



 
 
 
 




Sep 19 2023, 20:56
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