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भारत-पाकिस्तान के बीच रिजर्व डे पर आज खेला जाएगा मैच, जानें कैसा है कोलंबों में मौसम का मिजाज

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भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप के सुपर फोर में खेला जा रहा मुकाबला अपने रिजर्व डे में है। मतलब 10 सितंबर को जो मैच पूरा नहीं हो सका उसे अब 11 सितंबर को खेला जाएगा।रविवार के दिन बारिश के चलते ये मुकाबला पूरा नहीं हो पाया। अब ये मैच रिजर्व डे पर यानी कि सोमवार को खेला जाएगा। हालांकि मौसम को लेकर आज के मैच को लेकर संशय है।दरअसल, कोलंबो में दिन की शुरुआत बारिश के साथ हुई। जिसके बाद मैदान को कवर से ढका गया था। लेकिन अब बारिश रुक चुकी है। फिलहाल आसमान साफ है।मैच की शुरुआत दोपहर तीन बजे ही होगी।

सोमवार को कैसा है बारिश का हाल?

सोमवार, 11 सितंबर को भी मौसम के लिहाज से अच्छा नहीं है। एक्यूवेदर के अनुसार, आज बारिश की 99 प्रतिशत संभावना है। जबकि वेदर.कॉम बारिश की 90 प्रतिशत संभावना दर्शाता है। एक्यूवेदर दिन के समय बारिश की 99 संभावनाएं दिखा रहा है और तेज हवाओं और तूफान की 59 प्रतिशत संभावना है। शाम को बारिश की संभावना 77 प्रतिशत तक कम हो जाती है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि रुकावट नहीं होगी। यदि प्रति घंटे के पूर्वानुमान को देखा जाए, तो चीजें उतनी अच्छी नहीं लगती हैं और एक छोटा मैच हो पाना भी मुश्किल नजर आ रहा है।

वहीं से शुरू होगा मैच

अगर आज मौसम साफ रहा तो मैच वहीं से शुरू होगा जहां पर कल खत्म हुआ था। भारत ने रविवार को 24.1 ओवर में दो विकेट पर 147 रन बनाए थे। पाकिस्तान ने सुपर फोर मैच के लिए टॉस जीतकर पहले बॉलिंग का फैसला किया। इस दौरान भारत ने मैच रुकने तक रविवार को 24.1 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान के साथ 147 रन बनाए। ओपनर रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने टीम को अच्छी शुरुआत दी। रोहित ने 49 गेंदों का सामना करते हुए 56 रन बनाए। उनकी इस पारी में 6 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। शुभमन गिल ने 58 रन बनाए। गिल ने 52 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके लगाए। विराट कोहली और केएल राहुल नाबाद रहे। राहुल ने 28 गेंदों में 17 रन बनाए हैं। कोहली ने 16 गेंदों में 8 रन बनाए हैं। अब मुकाबले की शुरुआत यहीं से होनी है।

क्या होगा अगर नहीं हुआ मैच?

यदि बारिश के कारण रिजर्व डे भी धुल जाता है तो दोनों टीमें एक-एक अंक साझा कर लेंगी और पाकिस्तान एशिया कप फाइनल में जगह बनाने के एक कदम और करीब पहुंच जाएगा। वहीं 12 सितंबर को टीम इंडिया को अपना सुपर 4 का दूसरा मुकाबला खेलना है जिसमें श्रीलंका से उसका सामना होगा। यानी लगातार तीन दिन अब टीम इंडिया को खेलना होगा। यह तब और मुश्किल हो जाता है जब भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ी इंजरी के बाद लौटे हैं। हार्दिक पांड्या भी लगातार वर्कलोड मैनेजमेंट पर काम करते रहते हैं। ऐसे में लगातार तीन दिन खेलने से भारतीय टीम के लिए मुश्किल कहीं बढ़ ना जाएं इस बात का संदेह हो गया है।

ममता बनर्जी पर भड़के अधीर रंजन चौधरी, जानें जी 20 डिनर समारोह में शामिल होने पर क्या बोंले अधीर रंजन चौधरी?

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जी20 बैठक के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित डिनर में शामिल हुईं। अब स बात से विपक्षी गठबंधन इंडिया में खींचतान बढ़ती दिख रही है। दरअसल, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर सवाल खड़ा किया है। अदीर रंजन चौधरी ने पूछा है कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा? 

अधीर रंजन ने डिनर में शामिल होने के पीछे की मंशा पर उठाया सावल

रविवार को कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधी। चौधरी ने ममता बनर्जी के इस डिनर समारोह में शामिल होने के पीछे की मंशा पर सावल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर ममता बनर्जी इस डिनर पार्टी में शामिल नहीं होती तो आसमान नहीं टूट पड़ता। महाभारत अशुद्ध न हो जाता। कुराण अपवित्र नहीं हो जाता। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो के कार्यक्रम में भाग लेने का “कोई अन्य कारण” था।चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि जब कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज में शामिल होने से परहेज किया तो वहीं दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले ही दिल्ली चली गईं। 

टीएमसी का पलटवार

वहीं, टीएमसी ने अधीर रंजन पर पलटवार किया है। टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणियों पर जवाब दिया। उन्होंने कांग्रेस नेता पर पलटवार करते हुए कहा कि चौधरी को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें टिप्पणी नहीं देना चाहिए। सेन ने कहा,चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि प्रोटोकॉल के तहत राज्य के मुख्यमंत्री जी20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगे।

विपक्ष के ये नेता हुए शामिल

जी 20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस डिनर समारोह में विदेशी मेहमानों के साथ देश के सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों को डिनर का न्योता भेजा गया था। इस डिनर में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस डिनर समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसकी वजह से कांग्रेस शासित राज्य के कई मुख्यमंत्रियों ने इस समारोह में शामिल न होने का फैसला किया। इसी बीच अब ममता बनर्जी के डिनर समारोह में शामिल होने पर कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है।

अगर दूसरे धर्म पर ऐसा बोलते तो सर तन से जुदा हो जाता," 'सनातन' वाले विवाद में नरोत्तम मिश्रा का बयान

डेस्क: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में चल रही जन आशीर्वाद यात्रा में शिरकत करने के लिए आज राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहुंचे थे। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जन आशीर्वाद यात्रा को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। यही कारण है कि बारिश में भीगते हुए भी रात 12:30 तक लोग अपने चहेते नेताओं का इंतजार करते रहे। इतना ही नहीं इस दौरान उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर विवादित बयान को लेकर भी मिश्रा ने कहा कि अगर ऐसा ही दूसरे धर्म के लिए बोला होता तो अब तक सर तन से जुदा हो जाता। इसके आलावा नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह को लेकर भी बड़ा बयान दिया।

भिंड में बीजेपी की जीत का बताया फॉर्मूला

भिंड में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान जब नरोत्तम मिश्रा से पूछा गया कि चंबल में बीजेपी कितनी सीट जीतेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि चंबल में इस बार वह बिल्कुल उल्टा करेंगे और 25 से 30 सीट इस बार भाजपा के खाते में आएंगी और इसके लिए उन्होंने तीन कारण भी गिनाए। जिसकी वजह से पिछली बार कांग्रेस यहां जीत हासिल करने में सफल रही थी। उसमें उन्होंने कहा जो 2 अप्रैल को एससी-एसटी वर्ग द्वारा दंगे किए गए थे, उसमें कांग्रेस भ्रम फैलाने में सफल रही और एससी-एसटी के लोगों को भाजपा के खिलाफ कर दिया। इसके साथ ही कर्ज माफी की भ्रामक घोषणाएं की, उससे भी वोट पर असर पड़े और तीसरी और सबसे बड़ी बात, ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय कांग्रेस में थे और अब वह भाजपा में हैं। ऐसे में भाजपा यहां पर बंपर जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि अपार जन समर्थन भाजपा को मिल रहा है और इसलिए तयशुदा बात है कि भाजपा जीतेगी।

"जो बनी हुई सरकार नहीं चला पाए वह..."

वहीं गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस कहती है कि सरकार वह बनाएंगे। लेकिन जो बनी हुई सरकार नहीं चला पाए वह अब क्या सरकार बनाएंगे। जब सवाल किया गया कि कांग्रेस कहती है कि भाजपा में गुटबाजी है तो उन्होंने सीधा राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा में तो सब एक साथ घूम रहे हैं। लेकिन कांग्रेसी एक साथ घूम कर दिखा दें। वह बता दें कि राहुल गांधी इस समय कहां पर हैं। उन्होंने राहुल गांधी को भी आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि जब जेएनयू में कन्हैया कुमार ने भारत विरोधी नारे लगाए थे और कहा था कि तुम कितने अफजल मारोगे हर घर में अफजल निकलेगा, इसपर मिश्रा ने कहा कि जिस घर में अफजल निकलेगा हम उसे घर में घुसकर मारेंगे।

"बस्ती भी जलाना है और मातम भी मनाना है"

सनातन धर्म पर हो रहे प्रहार पर बड़ा बयान देते हुए डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह हमारे धर्म की कमजोरी है। अगर वह दूसरे धर्म के बारे में इतना बोल देते तो सर तन से जुदा हो जाता। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हैं और जब भी भारत माता की बात आएगी, राष्ट्र की बात आएगी, हिंदू की बात आएगी या फिर सनातन की बात आएगी तो यह लोग मुखर हो जाते हैं। उन्होंने इस पर कविता सुनाते हुए कहा कि "कांग्रेस की राजनीति का बस इतना सा फसाना है, बस्ती भी जलाना है और मातम भी मनाना है"। 

"जब तक दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस में हैं..." 

राजस्थान में कन्हैया कुमार का सर कलम किया गया लेकिन एक भी कांग्रेसी ने निंदा तक नहीं की। अगर ऐसा कुछ इधर से हो जाता तो दिग्विजय सिंह जैसे सारे के सारे कांग्रेसी सियापा करने के लिये पहुंच जाते। उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला करते हुए कहा कि जब तक दिग्विजय सिंह जैसे लोग कांग्रेस के अंदर हैं, जो जाकिर नायक जैसे लोगों को शांति दूत बताते हैं और भगवा को आतंकवादी कहते हैं, तब तक कांग्रेस के साथ ऐसा ही होने वाला है। 

वहीं सनातन धर्म की कमजोरी पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में प्राणी मात्र पर दया करने की बात कही जाती है। रात को हम पेड़ पौधों तक को नहीं छूते और बच्चों को चींटी तक न मारने की शिक्षा देते हैं। ऐसे में हमारे धर्म में खून खराबा नहीं सिखाया जाता।

बीजेपी नेता के बिगड़े बोल, कहा– 'इंडिया' का नाम बदलकर 'भारत' किया जाएगा, जिन्हें पसंद नहीं वे देश छोड़कर चले जाएं*

डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दिलीप घोष ने रविवार को विवादित बयान दिया है, जिससे बवाल मचना तय है। उन्होंने कहा 'गुलामी की निशानी' को मिटाने के लिए 'इंडिया' का नाम बदलकर 'भारत' किया जाएगा और जिन्हें नाम बदलना पसंद नहीं है, वे 'देश छोड़ सकते हैंं।" 

अपनी बातचीत में, दिलीप घोष ने देश का नाम बदलने का विरोध करने के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) पर भी हमला किया और कहा, "टीएमसी के मेरे दोस्तों को शायद पता नहीं होगा कि वे 'भारत' क्यों कह रहे हैं और इसके पीछे का इतिहास क्या है। यह सीपीएम के लोगों के लिए भी बहुत मुश्किल है, जो हमेशा विदेशों पर ध्यान देते रहे हैं।''

कोलकाता की सड़कों से हटेंगी अंग्रेजों की मूर्तियां

उन्होंने कहा, "विदेशी अलग-अलग शहरों के नाम नहीं बोल सकते थे, इसलिए उन्होंने अपने नाम बदल दिए। अब, सभी नाम वापस बदले जा रहे हैं और इसी तरह से इंडिया अब भारत बन जाएगा। जिन्हें यह पसंद नहीं है वे बाहर चले जाएंगे।" बीजेपी सांसद ने कोलकाता से विदेशियों की सभी मूर्तियां हटाने का भी वादा किया। घोष ने कहा, कोलकाता की कई सड़कों पर अंग्रेजों की कई मूर्तियां थीं। अब वे कहां हैं? जब बीजेपी सत्ता में आएगी तो हम उन सभी को उखाड़कर विक्टोरिया मेमोरियल हाउस में रख देंगे।"

दिलीप घोष ने कहा, "संग्रहालय की वस्तुएं संग्रहालय में ही रहेंगी, सड़कों पर नहीं। हमारे बच्चे सुबह उठेंगे और देखेंगे कि विदेशियों के चेहरों का पीछा नहीं किया जाएगा।" वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीपी घोष ने पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ "चाय पर चर्चा" के दौरान यह विवादास्पद टिप्पणी की और कहा “इंडिया का नाम बदलकर भारत रखा जाएगा। जो लोग इसे पसंद नहीं कर रहे हैं वे देश छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।''

जनवरी 2024 में आएंगे बाइडेन, 'क्वाड' की बैठक हुई तो एक बार फिर सजेगा भारत का वैश्विक मंच

डेस्क: जी-20 में शामिल होकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बेशक वियतनाम के लिए रवाना हो गए हों, लेकिन अब भारत को उनके अगले साल दनवरी में आने का इंतजार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाइडेन को जनवरी 2024 में भारत आने का न्यौता दिया है। जो बाइडन ने सहृदयता के साथ इसे कुबूल कर लिया है। भारत की कोशिश है कि जनवरी 2024 में क्वाड के दो अन्य सदस्य देश जापान और आस्ट्रेलिया भी भारत आएं, जो बाइडन गणतंत्र दिवस के मेहमान बनें और भारत में गणतंत्र दिवस के आस-पास क्वॉड की बैठक हो। यह नई दिल्ली की एक बड़ी कूटनीतिक कोशिश है। चीन इस फोरम से को नापसंद करता आया है। वह इसे अपने विरुद्ध इन देशों की गोलबंदी मानता है।  

कूटनीतिक गलियारे में माना जाता है कि भारत और अमेरिका के रिश्ते पर चीन की नजर रहती है। चीन इसे अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वार की प्रतिद्वंदिता के रूप में देखता है। एशिया में चीन के बाद भारत के पास ही हर मोर्चे पर दूसरे नंबर की क्षमता है। हालांकि अमेरिका, चीन और भारत के रिश्ते में आपसी विश्वास का संकट भी है। विदेश मंत्रालय के कई पूर्व राजनयिक इस विश्वास के संकट की संभावना से इनकार नहीं करते। 

एक पूर्व विदेश सचिव कहते हैं कि इस समय अमेरिका और चीन का लक्ष्य अलग-अलग है। इसका असर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। दोनों बड़े देश अपनी-अपनी गोलबंदी में जुटे हैं। चीन की सऊदी अरब समेत कई देशों से करीबी बढ़ रही है। यह अमेरिका को पसंद नहीं आ रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की तरह ही चीन के भी बाजार और अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है। वहां बेरोजगारी और घरेलू समस्या बढ़ रही है। और इन सभी का एक बड़ा कारण अमेरिका और चीन की आपसी दूरी है। लेकिन यदि दोनों देशों में पहले की तरह आपसी रिश्ते फिर पटरी पर आ गए तो फिर भू-राजनैतिक परिस्थिति बदल जाएगी।

झमाझम बारिश के लिए रहें तैयार, अगले तीन-चार दिनों में जमकर होगी बारिश, जानें कहां-कहां

डेस्क: राजधानी दिल्ली में शनिवार से मौसम का बदला-बदला अंदाज दिख रहा है और रुक-रुककर हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। पिछले दिनों गर्मी और उमस से लोगों को काफी परेशानी हो रही थी, ऐसे में बारिश ने काफी राहत पहुंचाई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश और मध्य भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। देश में भव्य जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में रात भर और रविवार तड़के भारी बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को भी दिल्ली में हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है।

इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल

मौसम विभाग ने सोमवार तक पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की है। आईएमडी ने कहा कि मानसून ट्रफ वर्तमान में अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में है और जैसलमेर, कोटा, सीधी, जमशेदपुर, दीघा और फिर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से गुजर रही है। अगले 3-4 दिनों में पूरे पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी के सात दिवसीय साप्ताहिक पूर्वानुमान के अनुसार, हल्की बारिश के साथ, सोमवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 34 डिग्री सेल्सियस और 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। 

इसके अलावा, 12 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक ताजा चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो अधिक वर्षा लाएगा। परिणामस्वरूप, 12 सितंबर से ओडिशा और छत्तीसगढ़ में वर्षा गतिविधि बढ़ने की उम्मीद है। आईएमडी ने अगले कुछ दिनों में केरल, माहे, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए इसी तरह की बारिश की भविष्यवाणी जारी की है।

*PM मोदी ने वैश्विक निकायों में की सुधार की मांग, बोले- UNSC में विस्तार जरूरी; ब्राजील को सौंपी 2024 की अध्यक्षता

डेस्क: नई दिल्ली में G20 समिट के तीसरे सेशन का समापन हो गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी। समापन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'नयी वैश्विक संरचना' में दुनिया की 'नयी हकीकत' को प्रतिबिंबित करने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक निकायों में सुधार की मांग की। 

पीएम मोदी ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी तब 51 देशों को शामिल किया गया था, लेकिन तब दुनिया अलग थी। अब इस वैश्विक निकाय में सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 200 हो गई है। बावजूद इसके UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। उन्होंने कहा कि तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है। हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है। ये सच हमारे न्यू ग्लोबल स्ट्रक्चर में रिफ्लेक्ट होनी चाहिए।

"जो वक्त के साथ नहीं बदलते..."

निकायों में सुधार की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह प्रकृति का नियम है कि जो वक्त के साथ नहीं बदलते, वे अप्रासंगिक हो जाते हैं। हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते सालों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए और वो प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं। आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए सुधार करना आवश्यक है। 

इसी सोच के साथ हमने कल ही अफ्रीकन यूनियन को G20 का स्थाई सदस्य बनाने की ऐतिहासिक पहल की है। इसी तरह हमें Multilateral Development Banks (बहुपक्षीय विकास बैंक) के मैंडेट का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले तुरंत और असरदार होने चाहिए।

जी21 की अध्यक्षता करेगा ब्राजील

समापन भाषण में पीएम मोदी ने कहा, तेजी से बदलते विश्व में हमें परिवर्तन के साथ-साथ स्थिरता की भी उतनी ही जरूरत है। हम प्रण लें कि ग्रीन डेवल्पमेंट पैक्स, Action Plan on SDGs, भ्रष्टाचार के विरोध पर उच्च स्तरीय सिद्धांत, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और एमडीबी रिफॉर्म्स के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जाएंगे। 

पीएम मोदी ने समापन भाषण देने के बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को G20 की अध्यक्षता सौंप दी। अब अगले जी20 जिसे नए नाम जी21 दिया गया है, की मेजबानी ब्राजील करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को मैं हार्दिक शुभकामानएं देता हूं और उन्हें G-20 की अध्यक्षता सौंपता हूं।

*सरकारी जेनरल इंश्योरेंस कंपनियों की हिस्सेदारी पहली बार 33% से घटी, जानें कितना रहा प्रीमियम*

डेस्क: देश में सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों (general Insurance companies) का परफॉर्मेंस गिरा है। इसके चलते ऐसा पहली बार हुआ है जब इन सरकार कंपनियों की मार्केट हिस्सेदारी घटकर 32.5 प्रतिशत से कम रह गई है। जबकि इसके उलट, प्राइवेट सेक्टर की बड़ी नॉन लाइफ इंश्योरस कंपनियों ने पहले पांच महीने में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। जेनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीने में सरकारी जेनरल इंश्योरेंस कंपनियों की प्रीमियम से होने वाली इनकम में एक प्रतिशत की गिरावट आई है और यह घटकर 34,203 करोड़ रुपये रह गई है।

प्रीमियम इनकम में गिरावट

खबर के मुताबिक, प्रीमियम से इनकम में गिरावट से सरकारी जेनरल इंश्योरेंस कंपनियों की मार्केट हिस्सेदारी नीचे खिसक गई। पहले इनकी हिस्सेदारी 33.4 प्रतिशत थी। पिछले साल की समान अवधि में उनकी प्रीमियम इनकम 37,100 करोड़ रुपये थी। इसी तरह, हेल्थ सेगमेंट में सिंगल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी भी दहाई के अंक में आते हुए 10.4 प्रतिशत हो गई है, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 9.2 प्रतिशत थी।

सिंगल हेल्थ इंश्योरंस कंपनियों का परफॉर्मेंस बेहतर

वैसे कंपनियों के आंकड़े अभी सेगमेंट वाइज अभी जारी नहीं हुआ है लेकिन सिंगल हेल्थ इंश्योरंस कंपनियों का परफॉर्मेंस बेहतर हुआ है। जेनरल इंश्योरेंस काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेगमेंट वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 11.7 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1.14 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के समान समय में 1.02 लाख करोड़ रुपये था। 

भारत में हैं 26 जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां 

भारत में मौजूदा समय में 26 जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं, जिनमें से छह का स्वामित्व केंद्र सरकार के पास है। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों (public sector insurance companies) में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के साथ-साथ एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया और ईसीजीसी (एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन) जैसी स्पेशल कंपनियां हैं। इनके अलावा इंश्योरेंस इंडस्ट्री में पांच सिंगल हेल्थ इंश्योरंस कंपनियां- आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस, केयर हेल्थ इंश्योरेंस (पूर्व में रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस), मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस और स्टार हेल्थ एंड अलायड इंश्योरेंस हैं।

राजघाट होने के बाद वियतनाम रवाना हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, G20 के मंच से दे गए चीन को बड़ा सदमा

डेस्क: भारत में जी-20 के सफल आयोजन के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आज रविवार को राजघाट पर महात्मा गांधी के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वह वियतनाम की यात्रा के लिए रवाना हो गए। 

अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में भारत की अपनी पहली यात्रा के तहत बाइडेन दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे और उन्होंने उसी दिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। अपनी 50 मिनट से अधिक की बातचीत में मोदी और बाइडन ने द्विपक्षीय प्रमुख रक्षा साझेदारी को ‘‘और गहरा एवं विविध’’ बनाने का संकल्प लिया।

बाइडेन ने भारत द्वारा 31 ड्रोन की खरीद और जेट इंजन को मिलकर विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने का स्वागत किया। बाइडेन ने शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन के प्रमुख सत्रों में भी भाग लिया। इसके बाद वह वियतनाम के लिए रवाना हो गए।

 इससे पहले शनिवार को जो बाइडेन ने जी-20 के मंच से "इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर" का ऐलान करके चीन के वन रोड वन बेल्ट परियोजना (बीआरआइ) की हवा निकाल दी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर को दुनिया के 8 देश मिलकर बनाएंगे। यह भारत से इजरायल और यूरोप तक जाएगा। पीएम मोदी और जो बाइडेन के इस दांव से चीन के बाजार में भूचाल आ सकता है।

भारत के व्यापार को लगेंगे पंख

अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम मोदी की इस परियोजना के साकार होने के बाद मध्य एशिया से यूरोप तक भारत को व्यापार करना आसान हो जाएगा। साथ ही भारत-अमेरिका की साझेदारी नए मुकाम तक पहुंचेगी। बता दें कि इस ऐतिहासिक इकोनॉमिक कोरिडोर में भारत के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, सऊदी अरब, यूएई और यूरोपीय यूनियन शामिल होंगे। यह कोरिडोर भारत से जोर्डन और इजरायल तक जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि चीन ने इससे पहले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) की शुरुआत की थी। जिसका मकसद मिडिल ईस्ट के बाजार पर दबदबा कायम करना था। हालांकि चीन की यह परियोजना पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी। इस बीच भारत से यूरोप तक जाने वाले इन नए कोरिडोर के ऐलान से चीन को बड़ा सदमा लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियां इसे याद रखेंगी।

ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर ने खुद को किया दिवालिया घोषित, 114 नोटिस जारी, सभी जरूरी खर्चों पर रोक

डेस्क: विकसित देश की कैटेगरी वाले ब्रिटेन से एक हैरान करने वाली खबर आई है। वहां के दूसरे सबसे बड़े शहर बर्मिंघम ने खुद को दिवालिया घोषित कर लिया है. इस खबर से पूरे शहर में हड़कंप मच गया है। प्रशासन ने ऐसे हालात में 114 नोटिस जारी किए हैं और सभी जरूरी खर्चों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। ऐसा क्यों हुआ, इस पर लगातार चर्चा हो रही है। खबर के मुताबिक, एक समान वेतन का दावा इसके पीछे एक बड़ी वजह है. गार्डियन के हवाले से एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, नगर परिषद के पास वैसी महिला सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन दावों के लिए 760 मिलियन पाउंड ($955 मिलियन) का पेमेंट करने के लिए पर्याप्त धन नहीं है, जिन्हें पहले पुरुषों के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।

87 मिलियन पाउंड का हो सकता है घाटा

खबर के मुताबिक,बीते जून में, नगर परिषद ने यह बताया कि उसने महिला श्रमिकों को 1.1 बिलियन पाउंड का पेमेंट किया था, लेकिन अभी भी 650-750 मिलियन पाउंड की मौजूदा देनदारी थी, जो हर महीने 5 मिलियन पाउंड से 14 मिलियन पाउंड की दर से जमा हो रही थी। लेटेस्ट आंकड़े बताते हैं कि बर्मिंघम को अब वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 87 मिलियन पाउंड का घाटा हो सकता है। समान वेतन के भार को कम या खत्म करने के लिए फिलहाल कोई साधन नहीं आ रहा है। प्रशासन की तरफ से जारी नोटिस का मतलब है कि कमजोर लोगों और वैधानिक सेवाओं की सुरक्षा के अलावा सभी नए खर्च तुरंत बंद होने चाहिए।

पुरुषों के समान लाभ और पेमेंट करने में विफल रहा प्रशासन 

बर्मिंघम के दिवालियेपन के पीछे कई साल लग गए थे। बीबीसी का कहना है कि, ये दावे 2012 के हैं, जब 170 महिलाओं के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में परिषद के खिलाफ समान वेतन के दावे के साथ आगे बढ़ने का अधिकार जीता था। दावा किया कि परिषद उन्हें समान कार्य करने वाले पुरुषों के समान लाभ और पेमेंट करने में विफल रही। महिलाओं के इस ग्रुप में टीचिंग असिस्टेंट, सफाईकर्मी और खानपान कर्मचारी शामिल थे। बताया जा रहा है कि परिषद ने अपनी वित्तीय परेशानियों के लिए ओरेकल द्वारा नए क्लाउड-आधारित आईटी सिस्टम के खर्च और सरकारों द्वारा सालों की फंडिंग में कटौती भी बड़ी वजह है।

आईटी सिस्टम की लागत लगातार बढ़ना भी कारण

रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी सिस्टम की लागत 19 मिलियन पाउंड होनी थी, लेकिन इसे सेट अप करने में तीन साल और लग गए. स्थापित होने के बाद समस्याओं के चलते अब इसकी लागत बढ़कर 100 मिलियन पाउंड होने की उम्मीद है। अन्य कारणों में महंगाई, सामाजिक देखभाल की बढ़ती मांग, इसके अलावा, मुद्रास्फीति, वयस्क सामाजिक देखभाल की बढ़ती मांग और बिजनेस टैक्स इनकम में भारी कटौती भी प्रमुख हैं.

भयंकर तूफान का सामना कर रही स्थानीय सरकार

 

Birmingham काउंसिल के उपनेता शेरोन थॉम्पसन का कहना है कि स्थानीय सरकार भयंकर तूफान का सामना कर रही है। सरकार ने मुद्रास्फीति को देखते हुए पहले ही परिषद के लिए उसके बजट का लगभग 10 प्रतिशत अतिरिक्त धन मुहैया करा दिया था, लेकिन, यह स्थानीय रूप से निर्वाचित परिषदों के लिए है कि वे अपने स्वयं के बजट का प्रबंधन करें। बर्मिंघम सिटी काउंसिल के एक पूर्व सलाहकार ने बताया कि राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी बर्मिंघम के दिवालियापन के कारणों में से एक थी।