मनमोहन सिंह ने की मोदी सरकार की तारीफ, जानें किस क़दम को सही ठहराया?
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक व्यवस्था में मची उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तमाम दबावों के बावजूद भारत के हितों को ऊपर रखते हुए बिल्कुल सटीक रणनीति पर कदम बढ़ाया। अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के रुख़ को सही ठहराया है।उन्होंने कहा कि भारत ने शांति की अपील करते हुए अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखकर सही काम किया है।मनमोहन सिंह ने जी-20 बैठक से पहले एक इंटरव्यू के दौरान यह बात कही।
जी20 सम्मेलन से पहले द इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका और चीन के साथ सीमा विवाद पर बात की। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर मनमोहन सिंह ने कहा कि जब दो या उससे ज्यादा देशों के बीच तनाव होता है तो दूसरे देशों पर कोई एक साइड चुनने का दबाव बन जाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि शांति की अपील कर भारत ने बेहतर तरीके से अपने संप्रभु और आर्थिक हितों को प्रथम स्थान देकर सही काम किया है।'
मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष और चीन एवं पश्चिमी देशों के बीच तनाव के कारण विश्व व्यवस्था में बहुत बदलाव आ चुका है। इस नई व्यवस्था के संचालन में भारत ने अहम रोल निभाया है और आज वैश्विक तौर पर भी भारत की साख बढ़ी है।
जी20 की अध्यक्षता मिलने पर जताई खुशी
मनमोहन सिंह ने भारत की अध्यक्षता में जी20 के शिखर सम्मेलन को लेकर दिल छू लेने वाली बात कही। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि भारत के जिम्मे जी20 की अध्यक्षता का मौका मेरे जीवनकाल में आया और मैं भारत को जी20 शिखर सम्मेलन के लिए आ रहे विश्व नेताओं की मेजबानी करते हुए देख रहा हूं।'
तारीफ के साथ इस बात के लिए चेताया
जी-20 सम्मेलन दिल्ली में शुरू होने से एक दिन पहले मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की तारीफ की, हालांकि कुछ बातों के लिए चेताया भी। उन्होंने कहा ''मैं भारत के भविष्य को लेकर चिंता से ज़्यादा आशावादी हूँ। मगर ये आशावाद भारत के सौहार्दपूर्ण समाज बनने पर निर्भर करता है।'' उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी नीति का घरेलू राजनीति पर असर होता है, लेकिन यह संतुलित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कूटनीति और विदेश नीति का उपयोग दलगत या व्यक्तिगत राजनीति के लिए नहीं किया जाए।
नई वैश्विक व्यवस्था में भारत के लिए क्या कहा
वैश्विक मंच और नई वैश्विक व्यवस्था में भारत कहां खड़ा है? इस सवाल के जवाब में मनमोहन सिंह द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ''अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अब काफ़ी अलग है। ख़ासकर रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के साथ चीन की जियो पॉलिटिकल टकराव के बाद। इस नई व्यवस्था को संचालित करने में भारत की अहम भूमिका है। आज़ादी के बाद से एक बड़े लोकतांत्रिक, संवैधानिक मूल्यों वाले शांतिपूर्ण देश बनने और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश होने के नाते दुनियाभर में भारत को सम्मान से देखा जाता है।''मनमोहन सिंह बोले, ''2005 से 2015 के दशक में जीडीपी के रूप में भारत का विदेशी व्यापार दोगुना हो गया था। इससे देश को फ़ायदा हुआ और करोड़ों लोग ग़रीबी से बाहर निकल पाए. इसका मतलब ये भी हुआ कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ी हुई है।
चीन सीमा विवाद पर जरूरी कदम उठाएंगे पीएम मोदी-मनमोहन सिंह
भारत-चीन मुद्दे पर भी मनमोहन सिंह ने बात की और कहा कि यह दुख की बात है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी20 सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'चीन के साथ रिश्तों में सुधार के लिए प्रधानमंत्री मोदी को क्या करना चाहिए, इस पर मेरा बोलना ठीक नहीं है। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी इसके लिए जरूरी कदम अवश्य उठाएंगे।
Sep 08 2023, 14:02