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दुनिया हमें इंडिया नाम से जानती है..', देश का नाम 'भारत' करने की चर्चा पर सीएम ममता बनर्जी ने दिया बयान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने मंगलवार को सवाल किया कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि देश को केवल भारत कहा जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि, इंडिया ही भारत है। 'भारत के राष्ट्रपति' के नाम पर जी20 के रात्रिभोज के निमंत्रण पर विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया इस देश को इंडिया के नाम से ही जानती है।

ममता ने आगे कहा कि, "मैंने सुना है कि INDIA नाम बदला जा रहा है। जी20 का जो निमंत्रण माननीय राष्ट्रपति के नाम से गया था, उस पर भारत लिखा है। हम देश को भारत कहते हैं, इसमें नया क्या है? अंग्रेजी में हम इंडिया कहते हैं, कुछ भी नया करने को नहीं है। दुनिया हमें इंडिया के नाम से ही जानती है। अचानक ऐसा क्या हुआ कि देश का नाम बदलना पड़ गया?" उन्होंने कहा, "देश में इतिहास दोबारा लिखा जा रहा है।"

इसके साथ ही सीएम बनर्जी ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर भी हमला किया और आरोप लगाया कि वह राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, "राज्यपाल की कार्रवाई राज्य प्रशासन को पंगु बनाने का एक प्रयास है। वह वित्त विधेयकों को रोक नहीं सकते।" उन्होंने कहा, "अगर जरूरत पड़ी तो मैं राजभवन के बाहर धरने पर बैठूंगी।" मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य में स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप करना जारी रखेंगे तो हम फंड रोक देंगे।"

भारत में 30 लाख डॉलर निवेश करेगा Amazon, डिटेल में जानिए क्या है ई-कॉमर्स कंपनी का प्लान ?


 ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेज़न ने पूरे भारत में प्रकृति-आधारित परियोजनाओं में 3 मिलियन डॉलर (लगभग 25 करोड़ रुपए) के शुरुआती निवेश की घोषणा की है। यह प्रतिबद्धता एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में प्रकृति-आधारित पहलों के लिए नामित अमेज़न के 15 मिलियन डॉलर के फंड का हिस्सा है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि, 'फंड के APAC आवंटन से पहला $3 मिलियन भारत में प्रकृति-आधारित परियोजनाओं का समर्थन करेगा। अपने पहले प्रोजेक्ट के लिए, अमेज़ॅन पश्चिमी घाट में समुदायों और संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने के लिए सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज (CWS) के साथ काम करेगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी सहित जंगली एशियाई हाथियों और बाघों समेत भारत की सभी वन्यजीव प्रजातियों के 30 प्रतिशत से अधिक का घर है।  

इस प्रयास के हिस्से के रूप में, अमेज़ॅन "वाइल्ड कार्बन" कार्यक्रम शुरू करने में CWS की सहायता के लिए 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 10,000 किसानों को दस लाख फलदार, इमारती लकड़ी और औषधीय पेड़ लगाने और उनका पालन-पोषण करने में सहायता करना है। सस्टेनेबिलिटी के लिए अमेज़ॅन के ग्लोबल वीपी कारा हर्स्ट ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जैव विविधता के नुकसान और भूमि क्षरण से बचाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर और स्थानीय कार्यों में निवेश करने के लिए अमेज़ॅन की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

हर्स्ट ने कहा, "क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए, हमें बड़े पैमाने पर और स्थानीय कार्रवाई दोनों की आवश्यकता होगी - और हम दोनों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" बता दें कि, प्रकृति-आधारित परियोजनाओं के लिए $15 मिलियन का आवंटन 2019 में स्थापित अमेज़ॅन के $100 मिलियन राइट नाउ क्लाइमेट फंड से लिया गया है। यह फंड उन पहलों का समर्थन करने के लिए समर्पित है, जो जलवायु लचीलापन बढ़ाते हैं, जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं, और उन समुदायों में सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करते हैं जहां अमेज़ॅन संचालित होता है। 

CWS की कार्यकारी निदेशक कृति कारंथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेज़ॅन का समर्थन एक आत्मनिर्भर कार्यक्रम के निर्माण को सक्षम बनाता है। किसानों को उन पेड़ों की किस्मों का चयन करने के लिए अग्रिम सहायता मिलेगी जो उनकी आजीविका और स्थानीय वन्य जीवन को लाभ पहुंचाते हैं। उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन, कृषि वानिकी प्रशिक्षण और असफल पौधों को दोबारा लगाने के लिए सहायता भी प्राप्त होगी। अमेज़ॅन पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने 2019 में द क्लाइमेट प्लेज की सह-स्थापना की थी, जिसमें पेरिस समझौते के लक्ष्य से एक दशक पहले, 2040 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का वादा किया गया था।

इस प्रतिज्ञा पर अब विभिन्न उद्योगों और देशों में 400 से अधिक हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें नौ भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। 2022 में, अमेज़ॅन ने अपने शुरुआती 2030 लक्ष्य से पांच साल पहले, 2025 तक अपने वैश्विक परिचालन को 100% नवीकरणीय ऊर्जा के साथ सशक्त बनाने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, भारत में छह उपयोगिता-स्तरीय परियोजनाएं शुरू कीं। इन परियोजनाओं में पवन-सौर हाइब्रिड और सौर फार्म शामिल हैं, जिनकी संयुक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 920 मेगावाट है। अमेज़ॅन इंडिया ने अपनी स्थिरता पहल का समर्थन करते हुए 2025 तक अपने डिलीवरी बेड़े में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहन तैनात करने की भी प्रतिबद्धता जताई है।

भारत में 30 लाख डॉलर निवेश करेगा Amazon, डिटेल में जानिए क्या है ई-कॉमर्स कंपनी का प्लान ?

 ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेज़न ने पूरे भारत में प्रकृति-आधारित परियोजनाओं में 3 मिलियन डॉलर (लगभग 25 करोड़ रुपए) के शुरुआती निवेश की घोषणा की है। यह प्रतिबद्धता एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में प्रकृति-आधारित पहलों के लिए नामित अमेज़न के 15 मिलियन डॉलर के फंड का हिस्सा है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि, 'फंड के APAC आवंटन से पहला $3 मिलियन भारत में प्रकृति-आधारित परियोजनाओं का समर्थन करेगा। अपने पहले प्रोजेक्ट के लिए, अमेज़ॅन पश्चिमी घाट में समुदायों और संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने के लिए सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज (CWS) के साथ काम करेगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी सहित जंगली एशियाई हाथियों और बाघों समेत भारत की सभी वन्यजीव प्रजातियों के 30 प्रतिशत से अधिक का घर है।  

इस प्रयास के हिस्से के रूप में, अमेज़ॅन "वाइल्ड कार्बन" कार्यक्रम शुरू करने में CWS की सहायता के लिए 1 मिलियन डॉलर का योगदान देगा। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 10,000 किसानों को दस लाख फलदार, इमारती लकड़ी और औषधीय पेड़ लगाने और उनका पालन-पोषण करने में सहायता करना है। सस्टेनेबिलिटी के लिए अमेज़ॅन के ग्लोबल वीपी कारा हर्स्ट ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जैव विविधता के नुकसान और भूमि क्षरण से बचाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर और स्थानीय कार्यों में निवेश करने के लिए अमेज़ॅन की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

हर्स्ट ने कहा, "क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए, हमें बड़े पैमाने पर और स्थानीय कार्रवाई दोनों की आवश्यकता होगी - और हम दोनों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" बता दें कि, प्रकृति-आधारित परियोजनाओं के लिए $15 मिलियन का आवंटन 2019 में स्थापित अमेज़ॅन के $100 मिलियन राइट नाउ क्लाइमेट फंड से लिया गया है। यह फंड उन पहलों का समर्थन करने के लिए समर्पित है, जो जलवायु लचीलापन बढ़ाते हैं, जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं, और उन समुदायों में सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करते हैं जहां अमेज़ॅन संचालित होता है। 

CWS की कार्यकारी निदेशक कृति कारंथ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेज़ॅन का समर्थन एक आत्मनिर्भर कार्यक्रम के निर्माण को सक्षम बनाता है। किसानों को उन पेड़ों की किस्मों का चयन करने के लिए अग्रिम सहायता मिलेगी जो उनकी आजीविका और स्थानीय वन्य जीवन को लाभ पहुंचाते हैं। उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन, कृषि वानिकी प्रशिक्षण और असफल पौधों को दोबारा लगाने के लिए सहायता भी प्राप्त होगी। अमेज़ॅन पर्यावरणीय स्थिरता और जलवायु कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने 2019 में द क्लाइमेट प्लेज की सह-स्थापना की थी, जिसमें पेरिस समझौते के लक्ष्य से एक दशक पहले, 2040 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का वादा किया गया था।

इस प्रतिज्ञा पर अब विभिन्न उद्योगों और देशों में 400 से अधिक हस्ताक्षरकर्ता हैं, जिनमें नौ भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। 2022 में, अमेज़ॅन ने अपने शुरुआती 2030 लक्ष्य से पांच साल पहले, 2025 तक अपने वैश्विक परिचालन को 100% नवीकरणीय ऊर्जा के साथ सशक्त बनाने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, भारत में छह उपयोगिता-स्तरीय परियोजनाएं शुरू कीं। इन परियोजनाओं में पवन-सौर हाइब्रिड और सौर फार्म शामिल हैं, जिनकी संयुक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 920 मेगावाट है। अमेज़ॅन इंडिया ने अपनी स्थिरता पहल का समर्थन करते हुए 2025 तक अपने डिलीवरी बेड़े में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहन तैनात करने की भी प्रतिबद्धता जताई है।

वीरेन्द्र सहवाग ने भी कि “इंडिया” की जगह “भारत” लिखने की वकालत, जाने बीसीसीआई से की क्या मांग?

#sehwagdemandedtowritebharatonjerseyofindian_team

भारत बनाम इंडिया विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 18 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक मोदी सरकार द्वारा बुलाए जा रहे संसद के विशेष सत्र में हमारे देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखने वाला संविधान संशोधन लाया जाएगा, यानी ‘India’ को हटा दिया जाएगा। एक तरफ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी से लेकर तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं इस विवाद में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग लकी भी एंट्री हो गई है।वीरेंदर सहवाग ने बीसीसीआई से टीम इंडिया की जर्सी पर ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ लिखने की मांग की है।यही नहीं सहवाग ने कहा कि इंडिया नाम अंग्रेजों का दिया हुआ है।

सहवाग ने एक्स पर लिखा, ''मेरा हमेशा से मानना रहा है कि नाम ऐसा होना चाहिए जो हममें गर्व पैदा करे। हम भारतीय हैं, इंडिया अंग्रेजों द्वारा दिया गया एक नाम है और हमारे मूल नाम 'भारत' को आधिकारिक तौर पर वापस पाने में बहुत समय लग गया है। मैं बीसीसीआई और जय शाह से आग्रह करता हूं कि वह सुनिश्चित करें कि इस विश्व कप में हमारे खिलाड़ियों के सीने पर भारत हो।''

सहवाग ने दिए कई उदाहरण

एक अन्य ट्वीट में, सहवाग ने बताया कि कैसे नीदरलैंड ने 1996 वनडे वर्ल्ड कप के लिए अपने आधिकारिक नाम के रूप में ‘हॉलैंड’ का इस्तेमाल किया था और बर्मा ने भी वापस अपना नाम म्यांमार कर दिया था। उन्होंने लिखा, “1996 के वर्ल्ड कप में, नीदरलैंड भारत में वर्ल्ड कप में हॉलैंड के रूप में खेलने आया था। 2003 में जब हम उनसे मिले, तब वे नीदरलैंड थे और अब भी वही हैं। बर्मा ने अंग्रेजों द्वारा दिया गया नाम वापस बदलकर म्यांमार कर दिया है। और कई अन्य लोग अपने मूल नाम पर वापस चले गए हैं।

अमिताभ ने भी किया “भारत” का समर्थन

इसी तरह अमिताभ बच्चन ने भी अपनी ‘T 4759’ नामक ट्वीट में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा वाला इमोजी लगाया और लिखा, “भारत माता की जय।” इससे ये अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि अमिताभ बच्चन भी देश का नाम सिर्फ ‘भारत’ रखे जाने और ‘India’ हटाए जाने से खुश हैं।

दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी, 123 साल में दूसरा सबसे गर्म दिन रहा सोमवार, सितंबर में भी पारा 40 के पार*

#4septemberwassecondmosthottestdayindelhi

इस साल बारिश का रूख बेरूखी भरा रहा। भले ही जुलाई में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश ने तबाही मचाई, लेकिन देश का अधिकांश हिस्सा शुष्क रहा। अब सितंबर शुरू हो चुका है, लेकिन गर्मी है कि अब भी जाने का नाम नहीं ले रही है।देश की राजधानी दिल्ली में सितंबर माह में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को दिल्ली में रिकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई है। सोमवार को पारा 40.1 डिग्री पहुंच गया। सोमवार को सितंबर माह में 123 वर्ष में दूसरी बार सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। 

सामान्य से 6 डिग्री अधिक तापमान

सोमवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री रहा। यह सामान्य से 6 डिग्री अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री रहा। यह सामान्य से एक डिग्री अधिक है। हवा में नमी का स्तर 39 से 86 प्रतिशत रहा। अगस्त में भी किसी दिन पारा 40 डिग्री नहीं पहुंचा। 

रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी की वजह

रिकॉर्ड तोड़ रही इस गर्मी की वजह बारिश न होना और वेस्टर्न डिस्टरबेंस से पहले हवाओं में हुए बदलाव को माना जा रहा है। इस वजह से राजधानी में गर्मी बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को तापमान दो से तीन डिग्री कम होने की संभावना है। शाम को बूंदाबांदी का अनुमान भी है। इसके बाद 6 सितंबर से तापमान 35 डिग्री तक रह सकता है।

*उदयनिधि स्टालिन को आचार्य परमहंस की धमकी पर भड़के प्रियंक खड़गे, कहा-आपमें और कट्टरपंथियों में क्या अंतर*

#priyankkhargereactiononayodhyaseerparamhansacharyadeath_threat

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की ओर से सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान पर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ बीजेपी नेताओं की तरफ से उदयनिधि के बयान पर बीजेपी हमलावर है, वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के संत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने उदयनिधि का सिर कलम कर लाने पर इनाम की घोषणा की है।संत परमहंस आचार्य ने उदयनिधि स्टालिन का सिर कलम करने पर 10 करोड़ रुपये का इनाम देने का एलान किया है। इसपर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने आपत्ति जाहिर की है।

अयोध्या के संत परमहंस आचार्य की जान से मारने वाली धमकी के बाद कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने कहा कि अगर ऐसे किसी को जान से मारने की धमकी देते रहेंगे, तो उनमें और दूसरे कट्टरपंथियों में क्या फर्क रह जाएगा।

प्रियांक खरगे ने कहा कि भारत की यही खूबसूरती है कि यहां हर किसी को हर मुद्दे पर बोलने की आजादी है। लेकिन फिर भी लोगों की भावनाओं को देखना चाहिए। अगर आप जान से मारने की धमकी देने जा रहे हैं या कुछ भी कहने वाले पर 10 करोड़ रुपये का इनाम रखेंगे तो आपमें और अन्य कट्टरपंथियों में क्या अंतर है? उन्होंने कहा कि मैं बस यही कहना चाहता हूं कि क्या उनका धर्म दया और समानता नहीं सिखाता।

डेंगू और मलेरिया से की थी सनातन धर्म की तुलना

उदयनिधि ने एक सभा के दौरान सनातन धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी। उन्होंने कहा था, कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाता है। सनातन धर्म भी ऐसा ही है, जिसका विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि उसे जड़ से खत्म करना चाहिए।

क्या कहा था उदयनिधि ने

उदयनिधि के सनातन धर्म वाले बयान के बाद से ही वह विवादों में घिरे हुए हैं। भाजपा, हिन्दू संगठन और साधु-संतों ने उनके बयान का कड़ा विरोध किया है। इसी बीच, अयोध्या में तपस्वी छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी परमहंस आचार्य ने सोमवार को कहा जो कोई भी स्टालिन का सिर कलम करके, मुझे लाकर देगा, मैं उसे 10 करोड़ रुपये का इनाम दूंगा। अगर किसी में स्टालिन को मारने की हिम्मत नहीं है तो मैं खुद उसे ढूंढकर उसे मार डालूंगा।

वर्ल्ड कप 2023 के लिए भारतीय टीम का ऐलान, इन 15 खिलाड़ियों पर होगी भारत को विश्व विजेता बनाने जिम्मेदारी

#indiaworldcup2023teamsquadannouncement

वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया है।रोहित शर्मा की कप्तानी में 15 खिलाड़ियों के नामों का ऐलान बीसीसीआई की सेलेक्शन कमेटी ने कर दिया है। हार्दिक पांड्या टीम इंडिया के उपकप्तान होंगे। बड़ी बात ये है कि संजू सैमसन, प्रसिद्ध कृष्णा, तिलक वर्मा को वर्ल्ड कप स्क्वाड से बाहर रखा गया है। ये तीनों खिलाड़ी एशिया कप कप खेल रही टीम इंडिया में शामिल थे। संजू सैमसन एशिया कप में बैकअप प्लेयर के तौर पर चुने गए थे। इन तीन खिलाड़ियों के अलावा वनडे वर्ल्ड कप की टीम से युजवेंद्र चहल को भी बाहर रखा गया है।

विश्व कप 2023 के लिए भारतीय क्रिकेट टीम

रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक पांड्या (उप-कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, अक्षर पटेल, ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव।

रोहित शर्मा और शुभमन गिल सलामी बल्लेबाज

विश्व कप के लिए टीम इंडिया में सलामी बल्लेबाज के तौर पर रोहित शर्मा और शुभमन गिल को फिर से टीम इंडिया में जगह दी गई है। साथ ही ईशान किशन और केएल राहुल भी हैं, जो वैसे तो मध्यक्रम में बल्लेबाजी करेंगे, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो ये दोनों बल्लेबाज ओपनिंग की जिम्मेदारी भी निभा सकते हैं। इसके बाद अगर मिडल आर्डर की बात की जाए तो पूर्व कप्तान विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, केएल राहुल और ईशान किशन को टीम में जगह दी गई है। 

ऑलराउंडर के तौर पर पांड्या, जडेजा और अक्षर पटेल को जगह

बीसीसीआई की सेलेक्शन कमेटी ने इस बात का खास ख्याल रखा है कि टीम में अच्छे ऑलराउंडर्स हों, इसलिए हरफनमौला के रूप में हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और शार्दुल ठाकुर को जगह दी गई है। यानी दो स्पिनर्स और दो पेसर टीम में हो गए हैं। हार्दिक पांड्या को ही टीम में उपकप्तान की भी जिम्मेदारी दी गई है, जो वे पहले से ही निभाते आ रहे हैं

28 सितंबर तक हो सकता है बदलाव

टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने टीम की घोषणा करने के बाद बताया कि ये उनकी फाइनल टीम है, जिसमें बदलाव की गुंजाइश कम है जब तक कि कोई इंजरी ना हो.बता दें कि सभी देशों के लिए आईसीसी को अपनी वर्ल्ड कप टीम भेजने की डेडलाइन 5 सितंबर थी। वहीं टीम में बदलाव आईसीसी के परमिशन से 28 सितंबर तक किया जा सकता है।

5 अक्टूबर से हो रहा वर्ल्ड कप का आगाज

वनडे वर्ल्ड कप का आगाज 5 अक्टूबर से हो रहा है, जिसमें भारत अपने अभियान का आगाज 8 अक्टूबर को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करेगा। इसके बाद टीम इंडिया दूसरा मैच दिल्ली में 11 अक्टूबर को अफगानिस्तान से खेलेगी। 14 अक्टूबर को अहमदाबाद के मैदान पर भारत-पाकिस्तान आमने सामने होंगे। पाकिस्तान से खेलने के बाद भारत 19 अक्टूबर को पुणे में बांग्लादेश का मुकाबला करेगा। टीम इंडिया, न्यूजीलैंड की चुनौती का सामना 22 अक्टूबर को धर्मशाला में करेगी। जबकि, 29 अक्टूबर को लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ खेलेगा भारत। इसके बाद 2 नवंबर को मुंबई में टीम इंडिया का मैच है। 5 नवंबर को वो कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर साउथ अफ्रीका का सामना करेगा और फिर 11 नवंबर को अपने आखिरी लीग मैच वो बेंगलुरू में खेलती दिखेगी।

जी-20 के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र को लेकर कांग्रेस का बड़ा दावा, प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया

#rameshclaimsrashtrapatibhawansentinviteforg20-dinnerwithnameofpresidentofbharat

दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर के बीच जी-20 बैठक होने जा रही है। इस बीच, के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले रात्रि भोज के निमंत्रण पत्र को लेकर विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया है कि जी-20 सम्मेलन के सम्मान में जो डिनर आयोजित किया गया है, उसके निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।जयराम रमेश का दावा है कि इसमें इंडिया शब्द को हटाया गया और प्रेसिडेंट ऑफ भारत का इस्तेमाल किया गया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि तो ये खबर वाकई में सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को होने वाले जी-20 डिनर के लिए जो न्योता भेजा है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। अगर संविधान के आर्टिकल 1 को पढ़ें तो उसमें लिखा है कि भारत जो कि इंडिया है एक राज्यों का समूह होगा। कांग्रेस नेता ने लिखा कि अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है।

असम के सीएम ने भी किया ट्वीट

जिस समय जयराम रमेश ने ये बड़ा दावा किया, उसी समय असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने भी ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में रिपब्लिक ऑफ भारत लिखा है और कहा है कि हमारी सभ्यता पूरी मजबूती से अमृत काल की ओर बढ़ रही है।

नड्डा ने भी साधा निशाना

इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर इस मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस को देश के सम्मान एवं गौरव से जुड़े हर विषय से इतनी आपत्ति क्यों है? भारत जोड़ो के नाम पर राजनीतिक यात्रा करने वालों को भारत माता की जय के उद्घोष से नफरत क्यों है? स्पष्ट है कि कांग्रेस के मन में न देश के प्रति सम्मान है, न देश के संविधान के प्रति और न ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति। उसे तो बस एक विशेष परिवार के गुणगान से मतलब है। कांग्रेस की देश विरोधी एवं संविधान विरोधी मंशा को पूरा देश भलीभांति जानता है।'

विपक्षी गठबंधन के नाम के ऐलान के बाद से ही 'इंडिया' चर्चा में

दरअसल, मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया है जिसका नाम 'I.N.D.I.A' है। विपक्षी गठबंधन के नाम के ऐलान के बाद से ही 'इंडिया' शब्द चर्चा में है।केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस दौरान सरकार कई खास बिल संसद में पेश कर सकती है। न्यूज एंजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों से कहा है कि भारत के संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाना भी मोदी सरकार के एजेंडे में शामिल हो सकता है।

इंडिया की जगह भारत कहने की अपील

बता दें कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमारे देश का नाम काफी पहले से ही भारत है, ऐसे में इसे इंडिया नहीं कहा जाना चाहिए।वहीं, बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने मंगलवार को कहा, पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। अंग्रेजों ने इंडिया शब्द को एक गाली के तौर पर हमारे लिए इस्तेमाल किया, जबकि भारत शब्द हमारी संस्कृति का प्रतीक है। मैं चाहता हूं कि संविधान में बदलाव होना चाहिए और भारत शब्द को इसमें जोड़ना चाहिए।

वनडे वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का आज हो सकता है ऐलान, कुछ खिलाड़ियों को मिल सकता है सरप्राइज

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वनडे वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का आज ऐलान होगा।दोपहर 1:30 बजे टीम का एलान हो सकता है। बीसीसीआई के पदाधिकारी टीम का एलान करेंगे। मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर इस दौरान नजर आ सकते हैं।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एशिया कप 2023 में भारत-पाकिस्तान मैच के बाद कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के बीच बैठक हुई थी। इसी बैठक में टीम तय हो गई थी। अब टीम में चुने गए खिलाड़ियों के नाम का आधिकारिक एलान होगा।

टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर ने उसी रोज इस बात को क्लियर कर दिया था कि वनडे वर्ल्ड कप के लिए भारत की टीम का ऐलान 5 सितंबर को करेंगे। उन्होंने 21 अगस्त को एशिया कप के लिए टीम चुनने के बाद किए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वो एशिया कप में 2 सितंबर को पाकिस्तान और 4 सितंबर को नेपाल से खेलने के बाद वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की घोषणा करेंगे।

वनडे वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय टीम चुनी जाएगी, जिसकी कमान निश्चित तौर पर रोहित शर्मा के हाथ होगी। उन 15 खिलाड़ियों में कप्तान के अलावा बाकी 14 खिलाड़ी कौन-कौन होंगे, उसकी भी तस्वीर लगभग साफ है। यानी, वर्ल्ड चैंपियन बनाने की मुहिम में उतरने वाले वो स्पेशल 15 कौन होंगे, इस पर से तो पर्दा आज पूरी तरह से उठ ही जाएगा।

एशिया कप टीम के ये खिलाड़ी हो सकते हैं बाहर

एशिया कप के शुरुआती दो मैचों में नहीं खेल पाने वाले केएल राहुल का विश्व कप के लिए चुना जाना तय है। बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने उन्हें हरी झंडी दे दी है। एशिया कप के लिए चुने गए विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन, तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा और युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा को निराशा हाथ लग सकती है। तीनों को विश्व कप टीम में नहीं रखे जाने की संभावना है।

टीम चयन पर क्या बोले रोहित शर्मा?

एशिया कप में सोमवार रात नेपाल के खिलाफ मैच के बाद रोहित शर्मा से विश्व कप की टीम को लेकर सवाल पूछे गए। कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने टीम को लेकर पूछा तो भारतीय कप्तान ने कहा, 'जब हम एशिया कप के लिए खेलने आए थे तब हमें पता था कि विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय टीम में कौन-कौन होगा। हमें यह पता था कि एशिया कप के दो मैचों से सब कुछ साफ नहीं हो जाएगा क्योंकि टीम चयन से पहले हमें दो मैच ही खेलने थे।

ऐसी होगी टीम

भारत की वनडे वर्ल्ड कप टीम 4 ऑलराउंडर, 3 तेज गेंदबाज, 1 स्पेशलिस्ट स्पिनर और 2 विकेटकीपर बल्लेबाज और 5 स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों से सजी हो सकती है। भारतीय टीम के 15 खिलाड़ियों के नामों का एलान होने के बाद इसमें 28 सितंबर तक सीधे बदलाव करने का मौका होगा, लेकिन इसके बाद टीम में किसी भी बदलाव के लिए आईसीसी की मंजूरी लेना जरूरी होगा।

जी20 की बैठक में विश्वबैंक और आईएमएफ में सुधारों पर हो सकता है फोकस, ये एजेंडे भी होंगे अहम

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जी-20 की 18वीं समिट इस साल 9 और 10 सितंबर को होने जा रही है। इस साल भारत पहली बार जी-20 की मेजबानी करने जा रहा है। इसके लिए काफी जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। जी 20 समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रा, चीन के प्रीमियर ली कियांग समेत 20 से ज्यादा देशों के वर्ल्ड लीडर्स पहुंच रहे हैं। हालांकि सम्मेलन में पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन और फिर बाद में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं हो रहे हैं। इसको लेकर कई लोग सवाल भी उठा रहे हैं। जिसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में कौन शामिल हो रहा है और कौन नहीं, इसके बजाय ज्वलंत मुद्दों पर सदस्य देशों की ओर से अपनाई गई स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।ऐसे में सवाल ये है कि दिल्ली में हो रहे जी 20 शिखर सम्मेलन में किन अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।

जी20 देशों सम्मेलन में इस बार जलवायु परिवर्तन के साथ वैश्विक फाइनेंशियल बॉडीज जैसे कि विश्वबैंक और अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में सुधार पर चर्चा होगी। साथ ही भारत भी अपनी तरफ से कुछ मुद्दों आगे बढ़ाने वाला है। ये 5 मुद्दे जी20 की बैठक का अहम एजेंडा हैं।

वर्ल्डबैंक-आईएमएफ में सुधार का मुद्दा

जी20 शिखर सम्मेलन में इस बार मल्टीलैटरल डेवलपमेंट बैंक जैसे कि वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ में व्यापक सुधार करने पर चर्चा होगी. भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान इस एजेंडा को पुश कर रहा है. इसकी वजह ये संस्थान करीब 80 साल पहले दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बने थे. तब से अब तक दुनिया में कई बदलाव हो चुके है, वर्ल्ड ऑर्डर में बदलाव आ चुका है, इसलिए इन संस्थानों को आज के भूराजनैतिक माहौल के हिसाब से मजबूत बनाने की जरूरत है.इसी के साथ यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक, अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, यूरोपियन बैंक फॉर री-कंस्ट्रक्शन, इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक, और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक में भी बदलाव होने हैं।

जलवायु परिवर्तन पर चर्चा

जी20 देशों की टेबल पर इस बार भी जलवायु परिवर्तन की समस्या का एजेंडा होगा। इस मामले में अच्छी खासी फंडिंग और रीयल एक्शन की जरूरत है। जी20 देशों की कोशिश होगी कि ‘सस्टेनबल डेवलपमेंट गोल्स 2030’ को पूरा करने पर जोर दिया जाए। एक अनुमान के मुताबिक इन लक्ष्य को पूरा करने के लिए 2030 तक हर साल 3,000 अरब डॉलर की जरूरत होगी

क्रिप्टोकरेंसी पर वर्ल्ड ऑर्डर

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया किसी एक राय पर पहुंचे, उसके लिए नियम-कायदे बनें। ये वो अहम मुद्दा है जिसे भारत अलग-अलग मंच पर आगे बढ़ा रहा है। इस बार जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की मीटिंग के दौरान भी भारत ने इस मसले को मजबूती से आगे रखा। अब जब जी20 का शिखर सम्मेलन हो रहा है, तो भारत इसे जॉइंट स्टेटमेंट का हिस्सा बनाने का पक्षधर है

दुनिया की खाद्य सुरक्षा

इस बार जी20 सम्मेलन में दुनिया की खाद्य सुरक्षा भी चर्चा का अहम विषय होगी। रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके वजह उपजी आर्थिक परेशानियों ने खाद्यान्नों की महंगाई बढ़ाने का काम किया है. इसी के साथ जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया के सामने खाद्य संकट पहले से खड़ा हुआ है।

छोटे और कमजोर देशों को कर्ज

वैश्विक फाइनेंशियल बॉडीज में सुधार की बात की एक और वजह कमजोर और छोटे देशों की आर्थिक ताकत को सुधारना है। उन पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। इसलिए जी20 देशों के सम्मेलन में इस बार कर्ज की री-स्ट्रक्चरिंग, न्यूनतम ग्लोबल कॉरपोरेट टैक्स इत्यादि पर बातचीत करना है।

क्‍या है जी-20 का काम

दरअसल, जी-20 का मूल एजेंडा आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता का है, लेकिन समय के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, कृषि और भ्रष्टाचार निरोधी एजेंडा भी इसमें शामिल कर लिया गया है। इसमें दो समानांतर तरीकों से चर्चा होती है, पहला फाइनेंशियल और दूसरा शेरपा ट्रैक। फाइनेंशियल ट्रैक में बातचीत का काम वित्त मंत्री संभालते हैं और शेरपा ट्रैक में शेरपा यानी वह व्यक्ति जिसे सरकार शेरपा के तौर पर नियुक्त करती है। चूंकि दुनिया की जीडीपी में 85 फीसदी हिस्सा जी-20 देशों का है। वहीं दुनिया के व्यापार में 75 फीसदी की हिस्सेदारी भी इन्हीं की है, ऐसे में इनकी बैठक को काफी अहम माना जाता है। इनका काम सभी सदस्य देशों के साथ समन्वय बनाना और नेगोशिएट करना होता है।