भारत-चीन के बीच आज 19वें राउंड की कोर कमांडर स्तर की वार्ता, गलवां में 3 साल पहले हुई झड़प के बाद से जारी है तनाव
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पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले 3 साल से जारी तनाव के बीच आज सोमवरा को भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य बातचीत होने जा रही है। 19वें दौर की कमांडर स्तर की बातचीत के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारी लद्दाख से लगी पूर्वी सीमा पर चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में चर्चा करेंगे।यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में चुशूल सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित होगी।बता दें कि जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच यह 19वीं बैठक है, लेकिन अभी तक कोई भी बैठक और बातचीत अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकी है।
चार महीने बाद हो रही बैठक
कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की बातचीत क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए हुई सैन्य स्तर की पिछली वार्ता के करीब चार महीने बाद हो रही है।भारत और चीन के बीच पहले हुई बैठकों में कई मुद्दों पर सहमति बनी हैं। हालांकि कुछ मुद्दे अभी भी तनाव की वजह बने हुए हैं। आज होने वाली बैठक में शेष टकराव वाले स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा होने की उम्मीद है। हाल ही में सूत्रों ने बताया था कि 14 अगस्त को होने वाली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करेगा।
कई इलाकों से पीछे हट चुके हैं सैनिक
पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ खास स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध कायम है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य बातचीतों के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। सैन्य वार्ता के 18वें चरण में भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान के लिए दबाव बनाया था। यह बातचीत 23 अप्रैल को हुई थी।
वार्ता में लेह मुख्यालय वाली 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है। वहीं,चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के कमांडर द्वारा किए जाने की उम्मीद है।
2020 से दोनों देशों के बीच बरकरार है तनाव
बता दें कि कोरोना काल के दौरान जून 2020 से दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं हैं और तब से दोनों के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। दरअसल, तब भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच पैदा हुआ तनाव अब तक खत्म नहीं हुआ। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर मौजूद हैं। इसके साथ ही ड्रैगन लगातार अपनी तरफ सैन्य ढांचे का विकास भी कर रहा है, भारत की ओर से भी इसमें तेजी आई है। पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैंगोंग झील के पास चीन ने डिविजन स्तर के मुख्यालय का निर्माण किया है। यह मुख्यालय गोगरा हॉट स्प्रिंग्स के दक्षिण में स्थित है। गलवान घाटी में अपने इलाके में भी चीन ने बैरकों का निर्माण कर लिया है।
इन सीमाओं पर है तनाव
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह सीमा तीन सेक्टरों में बंटी हुई हैं। जिनमें पूर्वी सेक्टर, पश्चिमी सेक्टर और मध्य सेक्टर शामिल हैं। भारत के पांच राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश, चीन के साथ सीमा साझा करते हैं। पश्चिमी सेक्टर में जम्मू कश्मीर, शिनजियांग और अक्साई चिन की सीमा वाला इलाका विवादित है।
Aug 14 2023, 10:39