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दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली मेट्रो सेवाएं सुबह 5 बजे से होगी शुरू,14 अगस्त से बंद रहेगी स्टेशन पर पार्किंग


दिल्ली:- देश भर में 77 वें स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। अब दिल्ली मेट्रो ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग ने वाले यात्रियों को ध्यान में रखते हुए सुबह पांच बजे से मेट्रो की सेवाएं शुरू हो जाएगी और सुबह 6 बजे तक हर 30 मिनट के अंतराल पर ट्रेन मिलेगी।

सुबह पांच बजे से चलेगी ट्रेन

डीएमआरसी के अनुसार, 15 अगस्त, 2023 मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने वाले यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी लाइनों पर दिल्ली मेट्रो की सेवाएं सुबह पांच बजे से शुरू हो जाएंगी। साथ ही सभी लाइनों से मंगलवार सुबह मेट्रो पांच बजे से छह बजे तक हर 30 मिनट के अंतराल पर चलेंगी और सुबह छह बजे से पूरे दिन मेट्रो की सेवाएं सामान्य रूप से चलेंगी।

बंद रहेगी पार्किंग

इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के उपायों को ध्यान में रखते हुए सोमवार यानी 14 अगस्त, 2023 सुबह छह बजे से मंगलवार यानी 15 अगस्त, 2023 को दोपहर दो बजे तक दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर पार्किंग की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, मेट्रो की सेवाएं सामान्य नियम के अनुसार चलती रहेंगी।

गैंगस्टर अतीक अहमद की हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उठाया बड़ा कदम 2017 से अब तक यूपी में हुए 183 एनकाउंटर का मांगा ब्योरा

 

दिल्ली:- उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 2017 से अब तक हुई 183 एनकाउंटर का ब्योरा मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि एनकाउंटर की निगरानी की क्या व्यवस्था है? कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या पुलिस एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन कर रही है? इन सारे सवालों के जवाब के साथ ही यूपी सरकार से चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी गई है। 

जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने अतीक अहमद हत्याकांड से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया पीठ ने पांच-दस लोगों की सुरक्षा में अतीक की हत्या की घटना पर भी सवाल उठाया और कहा कि कोई कैसे आकर गोली मार सकता है? कोर्ट को किसी की मिलीभगत पर संदेह है। इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा कि अतीक के दो नाबालिग बेटों को न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया है? अगर वो किसी अपराध में शामिल नहीं हैं तो उन्हें उनके रिश्तेदारों को क्यों नहीं सौंपा जा रहा?

यूपी सरकार ने बताया कि उन्होंने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है।

एक अन्य याचिका अतीक अहमद और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने दायर की है। आयशा नूरी ने भी अतीक और अशरफ की हत्या की सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता या एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है। उन्होंने अपने भतीजे और अतीक अहमद के बेटे की एनकाउंटर में मौत की भी जांच की मांग की है।

उप्र सरकार ने अतीक की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट दायर की है और सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया है कि पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय चल रहे हैं।

दिल्ली में फिर होगा मौसम में बदलाव हो सकते है बारिश,IMD ने जारी किया अलर्ट


दिल्ली:- कई दिनों के शुष्क मौसम के बाद बृहस्पतिवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है। इस दौरान हवा की गति भी तेज रहेगी। इससे उमस भरी गर्मी भी कम होगी। बुधवार को भी सुबह धूप खिल गई थी।

मौसम विभाग का अनुमान आज हो सकती है बारिश

दिन चढ़ने के साथ यह और तीखी होती गई। दिन भर तेज धूप निकली रही। बीच बीच में बादलों की आवाजाही भी बनी रही। दिल्ली का अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। जबकि, न्यूनतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

दोनों ही सामान्य तापमान है। हवा में नमी का स्तर 79 से 61 प्रतिशत तक रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है।

चलेंगी तेज हवाएं

इस दौरान हवा की गति 12 किमी प्रति घंटा रहने के आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट होगी और गर्मी की चुभन भी कम होगी। अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। वहीं, मौसम की मेहरबानी से दिल्ली की हवा लगातार ही साफ-सुथरी बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुधवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 118 रहा। इस स्तर की हवा को ''मध्यम'' श्रेणी में रखा जाता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच वायु गुणवत्ता का यही स्तर बना रहेगा।

सक्सेस स्टोरी:अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बनाई।नेत्रहीन स्कूल टीचर ने क्रैक किया यूपीएससी, मिली 48वीं रैंक


दिल्ली:कहते है ना कोशिश करने वाले की कभी हार नही होती। जब लक्ष्य को पाना होता हैं तो कोई कमी सामने नहीं आती ऐसे वाक्यों को चरितार्थ की  

आयुषी डबास।

मुकम्मल तैयारी के बाद भी दस लाख उम्मीदवारों में से केवल कुछ ही उम्मीदवार भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, यूपीएससी की परीक्षा को पास कर पाते हैं. कई उम्मीदवार प्रेरणा के रूप में पिछले वर्षों के बेहतरीन परफॉर्मर को फॉलो करके अपनी तैयारी व्यवस्थित करते हैं और स्ट्रेटजी तैयार करते हैं।

यूपीएससी की परीक्षा में मिली 48वीं रैंक

हर यूपीएससी उम्मीदवार 29 वर्षीय आयुषी डबास की सफलता की कहानी से सीख सकता है. दृष्टि दोष होने के बावजूद आयुषी ने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक की तैयारी में जुटी रही. आयुषी ने पांच साल की कड़ी मेहनत के बाद 5वें प्रयास में 48वीं ऑल इंडिया रैंक हासिल कर UPSC 2021 की परीक्षा पास कर लिया.

दिल्ली विश्वविद्यालय से की ग्रेजुएशन की पढ़ाई

आयुषी ने उत्साह के साथ कहा कि हालांकि उसे यकीन था कि वह परीक्षा पास कर लेगी, लेकिन 50 से कम रेटिंग प्राप्त करना एक अप्रत्याशित खुशी थी. डबास ने अपनी शिक्षा अपने गृहनगर रानी खेड़ा के एक निजी स्कूल में पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से अपनी डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने इग्नू से इतिहास विषय में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की.

आयुषी की मां घर पर रहती हैं और उनके पिता पंजाब में एक निजी कंपनी में काम करते हैं।

उन्होंने अपनी उपलब्धि के लिए अपनी मां को श्रेय दिया, जो एक सीनियर नर्सिंग अधिकारी थीं, जो 2020 में स्वेच्छा से अपने पद से सेवानिवृत्त हो गईं. उनकी 54 वर्षीय मां आशा रानी ने अपनी बेटी की परीक्षा पास करने की क्षमता पर भरोसा जताया।

दिल्ली: 88 साल पुरानी सिप्ला कंपनी देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी,अब बिकने वाली है खरीददार विदेशी।

नई दिल्ली :- भारत में सबसे बड़ी कंपनी फार्मा सेक्टर की बड़ी कंपनी सिप्ला बिकने जा रही है. इस कंपनी की खरीदने की रेस में दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी फर्मों में से एक ब्लैकस्टोन सबसे आगे बताई जा रही है. इसे शुरू करने वाले ख्वाजा हमीद की फैमिली इसमें अपनी पूरी 33.47 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है. 

 

भारत में 1935 में हुई थी शुरुआत

भारत को आजादी मिलने से पहले साल 1935 में ख्वाजा अब्दुल हमीद ने देश के लोगों को सस्ती और जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति करने के उद्देश्य से सिप्ला की शुरुआत की थी. खास बात ये कि उन्होंने जर्मनी में अपनी केमिस्ट की नौकरी छोड़कर ऐसे समय में भारत में पहली दवा निर्माता कंपनी की नींव रखी थी, जबकि छोटी से बड़ी बीमारी तक के इलाज के लिए आने वाली दवाएं विदेशी कंपनियों से आती थीं. इसके साथ ही पश्चिमी देशों की दवा कंपनियां भारत को इतनी अहमियत भी नहीं देती थीं, जिससे कई जरूरी दवाएं जरूरतमंदों को नहीं मिल पाती थीं. 

ख्वाजा हमीद केमिस्ट से बने कारोबारी

आंखों में एक बड़ा सपना लेकर केमिस्ट से कारोबारी बने ख्वाजा हमीद ने सिपला कंपनी की शुरुआत मुंबई से की थी. अपनी शुरुआत के बाद से ही इसने फार्मा सेक्टर में धमाल मचा दिया. 60 के दशक में कंपनी की इनकम में बड़ा उछाल आना शुरू हो गया था और 1968 में इसकी आय 1 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई. इसके बाद कंपनी ने फार्मा सेक्टर में एक के बाद एक मुकाम बनाए. 90 के दशक में 1991 तक कंपनी की बिजनेस 100 करोड़ रुपये को पार कर गया था. सबसे खास बात ये कि सिप्ला की शुरुआत से पहले भारत पश्चिमी कंपनियों पर आश्रित था।वही देश अब तक तमाम देशों को अपनी दवाइंया निर्यात करने लगा था।

दुखद:फ्रांस में दिव्यांगो के हॉलिडे होम में लगी आग,11 लोगों की मौत, लर्निंग डिसेबिलिटी से थे पीड़ित


नयी दिल्ली :फ्रांस में दिव्यांगजनों के अवकाश गृह में आग लग गई जिसमे 11 लोगो की मौत हो गई। यह सभी लोग लर्निंग डिसेबिलिटी से पीड़ित थे। आग की सूचना मिलते ही करीब 80 दमकल कर्मियों को हॉलीडे होम भेजा गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

आग बुझाई जा चुकी है लेकिन दो लोग अब भी लापता हैं। स्थानीय अधिकारियों को उनकी भी मौत की आशंका है।

आग के दौरान 17 लोगों को निकाला गया

फ्रांस में दिव्यांगजनों के एक विश्राम गृह में बुधवार को आग लग गई। इस हादसे में जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। बचाव अभियान के प्रमुख ने यह जानकारी दी। फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने ट्वीट संदेश में कहा कि वह घटनास्थल के लिए गई हैं। हौट-राइन क्षेत्र के स्थानीय प्रशासन ने कहा कि विंटज़ेनहेम शहर में दिव्यांगजनों के विश्राम गृह में करीब साढ़े छह बजे आग लग गई, जिसके बाद 17 लोगों को वहां से निकाला गया। इनमें गंभीर रूप से घायल एक शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

राष्ट्रपति मैक्रों ने जताया दुख, दिया यह संदेश

फ्रांस के अग्निशमन विभाग ने दमकल की चार गाड़ियों के साथ 76 कर्मियों को मौके पर तैनात किया गया, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने घटना पर एक ट्वीट में कहा, 'इस हादसे के मद्देनजर मेरी संवेदनाएं मृतकों, घायलों और उनके परिवारों के साथ हैं। हमारे सुरक्षा बलों और आपातकालीन सेवाओं को धन्यवाद।'

उत्तरी अल्जीरिया में भी लगी थी भीषण आग*

इससे पहले उत्तरी अल्जीरिया के जंगलों और पर्वतीय इलाकों में लगी आग भी भीषण रही है। इस आग ने आसपास स्थित गांवों और शहरों में को भी चपेट में ले लिया। इस आग में तक कम से कम 34 लोगों की मौत हो गयी, जिनमें से 23 की मौत तटीय बेजाइया क्षेत्र में हुई।

रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि आग से सबसे अधिक प्रभावित बेजाइया में मारे गए लोगों में 10 सैनिक शामिल हैं जो एक बचाव अभियान के दौरान आग की चपेट में आ गए थे।

दिल्ली: संगम विहार इलाके में घर में घुस कर महिला से छेड़छाड़, विरोध करने पर फोड़ा सिर


दिल्ली:- संगम विहार इलाके में पड़ोस में रहने वाले परिवार के सदस्यों ने महिला के घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की। विरोध करने पर पत्थर से हमला कर महिला का सिर भी फोड़ दिया। 

महिला की शिकायत पर तीन अगस्त को संगम विहार थाने में छेड़खानी, मारपीट समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक पीड़िता अपने परिवार के साथ संगम विहार इलाके में रहती हैं। महिला के दिए बयान के मुताबिक 2021 में उनके पति को ब्रेन हेमरेज हो गया था। 

इस कारण वे लकवाग्रस्त हो गए हैं और चलने फिरने में असमर्थ हैं। किसी तरह वह खुद ही काम करके घर का खर्च चलाती हैं। उनके ही घर के दूसरे मकान में आरोपित परिवार भी रहता है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर संसद में मचा महासंग्राम, कहा- इन्होंने मेरी मां की हत्या की...भारत माता की हत्या की

नई दिल्ली : लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को भी चर्चा जारी है. कांग्रेस की तरफ से पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ सदन में अपना बयान दिया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत सभापति ओम बिरला से माफी मांगकर की. 

उन्होंने कहा, "पिछली बार सदन में अडाणी पर फोकस करने की वजह से आपके सीनियर नेता को कष्ट हुआ और उससे आप को भी कष्ट हुआ. इसलिए मैं आपसे माफी मांगता हूं." उन्होंने कहा कि आज में अडाणी पर चर्चा नहीं करूंगा. 

आज में दिमाग से नहीं बल्कि दिल से बोलना चाहता हूं और मैं आज आप लोगों पर हमलावर नहीं रहूंगा...रिलैक्स कर सकते हैं."

उन्होंने खुद को भेड़िया बताते हुए कहा, "अपने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुझे जो शारीरिक कष्ट होने लगा, उससे मेरा अहंकार खत्म हो गया. एक भेड़िया अचानक चिंटी बन गया. मैने जिस अहंकार के साथ भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी, वो खत्म होने लगा था. तभी एक छोटी बच्ची आकर अपनी चिट्ठी मुझे दी, जिसमें लिखा था कि तुम चलो मैं तुम्हारे साथ हूं. उस बच्ची ने अपनी शक्ति मुझे दे दी. 

इसके बाद मैं सभी से मिलता था और जो मेरे पास आता था, वो अपनी और मैं अपनी परेशानी एक-दूसरे को बताता था. मैं जनता की आवाज सुनने लगा था."

राहुल ने कहा, "एक दिन मेरे पास किसान आया, हाथ में रूई थी. किसान ने मुझे रूई का बंडल मेरे हाथ में दिया और कहा कि यही मेरे हाथ में बचा है. मैने जब उससे बीमा का हाथ पूछा तो, उसने कहा कि नहीं राहुल जी, मुझे बीमा का पैसा नहीं मिला. भारत के बड़े उद्योगपतियों ने वो मुझसे छीन लिया. किसान के दिल का दर्द, मेरे दिल में आया." राहुल ने कहा कि भारत एक आवाज है और अगर हम उस आवाज को सुनना चाहते हैं तो हमें अहंकरा खत्म करना होगा.

राहुल ने कहा, "मैं मणिपुर गया, लेकिन आजतक पीएम नरेंद्र मोदी नहीं गए...क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. मैने मणिपुर शब्द प्रयोग किया, लेकिन आजकी सच्चाई ये है कि मणिपुर नहीं बचा है. मणिपुर को आपने दो भाग में बांट दिया है. वहां की राहत शिविरों में जाकर महिलाओं से बात की. 

महिला से पूछा कि क्या हुआ तुम्हारे साथ. उसने कहा, मेरा छोटा सा बेटा, एक ही बेटा था. मेरे आंखों के सामने उसको गोली मारी गई. मैं पूरी रात उसकी लाश के साथ लेटी रही. फिर मुझे डर लगा, मैंने अपना घर छोड़ दिया. मैंने पूछा कि कुछ तो लाई होगी. उसने कहा कि मेरे पास सिर्फ मेरे कपड़े हैं और एक फोटो निकालती है, कहती है कि यही बस मेरे पास बची है. उन्होंने कहा कि इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है."

राहुल के इस बयान पर सत्तापक्ष ने हंगामा शुरू हो गया. राहुल के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हमला बोला. उन्हों कहा, "मणिपुर में 7 दशक में जो हुआ, उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है. राहुल को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए." राहुल ने विपक्ष कहा, "आपने मणिपुर के लोगों को मार भारत माता की हत्या की...देश की हत्या की...आप लोग देशभक्त नहीं हैं. इसलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा सकते है. मणिपुर में देश की हत्या की है...मणिपुर की हत्या की है...आप भारत के रखवाले नहीं बल्कि हत्यारे हो.

उन्होंने कहा, "रावण दो लोगों की सुनता था. मेघनाथ और कुंभकर्ण, वैसे ही नरेंद्र मोदी दो लोगों की सुनते हैं- अमित शाह और अडाणी. लंका को हनुमान ने नहीं जलाया था, उसके अहंकार ने लंका को जलाया था. राम ने रावण को नहीं मारा था, रावण के अहंकार ने उसे मारा था. आप पूरे देश में केरोसिन फेंक रहे हो. आपने मणिपुर में केरोसिन फेंकी और चिंगारी लगा दी. अब पूरे हरियाणा को जला रहे हो. आप पूरे देश को जलाने में लगे हो."

वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चर्चा के दौरान हस्तक्षेप भाषण के जरिए विरोधी दलों के आरोपों का जवाब देंगे. कांग्रेस की तरफ से आज सदन में चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी ने की. दोपहर 12 बजे राहुल गांधी ने की तो वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान शाम को अमित शाह का भाषण होने की संभावना है.

सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह विपक्षी दलों के बड़े नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब तो देंगे ही लेकिन उनके भाषण का केंद्र बिंदु मणिपुर, मणिपुर के हालात, मणिपुर में हुई हिंसा के ऐतिहासिक कारण, कांग्रेस सरकार के दौर में मणिपुर में हुई हिंसा की घटनाएं, हाल की मणिपुर की हिंसा से पहले आए अदालत के फैसले, मणिपुर सहित नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में शांति स्थापित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा पिछले 9 साल के दौरान उठाए गए कदमों और उपलब्धियों पर केंद्रित रहेगा.अमित शाह खासतौर पर 1993 और 1997 की हिंसा का जिक्र करते हुए यह याद दिलाएंगे कि इन दोनों हिंसा के समय एक बार तो सदन में चर्चा ही नहीं हुई और दूसरी बार चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की बजाय गृह राज्य मंत्री ने सदन में जवाब दिया था।

दिल्ली:साउथ दिल्ली के फतेहपुर बेरी में महिला की गला घोंट कर हत्या,पुलिस जुटी जांच में


दिल्ली:- दिल्ली में आय दिन कुछ ना कुछ घटना होती रहती अब दक्षिणी दिल्ली के फतेहपुर बेरी इलाके में महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद शव को जंगल में फेंक दिया गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

जानकारी के मुताबिक, घटना शनिवार यानी पांच अगस्त की है। पुलिस को फतेहपुर बेरी के जंगल क्षेत्र में अज्ञात महिला का शव मिला था। इस मामले में गहन जांच के बाद महिला की पहचान 31 साल की स्वीटी के रूप में की गई। आरोप है कि उसकी हत्या उसके पति और दो अन्य लोगों ने की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है। मामले में फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 302/201/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जानकारी के अनुसार, आरोपी धर्मवीर अपनी पत्नी के व्यवहार से खुश नहीं था क्योंकि वह अक्सर बिना किसी जानकारी के महीनों तक घर से चली जाती थी। उसने खुलासा किया किया। स्वीटी ने कभी भी अपने माता-पिता या परिवार वालों के बारे में नहीं बताया। उसने सिर्फ इतना बताया था कि वह पटना बिहार की रहने वाली है।

सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए मांस ये सिर्फ आस्था है या इसके पीछे हैं कोई वैज्ञानिक कारण आइए जानते है...


दिल्ली:- सावन का महीना चल रहा है अभी शिवालयों में हर सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ महाकाल को जल चढ़ाने के लिए पहुंच रही है । बाकी पंथ को मानाने वाले लोगों के लिए यह सिर्फ एक मानसूनी मौसम है लेकिन सनातनियों के लिए यह भगवान शिव को समर्पित माह है।

आपने बहुत से लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि 'चलो आज टंगड़ी चबा लेते हैं क्योंकी कल से सावन शुरू होने वाला है' बहुत से लोग सावन मास में मांस और मदिरा का त्याग कर देते हैं और उनके हिसाब से यही त्याग उनकी आस्था का प्रतीक है.

लोगों को लगता है कि सावन के महीने में मांस-मदिरा का सेवन इसी लिए नहीं करना चाहिए क्योंकी यह माह भगवान शिव की अर्चना के लिए होता है. ऐसा लॉजिक देने वालों को यह मालूम नहीं होता कि वो शिव की पूजा 12 महीने कर सकते हैं. शिव को अगर आपके मांस खाने से आपत्ति है तो वह बाकी महीनों में भी रहेगी।

देखा जाए तो सावन के महीने में मांस का त्याग करना आस्था से अधिक वैज्ञानिक है. आस्था अपनी जगह है और विज्ञान अपनी जगह. कहा जाता है कि सावन में पाचन शक्ति भी कमजोर होने लगती है और मांस पचने में समय लगता है, अगर सही समय पर मांस नहीं पचता है तो वो आंतो में सड़ने लगता है जो फ़ूड पॉइजनिंग का कारण बनता है. इस मौसम में सूर्य का प्रकाश भी कम पड़ता है इसी लिए चीज़ें जल्दी खराब होने लगती हैं.

वातावरण में कीड़े-मकोड़ों की तादात बढ़ जाती है, कई विषैले कीट पैदा होते हैं. वो घांस-फूस के माध्यम से भेड़-बकरियों के शरीर में जाकर उन्हें बीमार कर देते हैं, मांस के लिए इस्तेमाल होने वाले पक्षी जैसे मुर्गा, बत्तख, तीतर भी बीमार पड़ने लगते हैं. इसी मौसम में बर्ड फ्लू फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है।

बीमार जानवर का मांस खाना इंसान के लिए जहर सामान होता है. इसी महीने में मछलिया अंडे देती हैं, उनके शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है, वो बीमार भी पड़ती हैं. इसी लिए मछली का मांस भी नहीं खाना चाहिए मुर्गी के अंडों से भी परहेज करना चाहिए।