*हाल-ए-सीएचसी:पैसा दीजिए वरना प्रसूता को कर देंगे रेफर*
नवाबगंज (गोंडा) सावधान! अगर आप सरकारी अस्पताल में बच्चा पैदा कराने जा रहे हैं तो संभल जाइए। यहां भी आपको एक मोटी रकम देनी पड़ सकती है और अगर आप ने ये कहा कि सरकारी अस्पताल में सभी सेवाएं निशुल्क हैं तो आपको अपने मरीज़ को निजी अस्पताल में ले जाने के लिए विवश होना पड़ सकता है।
नवाबगंज सीएचसी में हाल कुछ ऐसा ही है।यहां पर प्रसूताओ और उनके परिजनों से सुविधा शुल्क के नाम पर स्टाफ नर्स जमकर वसूली कर रहीं हैं,चंद पैसों के लिए ये प्रसूताओ और उनके परिजनों को धमकाती हैं। पैसा नहीं देने पर रेफर करने की बात तक कह रही हैं।
केस - 01 - 25 मई को गुंजा पत्नी राहुल निषाद निवासी दुल्लापुर मल्लहन पुरवा की डिलीवरी सीएचसी पर हुई थी। प्रसूता अपने मायके आई थी। प्रसूता की मां गुड्डी और आशा कार्यकत्री सीतापति ने बताया कि वहां मौजूद स्टाफ नर्स ने 3500 रूपये की मांग की लेकिन आशा कार्यकत्री के काफी अनुनय-विनय करने के बाद भी स्टाफ नर्स प्रिया शर्मा ने 700 रूपये ले लिए।
केस-02- 26 मई को उमा पत्नी रवि सिंह निवासी रघुनाथ पुर नवाबगंज ने सीएचसी पर बेटे को जन्म दिया। प्रसूता को आशा कार्यकत्री मालती देवी एंबुलेंस से सीएचसी ले गईं थी। बच्चे के जन्म के बाद स्टाफ नर्स प्रिया शर्मा ने प्रसूता से 3500 रूपये ऐंठ लिए। प्रसूता का पति परदेश में रह कर मजदूरी करता है।
केस-03-28 मई को दुल्लापुर निवासी मोनिका गुप्ता पत्नी शिवसरन ने सीएचसी पर ही बेटी को जन्म दिया जिसके बाद स्टाफ नर्स प्रिया ने खुशबख्शी के नाम पर 1000 रूपये वसूल ही लिए।बीते शनिवार को पर्वती निवासी सूबेचंद निषाद अपनी पत्नी नीलम को प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे लेकर रात में 9:30 बजे सीएचसी पंहुचा ।जहां कोई भी स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नही मिला।
उसने कई बार आशा कार्यकत्री रूक्मणी को फोन पर सूचना भी दी लेकिन आशा ने कोई सहयोग नहीं किया। लगभग एक घंटे तक प्रसूता दर्द से सीएचसी पर ही कराहती रही।घटना का वीडियो भी पीड़ित द्वारा बनाया गया है जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। एक घंटे बाद पंहुची स्टाफ नर्स वीडियो बनता देख भडक गई और मोबाइल छीनने लगीं। विवाद होने के कारण सूबेचंद अपनी पत्नी को लेकर अयोध्या के एक निजी अस्पताल ले गया जहां उसने एक बेटा और एक बेटी को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनो सकुशल हैं।ये घटनाएं तो सिर्फ बानगी हैं।
यहां पर स्टाफ नर्सों द्वारा दवा, खुशबख्शी, धमकी ये सभी हथकंडे अपनाकर अवैध वसूली का खेल जारी है इन सभी मामलों में आशा कार्यकत्रीयों की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। प्रसूताओं को दिए जाने वाले भोजन और नाश्ते की व्यवस्था भी रामभरोसे चल रही है। पंजीकरण अभिलेखों में प्रसूताओं की जगह आशा अपना मोबाइल नंबर लिखा रहीं हैं ताकि इस अवैध वसूली के खेल में कोई आसानी तक प्रसूता और उसके परिजनों से संपर्क ना कर सके। इन सभी मामलों के संबंध में सीएचसी अधीक्षक विनयेश त्रिपाठी ने कहा कि वायरल वीडियो संज्ञान में हैं, सभी प्रकरणों में जांच कराई जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
May 31 2023, 19:02