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अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया 3 महीने का समय, 14 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश

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हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी को तीन महीने का समय और दे दिया है। 14 अगस्त तक सेबी के जांच पूरी कर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।बता दें कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की अपनी जांच पूरी करने के लिए शीर्ष अदालत से छह महीने का समय मांगा था। सेबी की इस अर्जी पर अपनी सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग और अडानी मामले की जांच की मांग वाली याचिका पर आज फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।सेबी ने इससे पहले कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 6 महीने का वक्त मांगा था। सेबी ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि मामला बहुत जटिल है इसलिए मामले की जांच के लिए उन्हें कुछ और वक्त चाहिए। हालांकि कोर्ट ने छह महीने के बजाए तीन महीने का वक्त दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वो तीन महीने में अडानी मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंपे।

न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि हमें बताए आपने अब तक क्या किया है। हमने आपको दो महीने का समय पहले ही दिया था और अब उसे अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है जो पांच महीने हो जाता है।प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सेबी को अपनी जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बताया कि कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमिटी ने टाइमलाइन को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपनी रिपोर्ट दो महीने में सौंप दी। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई 2023 को होगी। चीफ जस्टिस ने कोर्ट की मदद करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी को बने रहने के लिए कहा है। तब तक उन्होंने कमिटी से आपसी चर्चा करने करने का अनुरोध किया है जिससे अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट की आगे मदद की जा सके। मुख्य न्यायाधीश ने एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट सभी पक्षों और उनके वकीलों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। 88 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में हिंजनबर्ग ने अडानी पर अकाउंट में हेरफेर, शेयरों की ओवर प्राइसिंग समेत कई गंभीर आरोप लगाए।

हवा में हिचकोले खाने लगी दिल्ली-सिडनी एयर इंडिया फ्लाइट, कई यात्रियों को आईं चोटें

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एयर इंडिया के विमान के साथ मंगलवार को बड़ा हादसा हो सकता था। दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी जा रहा एयर इंडिया का यह विमान आसमान में तेज हवा के झोंके में हिचकोले खाने लगा। हवा के झोंके (एयर टर्बुलेंस) इतने तेज थे कि फ्लाइट में अचानक तेज झटके लगने लगे। विमान के तेज हिल-डोल से कई यात्री जख्मी हो गए।विमान के सिडनी एयरपोर्ट पहुंचने पर घायल यात्रियों का इलाज किया गया। गनीमत यह है कि किसी यात्री को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा।

जैसे ही फ्लाइट झटके लेने लगी तो यात्री घबरा गए. लेकिन क्रू मेंबर्स ने लोगों को समझाया। फ्लाइट में टर्बुलेंस इतना तेज था कि कई यात्री चोटिल हो गए।। हालांकि किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आई है। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब मौसम में खराबी आ जाए।

विमानन कंपनियों की नियामक संस्था डीजीसीए ने मंगलवार को घटना की जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना मंगलवार (16 मई) को उड़ान के दौरान हुई। घटना में घायल यात्रियों को सिडनी हवाई अड्डे पर पहुंचने पर चिकित्सा सहायता मिली। डीजीसीए के अनुसार किसी भी यात्री को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है।

डीजीसीए ने बताया है कि एयर इंडिया का बी787-800 एयरक्राफ्ट VT-ANY फ्लाइट संख्या एआई-302 के रूप में दिल्ली से सिडी जा रहा था। उसी दौरान हवा में विमान तेज एयर टर्बुलेंस में फंस गया। इस दौरान विमान में सवार सात यात्रियों को मामूली चोटें आई। विमान के चालक दल के सदस्यों ने घायलों को प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई।

सिद्धारमैया को फिर कर्नाटक की कमान, कल ले सकते हैं शपथ

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कर्नाटक के सीएम को लेकर चार दिन से जारी कयासों का दौर अब खत्म हो गया है। सिद्धारमैया ही कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे। वे कल सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। वहीं, डीके शिवकुमार को अहम मंत्रालयों के साथ डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है।हालांकि अभी सीएम के नाम को लेकर आधिकारिक घोषणा बाकी है

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के करीब चार दिन बाद कर्नाटक के नए सीएम का नाम फाइनल हो गया है। पार्टी ने आज 10 जनपथ पर बैठक करने के बाद फैसला किया है कि कर्नाटक के अगले सीएम सिद्धारमैया होंगे। 18 मई को शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होगा। इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम के साथ 10 मंत्री शपथ लेंगे।

कर्नाटक में सीएम बनने की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था लेकिन बाजी सिद्धारमैया के हाथ लगी। हालांकि, यह इतना आसान नहीं था। दोनों के बीच सीएम चुनने को लेकर कांग्रेस में किस तरह से उहापोह की स्थिति थी, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि नाम फाइनल होने में कांग्रेस को चार दिन लग गए।

*सौरव गांगुली को अब 'Y' की बजाय मिलेगी 'Z' श्रेणी की सुरक्षा, पश्चिम बंगाल सरकार का फ़ैसला*

#sourav_ganguly_now_has_z_category_security

भारतीय टीम के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को बढ़ाया जा रहा है। दादा पहले ही 'Y' श्रेणी की सुरक्षा के घेरे में रहते थे। अब इसे बढ़ाकर 'Z' श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है।रिपोर्ट्स के मुताबिक सौरव गांगुली की तरफ से सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ने के संबंध में कोई अनुरोध नहीं किया गया है। बंगाल सरकार ने स्‍वयं संज्ञान लेते हुए सुरक्षा व्‍यवस्‍था को बढ़ाने का निर्णय लिया है।

पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष को पहले 'Y' श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। इसकी अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार (16 मई) को सरकार ने गांगुली की सुरक्षा को अपग्रेड करने का फैसला किया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई से बंगाल सरकार ने एक अधिकारी ने बताया, ''वीवीआईपी की सुरक्षा खत्म होने के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक समीक्षा की गई। उसके बाद गांगुली की सुरक्षा को 'Z' श्रेणी तक बढ़ाने का फैसला किया गया।''

नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत गांगुली की सुरक्षा में अब 8 से 10 पुलिसकर्मी तैनात होंगे। अभी तक उनके साथ तीन पुलिसकर्मी रहते थे।गांगुली फिलहाल अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स के साथ यात्रा कर रहे हैं और 21 मई को कोलकाता लौटेंगे। उसी दिन से उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलनी शुरू हो जाएगी।

बता दें कि सौरव गांगुली पहले केंद्र सरकार के काफी करीब थे। सत्‍ताधारी दल की तरफ से दादा को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर भी दिया गया। हालांकि पूर्व भारतीय कप्‍तान इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद एकाएक दोनों के बीच खटास की खबरें भी सामने आई। सौरव को बीसीसीआई अध्‍यक्ष पद से हटना पड़ा। अब बंगाल सरकार की तरफ से दादा को जेएड श्रेणी की सुरक्षा देना नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा करता है।

सत्यपाल मलिक के सहयोगी के ठिकानों पर सीबीआई का छापा, बीमा घोटाले में हो रही जांच

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सीबीआई ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक करीबी के घर छापेमारी की। एजेंसी ने यह रेड बीमा घोटाले से जुड़े एक मामले में की है। बताया जा रहा है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के मीडिया सलाहकार रहे सुनक बाली के यहां छपा पड़ा है।। ये छापेमारी सत्यपाल की शिकायत पर दर्ज इंश्योरेंस घोटाला मामले में की जा रही है। छापा दिल्ली और जम्मू-कश्मीर समेत 9 ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। 

यहां गौर करने वाली बात ये है कि सत्यपाल मलिक खुद पहले से ही इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर थे। इससे पहले अप्रैल में सत्यपाल मलिक के खिलाफ सीबीआई ने नोटिस जारी किया था। सीबीआई ने अपने नोटिस में कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर में हुए इंश्योरेंस स्कैम को लेकर सवाल मलिक से कुछ सवालों के जवाब जानना चाहती है। नोटिस को लेकर सत्यपाल मलिक की तरफ से बयान भी जारी किया गया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि जांच एजेंसी किसी तरह का कोई स्पष्टीकरण चाहती है। उनका कहना था कि सीबीआई को उन केस में जवाब चाहिए, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने खुद दी थी।

पिछले साल ही अप्रैल के महीने में सत्यपाल मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर दो एफआईआर दर्ज की थी। सत्यपाल मलिक द्वारा लगाए गए आरोप सरकारी कर्मचारियों और लोगों के लिए एक मेडिकल इंश्योरेंस स्कैम के ठेके से जुड़े हुए थे। ये पूरा स्कैम 2,200 करोड़ रुपये का था। इसके अलावा उन्होंने जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। 

पूर्व राज्यपाल ने दावा किया था कि 23 अगस्त 2018 और 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

कांग्रेस आलाकमान की बढ़ीं मुश्किलें, शिवकुमार-सिद्धारमैया के बीच फंसा पेंच, आज होगा कर्नाटक के मुख्यमंत्री के नाम का एलान!

#karnataka_congress_cm_post_crisis 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद भी कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी है। कांग्रेस में चार दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री का नाम फाइनल नहीं हो सका है।कर्नाटक का सीएम कौन बनेगा शिवकुमार या सिद्धारमैया इस पर पेंच फंसा हुआ है। मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के दो दिग्गजों सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार ने आलाकमान के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। 

कर्नाटक में धमाकेदार जीत के बाद कांग्रेस में सीएम पद को लेकर लगातार मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को आलाकमान ने दिल्ली भी बुलाया। दोनों नेताओं के साथ में भी बैठक की और अलग-अलग भी मुलाकात हुई। शिवकुमार मंगलवार सुबह राजधानी पहुंचे थे। शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से करीब आधे घंटे तक मुलाकात की थी। वहीं, सिद्धरमैया और राहुल की भी खरगे से मुलाकात हुई थी। खरगे ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से भी लंबी बातचीत की। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष खरगे ने कर्नाटक में सीएम पद को लेकर सभी पक्षों के साथ बैठकें की है।

सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार के बीच पसोपेश बना हुआ है। हालांकि अब यह समाप्‍त हो जाएगा। बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुधवार शाम को होने जा रही है, जिसमें सीएम का नाम तय होना है।

आतंकी और गैंगस्टर्स के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई, देश के 6 राज्यों में 100 से अधिक ठिकानों की तलाशी

#nia_raids_100_places_in_6_states 

एनआईए ने गैंगस्टर्स और खालिस्तानियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। एक साथ देश के 6 राज्यों के 100 से ज्यादा ठिकानों पर एनआईए का छापा जारी है। जिन राज्यों में यह एक्शन लिया गया है, उनमें - हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश शामिल हैं। जिन स्थानों पर छामेपारी हो रही है, उनमें करीब 60 अकेले पंजाब में हैं। 

एनआईए को पता चला है कि आतंकी संगठन देश में एक बार फिर अपनी जड़ें जमाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय अपराधियों से साथ सांठगांठ की है। इस साजिश का अहहम हिस्सा फंडिंग भी है। 

इससे पहले फरवरी माह में भी एनआईए ने राष्ट्रव्यापी छापेमारी को अंजाम दिया था। इससे पहले 21 फरवरी को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना और उनके सहयोगियों से जुड़े 70 से अधिक स्थानों पर देश भर में छापेमारी की गई थी। छापे दिल्ली और उसके आसपास और राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मारे गए थे।

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े गोली मार हत्या की घटना के बाद से पंजाब-हरियाणा समेत कई गैंगस्टर केंद्रीय एजेंसियों के निशाने पर आ गए हैं। मूसेवाला हत्याकांड में सबसे ज्यादा चर्चा लॉरेंस बिश्नोई गैंग की हुई थी। इस गैंग के कई शूटरों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।

इस साल नहीं होगी क्वाड बैठक, अमेरिका की वजह से ऑस्ट्रेलिया ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें क्या है वजह

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अगल हफ्ते होने वाली क्वाड की बैठक फिलहाल टाल दी गई है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने बुधवार को एलान किया कि अगले हफ्ते होने वाली क्वाड की बैठक फिलहाल टाली जा रही है।ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बैठक में शामिल न हो पाने की वजह से लिया गया है। ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में होने वाली क्वाड बैठक में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका हिस्सा लेने वाले थे।।

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में क्वाड की बैठक 24 मई को होनी थी। इसे लेकर पहले अल्बानीज ने कहा था कि क्वाड में शामिल देशों- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया बिना अमेरिका की मौजूदगी के भी बैठक के लिए आ सकते हैं। उन्होंने कहा था कि बाइडन की ओर से दौरा रद्द किए जाने के बाद उनकी सरकार जापान और भारत के प्रधानमंत्री से बात कर रही है। हालांकि, बाद में राष्ट्रपति अल्बानीज ने माफी मांगते हुए कहा था कि उन्हें क्वाड में शामिल साथियों के इस दौरे की तारीखों को आगे बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों ने इस बैठक की तारीख बदलने और इसे जल्द से जल्द आयोजित करने पर सहमति जताई है। 

अमेरिका को इन दिनों राजनीतिक और आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। अमेरिका में कर्ज संकट भी बढ़ता जा रहा है और उसके ऊपर डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है।बाइडेन ने कहा है कि वह जापान में होने वाले जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह क्वाड नेताओं की होने वाली बैठक में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे। इसके बजाय वह वाशिंगटन लौट आएंगे।देश में हो रही उथल-पुथल को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन क्वाड सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी में होने वाली क्वाड बैठक को रद्द कर दिया है।

व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम में बात करते हुए बाइडेन ने सबसे पहले जापान के अपने दौरे को लेकर बात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर एक बार में कई सारे मुद्दों को देखना पड़ता है। मुझे भरोसा है कि हम डिफॉल्ट होने से बच जाएंगे और दुनिया के लिए अमेरिका की जिम्मेदारियों को पूरा करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि वह अपने दौरे को छोटा कर रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलिया नहीं जा रहे हैं, ताकि देश लौटकर नेताओं से बातचीत कर सकें।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा, ‘सिडनी में अगले हफ्ते होने वाली क्वाड नेताओं की बैठक नहीं होगी। हालांकि, सिडनी में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता जरूर होगी।इसे लेकर भारत की ओर से भी जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है।

केदारनाथ के गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी कांसे की लगेगी भव्य ऊं की आकृति, गुजरात के बडौदा में बनकर तैयार, ट्रायल भी रहा सफल

भगवान भोलनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिंग केदारनाथ में गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी कांसे का भव्य ऊं की आकृति स्थापित की जाएगी। इस आकृति को स्थापित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सफल ट्रायल कर दिया है। जल्द जरूरी कार्य पूरा करते ही इसे स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ को सुरक्षित करने के साथ ही भव्य रूप से संवारा जा रहा है। इन दिनों धाम में दूसरे चरण के कार्य जोरों पर चल रहे हैं। पहले चरण में मंदिर परिसर के विस्तार के साथ ही मंदिर मार्ग और गोल प्लाजा का निर्माण किया गया था।

अब, इस गोल प्लाजा, जो मंदिर से लगभग ढाई सौ मीटर पहले संगम के ठीक ऊपर स्थित है, पर ऊं की आकृति को स्थापित किया जा रहा है। 60 क्विंटल वजनी कांसे से ऊं की आकृति को गुजरात के बडौदा में बनाया गया है।

चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लोनिवि ने हाइड्रा मशीन की मदद से ऊं आकृति को गोल प्लाजा में स्थापित करने के लिए ट्रायल किया, जो पूरी तरह से सफल रहा। कार्यदायी संस्था के ईई विनय झिक्वांण ने बताया कि ऊं की आकृति को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए इसके चारों तरफ से तांबे से वेल्डिंग की जाएगी। साथ ही मध्य हिस्से के साथ ही किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा, जिससे बर्फबारी से इसे नुकसान न हो। एक सप्ताह में ऊं आकृति को स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा।

केदारनाथ गोल प्लाजा में ऊं की आकृति स्थापित होने से वहां की भव्यता और भी बढ़ जाएगी। डीडीएमए द्वारा ऊं आकृति को स्थापित करने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही हैं।

पूरे ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की मांग, वाराणसी कोर्ट ने स्वीकार की याचिका

#gyanvapi_case_petition_for_survey_from_asi_of_the_entire_gyanvapi_masjid

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मंदिर परिसर के एएसआई सर्वे की याचिका को जिला कोर्ट ने मंजूर कर लिया। कोर्ट की ओर से याचिका मंजूर किए जाने के बाद हिंदू पक्षकार की ओर से सर्वे से संबंधित दावेदारी की गई है। ज्ञानवापी कैंपस की एएसआई जांच को मंजूरी दिए जाने की बात कही है। हिंदू पक्षकार की ओर से दी गई याचिका को स्वीकार करते हुए वाराणसी जिला कोर्ट ने 22 मई को अगली सुनवाई का आदेश दिया है। 

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि हिन्दूपक्ष ने सम्पूर्ण ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच हेतु एक अलग याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने इस मामले में मुस्लिम पक्ष को 19 मई तक आपत्ति दर्ज करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी। हिन्दू पक्ष काशी विश्वनाथ मंदिर के ध्वंस होने के बाद, बचे हुए तीनों भव्य शिखर की जीपीआर पद्धति से पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जांच की मांग कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने छह याचिकाकर्ताओं की तरफ से सर्वे की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि सनातन हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोग यह चाहते हैं कि हमारे आराध्य आदि विश्वेश्वर से जुड़ा ज्ञानवापी का सच सामने आए। सबको यह मालूम होना चाहिए कि ज्ञानवापी में आदि विश्वेश्वर का मंदिर कब बना था? उन्होंने कहा कि इसके लिए अब हम लोगों ने अदालत से पूरे विवादित स्थल की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे कराने की मांग की है। अधिवक्ता ने कहा कि अनादि काल से हमारी आस्था के केंद्र रहे हमारे धर्मस्थलों को विदेशी आक्रांताओं ने तलवार के बल पर उजाड़ा था।

वहीं, मुस्लिम पक्षकारों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से 19 मई को याचिका दायर की जाएगी। इसमें एएसआई सर्वे का विरोध किए जाने की बात कही गई।मुस्लिम पक्ष के वकील ने इस याचिका को बेवजह देरी करने की कोशिश बताया है। ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील मोहम्मद तौहीद खान ने कहा कि सारे परिसर की ASI की रिपोर्ट मांगने के पीछे, केस को विलंबित करने का मकसद है। जब सभी चीजों के पुराने सबूत उपलब्ध हैं तो उसकी जांच की क्या आवश्यकता है?