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*7.5 अरब रुपए से यूपी में विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार*


लखनऊ। विकास के पथ पर अग्रसर उत्तर प्रदेश के विकास को अब और गति मिलने जा रही है। विधानमंडल के दोनों सदनों (विधान सभा और विधान परिषद) के सभी 499 सदस्यों को शासन की ओर से उनके क्षेत्रों में विकास के लिए प्रदान की जाने वाली प्रस्तावित निधि की प्रथम किस्त के रूप में करीब 7.5 अरब रुपए प्रदान किए हैं।

इस राशि को जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों पर खर्च कर सकेंगे। शासन की ओर से राशि स्वीकृति किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार प्रदेश के प्रत्येक जिले, प्रत्येक गांव को विकास से सराबोर करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के दृष्टिगत विकास निधि को समय पर उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित है।

प्रत्येक विधान मंडल सदस्यों को मिलेगी डेढ़ करोड़ की धनराशि

ज्ञात हो कि विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत कुल 25.20 अरब रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी क्रम में, मौजूदा बजट व्यवस्था के अंतर्गत विधान सभा के कुल 403 में से 401 सदस्यों (2 रिक्त स्थान) के लिए कुल 6 अरब एक करोड़ पचास लाख रुपए की धनराशि राज्य सरकार द्वारा पहली किस्त के रूप में स्वीकृत की गई है। वहीं, विधान परिषद के कुल 100 में से 98 (2 स्थान रिक्त) सदस्यों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों पर खर्च करने हेतु कुल एक अरब सैंतालिस करोड़ रुपए देने का प्राविधान किया गया है।

इस प्रकार, विधान मंडल के दोनों सदनों के कुल 499 (401+98)सदस्यों के लिए 7 अरब 48 करोड़ 50 लाख रुपए की व्यय राशि जारी की गई है। इस राशि में जीएसटी की राशि भी सम्मिलित है। जारी की गई कुल राशि में प्रत्येक सदस्य को विकास कार्यों के लिए डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त होगी। यह धनराशि विधान मंडल के सदस्य अपने क्षेत्र के विकास पर ही खर्च कर सकेंगे। वहीं, जिन निर्वाचन क्षेत्रों में विधान मंडल के सदस्यों के पद रिक्त हैं वहां के लिए कोषागार से राशि जारी नहीं की जाएगी। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जिन स्थानों पर आचार संहिता लागू है, वहां नियमों का पालन करते हुए ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

*तेज हुआ अभियान, मणिपुर से 36 और छात्रों की हुई वापसी*


लखनऊ। मणिपुर से छात्रों को वापस लाने के अभियान को और तेज करते हुए योगी सरकार बुधवार को 36 और छात्रों की सफल वापसी कराने में सफल रही है। ये सभी छात्र अलग-अलग रूट से दिल्ली लाए जा रहे हैं और इनके देर रात तक आने का सिलसिला कायम रहा। इससे पहले, मंगलवार को भी योगी सरकार ने मुहिम चलाकर कुल 62 छात्रों को वापस लाने में कामयाबी हासिल की थी।

इस तरह अब तक यूपी के 98 छात्रों को सरकार वापस ला चुकी है और बाकी बचे 38 छात्रों को भी गुरुवार तक वापस लाने का लक्ष्य रखा गया है। ये वो छात्र हैं, जो मणिपुर के अलग-अलग संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे और वहां उपजे हालातों के चलते सरकार ने उन्हें वहां से निकालने का निर्णय लिया है।

वोल्वो बसों और कारों से घर पहुंच रहे छात्र

जो छात्र दिल्ली पहुंच चुके हैं, उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से वोल्वो बसों और कारों से सुरक्षित उनके घरों के लिए रवाना किया जा रहा है। इस अभियान के रिलीफ कमिश्नर आईएएस प्रभु ने बताया कि मणिपुर से आने वाले सभी छात्रों की देखभाल की जा रही है। पहले उन्हें एयरपोर्ट से आरसी ऑफिस और फिर यूपी भवन पहुंचाया जा रहा है, जहां इनके खाने-पीने और सोने की व्यवस्था है।

इसके बाद छात्रों को उनके घरों के लिए भेजने की व्यवस्था की गई है। जो छात्र दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं, उन्हें वोल्वो बसों द्वारा भेजा जा रहा है, जबकि जो छात्र पास के इलाकों से हैं उनके लिए कार का प्रबंध किया गया है। सीएम निर्देश के अनुसार सभी छात्रों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने की जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा रहा है।

मणिपुर सरकार कर रही सहयोग, सभी छात्र सकुशल

उन्होंने बताया कि ज्यादातर छात्रों को मणिपुर से निकाल लिया गया है। अब 38 छात्र ही वहां पर बचे हैं, जिन्हें गुरुवार तक वापल ले आया जाएगा। हमारी प्राथमिकता है कि यूपी के जो भी छात्र मणिपुर में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द वापस लाना है। हमें 136 छात्रों की मणिपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिस पर अभियान चलाकर उन्हें वापस लाने की कार्यवाही की गई है।

प्रदेश सरकार की ओर से 24x7 हेल्पलाइन 1070 स्थापित की गई है। इसमें यदि किसी और छात्र के वहां होने की जानकारी मिलेगी तो उसे भी वहां से निकालने के लिए जो भी संभव होगा वो कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि मणिपुर की सरकार की ओर से यूपी के छात्रों को निकालने में भरपूर सहयोग मिला है। यूपी के छात्रों को वहां एक बस से एयरपोर्ट लाने की सुविधा प्रदान की गई है। इसलिए कोई भी छात्र किसी तरह की हिंसा का शिकार या इंजर्ड नहीं है।

*ओम नमो नारायण जनता मंदिर पर हुआ विशाल भंडारा*


लखनऊ। हजरतगंज कोतवाली के निकट स्थापित ओम नमो नारायण जनता मंदिर में जेष्ठ मास के प्रथम मंगलवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर सर्वराकार बद्री नाथ पाण्डेय,प्रधान पुजारी संत प्रसाद पाण्डेय, पंडित संतोष कुमार, पंडित राकेश पांडे, पंडित हरि शरण दुबे,पंडित राजकुमार, आचार्य रामू पाण्डेय एवं समस्त भक्तगण के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें रजनीश चोपड़ा का विशेष सहयोग रहा।

*ईवी मैन्युफैक्चरिंग के साथ कर्मचारियों का कौशल भी निखारेंगी निजी कंपनियां*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने निवेशकों को तमाम तरह के प्रोत्साहन और सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। खासतौर पर उन निवेशकों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कर्मचारियों के कौशल विकास को महत्व देंगे।

इसके लिए ईवी मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी में प्राविधान किए गए हैं। पॉलिसी के क्रियान्वयन से संबंधित नियमावली में कौशल विकास के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान की गई है। इसके अनुसार प्रदेश में ईवी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करने वाली कंपनियों को कौशल विकास सब्सिडी प्रदान की जाएगी। यही नहीं, किसी वर्ष विशेष में कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए अलग से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में प्रदेश में निवेश करने वाली कंपनियों से अपील की थी कि वो प्रदेश में निवेश के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास का भी प्रयास करें, ताकि भविष्य के लिए एक कुशल मैनपावर का सृजन किया जा सके। इसके लिए उन्होंने सरकार की ओर से हर संभव मदद देने का भी आश्वासन दिया था।

अधिकतम 50 कर्मचारियों को 5 हजार रुपए स्टाइपेंड

ईवी पॉलिसी में कौशल विकास सब्सिडी का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार सभी परिभाषित विनिर्माण परियोजनाओं के लिए स्टाइपेंड की प्रतिपूर्ति के रूप में अधिकतम 50 कर्मचारियों को प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 5000 रुपए की दर से एक बार सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसी प्राविधान के तहत किसी वर्ष विशेष में अधिकतम 10 कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा।

यह प्रोत्साहन लाभ केवल उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पूर्व 12 माह की अवधि के लिए आवेदन करने वाली विनिर्माण इकाई में कार्यरत हों। सब्सिडी हेतु अनुमन्य होने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन या किसी केंद्रीय/राज्य विश्वविद्यालय/महाविद्यालय या आईटीआई/पॉलीटेक्निक द्वारा प्रमाणित होना चाहिए।

प्रोडक्शन शुरू होने के बाद ही लागू होंगे प्राविधान

ईवी पॉलिसी में किए गए प्राविधान के अनुसार सभी प्रोत्साहन लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के बाद ही प्रदान किए जाएंगे। विनिर्माण परियोजनाओं के लिए समस्त वित्तीय प्रोत्साहनों का योग स्थाई पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

नीति के तहत 'प्रथम आगत-प्रथम पावत' (फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व) का आधार उन परियोजनाओं के लिए निर्धारित किया जाएगा, जिन्हें नीति के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट प्रदान किया जा रहा हो।

कई देशी-विदेशी कंपनियां यूपी में यूनिट लगाने को तैयार

मालूम हो कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर ईवी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश के लिए एमओयू हुआ है। ईवी मैन्यफैक्चरिंग में देश ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी यूपी में निवेश के लिए आना चाहती हैं। इनमें सबसे बड़ा निवेश हांगकांग की कंपनी टाऊशेन इंटरनेशनल लि. है जो टाऊशेन ग्रुप ऑफ कंपनीज का अंग है।

इस एक कंपनी ने ईवी मैन्युफैक्चरिंग के अलावा कई अन्य सेक्टर्स में 1.90 लाख करोड़ के निवेश का एमओयू किया है। इसी तरह आरजी स्ट्रेटजीज ग्रुप और कॉसिस ग्रुप ने भी ईवी सेक्टर में बड़े निवेश करार किए हैं। इनके अलावा कई अन्य कंपनियां प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी में हैं।

*13 वर्षीय मास्टर व्योम आहूजा को मिला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, डीएम ने किया सम्मानित*


लखनऊ। हर साल राष्ट्रपति द्वारा बच्चों को उनकी विशेष उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है | इसी क्रम में बुधवार को 13 वर्षीय मास्टर व्योम आहूजा को जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने साल 2021 का राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देकर जिलाधिकारी कार्यालय में सम्मानित किया | मास्टर व्योम को प्रमाणपत्र के साथ टैबलेट, प्रधानमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित घड़ी और मेडल भी दिया गया |

बताते चलें कि कोविड के कारण वर्ष 2021 और 2022 में पुरस्कारों का वितरण नहीं किया जा सका था | व्योम की माँ दिया आहूजा और पिता निखिल आहूजा ने बताया कि उसे भारतीय कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है | वह बाँसुरी और ड्रम बजाते हैं और 13 साल की उम्र में ही उन्होंने बाँसुरी में विशारद की उपाधि हासिल की है | व्योम ने बाँसुरी वादन में कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जीते हैं | एक मिनट में सबसे ज्यादा ड्रम टैप करने का रिकार्ड भी इनके नाम है | इसके अलावा उन्हें सिंथेसाइजर, माउथ ऑर्गन, तबला, पाइप जाइलोफोन सहित कई अन्य वाद्य यंत्र बजाने में महारत हासिल है |

इसके साथ मेमोरी गेम्स और खेल के लिए भी उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं और व्योम ने कुल 37 रिकॉर्ड बनाए हैं जिसमें 30 इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, तीन एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, दो फ्यूचर कलाम के साथ और दो यूनिवर्सल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स |

वर्ल्ड रिकॉर्ड यूनिवर्सिटी की तरफ से चेस एलगोर्थिस्म में उन्हें ग्रांड मास्टर का अवॉर्ड मिला है |

लॉक डाउन के दौरान व्योम ने चार बार भगवद् गीता पढ़ी जिससे प्रेरित होकर उन्होंने कुरुक्षेत्र रणभूमि नामक बोर्ड गेम बनाया है जिसका कॉपी राइट भी उन्हें मिल चुका है |

व्योम ने नौ साल की आयु में मकाउ में बंगी जम्पिंग प्रतियोगिता के तहत सबसे ज्यादा ऊंचाई से कूदने का रिकॉर्ड बनाया है | इन सभी के अलावा व्योम ने अन्य कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं |

वही व्यक्ति जिन्दा है जो अपने समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित हो: सूरज प्रसाद चौबे


लखनऊ । बीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के 483 जयंती सवर्ण आर्मी के प्रदेश कार्यालय गोमती नगर लखनऊ में बीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को माल्यार्पण किया गया। मुख्य अतिथि सेवानिवृत उप पुलिस अधीक्षक एस के राय को परशुराम का फरसा देकर समानित किया गया। सवर्ण आर्मी प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने किया विशिष्ठ अतिथि ठाकुर गोविन्द सिंह गहमरी को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया ।

उपस्थित सवर्ण समाज को सम्मोधित करते हुए सवर्ण आर्मी के प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने कहा कि भारत के सबसे बीर योद्धा महाराणा प्रताप सिंह का जन्म 9 मई 1540को राजस्थान के कुभालागढ़ मे हया था महाराणा प्रताप को सन 1572 मे मेवाड़ का शासक बनाया गया था मेवाड़ को सुरछित रखने के लिए उन्होंने कई युद्ध लड़े जीते लेकीन सबसे प्रसिद्ध युद्ध तत्कालीन मुगल बादशाह अकबर के के खिलाफ हल्दी घाटी का युद्ध लड़ा महाराणा प्रताप को जालोर की उनकी मां महारानी जयबंता बाई सोगरा ने युद्ध कैसल सिखाया था हल्दी घाटी युद्ध पर जानें से पहले महाराणा प्रताप नेएक बार कहा था की देवी देवता के सामने शपथ लेता हू की मैं एक भूसे के बिस्तर पर सो जायगा यौर पत्तल पर खायुगा और महल को जंगलों में रहने के लिए छोड़ दुगा तब तक की मैं चित्तौड़ की महिमा वापस नाही लायुगा।

महाराणा प्रताप ने अपन पूरा जीवन मेवाड़ की रक्षा यौर राष्ट्र को समर्पित किया सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपाल जी पाण्डेय ने कहा कि महाराणा प्रताप मातृ भूमि के प्रति प्रेमी रखने वाले बीर और देश भक्त राजपूत थे वह एक अहंकारी लेकीन जिम्मेदार व्यक्ति थे वह निर्वासन में जानें के बजाय खुद को समाप्त कर सकतें थे वहीं व्यक्ति आज जिंदा है जो अपने समाज राष्ट के लिए समर्पित हो देश की आजादी के लिए जब कुछ लोग घरों में बैठे थे। तब मंगल पांडेय भगत सिंध आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पाण्डेय आज सबके हक मान सम्मान स्वाभिमान की लडाई लड़ रहे हैं । सभी सवर्ण समाज के लोग से कहना चाहता हूं कि आप सभी घर से निकले अपने समाज के हक स्वाभिमान सम्मान की लडाई में सर्वेश पाण्डेय का साथ दे।

सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव ठाकुर शिवम् सिंह ने कहा की महाराणा प्रताप के नाम से भारतीय इतिहास गुंजायमान है जिन्होंने ने मुगलों को छटी का दूध पिला दिया था इनकी बिरता की कथा से भारत भूमि गैरान्वित हैं महाराणा प्रताप एक बहादुर राजपूत थे जिन्होंने ने हर परिस्थिति मे अपने राज्य राज्य की प्रजा की रक्षा की इन्होने ने सदैवअपने परिवार से उपर प्रजा का मान सम्मान किया एक ऐसे राजपूत थे जिनकी बिराता को अकबर भी सलाम करता था इस अवसर पर गोविन्द सिंह गहमरी जुगल किशोर पाण्डेय योगेश सिंह जयप्रकाश सिंह हवलदार सिंह चंद प्रकाश शर्मा प्रदेश सचिव विवेक अग्निहोत्री स्थानीय छतरी समाज के लोग सामिल रहे।

*मैरिज हॉल के बाहर से पत्नी को भगा ले गया पति,फिर कर दी हत्या*


लखनऊ।महानगर क्षेत्र में रहने वाले एक गरीब परिवार के पिता ने बड़े सपने देखकर बेटी की शादी प्रेम प्रसंग को स्वीकार करते हुए तय कर दी थी फिर जिस दिन शादी थी उसी दिन पति मोटरसाइकिल से पत्नी को मैरिज हॉल के बाहर से भगा ले गया और जंगलों में पत्नी की हत्या करके फरार हो गया।

जानकारी के मुताबिक पुराना महानगर में रहने वाले मजदूर संजय कुमार कश्यप की बेटी कोमल कश्यप जो घरो में बर्तन,चौका का कार्य करती थी उसका प्रेम प्रसंग पिछले कई वर्षों से सेमरौता तिलोई रायबरेली में रहने वाले राहुल मौर्या के साथ चल रहा था।संजय कुमार ने राहुल से बात करके विवाह करने की मंजूरी दे दी।

बीते 04 मई को कोमल और राहुल का विवाह अलीगंज डंडइया बाजार में स्थित बाल गोविन्द जी मैरिज हॉल से सुनिश्चित किया गया और संजय कुमार ने शादी की पूरी तैयारी कर ली थी।04 मई को जब विवाह होना था तो राहुल चुनाव के कार्य मे व्यस्त हो गया और बारात ले जाने की तैयारी राहुल ने नही की थी।फिर राहुल 04 मई को सुबह करीब साढ़े आठ बजे कोमल को फोन करके मैरिज हॉल के बाहर बुलाया और कोमल को मोटरसाइकिल से भगा कर अपने साथ ले गया।

यह सुनते ही संजय कुमार के होश उड़ गए और महानगर पुलिस को सूचित करते हुए राहुल द्वारा कोमल को ले जाने की बात कही फिर महानगर पुलिस द्वारा पीड़ित संजय कुमार की तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज करते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।जब महानगर पुलिस की कार्यवाई से संजय कुमार संतुष्ट नही हुए तो 07 मई को मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री पोर्टल पर राहुल द्वारा बेटी कोमल को अगवा कर लेने की शिकायत दर्ज कराई थी।

मंगलवार को कोमल का शव पिकनिक स्पॉट कुकरैल कर जंगलों में मिलने का पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा।जबकि महानगर पुलिस ने आरोपी राहुल मौर्या को पहले ही हिरासत में लेते हुए शव की बरामदगी के लिए राहुल को अपने साथ कुकरैल जंगल मे ले गई थी।गहन पूछताछ में राहुल ने स्वीकार किया किया कोमल की गला दबाकर हत्या करने के बाद अपने घर चला गया था।

*अवैध ताड़ी के साथ दो लोगों को पुलिस ने पकड़ा*


सरोजनीनगर/ लखनऊ। बंथरा थाने की पुलिस ने अवैध ताड़ी के साथ दो लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया है।

सोमवार को‌ समय लगभग 4 बजे औरावां रोड पर सुनील कुमार रावत पुत्र गुरुप्रसाद ग्राम सभा मीरानपुर थाना सरोजनी नगर उम्र लगभग 45 वर्ष सम्राट सिंह पुत्र स्व ब्रजकिशोर ग्राम सभा और औरावां थाना बंथरा उम्र लगभग 27 वर्ष को प्लास्टिक की पिपियां में भरकर 10 लीटर ताड़ी ले जा रहे थे जिसका लाइसेंस पुलिस ने मांगा तो नहीं दिखा सके।

पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करके आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश किया।

वकील को मारने के लिए दौड़ाया


सरोजनीनगर/ लखनऊ। दिनेश सिंह एडवोकेट पुत्र स्व महादेव सिंह ग्राम सभा गढ़ी चुनौती थाना बंथरा ने थाने पर मुकदमा लिखाया है कि बीती 7 मई को समय लगभग 1:30 बजे अपने दरवाजे पर खड़ा था।

तभी गांव के ही अखिलेश सिंह पुत्र काले सिंह उर्फ शिव कुमार सिंह घर पर चढ़कर कहने लगे तुम अपने आपको बहुत लगाने लगे हो तुम्हारी नक्शे बाजी मैं सही कर दूंगा। मैंने मना किया तो मां बहन की गालियां देने लगे।

जब मैंने गाली देने से मना किया तो अखिलेश सिंह मेरे दरवाजे पर लगी ईट उठाकर मुझे मारने के लिए दौड़ा लिया मैं भागकर घर में घुसकर जान बचाई।पुलिस मामले की छानबीन करके कारवाही कर रही है।

*हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो नर्सों की हुई तैनाती*


सरोजनीनगर /लखनऊ। जब मामला मीडिया और में उछला तो साहब ने सिर्फ कोरम पूरा करने के लिए दो स्टाफ़ नर्सो को वापस पीएचसी हरौनी भेज दिया उनकी तानाशाही अभी कायम है।

जिस पीएचसी में चार नर्सों की तैनाती 6-6 घंटे की शिफ्ट के अनुरूप है वहां पर दो नर्स कैसे जिम्मेदारी संभाल पाएंगी यह सवाल अभी भी कायम है क्योंकि सरोजनीनगर सीएचसी के प्रभारी डॉ अंशुमान ने अभी हरौनी पीएचसी की दो नर्सों को अपने यहां ही रोक रखा है।

आशा बाहुओं की नाराजगी मंगलवार को भी जारी रही।नियम के अनुरूप बंथरा के हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 4 स्टाफ़ नर्सो की आवश्यकता है क्योंकि कि सभी की ड्यूटी 6-6 घंटे की होती है लेकिन सरोजनीनगर सीएचसी प्रभारी व सीएमओ लखनऊ की मिलीभगत से हरौनी पीएचसी में सिर्फ दो स्टाफ़ नर्सो को ही भेजा गया है।

आपको बता दें कि सीएमओ ने मार्च में 3 स्टाफ़ नर्सो को हरौनी पीएचसी भेजने का आदेश जारी किया था। जो स्टाफ़ नर्से मंगलवार यहां आई है उनका कहना है कि जब तक दो और स्टाफ़ नर्से नही आयेगी तब तक डिलीवरी कार्य नहीं शुरू हो पायेगा। लगभग तीन साल से हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में बंद पड़ी डिलीवरी सुविधा को पुनः चालू करवाने के लिए सांसद मोहनलालगंज/केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर व विधायक राजेश्वर सिंह केन्द्रीय मंत्री कौशल किशोर के बेहद करीबी भाजपा नेता विरेंद्र रावत के अथक प्रयास से लगभग तीन साल से बंद पड़ी डिलीवरी सुविधा बहाल हो सकी पारख महासंघ के सरोजनीनगर विधानसभा प्रभारी व भाजपा नेता विरेंद्र रावत सहित मीडिया प्रभारी, भाजपा, संदीप कुमार सहित आशा बहु स्नेह लता शुक्ला व क्षेत्र के लोगों ने स्टाफ़ नर्सो को पुष्प भेंट कर उनका स्वागत किया।

विरेंद्र रावत व चौकी इंचार्ज हरौनी मून्ना लाल ने भी हरौनी पीएचसी वापस आयीं इन स्टाफ़ नर्सो को आश्वासन दिया कि वे निर्भीकता से कार्य करें। कोई भी परेशानी हो आप तत्काल पुलिस को फोन कर बुला सकती है। आज भी हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में न तो डिलीवरी सुविधा के लिए कोई उपकरण ही है और न ही यहाँ वार्ड व्याय, अर्दली सफाई कर्मी, आया, लैब टेक्नीशियन, हेल्पर भी नही हैं। वहीं डिलीवरी वार्ड में गंदगी का अम्बार है। ऐसी अव्यवस्थाओं के बीच 42 गांवो के मरीजों का जिम्मा संभालने वाले पीएचसी हरौनी में पुनः स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर ला पाना एक बड़ी चुनौती है।