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पांच किन्नरों ने अपने गुरु से किया अनोखा विवाह, लोक कल्याण के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम भी किया, पढ़िए पूरी कहानी

जांजगीर जिले के कोसा कांसा कंचन की नगरी चांपा में अनोखी शादी देखने को मिली। यहां पांच किन्नरों ने अपने गुरु से विवाह किया। किन्नरों की ओर से पहली बार लोक कल्याण के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पहले दिन रविवार को किन्नरों ने अपने आराध्य देव बहुचरा माता की पूजा की, दूसरे दिन सोमवार को माता के सामने हल्दी रस्म निभाई और तीसरे दिन मंगलवार को प्रदेश भर से पहुचे किन्नरों ने कलश यात्रा निकाली।

रविवार को बहुचरा माता की पूजा अर्चना के बाद पांच किन्नर माही, ज्योति, रानी, काजल, सौम्या की शादी की रस्में निभाई गई, जिसमें बकायदा उनके परिवार के लोग भी शामिल हुए और सभी किन्नरों के शरीर पर तेल, हल्दी चढ़ाया गया। उनका विवाह उनके ही किन्नर गुरु शारदा नायक से कराने की रस्म की गई। किन्नर इस विवाह में वधु की तरह साड़ी पहन रखी थी। वहीं किन्नर द्वारा वर के रूप में भी हाथ में कटार लेकर हल्दी रस्म को पूरा किया गया।

ग्रेजुएशन तक पढ़ी है किन्नर माही

इन किन्नरों में माही ने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा ली है। अपने इस रूप को ही अपना सहारा बना कर अन्य किन्नरों को इज्जत की जिंदगी देने के लिए प्रेरित कर रही है। माही ने बताया कि किन्नर भी मनुष्य के अंग हैं और उन्हें भी अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है, जो सभी महिला पुरुष करते हैं।

उस वैवाहिक रस्म को भी किया जा रहा है. जिनकी आज शादी हो रही है, वे अपने गुरु से शादी कर रहे हैं। अब गुरु के नाम का ही सिंदूर और शृंगार करेंगे। इस आयोजन में किन्नरों के परिजन भी शामिल हुए और शादी का आनंद लिया।

मुलायम सिंह को पद्म विभूषण मिलने पर CM योगी ने की तारीफ, बोले- इस बात के लिए नेताजी हमेशा किए जाएंगे याद

राष्ट्रपति भवन में बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम के तहत पद्म पुरस्कार का वितरण किया गया। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया।

 उनकी तरफ से यह सम्मान ग्रहण करने उनके बेटे अखिलेश यादव राष्ट्रपति भवन पहुंचे। अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह सम्मान लिया।

वहीं, मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत पद्म विभूषण दिए जाने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया। ट्वीट में सीएम योगी ने मुलायम सिंह यादव की तारीफ की। राष्ट्रपति द्वारा आज पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी को 'पद्म विभूषण' (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। समाज की मुख्यधारा से शोषितों, वंचितों और पिछड़ों को जोड़ने के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे। 

मुलायम ने वंचितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ाः योगी

सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा, “माननीय राष्ट्रपति जी द्वारा आज पूर्व रक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी को ‘पद्म विभूषण’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया। समाज की मुख्यधारा से शोषितों, वंचितों और पिछड़ों को जोड़ने के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे।

अखिलेश यादव ने सभी नेताओं को अभिवादन किया

पिता के नाम पर मिला सम्मान लेने अखिलेश यादव जब राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो रोचक नजारा भी देखने को मिला। जब अखिलेश यादव का नाम पुकारा गया, तो वह अपनी जगह से उठे और प्रोटोकॉल के मुताबिक आगे बढ़े। इस दौरान वह सबका अभिवादन करते जा रहे थे, तभी सामने की पंक्ति में बैठे पीएम मोदी से उनकी नजरें मिलीं। पीएम मोदी संग लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, गृहमंत्री अमित शाह समेत अन्य नेता भी बैठे थे। अखिलेश यादव ने पीएम मोदी समेत सभी नेताओं को अभिवादन करते हुए नमस्कार किया।

पीएम मोदी ने भी उनके अभिवादन का जवाब देते हुए नमस्कार किया। इसके बाद अखिलेश यादव आगे बढ़कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास पहुंचे और अभिवादन किया। राष्ट्रपति ने अखिलेश यादव के हाथ में उनके पिता मुलायम सिंह यादव का पद्म विभूषण सम्मान सौंप दिया।

पिछले साल हुआ था मुलायम सिंह का निधन

गौरतलब है कि पिछले साल 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया था। उन्होंने गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। वह लंबे समय से बीमार थे। बता दें कि पद्म सम्मान देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं और यह तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में प्रदान किए जाते हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को भेजा नोटिस, मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मांगा जवाब

#delhi_high_court_notice_to_cbi_on_manish_sisodia_bai 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आबकारी नीति मामले में आप नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने मामले को 20 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और जांच एजेंसी को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

मनीष सिसोदिया ने निचली अदालत के उस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की है, जिसमें उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। बुधवार को सीबीआई जज एम.के. नागपाल (राउज एवेन्यू कोर्ट) ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश नागपाल ने उनकी न्यायिक हिरासत भी 17 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में आपराधिक साजिश के मनीष सिसोदिया लगते हैं. इस समय उनकी रिहाई से जारी जांच प्रभावित हो सकता है। मनीष सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण और बड़ी भूमिका निभाई। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के कोर्ट के इस रुख के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत देने की मांग की थी।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ कथित शराब घोटाला मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। दोनों ही मामलों में सिसोदिया न्यायिक हिरासत में हैं। सिसोदिया 26 फरवरी से गिरफ्तार हैं।

वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन और उनके दो सहयोगियों की ईडी द्वारा जांच किए जा रहे धन शोधन मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने 22 मार्च को उनकी जमानत याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, सत्र के आखिरी दिन भी नहीं हो सका कामकाज

#parliament_budget_session_last_day

लोकसभा की बैठक निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने अदाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग को हंगामा किया तो सरकार की तरफ से लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर माफी की मांग पर हंगामा किया।

सत्र के दौरान 25 बैठकें हुई

बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर काले कपड़े पहले कांग्रेस सदस्यों सहित कुछ विपक्षी दलों के सांसद आसन के समीप आकर जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज का ब्यौरा प्रस्तुत किया। बिरला ने कहा कि 17वीं लोकसभा के 11वें सत्र की शुरूआत 31 जनवरी को हुई जिस दिन राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण दिया। इस पर 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा चली, इस चर्चा में 143 सदस्यों ने भाग लिया और प्रधानमंत्री ने इसका जवाब दिया। सभा ने सर्वसम्मति से अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित किया। उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान 25 बैठकें हुई जो लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चली। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया। सदन में इस पर 14 घंटे और 45 मिनट तक चर्चा हुई और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) ने इसका जवाब दिया। उन्होंने बताया कि सदन ने अनुदान की मांगों और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दी। सत्र के दौरान आठ विधेयक पुन: स्थापित किए गए और छह विधेयक पारित हुए।

लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि आपका जिस प्रकार का आचरण है, वह सदन की उच्च परंपरा के अनुरूप नहीं है। इस तरह से सदन की गरिमा को गिराना कतई उचित नहीं है। मैं सदन में चर्चा कराना चाहता हूं, मैंने हमेशा चर्चा के लिए समय दिया है। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि आप सदन में चर्चा नहीं करना चाहते और कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं।

विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक निकाला ‘तिरंगा मार्च’

इधर, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दिल्ली में संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन विपक्षी सांसदों ने संसद से विजय चौक तक ‘तिरंगा मार्च’ निकाला। कांग्रेस के अलावा द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसे समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों और वाम दलों के सांसदों ने पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे मार्च शुरू किया। हाथों में तिरंगा में ले रखे ये सांसद ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगा रहे थे।विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दौरान समन्वय दिखाया है और 13 मार्च को इसके दूसरे चरण के शुरू होने के बाद से उन्होंने संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किए।

स्पीकर की ‘शाम की चाय’ बैठक में शामिल नहीं होंगे 13 दल

सूत्रों की मानें तो लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक स्थगित हो जाने के बाद आज लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आयोजित की जाने वाली ‘शाम की चाय’ बैठक में कांग्रेस सहित 13 राजनीतिक दलों ने शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ

संसद के बजट सत्र की शुरूआज 31 जनवरी को हुई और पहला चरण 13 फरवरी तक चला। सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा हालांकि विपक्ष की अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग और लोकतंत्र को लेकर लंदन में राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर सत्ता पक्ष द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से माफी मांगने पर जोर देने के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया

बीजेपी के स्थापना दिवस पर पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को किया संबोधित, जाने भगवान हनुमान का जिक्र कर क्या संदेश देने की कोशिश

#pmnarendramodispeechonbjpfoundation

भारतीय जनता पार्टी आज स्थापना दिवस मना रही है। वहीं, आज पूरे देश में हनुमान जन्मोत्सव की धूम है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम का भाषण हनुमान जी पर केंद्रित रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं ने कहा कि काम उसी तरह करना है जैसे बजरंग बली करते थे।पीएम मोदी ने कहा कि जब लक्ष्मण जी पर संकट आया तब हनुमान जी पूरा पर्वत ही उठाकर ले आए। भाजपा भी इसी प्रेरणा से परिणाम लाने में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करती रही है, करते रहना है, करते रहेंगे।

भाजपा को भगवान हनुमान से मिलती है लड़ने की प्रेरणा

स्थापना दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 44 साल के सफर को देखें तो हम शून्य से उस मुकाम पर हैं जहां से और आगे बढ़ना है। इस सफर से जुड़ी तरह तरह की स्मृतियां हैं जो बरबस याद आ जाती हैं।आज हम देश के कोने-कोने में भगवान हनुमान जी की जन्म जयंती मना रहे हैं। हनुमान जी का जीवन और उनके जीवन के प्रमुख प्रसंग आज भी हमें पुरषार्थ के लिए प्रेरित करते हैं भारत की विकास यात्रा के लिए प्रेरणा देते हैं।हनुमान जी के पास असीम शक्ति है लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल वो तभी कर पाते हैं जब स्वयं पर से उनका संदेह समाप्त हो जाता है।2014 से पहले भारत की भी यही स्थिति थी। लेकिन आज भारत बजरंगबली जी की तरह अपने भीतर सूक्त शक्तियों का आभास कर चुका है।

भाजपा भारत के लिए दिन-रात काम कर रही है-पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि हम भगवान हनुमान के पूरे जीवन को देखें, तो उनके पास ‘कर सकते हैं’ वाला रवैया था जिसने उन्हें सभी प्रकार की सफलता लाने में मदद की। उन्होंने कहा कि भाजपा भारत के लिए दिन-रात काम कर रही है और हमारी पार्टी ‘माँ भारती’, संविधान और राष्ट्र को समर्पित है।

भाजपा जो काम कर रही,विपक्ष उसे पचा नहीं पा रहा-पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमारा मजाक उड़ाकर सफल नहीं हुए तो बादशाही मानसिकता वाले लोगों की नफरत और बढ़ गई। दशकों से हिंसा झेल रहे कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में शांति का सूरज उगेगा, ये उन्होंने सोचा नहीं था। आर्टिकल 370 इतिहास हो जाएगा, ये उन्होंने कल्पना नहीं की थी। जो काम दशकों तक नहीं हुए, वो भाजपा कैसे कर रही है, वो इन्हें पच नहीं रहा है। आज ये इतने हताश हो गए हैं कि खुले आम कहने लगे हैं ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’।

मां भारती को बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए कठोर होना पड़ रहा-पीएम

पीएम ने कहा कि हनुमानजी सब कुछ कर सकते हैं, सबके लिए करते हैं, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं करते। यही भाजपा की प्रेरणा है। एक और प्रेरणा है। जब हनुमान जी को राक्षसों का सामना करना पड़ा था तो वो उतने ही कठोर भी हो गए थे। इसी प्रकार से जब भ्रष्टाचार की बात आती है, जब परिवारवाद की बात आती है, कानून व्यवस्था की बात आती है तो भाजपा उतनी ही संकल्पबद्ध हो जाती है। मां भारती को इन बुराइयों से मुक्ति दिलाने के लिए कठोर होना पड़े तो कठोर हों।

आरबीआई ने दी बड़ी राहत, रेपो रेट में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं, लगातार 6 झटकों के बाद थमी ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की रफ्तार

#rbi_maintain_status_quo_on_repo_rate_emi_will_not_increase

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए पॉलिसी रेट में इजाफा नहीं किया है। आरबीआई एमपीसी ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर ही रखा है। इस फैसले के बाद आम लोगों की ईएमआई में इजाफा नहीं होगा। वैसे बीते एक साल में आरबीआई रेपो रेट में 2.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है।

तीन दिन से चल रही आरबीआई की माॅनिटरी पाॅलिसी कमिटी के बैठक के बाद बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को स्थिर रखने का ऐलान किया है। लगातार छह बार रेपो रेट बढ़ाने के बाद आरबीआई ने नए वित्तीय की पहली एमपीसी बैठक में इसे स्थिर रखा है। 

शक्तिकांत दास ने बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में जारी पुनरुद्धार को बरकरार रखने के लिए हमने नीतिगत दर को यथावत रखने का फैसला किया है। लेकिन जरूरत पड़ने पर हम स्थिति के हिसाब से अगला कदम उठाएंगे। एमपीसी ने आम सहमति से इसे फिलहाल 6.50 फीसदी पर बनाए रखा है।

आरबीआई मई 2022 से अब तक यानी एक साल में ब्याज दरों में 2.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है। आंकड़ों के अनुसार मई 2022 में पॉलिसी रेट में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया था। उसके बाद लगातार तीन बार आरबीआई ने 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी। उसके बाद दिसंबर 2022 में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर आरबीआई अपने स्टांस को थोड़ा कम किया। नवंबर और दिसंबर में महंगाई भी 6 फीसदी से कम थी। जनवरी में महंगाई ने बाउंस बैक किया और फरवरी में 0.25 फीसदी का इजाफा ब्याज दरों में करना पड़ा। वैसे फरवरी में भी महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा बनी हुई है। मार्च में महंगाई 5.50 फीसदी पर आने की उम्मीद जताई जा रही है।

केंद्रीय बैंक के इस फैसले के बाद लोन लेने वाले ग्राहकों की ईएमआई नहीं बढ़ेगी। आरबीआई के रेपो रेट को बरकरार रखने से मिडिल क्लास और छोटे कारोबारियों की जेब पर ईएमआई का बोझ इस बार नहीं बढ़ने वाला है। इसका असर यह होगा कि होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन महंगे नहीं होंगे।

फिर डरा रही कोरोना की रफ्तार, बीते 24 घंटे में 5 हजार से ज्यादा संक्रमण के नए मामले

#corona_virus_cases

देश में कोरोना ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। पिछले कुछ दिनों से लगातार संक्रमण के मामलों में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के पांच हजार से ज्यादा यानी 5,335 मामले सामने आए हैं।इससे एक दिन पहले 163 दिन बाद चार हजार से ज्यादा लोग एक दिन में कोरोना संक्रमित मिले थे। 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 5 हजार 335 नए मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, ये आंकड़ा कल से 20 फीसदी ज्यादा है जिसका सीधा अर्थ ये है कि केस तेजी से अपनी रफ्तार पकड़ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में दर्ज होने वाला ये आंकड़ा पिछले 6 महीनों में सबसे ज्यादा है।वहीं, इस दौरान 6 लोगों ने दम तोड़ा है। वहीं, इन नए मामलों के दर्ज होने के बाद देश में अह एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 25 हजार 587 हो गई है। कोरोना के अधिकतर मामले दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक में दिख रहे हैं।

वहीं, कर्नाटक में दो, महाराष्ट्र में 2, पंजाब में एक, केरल में एक शख्स की मौत हुई है. देश में इस वक्त डेली पॉजिटिविटी रेट 3.32 प्रतिशत पर है। पिछले 24 घंटे में 2826 मरीज कोरोना से ठीक हुए हैं. इस अवधि के दौरान 1993 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई।

कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र सरकार के इम्पॉवर्ड ग्रुप एक की बैठक में इन्साकॉग ने कहा कि देश में 38 फीसदी संक्रमण प्रसार के पीछे वायरस का नया स्वरूप जिम्मेदार है। इन्साकॉग ने बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के शीर्ष अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी गई। इसमें बताया गया कि ओमिक्रॉन और इसके उप स्वरूप देश में प्रमुख रूप से बने हुए हैं। इसके चलते संक्रमण दर में इजाफा हुआ है विशेष रूप से देश के पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तरी भागों में देखा गया है। 

इन्साकॉग के मुताबिक, वायरस का एक नया स्वरूप एक्सबीबी.1.16 को भारत के विभिन्न हिस्सों में देखा गया है, जो आज तक संक्रमण के 38.2% के लिए जिम्मेदार है। बीते मार्च माह के तीसरे सप्ताह तक एकत्र नमूनों में एक्सबीबी स्वरूप सबसे अधिक मिला है। हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में बीए.2.10 और बीए.2.75 उप स्वरूप का भी पता चला जो एक्सबीबी की तरह ओमिक्रॉन स्वरूप से निकले हैं।

बीजेपी का स्थापना दिवस आज, नड्डा ने ध्वजारोहण कर की कार्यक्रम की शुरूआत, थोड़ी देर में पीएम करेगें संबोधित

#bjp_foundation_day 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। बीजेपी की आधिकारिक रूप से स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई। बीजेपी के 44वां स्थापना दिवस है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कई मायनों में खास माना जा रहा है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं को कुछ चुनावी मंत्र भी दे सकते हैं।

बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया। थोड़ी देर में प्रधानमंत्री मोदी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।पीएम मोदी के संबोधन के लिए बीजेपी नेताओं ने खास तैयारियां की है. पीएम के संबोधन का देशभर में 10 लाख से ज्यादा स्थानों पर लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।

स्थापना दिवस के मौके पर एक सप्ताह के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें सेवा को प्रमुखता दी जाएगी। पार्टी इस दौरान केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएगी। लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पार्टी अभी तक डिजिटल फॉर्मेट पर ज्यादा जोर देती थी, लेकिन इस बार वह पुराने तरीकों को भी खूब इस्तेमाल करेगी। इसमें वॉल राइटिंग करना और पोस्टर अभियान प्रमुख होंगे।

14 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से इनकार

#supreme_court_refuses_to_entertain_plea_filed_by_congress_and_opposition_parties

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों द्वारा दायर एक याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है।कांग्रेस सहित 14 राजनीतिक दलों की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई योग्य नहीं माना।याचिका में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने उपयोग का आरोप लगाया गया था। याचिका में गिरफ्तारी, रिमांड और जमानत जैसे मामलों को नियंत्रित करने वाले दिशा-निर्देशों का नया सेट जारी करने की मांग की गई थी।

विपक्षी दलों की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण ने कहा कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सामान्य सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।सीजेआई ने कहा कि राजनेता आम इंसान से बढ़कर नहीं है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हम इस मामले में कोई आदेश नहीं दे सकते। इसके बाद 14 राजनीतिक दलों से सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली।प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की. न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला भी पीठ का हिस्सा थे।

विपक्ष की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को 2014 के बाद से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 885 अभियोजन शिकायतें दर्ज की गई हैं। सजा सिर्फ 23 को मिली। 2004 से 2014 तक, लगभग आधी-आधी जांच हुई है।अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि 2013-14 से 2021-22 तक सीबीआई और ईडी के मामलों में 600 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ईडी की ओर से 121 राजनीतिक नेताओं की जांच की गई है, जिनमें से 95 प्रतिशत नेता विपक्षी दलों से हैं। सीबीआई की 124 जांचों में से 95 प्रतिशत से अधिक विपक्षी दलों से हैं। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राजनीतिक विरोध की वैधता पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा है।

इसपर सीजेआई ने सिंघवी से पूछा कि क्या हम इन आंकड़ों की वजह से कह सकते हैं कि कोई जांच या कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए? क्या नेताओं को इससे अलग रखा जा सकता है? सीजेआई ने कहा कि भारत में सजा की दर बहुत कम है। सीजेआई ने कहा कि आप कहते हैं कि ईडी अपराध या संदेह की गंभीरता के बावजूद गिरफ्तार नहीं कर सकता। हम ऐसा कैसे कर सकते हैं। अपराध की गंभीरता को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है? 

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि किसी खास मामले के तथ्यों के बिना आम दिशा-निर्देश तय करना संभव नहीं है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाले राजनीतिक दलों से कहा कि जब आपके पास कोई व्यक्तिगत आपराधिक मामला हो या कई मामले हों तो हमारे पास वापस आएं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिका को वापस लेने की अनुमति दी।

कम नहीं हो रही सिसोदिया की मुश्किलें, कोर्ट ने फिर बढ़ाई न्यायिक हिरासत, सीबीआई के बाद ईडी केस में भी 17 अप्रैल तक जेल

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दिल्ली शराब घोटाले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत एक बार फिर बढ़ा दी है।कोर्ट ने उनकी हिरासत 17 अप्रैल तक बढ़ाई है।ईडी द्वारा दर्ज मामले में आज सिसोदिया की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया।

सिसोदिया की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता विवेक जैन ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। जहां तक रिश्वत लेने का मामला है तो सिसोदिया व उनके परिवार के किसी सदस्य के खाते में कोई पैसा नहीं आया है। यह नीति कई विभागों के साथ उपराज्यपाल के पास और हर स्तर पर मंजूर हुई। विवेक जैन ने कहा कि न तो कोई आरोप है और न ही ऐसा साक्ष्य है कि सिसोदिया ने रुपये लिए हैं। इतना ही नहीं नीति के लागू होने के बाद सरकार को बीते दस सालों में सबसे ज्यादा राजस्व मिला।विवेक जैन ने कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं पेश गई कि मनी लांड्रिंग अपराध करने में विजय नायर सिसोदिया के प्रतिनिधि थे। ऐसा भी नहीं है कि सिसोदिया ने किसी को बोला है कि ये नियम छोड़ दें या इसे लाइसेंस दे दें। विवेक जैन ने कहा कि अभियोजन पक्ष का आरोप है कि मैंने कैबिनेट फाइल से छेड़छाड़ की, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि इस तरह का नोट कैबिनेट के पास गया था।

वहीं, ईडी के वकील ने कहा कि हम ताजा सबूतों को जुटाने में लगे हुए हैं। अब भी इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सुबूत हैं जो सामने नहीं आए हैं।दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने सिसोदिया की जमानत पर बहस के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की है।

इससे पहले भी राउज एवेन्यू कोर्ट ने ही सीबीआई मामले में भी दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल 2023 तक के लिए बढ़ा दी थी। मनीष सिसोदिया रद्द हो चुकी आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में जेल में हैं। बता दें कि इससे पहले दिल्ली की अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने अब सिसोदिया को 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।