अपने अंदर के गुरु को जगाकर जीवन में फैलाएं उजाला : मोनिका सिंघल
पटना : हम हर समय खुश एवं आनंद क्यों नहीं रह सकते। हम पूरा जीवन खुशी ढूंढ़ने में हीं लगा देते हैं। अपने अंदर गुरु को जगाकर हम जीवन में उजाला फैला सकते है। उक्त बातें चंडीगढ़ से पधारी प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर मोनिका सिंघल ने पत्रकारों से बात करते हुए कही।
आध्यात्मिक गुरु एवं मोटिवेशनल स्पीकर मोनिका सिंघल मारवाड़ी महिला समिति, पटना, वनबंधु परिषद महिला समिति, पटना एवं राधारानी ग्रुप द्वारा कल आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना पधारी हैं।
मोनिका जी ने बताया कि सभी के मन में होता हैं कि हम हर समय खुश एवं आनंद क्यों नहीं रह सकते। हम पूरा जीवन खुशी ढूंढ़ने में हीं लगा देते हैं। स्माइल संस्था के के द्वारा हमें सिखाया जाता है और उदासी में भी हम अपने आप मे खुशी पैदा करें। गुरु की वाणी से और वचनों को रोज सुने। अपने अंदर के गुरु जो परम गुरु परमात्मा का अंश है रोज उससे मिलें।
उन्होंने कहा कि ध्यान का ज्ञान जिसमे बहुत सारी तकनीक सिखाये जाते है जो की हमे अपने जीवन के हर दिन में कैसे करना है आसान तरीके से बताया जाता है। जीवन का उद्देश्य, जीवन जीने की कला, जीवन जीने का उचित ढंग सिखाया जाता है। जीवन को उत्सव बना कर साधना द्वारा मन तन धन संबंधों को कुबेर के जैसा भर दिया जाता है। फिर अपने आपको अपने मन को तन को साधना सिखाया जाता है। ध्यान द्वारा प्राणायाम द्वारा और विचारों पर काबू पाना मैन को साफ करना सिखाया जाता है।
कहा कि अपने आप को मौन साधना से अपने चक्र से और एलिमेंट से जुड़कर जप, ध्यान, और प्रकृति से एकाकार होना बताया जाता है। हवन यज्ञ से जुड़कर कुण्डलिनी शक्ति को जागरण का अनुभव स्वयं की विस्मृति चिदाकाश से महाकाश का अनुभव और अखंड समाधि की अवस्था का अनुभव गुरु के सान्निध्य में कराया जाता है। जीते जी मृत्यु के भय से मुक्ति को अनुभव कराया जाता है। ये अनुभव अविस्मरणीय है।
उन्होंने कहा कि जो शिवा की समाधि में गुरु के साथ होते है। सब जानना चाहते है कि गुरु क्या है कौन है, क्यूं जरुरी है। अनुभव का ज्ञान सबसे जरूरी है यह मोनिकाजी हमेशा बताती हैं। आप सब के अंदर वही ज्योत वही गुरु विराजित है जो गुरु के अंदर है। बस उसे जगाने की और अपने आप को अंधकार से प्रकाश में लाने भर की जरूरत है।
गौरतलब है कि मोनिका जी ने अपनी विशेष साधनाओं, ध्यान, अनुभवो, विपासना, मौन, कठिन परिश्रम, आत्म साक्षात्कार के बाद जो निचोड निकाला वो बड़े प्रेम और सरलता से स्माइल नाम की संस्था बनाकर उसी में सब कुछ बॉट रही है। मोनिका जी स्वयं हर शहर में जाकर आमने सामने सभी को ध्यान, ज्ञान, और आत्मा का अनुभव रूबरू में करवाती है। जीवन से रोग और नकारात्मकता दूर भगाने के तरीके बड़े ही आसान तरीके से समझाती है।
Mar 21 2023, 19:41