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*तमिलनाडु में बिहारियों के प्रति हिंसा का नहीं है कोई माहौल, बिहार से गई अधिकारियों की टीम द्वारा की गई जांच में हुआ खुलासा*

डेस्क : तमिलनाडु में उत्तर भारतीय लोगों के प्रति हिंसा की बात महज अफवाह निकली है। वहां ऐसा कोई माहौल नहीं है। इस बात का खुलासा बिहार से गई अधिकारियों की टीम द्वारा वहां बिहार के लोगों से हुई मुलाकात में हुआ है। 

तमिलनाडु के दौरे पर गई बिहार से चार अधिकारियों की टीम ने रविवार को चेन्नई के अलावा सेलम, ईश्वागिरी, कृष्णागिरी, कुर्णागिरी, कोटापल्ली और कोलम इलाके का दौरा किया। इस टीम ने बिहार के अलग-अलग जिलों से आकर यहां रह रहे प्रवासी मजदूरों से बातचीत की और स्थिति की जानकारी ली। 

बिहार के अधिकांश लोगों ने बताया कि यहां उत्तर भारतीय लोगों के प्रति हिंसा का कोई माहौल नहीं है। इन लोगों ने यह भी जानकारी दी कि हाल के दिनों में इंटरनेट पर जो भी वीडियो वायरल हुए हैं, वे गलत हैं। अफवाह की वजह से लोग डरे हुए हैं और इसलिए यहां से पलायन कर रहे हैं।

अधिकारियों की टीम में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरुगन डी, श्रम संसाधन विभाग के विशेष सचिव आलोक कुमार, सीआईडी के आईजी पी. कन्नन और एसटीएफ के एसपी संतोष कुमार शामिल हैं। टीम सोमवार को तमिलनाडु के कुछ अन्य शहरों का दौरा करेगी। हालांकि अभी कोयंबटुर से कोई सटीक जानकारी नहीं आई है। टीम यहां का भी दौरा कर सकती है।  

वहीं तमिलनाडु सरकार ने प्रवासी मजदूरों के पलायन को देखते हुए उनके बीच विश्वास बहाली के लिए कई कदम उठाए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने रविवार को जाकर प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया। स्थानीय डिजिटल न्यूज पोर्टल द फेडरल के मुताबिक, सेलेम के डीएम ने तो प्रवासी मजदूरों के साथ होली खेली और उनके बीच मिठाइयां बंटवाईं। उद्योग व वाणिज्य संगठन के प्रतिनिधियों ने भी श्रमिकों का विश्वास जीतने की पहल की है। दूसरी ओर, राज्य पुलिस ने भ्रामक खबर व वीडियो पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। यहां तक की तमिलनाडु प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलई पर भी केस दर्ज किया गया है।

बिहार में कानून व्यवस्था होगी मजबूत, 4 होम कैडर समेत 10 आईपीएस मिले

डेस्क ; प्रदेश की कानून व्यवस्था मजबूत होगी। बिहार को 10 नए आईपीएस अधिकारी मिले हैं। इसमें 4 आईपीएस बिहार मूल के हैं और शेष 6 अन्य राज्यों से बिहार कैडर में शामिल हुए हैं। 

बिहार होम कैडर पाने वालों में 83 वीं रैंक पाने वाली शैलजा, 105 वीं रैंक पाने वाले संकेत कुमार, 146वीं रैंक पाने वाले अभिनव और 330 वीं रैंक पाने वाली साक्षी कुमार शामिल है। 

बता दें सिविल सेवा परीक्षा 2021 के नतीजों के आधार पर 2022 बैच के आईपीएस अधिकारियों को कैडर आवंटित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी 200 नये आईपीएस अफसरों की लिस्ट में से लगभग 37 आईपीएस अफसरों को होम कैडर आवंटित किया गया है।

इस साल यूपी के हिस्से में 19 और बिहार को 10 नये अफसर मिले हैं। देश को जो 200 नये आईपीएस अफसर मिले हैं, उनमें यूपी के 29 और राजस्थान के 27 अभ्यर्थी आईपीएस बने हैं। देखा जाए तो इस साल के आईपीएस अफसरों की सूची में यूपी और राजस्थान के अफसरों का दबदबा है।

तमिलनाडु मामले को लेकर विपक्ष की मांग को सरकार ने किया स्वीकार, एक सर्वदलीय टीम अधिकारियों के साथ तमिलनाडु भेजे जाने पर बनी सहमति

डेस्क : तमिलनाडु मुद्दे पर आज बिहार विधानसभा में एकबार विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। भाजपा सदस्यों ने कहा कि तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमला हो रहा है। वहां से लोगों के डरे सहमे वीडियो सामने आ रहे हैं लेकिन नीतीश सरकार इस पर भ्रामक बयानबाजी कर रही है। 

 

उसके बाद भाजपा विधान मंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। भाजपा प्रतिनिधिमंडल की सीएम नीतीश से इस मुलाकात के दौरान नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी सहित अन्य विधायक मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा हम लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर यह मांग की है कि बिहार से एक सर्वदलीय टीम अधिकारियों के साथ तमिलनाडु भेजा जाए। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी और मुख्य सचिव को बुलाकर कहा कि अधिकारियों की एक टीम को कल ही तमिलनाडु भेजा जाय। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जो लोग भी तमिलनाडु से बिहार आना चाहते हैं उन्हें वापस लाया जाए।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के डीजीपी ने अपने बयान में कहा है कि राज्य में बिहार के लोगों पर हमला नहीं हुआ है। वहीं बिहार मूल के लोगों का दावा है कि उन्हें तमिलनाडु के अलग अलग जिलों में प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसी भी खबरें आई कि तमिलनाडु में हुई मारपीट की घटना में एक युवक की मौत भी हुई है। हालांकि बिहार पुलिस या राज्य सरकार की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई।

सदन के अंदर विपक्ष के हंगामें को लेकर स्पीकर ने जताई आपत्ति, संसदीय कार्य मंत्री से कही यह बात

डेस्क : बिहार विधानसभा की कार्यवाही आज शुक्रवार को एकबार फिर विपक्ष के हंगामे के साथ शुरु हुई। विपक्ष ने इतना जोरदार हंगामा किया कि सत्ता पक्ष ने स्पीकर से कार्रवाई करने की मांग की। जिसपर स्पीकर ने भी विपक्ष के रवैय पर आपत्ति जताते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी को यहां तक कह डाला कि आप इनपर कार्रवाई के लिए लिखकर दें। 

दरअसल तमिलनाडु में बिहारियों पर हुए कथित हमले की गूंज आज शुक्रवार को भी बिहार विधानसभा में देखने को मिली। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। भाजपा सदस्यों ने कहा कि तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हमला हो रहा है। वहां से लोगों के डरे सहमे वीडियो सामने आ रहे हैं लेकिन नीतीश सरकार इस पर भ्रामक बयानबाजी कर रही है। विधानससभा में इस मुद्दे पर भाजपा ने जोरदार हंगामा किया।

इस दौरान बीजेपी विधायक जीवेश कुमार के टेबल पटकने पर माहौल तनाव पूर्ण हो गया। विधानसभा में भारी हंगामा कर रहे भाजपा के सदस्यों ने न सिर्फ इस मुद्दे पर राजद विधायकों से आमने सामने हो गए बल्कि रिपोर्टर टेबल को पटक दिया। भाजपा सदस्यों के इस प्रकार के आक्रामक रवैये को गैर अनुशासित बताते हुए सत्ता पक्ष की ओर से विधानसभा के स्पीकर से कार्रवाई की मांग की गई। 

स्पीकर ने सदन में भाजपा सदस्यों के रवैये पर आपत्ति जताते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी से कहा कि आप इन पर कार्रवाई करने लिये लिखकर दें। हम इन पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि दिखाइए किस तरह से भाजपा ने लोग सदन में जनहित के मुद्दों को नहीं उठाने दे रहे हैं। ये सिर्फ हंगामा करते हैं। 

वहीं स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के कहने पर विजय चौधरी ने कहा कि इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसके पहले जब तमिलनाडु के मुद्दे पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सदन में बोल रहे थे तो भाजपा के सदस्य हंगामा करते हुए सदन का बहिष्कार कर गए।

विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को दी ऐसी सलाह, ठहाकों से गूंज उठा पूरा सदन, जानिए क्या है पूरा मामला...

डेस्क : बीते गुरुवार को बिहार विधान सभा के अंदर बड़ी बात हुई। विधान सभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को ऐसी बात कही जिसे सुनकर पूरा सदन विधान सभा के सदस्यों के ठहाको से गूंज उठा।  

विधानसभा में ऐसे तो गुरुवार को सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी सदस्यों की खूब नोक-झोंक हुई, लेकिन कई बार दोनों ओर से हास्य-व्यंग्य के तीर भी चले। खासकर विस अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के बीच कई बार ऐसे अवसर आए। हालांकि अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष के सदस्यों पर भी चुटकी ली। 

दरअसल, सत्ता पक्ष के सदस्यों के बार-बार टोकने से विपक्ष के नेता कई बार नाराज हो गए। इसके बाद विपक्षी सदस्य भी उत्तेजित हो गए। इससे सदन का माहौल कई बार तनावपूर्ण हो गया। इसी को हल्का करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने एक टिप्पणी की। 

अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा से कहा कि आप निराश न हों माननीय विपक्ष के नेता.... निराशा से पौरुष मर जाता है।’ विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने जैसे ही विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से यह कहा, पूरे सदन में ठहाका गूंज गया। वहीं विपक्ष के नेता भी मुस्कुराने लगे।

इसके तत्काल बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी स्पीकर पर तीर छोड़ा। कहा कि आप तो जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं, आपसे उम्मीद है कि युवाओं पर अधिक ध्यान देंगे।’ इस पर पूरा सदन हंस पड़ा। दोनों की बातों पर काफी देर तक विधायक हंसते रहे। विधानसभा अध्यक्ष खुद भी हंसने लगे।

वहीं अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष से बार-बार अपील की कि वे विपक्ष के नेता का भाषण गंभीरता से सुनें, क्योंकि वे बजट की खूबियों को बताएंगे।

तमिलनाडु घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया एक्शन, मुख्य सचिव और डीजीपी को दिया यह आदेश

डेस्क : तमिलनाडु में काम कर रहे हिंदीभाषी मजदूरों पर कातिलाना हमले किये जा रहे हैं। चुन-चुन कर बिहार समेत हिंदीभाषी मजदूरों पर चाकू व कुल्हाड़ी से स्थानीय लोग वार कर रहे हैं। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा इस घटना की उन्हें जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। इसे लेकर गंभीरता दिखाते हुए सीएम नीतीश ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को बड़ा आदेश दिया है। 

मुख्य मंत्री अपने सोशल मीडिया के ट्वीटर पर ट्विट कर इसकी जानकारी दी है। सीएम ने ट्वीट किया है... मुझे समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है। मैंने बिहार के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों से बात कर वहां रह रहे बिहार के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।'

गौरतलब है कि सप्ताहभर पहले त्रिपुर से शुरू हुई हिंसा राजधानी चेन्नई तक पहुंच गई है। वहां चुनचुनक बिहारी और हिंदी भाषियों को निशाना बनाया जा रहा है। नवादा से वहां काम करने गए लोगों के अनुसार, अब तक हमले में दो लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है।

वहीं वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदीभाषी मजदूरों की वजह से उन्हें काम नहीं मिल रहा है। हिंदीभाषी मजदूर कम पारिश्रमिक पर काम कर रहे हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों की पूछ कम हो गई है। 

हिंदीभाषी मजदूरों पर बर्बरता के कारण बिहार से वहां रोजी-रोटी के लिए गए मजदूरों के परिजन दहशत में हैं। वहां की पुलिस प्रशासन भी उनका साथ नहीं दे रहा है। हमले से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

*बिहार विधानसभा तक पहुंचा तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई का मामला, मामले को लेकर सदन के अंदर विपक्ष ने किया भारी हंगामा

डेस्क : तमिलनाडु में काम कर रहे हिंदीभाषी मजदूरों पर कातिलाना हमले किये जा रहे हैं। चुन-चुन कर बिहार समेत हिंदीभाषी मजदूरों पर चाकू व कुल्हाड़ी से स्थानीय लोग वार कर रहे हैं। पीड़ितों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

इधर यह मामला आज बिहार विधान सभा तक पहुंच गया। तमिलनाडु में बिहारी लोगों की पिटाई के मामले को लेकर आज मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया। 

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने प्रश्नकाल के दौरान हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने तमिलनाडु में बिहारी लोगों की पिटाई, बेरोजगारी, पलायन को लेकर हंगामा किया। भाजपा विधायक सदन में आसंदी के समीप आकर हंगामा करने लगे। वहीं इस दौरान माले और भाजपा विधायको में आरोप प्रत्यारोप भी होता रहा। भाजपा की ओर से नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। 

गौरतलब है कि सप्ताहभर पहले त्रिपुर से शुरू हुई हिंसा राजधानी चेन्नई तक पहुंच गई है। वहां चुनचुनक बिहारी और हिंदी भाषियों को निशाना बनाया जा रहा है। नवादा से वहां काम करने गए लोगों के अनुसार, अब तक हमले में दो लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 50 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है।

वहीं वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदीभाषी मजदूरों की वजह से उन्हें काम नहीं मिल रहा है। हिंदीभाषी मजदूर कम पारिश्रमिक पर काम कर रहे हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों की पूछ कम हो गई है। 

हिंदीभाषी मजदूरों पर बर्बरता के कारण बिहार से वहां रोजी-रोटी के लिए गए मजदूरों के परिजन दहशत में हैं। वहां की पुलिस प्रशासन भी उनका साथ नहीं दे रहा है। हमले से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

*राजधानी पटना में भवन निर्माण करने वालों को लिए बड़ी खबर, इस नियम का पालन नहीं करने पर देना होगा जुर्माना

डेस्क : राजधानी पटना में भवन निर्माण करा रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। यदि वे बिना ग्रीन पट्टी से ढके भवन निर्माण का कार्य करा रहे है, तो उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है। 

दरअसल पटना शहर की हवा लगातार खराब रह रही है। इसका एक प्रमुख कारण है शहर में हो रहे अधिकतर निर्माण कार्य बिना ग्रीन पट्टी से ढंके हो रहे हैं। इससे आसपास की हवा प्रदूषित हो रही है। 

शहर की हवा को स्वच्छ बनाने के लिए अब प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जो लोग बिल्डिंग बायलॉज का पालन नहीं कर रहे हैं, वैसे लोगों को नगर निगम ने 6 मार्च तक का समय दिया है।

इसके बाद भी खुले में निर्माण कार्य जारी रहा तो नगर निगम वैसे लोगों को चिह्नित कर जुर्माना लगाएगा और सड़क पर रखी निर्माण सामग्री को भी जब्त करेगा। 

बता दें पटना नगर निगम की ओर से वायु प्रदूषण की मात्रा को कम करने के लिए एवं शहर में वायु गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए ऐसे भवनों के निर्माण के दौरान हरे रंग का कपड़ा इस्तेमाल करना अनिवार्य है। परंतु कई क्षेत्रों में ऐसा देखा जा रहा है कि भवनों का निर्माण बिना ढंके ही किया जा रहा है।

राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम नीतीश कुमार ने सदन के अंदर सरकार का रखा पक्ष, कहा-बिहार जैसे गरीब राज्य पर केन्द्र को देना चाहिए ध्यान

डेस्क : बीते बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का पक्ष रखा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार को बिहार जैसे गरीब राज्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। जो केन्द्र में हैं, उन्हें विकसित राज्य में ही काम करने का अवसर मिला है। उन्हें पिछड़े राज्यों का दर्द समझना होगा। बिहार के पिछड़ा रहते देश के विकास की बात कैसे की जा सकती है। बिहार बढ़ेगा, तभी देश बढ़ेगा।

सीएम ने कहा कि बिहार की विकास दर देश की विकास दर से अधिक है। हम तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन आय के मामले में हम नीचे हैं। हमारी प्रति व्यक्ति आय महज 54 हजार है जबकि देश की प्रति व्यक्ति आय 1.50 लाख है। ऐसे में हमारा तेजी से बढ़ना भी हमें अधिक लाभ नहीं दे पाता। इसीलिए तो हम विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं। समय आ गया है, हम सबको मिलकर इसके लिए फिर प्रयास करना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों से भी सहयोग मांगा। सीएम ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी समय पर देने की मांग की और कहा कि हमारे विकास कार्यों के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कर लगाने और उसे सीमा में बांधने का भी विरोध किया और कहा कि राज्यों के पास पैसा नहीं होगा तो कैसे काम होगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधन के बाद भी हम शिक्षकों का वेतन बढ़ाएंगे। धीरे-धीरे इसमें बढ़ोतरी होगी। पहले 4 हजार में उनकी नियुक्ति हुई थी, आज कितना मिल रहा है। आगे और बढ़ेगा। यही नहीं सरकार बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति भी करेगी।

बड़बोले शिक्षा मंत्री की सीएम नीतीश कुमार ने ली खबर, इस बात को लेकर सदन के अंदर लगाई झाड़

डेस्क : बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर पिछले कुछ दिनों से अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में है। पहले रामचरित मानस पर दिए बयान को लेकर विपक्ष के साथ-साथ महागठबंधन के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। 

वही पिछले दिनों शिक्षक बहाली को लेकर दिए गए बयान को लेकर अब सीएम नीतीश कुमार पर उनपर नाराज हो गये। 

बता दें, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ ने ट्वीट कर कहा था कि सातवें चरण की बहाली को लेकर नियमावली पर हमने दस्तखत कर दिए हैं। अब उसे कैबिनेट में भेजा जा रहा है। शिक्षा मंत्री के इस ऐलान के बाद अगली कैबिनेट में शिक्षक नियोजन नियमावली पर मुहर नहीं लगी। इसके बाद से ही ये कयास लग रहे थे कि शिक्षा मंत्री के इस कदम से सीएम नीतीश नाराज हैं। आज विधानसभा में मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी को जाहिर कर दिया और हिदायत भी दे दी। 

आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधान मंडल की कार्यवाही के दौरान सदन के अंदर ही शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को झाड़ लगा दी। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए सीएम नीतीश ने बड़बोले शिक्षा मंत्री की जमकर खबर ली। सदन में चंद्रशेखर की तरफ इशारा करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये कैबिनेट की बात को भी उजागर कर दे रहे।

सीएम ने कहा कि हम अखबार में देखे कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के हवाले से खबर छपी थी। शिक्षा मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि कैबिनेट में भेजे जाने की बात सार्वजनिक नहीं किया जाता है। कैबिनेट में जो कुछ होता है उसके बारे में बाहर नहीं कहा जाता है ।कैबिनेट में जब पास हो जाता है तब ऐलान होता है। संविधान में प्रावधान है। लेकिन अखबार में छपने लगा कि कैबिनेट में प्रस्ताव भेज दिया गया है। यह गलत है। अखबार में छपने लगा ।अखबार में देखकऱ हम पता लगाए।