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महागठबंधन की महारैली में वर्चुअल तरीके से जुड़े राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, बीजेपी को लेकर कही यह बात

डेस्क : बीते शनिवार को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन का महारैली हुआ है। महारैली में महागठबंधन के सभी सात दल शामिल हुए। इस रैली के माध्यम से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने शंखनाद कर दिया। महारैली में विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। 

वहीं इस रैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी वर्चुअल तरीके से जुड़े। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कहा कि हम और नीतीश एक हो गए हैं, अब हमेशा साथ रहेंगे। कोई भ्रम में न रहे। 2015 में बिहार चुनाव में जो रिकार्ड बनाया उससे बड़ा रिकार्ड 2024 में बनाना है। भाजपा तो आरएसएस का मुखौटा है। आरक्षण खत्म करना चाहती है।

लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार करवट बदलता है तो देश बदलता है। दिल्ली में सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से संपर्क किया जा रहा है। लालू प्रसाद ने इस मौके पर किडनी देने के लिए अपनी बेटी रोहिणी आचार्य का धन्यवाद किया और बोले उनकी कुर्बानी की वजह से ही आज वह बोल पा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले शनिवार को पूर्णिया में एक मंच से सात दलों के नेताओं ने एक सुर में कहा, भाजपा हटाओ। दिल्ली से महारैली को वर्चुअली संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा कि भाजपा आरएसएस का मुखौटा है। नरेंद्र मोदी वही कर रहे हैं जो आरएसएस कह रहा है। देश टुकड़े-टुकड़े होने के कगार पर है। आरएसएस घोर आरक्षण विरोधी संगठन है। हमने बिहार में आरएसएस के रथ को रोका था। अभी तानाशाही चल रही है। लोकतंत्र की हत्या और संविधान की उपेक्षा हो रही है। देश को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में हम एकजुट होकर आरएसएस-बीजेपी का देश से सफाया करेंगे।

राजधानी पटना समेत प्रदेश के 15 जिलों में बदला मौसम का मिजाज, तापमान में आई गिरावट से मिली लोगों को राहत


डेस्क : प्रदेश में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल गया है। पटना समेत प्रदेश के 15 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट आने से लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। आंशिक बादलों का प्रवाह बने होने से गर्मी का प्रभाव कम रहा। 

शनिवार को राजधानी पटना का अधिकतम तापमान 0.2 डिग्री की गिरावट के साथ 31.0 डिग्री रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री की गिरावट के साथ 13.4 डिग्री दर्ज किया गया। 9.8 डिग्री सेल्सियस के साथ गया में सबसे ठंडा रहा। वहीं प्रदेश में भागलपुर में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार प्रदेश का मौसम अगले पांच दिनों तक शुष्क बने होने के साथ पछुआ हवा का प्रभाव रहेगा। इस दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थित जारी रहेगी। इसके कारण सुबह और रात में हल्की ठंड का प्रभाव बना रहेगा। तापमान में उतार-चढ़ाव को देखते हुए बच्चों व बुजुर्गों को स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की जरूरत है।

पटना में 0.5 डिग्री, गया में 1.8 डिग्री, औरंगाबाद 1.7 डिग्री, रोहतास में 1.5 डिग्री, नवादा में 1.1 डिग्री, बांका में 3.1 डिग्री, सबौर में दो डिग्री, शेखपुरा में 3.9 डिग्री, शेखपुरा में 0.2 डिग्री, खगड़िया में 1.4 डिग्री, भागलपुर में 1.7 डिग्री, कटिहार में 0.8 डिग्री, सारण में 0.6 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। जबकि शेष शहरों के न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई।

महागठबंधन की महारैली में केन्द्र सरकार पर जमकर बरसे सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी को लेकर किया यह दावा

डेस्क : बीते शनिवार को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में महागठबंधन का महारैली हुआ है। महारैली में महागठबंधन के सभी सात दल शामिल हुए। इस रैली के माध्यम से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने शंखनाद कर दिया। महारैली में विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार को 2024 में उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। 

वहीं इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केन्द्र की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे। सीएम ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा से मुक्ति जरूरी है। देशभर में विपक्ष को एकजुट कर भाजपा को खत्म करेंगे। बिहार में महागठबंधन के घटक दल एकजुट हैं। इसी तरह देशभर में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा। कांग्रेस की प्रतीक्षा है, वह जल्द पहल करे।

उन्होंने कहा कि भाजपा में अभी दो ही नेता हैं। एक प्रधानमंत्री और दूसरे गृहमंत्री। गृहमंत्री को कोई अनुभव नहीं है। अपनी पार्टी के नेताओं को भी नहीं जानते। वर्ष 2009 में आडवाणी जी को पीएम उम्मीदवार बनाने की बात थी। 2013 में दूसरे को ले आए, इसलिए उस समय हमने भाजपा का साथ छोड़ा। 2020 में बिहार चुनाव में हम उनके उम्मीदवारों को जिता रहे थे, वो हमारे उम्मीदवारों को हरा रहे थे। मेरी पार्टी के नेताओं ने कहा तो फिर हमने उनको छोड़ दिया।

नीतीश कुमार ने कहा कि 2015 के चुनाव से पहले भाजपा ने सवा लाख करोड़ देने की घोषणा की थी। आठ साल में 59 हजार करोड़ ही दिया। बिहार में केंद्र की वही योजनाएं मात्र चल रही हैं जो हर राज्य में लागू हैं। पूर्णिया में एयरपोर्ट के लिए जितनी जमीन मांगी, दे दिया। फिर भी शुरू नहीं कर रहे हैं और यहां आकर उनके नेता कहते हैं कि एयरपोर्ट चालू हो गया। उनके बोलने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।

वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि महागठबंधन में शामिल दल एकजुट होकर दिल्ली मार्च करेंगे। अमित शाह कह गए कि यहां जंगल राज है। उनको बता दें कि यहां जनता का राज है। बिहार के लोग बिकाऊ नहीं, टिकाऊ हैं। तेजस्वी ने आह्वान किया कि भाजपा की बी टीम के जाल में नहीं फंसना है। इनका इशारा एआईएमआईएम की तरफ था। बोले, केंद्र सरकार ने अपने बजट में बिहार को कुछ नहीं दिया।

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन 27 एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : आज शुक्रवार को मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में कुल 27 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उद्योग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, ग्रामीण विकास, पथ निर्माण, शिक्षा, विधि, सामान्य प्रशासन, राजस्व एवं भूमि सुधार, स्वास्थ्य एवं पथ निर्माण विभाग समेत विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी है।

नीतीश कैबिनेट ने ईथेनऑल इकाई की स्थापना के लिए नालंदा स्थित मेसर्स चंद्रिका पॉवर प्राइवेट लिमिटेड को 19 करोड़ 92 लाख के वित्तीय प्रोत्साहन क्लीयरेंस की स्वीकृति दी है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत डोर स्टेप डिलेवरी योजना के तहत राज्य में खाद्यान्न के संचलन, उठाई-धराई और डीलर्स मार्जिन आदि मद में 455 करोड़ 54 लाख 54 हजार रुपए की स्वीकृति दी है। सरकार ने घोसवरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी जयवर्द्धन गुप्ता को सेवा से बर्खास्त कर कार्रवाई का निर्देश दिया है।

विधानमंडल के सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, सचेतक एवं विरोधी दल के मुख्य सचेतक को यात्रा के लिए एचओआर की सुविधा या बिहार विधानमंडल के सामान्य सदस्यों के अनुमान्य रेल-विमान यात्रा की सुविधा में से एक विकल्प चयन के लिए बिहार विधान मंडल नेता विरोधी दल, संसदीय सचिव, सचेतक और सदन नेता (वेतन एवं भत्ता) नियमावली 2006 के नियम 3 में स्पष्टीकरण किया गया है।बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान नियमावली 2005 के नियम में संशोधन की गई है।

एसएफसी को अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 तक की राज्यांश की राशि 455 करोड़ 54 लाख विमुक्त करने की स्वीकृति दी गई है। पटना जिले के घोसवारी प्रखंड के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता को सेवा से बर्खास्त किया गया है। 

पटना सिटी के मालसलामी में नवनिर्मित ओपी साह सामुदायिक भवन की भूमि मुआवजा के लिए ₹44 करोड़ 37 लाख 60073रू की स्वीकृति दी गई है। राजगीर पथ प्रमंडल हिलसा के सहायक अभियंता उपेंद्र कुमार सिंह को सीबीआई कोर्ट से सजा मिलने के बाद सेवा से बर्खास्त किया गया है।

बिहार गजेटियर शोध पदाधिकारी सेवा संवर्ग का पुनर्गठन-पद सृजन की स्वीकृति दी गई है। भोजपुर जिले के पीरो अनुमंडल व्यवहार न्यायालय के लिए कोर्ट भवन,आवासीय भवन निर्माण को लेकर 6 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 49 करोड़ 20 लाख 30000 की स्वीकृति दी गई है। बिहार उत्कृष्ट खिलाड़ी की सीधी नियुक्ति नियमावली 2023 के अनुमोदन की स्वीकृति दी गई है।

सुपौल में पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवास निर्माण के लिए 51 करोड़ 18 लाख ₹12000 की स्वीकृति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के तहत बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन पटना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24, 25-26 तक के लिए 37 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी।

बिहार में कोहरा एवं शीतलहर के अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने को लेकर नेशनल सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक रिसर्च संयुक्त राज्य अमेरिका से इकरारनामा करने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही इस कार्य के लिए तकनीकी सहायता प्राप्त करने हेतु 50000 यूएस डॉलर भुगतान की स्वीकृति दी गई है।

 

बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्नातक, स्नातकोत्तर एवं सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों में नामांकन शुल्क में एकरूपता लाने के मकसद से राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली के प्रावधानों के अनुरूप निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं डीम्ड विश्वविद्यालय के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के 50 फीसदी सीटों पर नामांकन एवं अन्य शुल्क सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए निर्धारित शुल्क के अनुरूप किए जाने की स्वीकृति दी गई है।

एसटीएफ ने बालू माफिया फौजी को दबोचा, बालू के अवैध खनन पर वर्चस्व को लेकर हुई हत्या में मामले में थी तलाश

डेस्क : बिहार एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ की टीम ने पटना जिले के बिहटा के अमनाबाद में बालू के अवैध खनन पर वर्चस्व को लेकर हुई हत्या में शामिल रिटायर फौजी धीरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार बीते गुरुवार की सुबह बिहटा इलाके से ही उसे पकड़ा गया। धीरेंद्र मूल रूप से पालीगंज के जलपुरा का रहने वाला है। पुलिस अफसरों के मुताबिक बिहटा थाना इलाके में हुई प्रॉपर्टी डीलर रवींद्र चंद्रवंशी की हत्या में भी धीरेंद्र का हाथ था।

उसके पास से एक राइफल, एक बंदूक, 113 राउंड गोलियां, 39 खोखे, एक कार और एक मोबाइल बरामद किया गया है। एसटीएफ ने गिरफ्तार करने के बाद आरोपित को बिहटा थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। दोबारा वह किसी वारदात को अंजाम देने की फराक में था। 

पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि प्रॉपर्टी डीलर से किसी बात को लेकर हुए मामूली विवाद से खफा होकर धीरेंद्र ने उन्हें गोली मार दी थी।

दरअसल एसटीएफ टीम बिहटा में बालू माफियाओं के बीच हुए खून-खराबे की जांच कर रही थी। इसी दौरान धीरेंद्र का नाम सामने आया। पता चला कि धीरेंद्र का हाथ प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड में भी है। इसके बाद उसकी घेराबं शुरू की गयी। एसटीएफ की टीम आठ दिनों से बिहटा व अन्य इलाकों में आरोपित को पकड़ने के लिए कैंप कर रही थी।

बिहार का बढ़ा मान : प्रदेश की इन दो परियोजना का सीबीआईपी अवार्ड 2022 के लिए हुआ चयन

डेस्क : बिहार के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश की महती परियोजना ‘गंगा जलापूर्ति योजना’ और फल्गू नदी पर रबर डैम (गयाजी डैम) के निर्माण योजना का चयन केन्द्रीय सिंचाई व शक्ति मंडल (सीबीआईपी) अवार्ड-2022 के लिए किया गया है।

इस बात की जानकारी केन्द्रीय सिंचाई व शक्ति मंडल के सचिव एके दिनकर ने बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल को दी है। 

इस संबंध में भेजे गये पत्र में श्री दिनकर ने बताया कि 3 मार्च को सीबीआईपी दिवस के दिन दिल्ली में यह अवार्ड समारोहपूर्वक प्रदान किया जाएगा। समारोह में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह मौजूद होंगे। बिहार की योजना का चयन इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार जल संसाधन, ऊर्जा और अपारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए किया गया है। 

बता दें सेंट्रल बोर्ड ऑफ इरिगेशन एंड पावर, भारत सरकार द्रारा 1927 में स्थापित तथा जल संसाधन, ऊर्जा और अपारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख संस्थान है। अंतर्राष्ट्रीय महत्व की बड़ी संस्था के रूप में जानी जाती है। बिहार का गंगा जलापूर्ति योजना को लेकर सीबीआईपी अवार्ड जीतना महत्वपूर्ण है।

इधर इस बात को लेकर बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि ये दोनों परियोजनाएं पूरी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अवधारणा और दूरदृष्टि का परिणाम हैं। इनका नाम गंगा जलापूर्ति योजना और गयाजी डैम भी उन्होंने ही दिया है। फल्गु के बूंद-बूंद जल के लिए प़िंडदान करने आने वाले लोग मशक्कत करते थे, वहां, इस बार 12 लाख पिंडदानियों को 8 से 10 फीट पानी देखकर अद्भुत संतुष्टि मिली।

शिक्षा मंत्री ने नई नियुक्ति नियमावली को दी मंजूरी, 3 लाख शिक्षक होंगे बहाल

डेस्क : शिक्षक नियुक्ति का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबर है। राज्य में सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। इस चरण के तहत इस वर्ष विभाग 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करेगा। शिक्षा मंत्री डॉ. चन्द्रशेखर ने शिक्षक नियोजन नई नियमावली पर अपनी सहमति दे दी है। अब नियमावली को अंतिम मुहर के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा। गुरुवार को मंत्री ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार 10 लाख नौकरी देने का अपना वायदा पूरी करेगी। पिछले दिनों सामान्य प्रशासन विभाग ने इस पर अपनी सहमति दे दी थी।

दरअसल, नयी नियमावली के माध्यम से सरकार शिक्षक नियुक्ति की मौजूदा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। प्रस्तावित नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस लेकर एक एकीकृत आयोग को सौंपा जा रहा है। 

मौजूदा शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि प्रस्तावित नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। पुरानी नियुक्ति नियमावली में मेधा अंक की गणना नियोजन इकाई द्वारा मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षण में प्राप्त अंकों के प्रतिशत एवं पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के वेटेज के आधार पर होती थी। नई नियमावली में भी लगभग वही व्यवस्था बनी रहेगी। मेधा अंक के आधार पर आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा।

पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के स्तर पर गठित अलग-अलग नियुक्ति प्राधिकार व अनुशासनिक प्राधिकार का गठन किया गया था। नई नियमावली में जिलास्तर पर एक ही नियुक्ति प्राधिकार होगा।

इस समय शिक्षक नियुक्ति के लिए चार नियमावालियों हैं। लेकिन अब एक ही नियमावली होगी। इस नयी नियमावली में प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षकों सहित पुस्तकालयाध्यक्षों, विशेष शिक्षकों, प्रयोगशाला सहायकों और अनुदेशकों की नियुक्ति का प्रावधान भी किया गया है।

बिहार की स्नातक छात्राओं के लिए खुशखबरी, राज्य सरकार देने जा रही यह तोहफा

डेस्क : बिहार के छात्राओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। स्नातक करने वाली छात्राओं को राज्य सरकार एक बड़ा तोहफा देने जा रही है। राज्य सरकार प्रोत्साहन योजना के तहत 31 अक्टूबर 2022 के बाद स्नातक करने वाली छात्राओं को भी शीघ्र प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना बनायी है। 

फिलहाल जिनके लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गयी है, उन्हें यह राशि दी जाएगी और फिर उपलब्धता के आधार पर अन्य छात्राओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस समय 31 मार्च 2021 से 31 अक्टूबर 2022 तक की समय सीमा तय है। इस अवधि में स्नातक करने वाली छात्राओं को स्नातक प्रोत्साहन योजना के तहत 50 हजार दिए जाने हैं।

इस समय आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। छात्राएं राशि के लिए 28 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं। हालांकि अभी तक अपेक्षित संख्या में आवेदन नहीं मिले हैं। तय अवधि के लिए प्रदेश के 25 विश्वविद्यालयों से स्नातक उत्तीर्ण 1.78 लाख छात्राओं के रिजल्ट पोर्टल पर अपलोड हैं। इनमें लगभग 50 फीसदी ने ही आवेदन किया है। पिछले तीन सत्रों 2015-18, 2016-19 और 2017-20 में उत्तीर्ण 1.60 लाख छात्राओं को 400 करोड़ की राशि दी गई है। 

शिक्षा विभाग ने आवेदन के लिए विशेष पोर्टल तैयार किया है। इसमें वैसी कोई भी छात्रा आवेदन ही नहीं कर सकेगी, जो योग्य नहीं हैं। गलत नाम से भी आवेदन नहीं हो सकेगा। आवेदन के समय ही आवेदक के नाम, कॉलेज, विश्वविद्यालय के साथ ही किस विषय के लिए मान्यता मिली है, जांच हो जाएगा। 

गौरतलब है कि छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने को इंटरमीडिएट और स्नातक कन्या प्रोत्साहन योजना 2018 से चल रही है। इसके तहत स्नातक पास करने वाली छात्राओं को पहले 25 हजार मिलते थे, लेकिन पहली अप्रैल 2021 के बाद स्नातक करने वाली छात्राओं को 50 हजार की राशि दी जा रही है।

प्रदेश में 39 लाख 36 हजार मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द, आधार से लिंक करने के दौरान पकड़े गये फर्जी या दोहरे कार्ड

डेस्क : बिहार में नये प्रावधान के अनुसार ऐसे मजदूरों को ही मनरेगा के तहत किए गए कार्य का भुगतान होना है जिनका जॉब कार्ड आधार से लिंक है। सभी सक्रिय मजदूरों के कार्ड को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता कर दी गई है, इसीलिए प्रदेश में अभियान के तौर पर यह काम किया जा रहा है।

इधर प्रदेश में आधार से लिंक करने के दौरान बड़े पैमाने पर ऐसे मनरेगा कार्ड पकड़े गये है। जो या तो फर्जी है या फिर दोहरा बनाये गये है। जिसके बाद 39 लाख 36 हजार मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया है। इनमें ज्यादातर जॉब कार्ड फर्जी या दोहरे थे। 

कुछ ऐसे मजदूरों का भी जॉब कार्ड रद्द किया गया है जो प्रदेश से लंबे समय से बाहर हैं और पिछले तीन सालों में मनरेगा के तहत एक दिन भी काम नहीं किया है। 

राज्य के छह जिले ऐसे हैं जहां सबसे अधिक जॉब कार्ड को रद्द किया गया है। इसमें पटना, वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर और दरभंगा शामिल हैं। छानबीन में यह भी पता चला है कि कई मजदूरों ने इंदिरा आवास योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जॉब कार्ड तो बना लिया था लेकिन उस कार्ड के आधार पर पिछले तीन वर्षों में एक दिन भी मजदूरी नहीं की है।

गौरतलब है कि 88 लाख 31 हजार जॉब कार्ड आधार से जोड़े गए सूबे में मनरेगा मजदूरों की संख्या दो करोड 35 लाख थी। इसमें केवल 91 लाख 79 हजार मजदूर ही सक्रिय पाए गए। इनमें 88 लाख 31 हजार मजदूरों के जॉब कार्ड आधार से लिंक कर दिए गए हैं। सूबे के कुल मनरेगा मजदूरों में 39 लाख 36 हजार ऐसे पाए गए जिनका जॉब कार्ड फर्जी, दोहरा या अन्य कारणों से योग्य नहीं था। इसके बाद इन्हें रद्द कर दिया गया। शेष जॉब कार्ड का सत्यापन चल रहा है। अभी और भी जॉब कार्ड रद्द होने की संभावना है। जैसे- जैसे जिलों से सत्यापन रिपोर्ट और आधार कार्ड से लिंक करने का काम समाप्त हो रहा है, वैसे-वैसे असक्रिय मजदूरों को चिन्हित कर कार्ड रद्द किया जा रहा है।

आयुक्त राहुल ने बताया के जो मजदूर लंबे समय से सक्रिय नहीं थे या आधार से लिंक करने के दौरान जिनका जॉब कार्ड सही नहीं पाया गया, उसे रद्द कर दिया गया है। इसमें ऐसे मजदूर भी शामिल हैं जो प्रदेश से लंबे समय से बाहर काम कर रहे हैं और पिछले दो-तीन सालों से मनरेगा के तहत उन्होंने मजदूरी नहीं की है। 

अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में मनरेगा मजदूरों के कार्ड सबसे अधिक वर्ष 2005-06 में बनाए गए थे। उस समय मनरेगा मजदूरों का जॉब कार्ड बनाने के लिए अभियान चलाया गया था। इस दौरान पंचायत स्तर पर कई गलतियां की गई थीं जो जॉब कार्ड को आधार से लिंक करने के दौरान पकड़ में आई है। कुछ ऐसे कार्ड भी रद्द किए गए हैं जिसमें कार्ड धारक मजदूरों की मौत हो गई है।

*पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का सीएम पर बड़ा हमला, कहा-राजद का साथ छोड़ने की तैयारी कर रहे है नीतीश कुमार*

डेस्क : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एकबार फिर सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार फिर राजद का साथ छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 

सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार पहले स्वयं तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और अब पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह से बयान दिलवा रहे हैं कि ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है। वर्ष 2025 में निर्णय होगा। 

वहीं, जदयू नेता केसी त्यागी कह रहे हैं कि वर्ष 2030 में भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे। उधर, राजद विधायक होली बाद तेजस्वी की ताजपोशी की घोषणा कर रहे हैं। लेकिन, सच्चाई यह है कि वर्ष 2024 में नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री और वर्ष 2025 में भाजपा का बिहार में मुख्यमंत्री बनना तय है।

आरोप लगाया है कि जदयू और राजद के उक्त विरोधाभासी बयानों से राज्य में नौकरशाही पसोपेश में पड़ गई है। विकास ठप हो गए हैं। राजनैतिक अस्थिरता का खतरा पैदा हो गया।

सत्ता परिवर्तन की आहट से जनता सशंकित है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हस्तक्षेप कर सारी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। बिहार की जनता को यह जानने का अधिकार है कि किसका बयान सच है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।