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*पार्टी का नाम-निशान खोने के बाद नाराज उद्धव ने बुलाई अहम बैठक, कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट का रूख*

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चुनाव आयोग की ओर से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। उद्धव ठाकरे के पिता की बनाई पार्टी अब उनके पास नहीं रही है। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह धनुष-बाण मिल गया है। चुनाव आयोग के फैसले से जहां शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट में खुशी की लहर है वहीं उद्धव ठाकरे गुट में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। आयोग के फैसले से चोट खाए उद्धव ठाकरे को अब सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकते है। चुनाव आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपने धड़े के नेताओं की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में भविष्य के कदम पर चर्चा हो सकती है। 

आगे की रणनीति तय करेंगे उद्धव

आज उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में आगे की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक बुलाई है। उन्होंने अपने समर्थक सांसदों, विधायकों और नेताओं को हाजिर होने को कहा है। आज दोपहर एक बजे उद्धव ठाकरे के मातोश्री बंगले में यह बैठक बुलाई गई है। जो सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मौजूद हैं, वे इस बैठक में शामिल होने के लिए मुंबई रवाना हो चुके हैं।

फैसले से बेहद नाराज हैं उद्धव

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है। शुक्रवार को इलेक्शन कमीशन के फैसले के बाद अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया था कि वे सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे। उद्धव चुनाव आयोग के इस फैसले से बेहद खफा हैं। उन्होंने कहा-ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है। ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है। 

चुनाव आयोग के फैसले का आधार

बता दें कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' नाम और इसका चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया है। साल 1966 में बाल ठाकरे द्वारा बनाई थी। छह महीने पहले एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की थी। जिस पर अब तीन सदस्यों वाले आयोग ने एकनाथ शिंद के पक्ष में फैसला सुनाया है। एकनाथ शिंदे के पास पार्टी के 55 विधायकों में से 40 विधायकों का और 18 लोकसभा सांसदों में से 13 का समर्थन है। संख्या बल के आधार पर ही चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि 40 विधायक शिंदे गुट का समर्थन कर रहे हैं, जिसके चलते पार्टी को मिले कुल 47,82,440 वोटों में से 36,57,327 वोटों, जो कि कुल वोटों का 76 फीसदी हैं, इनका समर्थन शिंदे गुट के पास है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ 11,25,113 वोट पाने वाले 15 विधायकों का ही समर्थन है।

*चुनाव से पहले बीजेपी की चिंता! नड्डा का सांसदों को सख्त निर्देश, कहा-धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी से बचें*

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इस साल कई राज्यों मे विधानसभा चुनाव होने को हैं, वहीं 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। इससे पहले बीजेपी को अपने नेताओं की बयानबाजियां चिंतित करने लगी है। चुनाव से पहले पार्टी धार्मिक और विवादास्पद मुद्दों को लेकर अपनी छवि साफ करना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी सांसदों को सख्त निर्देश दिया है।सूत्रों के मुताबिक, जेपी नड्डा ने स्पष्ट शब्दों में पार्टी सांसदों को यह निर्देश दिया कि वे धार्मिक और विवादास्पद मुद्दों पर बयान न दें। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर अगर जरूरत पड़ी, तो पार्टी की ओर से अधिकृत प्रवक्ता ही बयान देंगे।

धार्मिक मामले जिनके विषय हैं, वही इसे देखेंगे-नड्डा

पार्टी सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक में जेपी नड्डा ने कहा कि विवादित और धार्मिक मुद्दों पर बयानबाजी उचित नहीं है। धार्मिक मामले जिनके विषय हैं, वही इसे देखेंगे। राजनीतिक लोगों को इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी में एक व्यवस्था है और व्यवस्था के मुताबिक ऐसे मुद्दों पर पार्टी के अधिकृत प्रवक्ता ही बयान देते हैं। पार्टी सांसदों की बैठक को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र को दोहराते हुए सांसदों को फिर से यह याद दिलाया कि, हमारा थीम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है। सभी को इसी थीम पर काम करना है। 

बागेश्वर धाम को लेकर भी बोले नड्डा

नड्डा ने बैठक में हाल ही में सुर्खियों में आए बागेश्वर धाम का जिक्र करते हुए कहा कि जिन सांसदों की आस्था बागेश्वर धाम में हैं वे वहां जाएं, लेकिन इस पर बेवजह बयानबाजी न करें। बीजेपी अध्यक्ष ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सनातन धर्म से जुड़े मामले हो या धर्म से जुड़े धार्मिक मामले, यह जिनका विषय है उन्हीं को इस पर बोलना चाहिए। 

जनता के बीच जाने का निर्देश

जेपी नड्डा ने ऑनलाइन बैठक के दौरान कहा कि बजट, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जनता के बीच जाएं, प्रेस कांफ्रेंस करें, जिससे केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंच सके। नड्डा ने कहा कि सांसद स्थानीय संगठन के साथ मिलकर बूथ और शक्ति केंद्र मजबूत करें। नड्डा ने ये भी कहा कि सांसद, खेल स्पर्धा समेत अन्य कार्यक्रम पूरा करें।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर सीएम योगी ने किया महादेव का रुद्राभिषेक, विश्व-कल्याण की कामना


गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होने की प्रेरणा देता है। देवों के देव महादेव जनमानस में सर्वमान्य रूप से पूजे जाते हैं। पर्व व त्योहार हमारी परंपरा और राष्ट्रीयता को मजबूत करने के प्रेरणास्पद अवसर हैं।

महाशिवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर गोरखनाथ मंदिर परिसर में विधि-विधान से देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक कर विश्व-कल्याण की कामना की। इस अवसर पर सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी।इस मौके पर महायोगी गुरु गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ कालीबाड़ी के महंत सहित बड़ी संख्या में संस्कृत विद्यालय के पार्टी आदि मौजूद है।

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल, अब शिंदे गुट की पार्टी होगी शिवसेना, चुनाव चिन्ह भी मिला

डेस्क: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल हो गया है। इससे उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम दे दिया है। वहीं, धनुष बाण चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिला है। चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और बाण" एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी जीत मिली है।

निर्वाचन आयोग ने पाया कि 2018 में संशोधित किया गया शिवसेना का संविधान उसे नहीं दिया गया था। चुनाव आयोग के कहने पर दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने 1999 में पार्टी के संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को जगह देने के लिए बदलाव किया था, जिसे नए संशोधन में हटा दिया गया था। चुनाव आयोग ने यह भी देखा कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिसे 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गुप्त तरीके से बदल दिया गया, जिससे पार्टी एक जागीर में तब्दील हो गई।

जिस बात का डर था वही हुआ: आनंद दुबे 

चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जिस बात का डर था वही हुआ। उन्होंने चुनाव आयोग को 'बीजेपी का एजेंट' करार देते हुए कहा कि वह अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही कहती आ रही है कि उन्हें चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, बहस अभी जारी है, आपने आनन-फानन में कैसे फैसला सुना दिया कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की पार्टी है।

EC के फैसले पर राउत की आई प्रतिक्रिया

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है। हम कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे और जनता के दरबार में भी जाएंगे। हम फिर से शिवसेना खड़ी करेंगे। आपने निशान हथियाया है, विचार कैसे हथियाएंगे। अगर धनुष बाण राम की बजाए रावण को मिले, तो इसका मतलब क्या? इसका मतलब है असत्यमेव जयते। राउत ने कहा, "कहां तक खरीद-बिक्री हुई है, यह साफ हो गया है। आज चुनाव आयोग ने अपना विश्वास खो दिया है। देश की सभी स्वायत्त संस्थाओं को गुलाम बनाने की कोशिश शुरू है। इस फैसले को जरूर चुनौती देंगे। 40 लोगों ने पैसे के जोर पर धनुष बाण का चिन्ह खरीदा है।"

शिंदे के बगावत के बाद दो गुटों में बंट गई थी शिवसेना

गौरतलब है कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था, तब शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी। शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे ने सीएम और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के पद पर शपथ ली थी। इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न धनुष और बाण को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की गूंज अब ब्रिटेन में, रामी रेंजर ने कहा- पीएम मोदी की सफलता नहीं आ रही रास

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस मामले की गूंज अब ब्रिटेन में सुनाई पड़ रही है। ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बीबीसी द्वारा बनाए गए डॉक्यूमेंट्री को लेकर बयान जारी किया है। 

रेंजर ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का अपमान करती है और सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दो बार चुने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करती है। साथ ही यह डॉक्यूमेंट्री न्यायपालिका और संसद का भी अपमान करने का काम करती है। गौरतलब है कि न्यायपालिका द्वारा गुजरात दंगों के मामले में पीएम मोदी को क्लीनचिट दिया गया था। 

रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में आगे लिखा बीबीसी न्यूज द्वारा भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया गया है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री, भारतीय न्यायपालिका, भारतीय पुलिस का अपमान किया गया है। रेंजर ने इस बाबत आगे लिखा कि दंगों की निंदा करता हूं लेकिन बीबीसी द्वारा की गई पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं। रेंजर ने कहा कि दो महान देशों ब्रिटेन और भारत के रिश्तों के बीच बाधा नहीं डालनी चाहिए। हम एक दूसरे से बहुत कुछ साझा करते हैं और बाकियों की अपेक्षा भारत के काफी करीब हैं। मोदी और भारत की सफलता कई लोगों को रास नहीं आता है। 

ब्रिटिश प्रधानमंत्री का भी मिला समर्थन

बता दें कि रामी रेंजर से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर चुके हैं। डॉक्यूमेंट्री विवाद पर ऋषि सुनक ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की ऐसी तस्वीर बनाए जाने से वह सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आर रही है और बदली नहीं हैं। हम इस तरह के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे यह कहीं भी क्यों न हों। लेकिन मैं पीएम नरेंद्र मोदी की इस तरह की इमेज बनाने के खिलाफ हूं।

*सीएम योगी के घर के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा, बम की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचा बम स्क्वॉड

डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ आवास के बाहर बम मिलने की सूचना मिली है। इस बाबत बम स्क्वॉड को मौके पर बुला लिया गया है। पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री आवास के बाहर व इसके आसपास के इलाकों में छानबीन की जा रही है। 

मौके पर पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली मुख्यालय में फर्जी सूचना दी गई है। बता दें कि बम की सूचना मिलने के बाद से सीएम योगी के आवास के बाहर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।

दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट से दिल्ली बाहर, जानिए पहले स्थान पर कौन सा शहर

डेस्क: देश की राजधानी दिल्ली का नाम अब तक सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में लिया जाता था, लेकिन अब दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली का नाम बाहर हो गया है। अब देश का एक अन्य बड़ा शहर इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। देश की राजधानी दिल्ली दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से बाहर हो गया है। इसकी जानकारी खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर दी। उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में नहीं है। उन्होंने अपने ट्वीट में टॉप 10 शहरों की सूची भी शेयर की है।

अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट के जरिए दिल्लीवासी को बधाई दी है। अपने ट्वीट में अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि लंबे समय बाद दिल्ली दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल नहीं हुई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें अब भी लंबा रास्ता तय करना है। हमें दुनिया के सबसे अधिक स्वच्छ शहरों में शामिल होना है।'

टॉप-10 शहरों की सूची में लाहौर टॉप पर

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। वहीं मुंबई दूसरा सबसे प्रदूषित और और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल दुनिया शीर्ष सबसे अधिक प्रदूषित 10 शहरों में तीसरे नंबर पर है। चौथे स्थान पर ताइवान का काओशियुंग, किरगिस्तान का शहर बिशकेक पांचवे, घाना का शहर अक्करा छठवें, पोलैंड का शहर कारको सातवें, कतर का शहर दोहा आठवें, कजाकिस्तान का अस्ताना 9वें और चिली के शहर सांतियागो 10वें नंबर पर है।

सबसे प्रदूषित शहरों की सूची से इसलिए हटा दिल्ली का नाम

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर 2016 के 135 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से घटकर 2022 में 97 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया है। यह 5 साल में 28 प्रतिशत कम है। पीएम 10 का स्तर भी 2016 के 291 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से घटकर 2022 में 211 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया जो 27 प्रतिशत कम है।

दिल्ली के यमुना विहार में कार पार्किंग को लेकर हुए विवाद में पिता-पुत्र को मारी गोली, हालत गंभीर

 दिल्ली में क्राइम की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब जानकारी आ रही है कि दिल्ली के यमुना विहार इलाके में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में एक शख्स ने पिता और उसके बेटे को गोली मार दी है।

एजेंसी के मुताबिक, बीती रात यमुना विहार इलाके में कार पार्किंग को लेकर हुए विवाद में एक शख्स ने पिता-पुत्र को गोली मार दी है। जानकारी के अनुसार पीड़ित परिवार के सदस्य सौरभ अग्रवाल ने बताया कि पिछली रात जब मेरे पिता और भाई घर लौट रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक कार पास की सड़क को रोके खड़ी है। इसके बाद उन्होंने कार मालिक से अपना वाहन हटाने का आग्रह किया, लेकिन आरोपी ने उन्हें गाली देते हुए धमकी देना शुरू कर दिया।

बताया कि इसके बाद देखते ही देखते कार मालिक ने तमंचे लिए 10-15 लोगों को इकट्ठा कर लिया। फिर इस समूह के एक व्यक्ति ने मेरे पिता और भाई को गोली मार कर घायल कर दिया। मेरे पिता की हालत गंभीर है और घायल भाई एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं और उसकी भी हालत गंभीर है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

अजमेर में एनएच-8 पर गैस टैंकर और ट्रक ट्रेलर में भीषण टक्कर, तीन लोग ज़िंदा जल गए जबकि चार लोग गंभीर घायल

अजमेर में रानी बाग रिसोर्ट के पास शुक्रवार तड़के एक बड़ा हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि यहां एक गैस टैंकर और ट्रक ट्रेलर में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। हादसे में तीन लोग जिंदा जल गए। चार लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। भिड़ंत के बाद धमाका भी हुआ, जिससे गैस टैंकर में आग लग गई। इससे करीब 400 मीटर तक सड़क और आसपास के क्षेत्र में आग फैल गई। हाईवे पर चल रहे दो ट्रक और कई दुपहिया वाहन भी इसकी चपेट में आगए। मिश्रीपुरा और गरीब नवाज कॉलोनी सहित आसपास फैली आग से 10 से ज्यादा मकानों में भी आग लग गई। मारे गए लोगों में गैस टैंकर और मार्बल पत्थर लेकर जा रहे ट्रेलर दोनों के ड्राइवर शामिल हैं। घायलों को जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

 कलेक्टर-एसपी ने चलाया राहत बचाव कार्य

देर रात हुए हादसे के बाद सूचना मिलने पर रात से कलेक्टर अंशदीप और एसपी चूनाराम जाट ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू करवाया। स्थानीय थाना पुलिस, दमकल, एंबुलेंस ने मौके पर रात बचाव कार्य किया गया। मौके पर मौजूद वाहन चालकों के मुताबिक आग लगने से काफी देर तक हाइवे पर जाम लग गया। सुराणा पोल फैक्ट्री के प्रत्यक्षदर्शी चौकीदार हुसैन खान ने बताया कि धमाके की आवाज़ काफी दूर तक आवाज सुनाई दी।

*अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश को बताया भारत का अभिन्न हिस्सा, चीन को लगाई फटकार*

डेस्क: अमेरिका ने एक असाधारण घटनाक्रम के तहत चीन को फटकार लगाई है। साथ ही भारत के सुदूर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश को भार​त का अभिन्न हिस्सा बताया है। इस बात से चीन को मिर्ची लग गई है। अमेरिका ने लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल यानी LAC पर चीन की आक्रामकता की भर्त्सना की है। गुरुवार को अमेरिकी सीनेट की तरफ से एक प्रस्‍ताव लाया गया। इस प्रस्‍ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्‍न अंग करार दिया गया है। इस प्रस्‍ताव में भारत की, 'संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता' का समर्थन किया गया है। साथ ही चीन की निंदा भी की गई है। यह पहला मौका है जब सीनेट की तरफ से इस तरह का कोई प्रस्‍ताव लाकर भारत का साथ देने का वादा किया गया है।

सीनेट का यह प्रस्ताव क्‍यों है असाधरण घटनाक्रम

इस प्रस्‍ताव को वह पहला असाधारण कदम करार दिया जा रहा है। इसे सीनेट की विदेश समिति के पास भेज दिया गया है। अगर यह कमेटी के जरिए भेजा जाता है तो फिर यह या तो एक अकेले प्रस्‍ताव के तौर पर अमेरिकी कांग्रेस में जाएगा या फिर एक बड़े बिल का हिस्‍सा होगा। इस प्रस्‍ताव का प्रस्‍तुत होना कई वजहों से एक शक्तिशाली प्रदर्शन करार दिया जा रहा है। इस प्रस्‍ताव का सीनेट में आना यह बताता है कि अमेरिका, अरुणाचल प्रदेश को भारतीय राज्‍य के तौर पर मान्‍यता दे चुका है। 

यथास्थिति बदलने की कोशिशों की निंदा

अमेरिकी सीनेट के लाए गए प्रस्ताव में लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल की यथास्थिति के साथ छेड़छाड़ करने के लिए 'सैन्य बल' के प्रयोग की निंदा की गई। साथ ही भड़काने वाले कदमों के लिए चीन का विरोध किया गया। इस प्रस्ताव में भारत की ओर से रक्षा के लिए उठाए गए कदमों का समर्थन किया गया है। 

कौन हैं प्रस्‍ताव लाने वाले सीनेटर

इस प्रस्‍ताव को लाने वाले मार्केले को एक खुली सोच वाला डेमोक्र‍ेटिक सीनेटर माना जाता है। वह ओरेगन से सीनेटर हैं। वह चीन पर बनी अमेरिकी कांग्रेस की एग्जिक्‍यूटिव कमीशन के भी उपाध्‍यक्ष भी हैं। वहीं हैगेर्टी जापान में पूर्व अमेरिकी राजदूत रहे हैं। दोनों ही सीनेट की विदेश समिति के सक्रिय सदस्‍य हैं।