एग्रो बिहार राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला में कृषि यंत्रों का प्रदर्षन, तकनीकी जानकारी तथा अनुदान का लाभ मिल रहा एक ही साथ
गाँधी मैदान, पटना में आयोजित एग्रो बिहार, 2023 राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आज दूसरा दिन है। इसमें बड़ी मात्रा में राज्य के किसान भाई-बहन भाग ले रहे हैं।
इस मेला में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उनके बारे में तकनीकी जानकारी तथा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ एक ही साथ मिल रहा है। यह मेला 09-12 फरवरी तक कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजन किया जा रहा है। मेला में आये किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसान पाठशाला के माध्यम से आधुनिकत्तम जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) का आयोजन भी किया गया। एग्रो फूड प्रोसेसिंग, डेयरी चिलिंग, मल्टी परपस कोल्ड स्टोरेज, फ्रूट रायपेनिंग चैंबर आदि के लिए रेफ्रीजरेशन सिस्टम प्रोभाईडर कम्पनी द्वारा भी अपने मशीनों का प्रदर्शन एवं जानकारी किसानों तथा उद्यमियों को दिया गया। इस मेला में बच्चों के मनोरंजन के लिए टाॅय ट्रेन, जंपिंग बेड, मिक्की माऊस स्लाईड आदि की व्यवस्था की गई है।
आज इस मेला में पटना, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, पू॰ चम्पारण, प॰ चम्पारण, सारण, सिवान एवं गोपालगंज जिले के किसानों ने भाग लिया। आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 15 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं। आज इस मेला में विभिन्न जिलों के किसानों द्वारा रीपर-कम-बाईंडर, स्ट्राॅ-रीपर, रोटरी मल्चर, थ्रेसर, चाॅफ कटर, पावर स्प्रेयर सहित 232 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 1,28,44,000 रूपये अनुदान दिया गया। इस प्रकार 02 दिनों में कुल 347 कृषि यंत्रों का क्रय किया गया, जिस पर 280.69 लाख रूपये का अनुदान दिया गया।
एग्रो बिहार मेला मे जल-जीवन-हरियाली, समेकित कृषि प्रणाली एवं जल संरक्षण आदि विषयों पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन दो बैच सीनियर एवं जूनियर के बीच अलग-अलग किया गया, जिसमें पटना शहर के विभिन्न विद्यालयों के कुल 106 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में सीनियर बैच में इंटरनेशनल स्कूल के सुश्री अनिशा प्रिया को प्रथम, कृष्णा निकेतन के सुश्री सिद्धी शर्मा को द्वितीय एवं डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, वाल्मी के सुश्री अंजलि कुमारी को तृतीय पुरस्कार दिया गया। जूनियर बैंच में डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, बी॰एस॰ई॰बी॰ के श्री अंशुमन झा को प्रथम, डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, बी॰एस॰ई॰बी॰ श्री कार्तिकेय श्रवण को द्वितीय एवं डी॰ए॰वी॰ पब्लिक स्कूल, कैंट रोड, पटना के सुश्री रिया सिंह को तृतीय पुरस्कार दिया गया। विजेताओं छात्र-छात्राओं को प्रथम पुरस्कार के रूप मेें 3000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रूपये के साथ-साथ मोमेंटो तथा प्रमाण-पत्र दिया गया।
इस मेला-सह-प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि यंत्र निर्माताओं द्वारा अपने कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया जा रहा है। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का विशेष रूप से जीवन्त प्रदर्शन एवं बिक्री किया जा रहा है।
सरकार द्वारा किसानों को फसल अवशेष जलाने के बदले उनका खेतों में ही प्रबंधन कर खाद के रूप में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई नवीनत्तम कृषि यंत्रों यथा 9 से 11 टाईन का हैप्पी सीडर, स्ट्राॅ बेलर, स्ट्राॅ रीपर, सुपर सीडर, रोटरी मल्चर एवं स्ट्राॅ मैनेजमेंट सिस्टम पर सामान्य वर्ग के किसान के लिए 75 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए 80 प्रतिशत अनुदान और स्वचालित/टैªक्टर चालित रीपर-कम-बाईंडर पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। कृषक अपनी पसंद एवं इच्छा से इन कृषि यंत्रों का क्रय सरकार द्वारा अनुदानित दर पर कर रहे हैं। मेला में कृषि यंत्रों के अतिरिक्त उद्यान, बीज, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, उर्वरक, प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का प्रदर्शन एवं बिक्री के साथ एग्रो प्रोसेसिंग यंत्रों का भी बिक्री एवं प्रदर्शन किया जा रहा है।
इस एग्रो बिहार-2023 में खेत की जुताई से लेकर फसल कटाई एवं प्रसंस्करण तथा भण्डारण तक तमाम मशीने यथा कम्बाईन हार्वेस्टर, पैडी ट्रांसप्लांटर, हैप्पी सीडर, राइस मिल, स्ट्रा रीपर, रीपर-कम- बाइन्डर, रेज्ड वेड प्लांटर, पोटैटो डिगर, पोटैटो प्लांटर, पम्प सेट, ट्रैक्टर, पावर टीलर, स्वचालित रीपर, स्ट्रा वेलर, धान/गेहँू थ्रेसर एवं अन्य उपयोगी मशीन किसानों के बीच प्रदर्शित किये जा रहे हैं।
संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
एग्रो बिहार 2023 का मुख्य आकर्षण:
लगभग 3 लाख वर्ग फीट क्षेत्र में लगने वाले इस मेले में 125 से अधिक स्टाॅल लगाये गए हैं।
इस प्रदर्शनी में बिहार के अलावे दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के कृषि यंत्र निर्माता भाग ले रहे हैं।
राज्य एवं राज्य के बाहर के वरीय पदाधिकारी, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, उद्यमी भी मेला में भाग ले रहे हैं।
राज्य के सभी जिलों से 4500 किसानों को प्रतिदिन आत्मा के माध्यम से मेला भ्रमण की व्यवस्था की गई है।
इसके साथ ही, राज्य के सभी जिलों से लगभग 500 कृषि यंत्र व्यवसायियों के भाग ले रहे हैं।
प्रत्येक दिन किसान पाठशाला में किसानों को बुआई से कटाई तक के नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, ड्रोन की उपयोगिता एवं महत्व, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का महत्व, खरपतवार नियंत्रण व निकाई-गुराई संबंधित यंत्र तथा कृषि यंत्रों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए कल-पूर्जों के रख-रखाव एवं अन्य संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
यंत्र निर्माताओं एवं विभाग के वरीय पदाधिकारियों की बैठक (B to G Meet) का आयोजन किया जायेगा।
मेला परिसर में चलन्त मिट्टी जाँच प्रयोगशाला भी कार्यरत है, जहाँ किसान भाई मिट्टी की जाँच करवा कर जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
मेला में खाद्य एवं प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य पालन, गव्य विकास, गन्ना उद्योग, उद्योग विभाग, सहकारिता, कम्फेड से संबंधित योजनाओं/क्रियाकलापों को प्रदर्शित किया गया है।
मेला में आंगतुकों के लिए बिहारी व्यंजनों का फूड कोर्ट की व्यवस्था भी की गई है।
Feb 10 2023, 17:37