वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के.के पाठक के खिलाफ बिप्र सेवा संघ के आह्वान पर बिप्र अधिकारियों ने किया सामूहिक उपवास, कई संघ ने भी दिया इनका साथ
डेस्क : उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का एक और वीडियो शनिवार को वायरल हुआ। इसमें वह अपने विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों को डांटते हुए दिख रहे हैं।
अपर मुख्य सचिव के व्यवहार और उनके द्वारा प्रयोग किए गए शब्दों पर सख्त आपत्ति दर्ज कराई है। इस मामले को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों का विरोध लगातार जारी है।
इसी कड़ी में आज बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के आह्वान पर बासा कार्यालय के सामने सुबह 11 बजे से बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के अधकारियों ने उपवास उपवास कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस सामुहिक उपवास कार्यक्रम बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों सहित निम्न केंद्रीय / राज्य स्तरीय सेवा संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिनमें अखिल भारतीय राज्य प्रशासनिक सेवा संघ , नई दिल्ली, बिहार शिक्षा सेवा संघ, बिहार अवर अभियंत्रण सेवा संघ, बिहार वित्त सेवा सांघा, बिहार पुलिस सेवा संघ, बिहार अराजपत्रित कर्मचारी सेवा संघ, बिहार अराजपत्रित कर्मचारी सेवा संघ ( गोप गुट) शामिल रहा।
बासा के इस आंदोलन का बिहार राज्य के राजपत्रित एवं अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के लाखों कर्मी ने नैतिक साथ दे रहे है। इन सभी सेवाओं ने बासा के इस आंदोलन का नैतिक समर्थन किया है।
इस उपवास कार्यक्रम में उपस्थित सभी संघों के सदस्यों ने सर्वसम्मति से निम्न निर्णय लिए जिनमे.....
1.श्री के के पाठक , वरीय आईएस पदाधिकारी ,बिहार के अमर्यादित आचरण एवं बिहार अस्मिता को सरेआम गाली गलौज एवं अभद्र शब्दों के प्रयोग , जो महिलाओं के अस्मिता एवं सम्मान को भी लांछित करता है। इनकी भाषा मानवीय गरिमा के प्रति असंवेदनशीलता सामंती मानसिकता एवं कुंठित सोच को दर्शाता है उनकी भाषा एवं सोच उनकी आदतन बिहारियों को नीचा दिखाने की मानसिकता को दर्शाता है । इनके विरुद्ध शुरू इस आंदोलन को और व्यापक एवं तेज करने का निर्णय लिया गया। राज्य के सभी सेवा संघ एवं बिहार के बुद्धिजीवीयों को भी बिहार के अस्मिता से खिलवाड़ करने वाले एवं बिहारियों को सरेआम गाली देने वाले पदाधिकारी के विरूद्ध लामबंद करने का निर्णय।
2. महासचिव , बिहार प्रशासनिक सेवा संघ बिहार द्वारा सचिवालय थाना में दायर प्रथम सूचना प्रतिवेदन को सनहा में तब्दील करने एवं इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार से एफ आई आर दर्ज करने के लिए अनुमति मांगने के निर्णय की कठोर शब्दों में भर्त्सना।
3. जब तक बिहार सरकार श्री के के पाठक के विरुद्ध निलंबन / अनिवार्य सेवानिवृत्ति / बर्खास्तगी तथा इनके विरुद्ध दायर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा सचिवालय थाना, पटना में दायर प्रथम सूचना प्रतिवेदन पर जांचोपरांत अगर कार्यवाही नहीं की जाती है , तब तक इसके विरुद्ध भविष्य में आंदोलन के रूप में कारगिल चौक से डाक बंगला चौक तक इनके द्वारा प्रयुक्त जानवरों / उपमाओं की प्रतीकात्मक छवि के साथ मौन जुलूस तथा नुक्कड़ नाटक ( इनके आचरण पर आधारित ) के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करना।
4. श्री पाठक द्वारा बिपार्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्था के आड़ में जिस तरह अपनी कुत्सित मानसिकता एवं अहंकार प्रतिपूर्ति के लिए प्रयोग किया जा रहा है,सभी सेवा संघ उसकी कठोर निंदा करना जैसी बात शामिल रही।
वहीं इस मौके पर सर्वसम्मति से अध्यक्ष/ महासचिव बिहार प्रशासनिक सेवा संघ को आंदोलन को आगे बढ़ाने के संबंध में सभी निर्णय लेने के लिए प्राधिकृत किया गया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि बिहार पुलिस द्वारा के के पाठक , वरीय आईएस पदाधिकारी के पद के प्रभाव के कारण कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती है तो यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय का इस विषय में पारित अनेकों आदेश का उल्लंघन है। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3 ) के तहत अग्रिम कार्रवाई करने के लिए सक्षम न्यायालय में आपराधिक वाद दायर करने का निर्णय लिया गया।
Feb 05 2023, 17:05