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डिजिटल अरेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सीबीआई को बड़ा आदेश, कहा-देशभर में तुरंत जांच शुरू करे

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डिजिटल अरेस्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने पूरे देश के डिजिटल अरेस्ट मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी है। शीर्ष अदालत ने देश की संघीय जांच एजेंसी से कहा कि वह पहले अखिल भारतीय स्तर पर सामने आ चुके डिजिटल अरेस्ट घोटाले के मामलों की जांच करे।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस ठगी पर सख्ती दिखाई है, जिसमें लोगों को फोन करके ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर करोड़ों रुपए लुटे जा रहे थे। कोर्ट ने साफ कहा कि अब ये मामला सिर्फ राज्यों का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। इसलिए इस पूरे गिरोह की जांच सीबीआई करेगी और वो भी देशभर में फैलकर।

सभी राज्यों को सीबीआई को अनुमति देने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी राजनीतिक दलों के शासन वाले राज्यों से भी डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जांच के लिए सीबीआई को अनुमति देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों से भी डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जांच के लिए सीबीआई को अनुमति देने को कहा।

इंटरपोल की सहायता लेने का भी निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े मध्यस्थों को भी निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के मामलों से संबंधित घटनाओं की जांच में सीबीआई को पूरा विवरण मुहैया कराएं और सहयोग भी प्रदान करें। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि जांच एजेंसी टैक्स के पनाहगाह विदेशी ठिकानों और देशों से संचालित साइबर अपराधियों तक पहुंचने के लिए इंटरपोल की सहायता ले।

आरबीआई को भी नोटिस जारी

साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट के इस अतिसंवेदनशील मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने पूछा कि साइबर धोखाधड़ी के मामलों में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों को फ्रीज करने के लिए एआई या मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया?

क्या कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं शशि थरूर? दूसरी बार पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक से रहे 'गायब'

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कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इन दिनों कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद शशि थरूर रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में स्ट्रेटेजिक ग्रुप की एक अहम मीटिंग में शामिल नहीं हुए। यह मीटिंग सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। इससे पहले एसआईआर के मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक से भी वह नदारद थे। ऐसे में शशि थरूर को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

थरूर के बयानों से लग रहे कयास

कांग्रेस की जरूरी मीटिंग्स से शशि थरूर का लगातार गायब रहना पार्टी में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा तब हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में शशि थरूर कभी अपने पार्टी की ही बुराई करते दिख रहे हैं, तो कभी पीएम मोदी की तारीफ। उनके इन्हीं बदले तेवर की वजह से राजनीतिक गलियारों में उनकी कांग्रेस से दूरी के कयास लगाए जाने लगे हैं।

एसआईआर के मुद्दे पर हुई बैठक में रहे नदारद

हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बुलाई कांग्रेस की बैठक से भी थरूर नदारद रहे थे, जिसके लिए उनकी तरफ से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन उस वक्त वह सवालों के घेरे में आ गए थे क्योंकि एक दिन पहले ही वह पीएम मोदी के कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के व्याख्यान की तारीफ

पीएम की तारीफ करते ‘एक्स’ पर उनके कई पोस्ट भी आए थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बीते 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। थरूर ने एक्स पोस्ट में लिखा था, “प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता’ की बात की और एक औपनिवेशिक काल के बाद की मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ ‘उभरता हुआ बाजार’ नहीं, बल्कि दुनिया के लिए ‘उभरता हुआ मॉडल’ है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा ‘चुनाव मोड’ में रहने का आरोप लगता है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ‘भावनात्मक मोड’ में रहते हैं।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उठाए थे सवाल

पीएम मोदी के बारे में उनके कमेंट्स के बाद, पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में अधिक पता है... अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए... आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ़ इसलिए कि आप एमपी हैं?

पराजय की निराशा से बाहर निकलकर सार्थक चर्चा करें, शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को पीएम मोदी की खरी-खरी

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संसद के शीतकालीन सत्र की आज यानी सोमवार से शुरुआत हो रही है। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्ष को खरी-खरी सुनाई। शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के लिए संसद परिसर से संबोधन किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को हंगामे को लेकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष पराजय की निराशा से बाहर निकले। वो नारे नहीं, नीति पर जोर दे। सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए।

संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, संसद का सत्र सिर्फ एक एक प्रथा नहीं हैं, ये राष्ट्र को प्रगति की ओर तेज गति से ले जाने के जो प्रयास चल रहे हैं, उसमें ऊर्जा भरने का काम ये शीतकालीन सत्र करेगा, ये मेरा विश्वास है। भारत में लोकतंत्र को जिया है, लोकतंत्र के उमंग और उत्साह को समय समय पर ऐसे प्रकट किया है कि लोकतंत्र के प्रति विश्वास और मजबूत होता रहता है। बीते दिनों बिहार चुनाव में भी मतदान में जो तेजी आई है, वो लोकतंत्र की ताकत है। माता-बहनों की भागीदारी बढ़ना एक नई आशा और विश्वास पैदा कर रहा है। लोकतंत्र की मजबूती और इसके भीतर अर्थतंत्र की मजबूती को दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है। भारत ने सिद्ध कर दिया है डेमोक्रेसी कैन डिलीवर।

इंडिया गठबंधन की हार पर पीएम मोदी का तंज

वहीं, पीएम मोदी ने बिहार चुनाव में इंडिया गठबंधन की हार को लेकर भी तंज कसा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, विपक्ष भी अपना दायित्व निभाए, चर्चा में मजबूत मुद्दे उठाए। पराजय की निराशा से बाहर निकलकर आएं। दुर्भाग्य ये है कि 1-2 दल तो ऐसे हैं कि वो पराजय भी नहीं पचा पाते। मैं सोच रहा था कि बिहार के नतीजों को इतना समय हो गया, तो अब थोड़ा संभल गए होंगे। लेकिन, कल जो मैं उनकी बयानबाजी सुन रहा था, उससे लगता है कि पराजय ने उनको परेशान करके रखा है। लेकिन मेरा सभी दलों से आग्रह है कि शीतकालीन सत्र में पराजय की बौखलाहट को मैदान नहीं बनना चाहिए और शीतकालीन सत्र विजय का अहंकार में भी परिवर्तित नहीं होना चाहिए।

ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए-पीएम मोदी

मेरी एक चिंता रही है लंबे समय से सदन में जो पहली बार चुनकर आए हैं, या जो युवा हैं, वैसे सभी दलों के सभी सांसद बहुत परेशान हैं, उन्हें अपने सामर्थ्य का परिचय कराने का अवसर नहीं मिल रहा है और न ही अपने क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बताने का मौका नहीं मिल रहा है। कोई भी दल हो हमें किसी को भी हमारी नई पीढ़ी के नौजवान सांसदों को, उन्हें अवसर देना चाहिए। इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि हम इन चीजों को गंभीरता से लें, ड्रामा करने के लिए बहुत जगह होती है, जिसे करना है करता रहे, यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। नारे के लिए पूरा देश पड़ा है, जहां हारे वहां बोल चुके और जहां हारने जा रहे हैं, वहां भी बोल लेना। यहां नारे नहीं नीति पर बात होनी चाहिए।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, एसआईआर पर हंगामे के आसार, 13 अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में सरकार

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो जाएगा। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी।सरकार ने 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने समेत 13 विधेयकों के जरिये अपने सुधार के एजेंडे पर आगे बढ़ाने की तैयारी की हुई है। हालांकि विपक्ष ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्षी दलों ने एक सुर में यह मांग उठाई कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

सत्र से पहले पीएम मोदी का मीडिया को संबोधन

इस सत्र के लिए कुल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए कुल 13 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिनमें निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने के प्रावधान वाला एक विधेयक भी शामिल है। परमाणु ऊर्जा विधेयक- 2025 भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विनियमन को नियंत्रित करने के उद्देश्य लाया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 10 मीडिया को संबोधित करेंगे। वह सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताएंगे और सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील करेंगे।

ये महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल 

• इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 

• मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल

• रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 

• एस. नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 

• एटॉमिक एनर्जी बिल 

• कॉर्पोरेट लॉज (संशोधन) बिल 

• सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 

• इंश्योरेंस लॉज (संशोधन) बिल 

• आर्बिट्रेशन एंड कंसीलिएशन (संशोधन) बिल 

• हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 

• सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 

• हेल्थ सिक्योरिटी और नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल

एसआईआर को लेकर हंगामेदार हो सकता है सदन

इधर, विपक्ष ने अपने इरादे जता दिए हैं। विपक्ष की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा नहीं करवाती तो गतिरोध की स्थिति बनेगी। इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा है कि एसआईआर पर भी चर्चा होनी चाहिए और कई मुद्दे हैं। किसी नेता ने यह नहीं कहा कि सदन चलने नहीं देंगे। लेकिन कुछ नेताओं ने ये कहा है कि एसआईआर को लेकर सदन में हंगामा कर सकते हैं।

जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद...', मौलाना महमूद मदनी का भड़काऊ बयान

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जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी अपने बयान की वजह से एक बार फिर चर्चा में हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में मौलाना महमूद असद मदनी के बयान ने विवाद बढ़ा दिया है। उन्होंने भोपाल में जिहाद और कोर्ट के फैसलों को लेकर बयान दिया और सरकार पर भी निशाना साधा।

जिहाद’ शब्द को बदनाम करने का आरोप

भोपाल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की नेशनल गवर्निंग बॉडी मीटिंग में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मनों ने जिहाद जैसी इस्लाम की पवित्र अवधारणा को दुर्व्यवहार, अव्यवस्था और हिंसा से जुड़े शब्दों में बदल दिया है। 'लव जिहाद', 'भूमि जिहाद', 'शिक्षा जिहाद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके मुसलमानों को गहरी ठेस पहुंचाई गई है। इससे धर्म का अपमान होता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार और मीडिया में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने में कोई शर्म महसूस नहीं करते है।

एक विशेष समुदाय को जबरन निशाना बनाया जा रहा-मदनी

मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति अत्यंत संवेदनशील और चिंताजनक है। दुःख की बात है कि एक विशेष समुदाय को जबरन निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अन्य समुदायों को कानूनी रूप से शक्तिहीन, सामाजिक रूप से अलग-थलग और आर्थिक रूप से अपमानित किया जा रहा है। भीड़ द्वारा हत्या, बुलडोजर कार्रवाई, वक्फ संपत्तियों पर कब्जा और धार्मिक मदरसों व सुधारों के विरुद्ध नकारात्मक अभियान जैसे व्यवस्थित और संगठित प्रयास उनके धर्म, पहचान और अस्तित्व को कमजोर करने के लिए किए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पर भी उठाया सवाल

मौलाना महमूद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाया। मौलाना मदनी ने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि अदालतें, सरकार के दबाव में काम कर रही हैं। महमूद मदनी ने कहा, किसी देश में लॉ एंड ऑर्डर और क्राइम-फ्री समाज बनाना इंसाफ के बिना नामुमकिन है। दुख की बात है कि पिछले कुछ सालों में खासकर बाबरी मस्जिद और ट्रिपल तलाक जैसे मामलों में फैसलों के बाद यह आम सोच बन गई है कि कोर्ट सरकारी दबाव में काम कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों से जुड़े संवैधानिक नियमों और बुनियादी सिद्धांतों की कई व्याख्याओं ने न्यायपालिका की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट उस समय तक ही सुप्रीम कहलाने का हकदार है, जब तक आईन की पाबंदी करे और कानून के कर्तव्य का ख्याल रखे। अगर ऐसा न करे तो वह नैतिक तौर पर सुप्रीम कहलाने का हकदार नहीं है।

दिल्ली ब्लास्ट के बाद बढ़ी पुलिस की सख्त, प्राइवेट हॉस्पिटल्स से मांगे विदेश से पढ़कर आए डॉक्टरों की डिटेल्स

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दिल्ली ब्लास्ट के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। जहां दिल्ली ब्लास्ट की गुत्थी सुलझाने के लिए लगातार जांच एजेंसियां देशभर में छापे मार रही हैं, वहीं इससे जुड़ी कई एहतियात भी बरती जा रही है। इस बीच व्हाइट कॉलर मॉड्यूल द्वारा अंजाम दिया गए ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल को नोटिस जारी किया है।

इन देशों से एमबीबीएस करने वाले की जानकारी मांगी

दिल्ली पुलिस ने शहर के सभी निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर उन डॉक्टरों की जानकारी मांगी है। जिन्होंने विदेश से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है और वर्तमान में दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं। पुलिस ने खासतौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, यूएई और चीन से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर्स के बारे में जानकारी मांगी है।

सुरक्षा के मद्देनजर बड़ा फैसला

अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है। दरअसल, दिल्ली ब्लास्ट के तार तुर्की और पाकिस्तान से भी जुड़े पाए गए हैं। जिसके बाद अंदेशा है कि इस तरह की साजिश देश में फिर भी हो सकती है, जिसके लिए सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट पर हैं और इस पूर व्हाइट कॉलर मॉड्यूल के नेटवर्क को पकड़ने की कोशिश कर रही हैं।

अल फलाह के 30 डॉक्टर्स के बयान दर्ज

इस बीच एनआईए ने अभी तक अल फलाह मेडिकल कॉलेज के 30 डॉक्टर्स के बयान दर्ज किए हैं। सभी से आतंकी उमर के बारे में सवाल जवाब किए गए हैं। पूछताछ में साथी डॉक्टर्स ने बताया कि उमर का व्यवहार रूड रहता था। उमर चुनिंदा लोगो को ही अपने कमरे में आने देता था।

10 नवंबर को हुआ था ब्लास्ट

बता दें कि दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को शाम करीब 6:52 बजे एक कार में ब्लास्ट हुआ, जिसने पूरे देश को हिला दिया है। धमाका एक धीमी गति से चल रही हरियाणा नंबर प्लेट वाली कार में अचानक हुआ। इस धमाके में 15 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए।

नेशनल हेराल्ड केसः ईडी की चार्जशीट पर आने वाला फैसला टला, अब इस दिन सुनाया जाएगा निर्णय

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नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर सुनवाई टल गई है। कोर्ट का फैसला अब 16 दिसंबर को आएगा। पहले यह फैसला आज सुनाया जाना था, लेकिन अब इसे आगे बढ़ा दिया गया है।

मामला 1938 से चलने वाले ऐतिहासिक अखबार नेशनल हेराल्ड से जुड़ा है, जिसकी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नेहरू-युग की विरासत है। ईडी का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की 2000 करोड़ की संपत्ति को मात्र 50 लाख में हथिया ली गई। ईडी ने यह भी दावा किया है कि फर्जी लेन-देन के जरिए सालों तक एडवांस रेंट पेमेंट दिखाए गए और कथित तौर पर नकली किराया रसीदों का इस्तेमाल किया गया, ताकि पैसे को संदिग्ध तरीकों से एक दिशा में ले जाया जा सके

सोनिया-राहुल समेत ये हैं आरोपी

ईडी ने इस मामले में अप्रैल में चार्जशीट दाखिल की थी। ईडी ने इस मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के साथ-साथ सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और कंपनी यंग इंडियन को आरोपी बनाया है।

ऐसे शुरू हुआ था मामला

नेशनल हेराल्ड केस मूल रूप से पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत की वजह से शुरू हुआ था, जिसमें कांग्रेस नेताओं और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुड़ी कंपनियों द्वारा पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।

दिल्‍ली ब्‍लास्‍ट: आतंकी डॉ. शाहीन की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में अलमारी, जहां से मिले 18 लाख कैश

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दिल्ली में हुए ब्लास्ट केस की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक के बाद एक बड़े खुलासे हाथ लग रहे हैं। एनआईए ने अब दिल्ली में लाल किला के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी और जैश-ए-मोहम्मद की कथित महिला कमांडर डॉ. शाहीन के ठिकाने से 18 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। माना जा रहा है कि बकामद की गई इतनी बड़ी रकम आतंकी फंडिंग का हिस्सा हो सकता है।

देश की राजधानी दिल्‍ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुए कार ब्‍लास्‍ट के जांच की जिम्मेदारी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई है। एनआईए की टीम कार ब्‍लास्‍ट की आरोपी डॉ. शाहीन शाहिद को लेकर मौका मुआयना करने के लिए फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी ले गई थी। शाहीन यूनिवर्सिटी के हॉस्‍टल के जिस रूम नंबर-22 में रहती थी, उसकी छानबीन गई। इस दौरान आलमारी से 18 लाख रुपये नकद मिले।

शाहीन के पास कहां से आई इतनी बड़ी रकम?

जांच एजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर इतनी बड़ी राशि शाहीन के पास कहां से आई? सूत्रों के मुताबिक यह पैसा आतंकी फंडिंग का हिस्सा हो सकता है। अलमारी में मिले इन भारी भरकम अंदेशा है कि इन पैसों का इस्‍तेमाल टेरर मॉड्यूल की गतिविधियों को फंड करने में किया जाना था। यह पैसा विश्वविद्यालय के भीतर से संचालित हो रहे ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ को वित्तपोषित करने के लिए रखा गया होगा।

डॉक्टर मुजम्मिल अहमद ने खोले राज

यह कार्रवाई आतंक मॉड्यूल से जुड़े डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई को फरीदाबाद लाकर पूछताछ के एक दिन बाद हुई। डॉक्टर मुजम्मिल ने पूछताछ में उन दो दुकानों की पहचान की जहां से उसने अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था। जांच में पता चला है कि मुजम्मिल ने यूनिवर्सिटी से कुछ किलोमीटर दूर दो अलग-अलग कमरों में करीब 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट जमा कर रखा था। इसके अलावा उसने इस विस्फोटक सामग्री का एक बड़ा हिस्सा पास के गांव के खेतों में छुपाया था, जिसे बाद में वह फतेहपुर टैगा में किराये पर लिए एक मौलवी के घर में ले गया। एनआईए को आशंका है कि अभी और भी विस्फोटक सामग्री छुपाई गई हो सकती है, जिसके लिए तलाशी अभियान जारी है।

शाहीन ने जांच एजेंसियों के सामने किया बड़ा खुलासा

इधर, आतंकी डॉक्टर शाहीन ने जांच एजेंसियों को बताया कि वह आतंकी मॉड्यूल में डॉक्टर मुजम्मिल के कहने पर शामिल हुई थी और वही करती थी जो मुजम्मिल उसे निर्देश देता था। इसके अलावा, एजेंसियों को डॉक्टर अबू उकाशाह नाम के हैंडलर का टेलीग्राम अकाउंट भी मिला है। इसी अकाउंट के माध्यम से डॉक्टर मुजफ्फर, डॉक्टर उमर और डॉक्टर आदिल साल 2022 में तुर्किए गए थे।

नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की चार्जशीट पर फैसला आज, सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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दिल्ली में राऊज ऐवन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट पर महत्वपूर्ण आदेश सुनाएगा। कोर्ट यह तय करेगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपियों को जारी किए जाने वाले समन पर क्या फैसला लिया जाए। बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद आदेश को 29 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। पिछली सुनवाई में स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने कहा था कि ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट के निर्देश पर केस फाइल का निरीक्षण करने के बाद अतिरिक्त स्पष्टीकरण और दलीलें पेश की हैं। अदालत अब इस पर अपना आदेश शनिवार (29 नवंबर) को सुनाएगी।

क्या है आरोप?

ईडी का आरोप है कि इन नेताओं ने साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की लगभग 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था, जो पहले नेशनल हेराल्ड अखबार चलाती थी। आरोप है कि इसके लिए ‘यंग इंडियन' नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी बहुमत के हिस्सेदार हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, गांधी परिवार की हिस्सेदारी यंग इंडियन में 76 प्रतिशत है, जिसने कथित रूप से सिर्फ 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया।

2012 में सामने आया था विवाद

नेशनल हेराल्ड के एसेट्स पर विवाद 2012 में तब सामने आया जब बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस लीडर्स ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को खरीदने के प्रोसेस में धोखाधड़ी और भरोसा तोड़ने में हिस्सा लिया था।

पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल जारी, जानें क्यों खास है रूसी राष्ट्रपति की यात्रा

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का शेड्यूल घोषित हो गया है। पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दो दिनों के आधिकारिक दौरे पर आ रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार दिसंबर को भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन का दौरा पाँच दिसंबर तक रहेगा।

पीएम मोदी के निमंत्रण पर पुतिन का दौरा

भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर 2025 को भारत के दौरे पर आएंगे। राष्ट्रपति पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना शिखर बैठक में शामिल होंगे। इस दौरे में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करेंगे। साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी उनकी मुलाकात होगी।

रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर होगी चर्चा

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि यह यात्रा भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने, रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी। साथ ही दोनों नेताओं के बीच वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

अमेरिका समेत दुनियाभर की निगाहें दिल्ली पर

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। भारत ने इस बीच रूस से तेल खरीद में कमी भी की है। पुतिन की इस यात्रा पर अमेरिका-चीन समेत दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं।

डिफेंस डील को लेकर चर्चा

भारत और रूस के बीच डिफेंस डील की लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी पुतिन के साथ मुलाकात में S-400 की खरीद को लेकर डिफेंस डील कर सकते हैं। जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खर्च हुई S-400 की मिसाइलों की खरीद पर भी डील हो सकती है। इसके अलावा पुतिन पीएम मोदी से रूस के पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 लड़ाकू विमानों के बारे में बातचीत कर सकते हैं।