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शिक्षा क्षेत्र बड़का भुकुरवा, विकासखंड पचपेड़वा, जनपद बलरामपुर में शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही अपने चरम पर है

बलरामपुर।विद्यालय में अध्यापक नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहते, जिसके कारण स्कूल अक्सर बंद ही मिलता है। मासूम बच्चे आँखों में उम्मीद और किताबों का बोझ लेकर विद्यालय पहुँचते हैं, लेकिन विद्यालय का ताला देखकर मायूस होकर वापस लौट जाते हैं।

विद्यालय की दुर्दशा का स्तर इतना अधिक है कि न तो बच्चों को मिड-डे-मील मिल पाता है और न ही पठन-पाठन की कोई व्यवस्था दिखाई देती है। बच्चों की शिक्षा, भोजन और उज्ज्वल भविष्य से जुड़ी योजनाएँ केवल कागज़ों में चलती दिख रही हैं। अध्यापकों की ऐसी लापरवाही से ग्रामीणों में भारी रोष है, जबकि अभिभावक चिंतित हैं कि आखिर उनके बच्चों का भविष्य कौन सँभालेगा।

जब इस मामले पर खंड शिक्षा अधिकारी से दूरभाष पर संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि “मामले की जांच कराई जाएगी। यदि शिकायत सही पाई गई तो संबंधित अध्यापकों पर नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

शिक्षा क्षेत्र की यह बड़ी खबर गरीब और अंतिम पंक्ति के बच्चों की पढ़ाई से सीधे जुड़ी है, जहाँ सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा। अब देखना यह है कि प्रशासनिक कार्रवाई कब और कितनी प्रभावी होती है।

मानव–वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु डीएम ने बॉर्डर क्षेत्र के 82 ग्रामों के प्रधानों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क

बलरामपुर । जिलाधिकारी ने बॉर्डर एरिया में हाल ही में घटित मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए ग्राम प्रधानों से कहा कि सभी ग्रामों में ग्राम निगरानी समिति का गठन कर लें एवं निगरानी समिति द्वारा वन्यजीवों की आवाजाही पर विशेष सतर्कता बरती जाए।

उन्होंने मानव वन्यजीव संघर्ष के रोकथाम हेतु ग्राम प्रधानों को ग्रामस्तर पर आयोजित किए जाने वाले गतिविधियों के विषय में जागरूक किया। उन्होंने विद्यालय एव सभी रास्तों पर घनी झाड़ियां इत्यादि हटवाए जाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों एवं पंचायत सचिवों को निर्देशित किया कि ग्राम प्रधानों के साथ समन्वय स्थापित कर ग्रामों में सुरक्षा उपायों एवं तंत्र को मजबूत करें तथा ब्लिंकिंग लाइट व्यवस्था, चेतावनी बोर्ड एवं सीमा क्षेत्र में चिन्हांकन जैसे उपायों को भी प्राथमिकता पर पूर्ण कराएं

उन्होंने डीएफओ को सभी सीमावर्ती ग्रामों के वन्य जीव से बचाव हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाने एवं हैंडबिल / पैंपलेट आदि वितरण किए जाने के निर्देश दिए।

डीएम ने कड़ी चेतावनी दिया कि मानव वन्यजीव संघर्ष में जनहानि की घटना पर संबंधित रेंजर एवं खंड विकास अधिकारी की जिम्मेदारी तय करते हुए कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता पदयात्रा निकाली गई


बलरामपुर। भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर सदर विधानसभा क्षेत्र में भव्य एकता पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह पदयात्रा सदर विधायक पलटू राम के नेतृत्व में बहादुरापुर (सिरसिया) पंचायत भवन से शुभारंभ हुई,जो विभिन्न मार्गों से होते हुए भगवतीगंज स्थित भगवती आदर्श विद्यालय खेल मैदान,धर्मपुर में सम्पन्न हुई।

पदयात्रा में बड़ी संख्या में छात्र,युवा,किसान और महिलाएं शामिल हुए,जिन्होंने “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। मार्ग में जगह-जगह लोगों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।

एकता,आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का संदेश

भगवती आदर्श विद्यालय खेल मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री राकेश सचान ने कहा —

> “सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को डबल इंजन की सरकार ने अभियान के रूप में बूथ स्तर तक पहुंचाने का कार्य किया है। एकता पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी और जन-जन को जोड़ना है। सरदार पटेल ने आजादी से पहले कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था। सन 1928 में बारदोली आंदोलन के माध्यम से किसानों के हक की लड़ाई लड़ी,जिसके बाद उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली।”

मंत्री ने आगे कहा —

> “आजादी के बाद सरदार पटेल ने 562 रियासतों को जोड़कर एक भारत का निर्माण किया। उनकी सोच आत्मनिर्भर और एकजुट भारत की थी, जिसे आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं। पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी मेला’ जैसे अभियानों के माध्यम से हर जिले में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन दिया है। आज भारत दुनिया के सामने आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभरा है।”

राकेश सचान ने कहा कि —

> “आज दुनिया भारत पर टैरिफ लगाकर दबाव बनाना चाहती है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी किसी के सामने झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत बनाकर विश्व मंच पर भारत की ताकत साबित की है।”

सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि — पलटू राम

सदर विधायक पलटू राम ने कहा —

> “आजादी के बाद हैदराबाद और जूनागढ़ जैसी रियासतों को बिना युद्ध किए भारत में मिलाने में सरदार पटेल की भूमिका ऐतिहासिक रही। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाना,सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिसे देश के गृहमंत्री अमित शाह ने पूरा किया।”

पीएम मोदी ने सरदार पटेल के सपनों को साकार किया — रवि मिश्रा

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा ने कहा —

> “प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में 182 मीटर ऊँची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ बनवाकर लौह पुरुष को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। युवाओं को सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान देना चाहिए।”

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य

इस अवसर पर लोकसभा संयोजक शंकर दयाल पांडेय,पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह गुड्डू,नगर पालिका अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू,जिला पंचायत प्रतिनिधि श्याम मनोहर तिवारी,ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि गोविंद सोनकर,जिला संयोजक वरुण सिंह मोनू,जिला उपाध्यक्ष बृजेंद्र तिवारी,आद्या सिंह पिंकी,महामंत्री बिंदु विश्वकर्मा,जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह,मीडिया संयोजक अवधेश पांडेय,यात्रा संयोजक संदीप उपाध्याय,जिलेदार पांडे,रामकृपाल शुक्ला,अक्षय शुक्ला,सौरभ तुलसियान,राजेश वर्मा,आलोक रंजन पांडे,आकाश पांडे,आनंद श्रीवास्तव,रजनीश पांडे,अमरनाथ शुक्ला,राकेश गुप्ता,शिव प्रताप सिंह,सुरेश त्रिपाठी,वीरेंद्र पाठक,ओमप्रकाश त्रिगुणायत,मंजू तिवारी,साधना पांडे,अपूर्व प्रताप सिंह, महेश मिश्रा,राघवेंद्र सिंह,मनीष तिवारी,विनोद गिरी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व नागरिक उपस्थित रहे।

हरहटा ग्राम सभा में फर्जी हस्ताक्षर और दबंगई का मामला — प्रशासनिक जांच की मांग तेज़

बलरामपुर 13 नवंबर तहसील तुलसीपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा हरहटा में ग्राम प्रधान पद से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है।

ग्राम प्रधान अल्लाउद्दीन शाह पुत्र जब्बर शाह, जो पहले से ही अपने दबंग रवैये और ग्राम सभा की जमीनों पर कब्जे के आरोपों के कारण चर्चाओं में रहे हैं, अब एक नए विवाद में फँस गए हैं।

जानकारी के अनुसार, अल्लाउद्दीन शाह को पूर्व में ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा और शासन के निर्देशों की अवहेलना के चलते जिलाधिकारी द्वारा प्रधान पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उदय लाल यादव पुत्र अयोध्या प्रसाद को कार्यवाहक प्रधान के रूप में नियुक्त किया गया था।

ग्रामीणों का आरोप है कि अल्लाउद्दीन शाह, जो उस समय मुंबई में रह रहे थे, ने फर्जी हस्ताक्षर (Fake Signature) कर कई सरकारी पत्रों और आवेदन पत्रों को प्राप्त किया। कहा जा रहा है कि प्रधान पद से हटाए जाने के बावजूद उन्होंने पंचायत से संबंधित कई फाइलों और पत्रों पर फर्जी तरीके से साइन कर Letters Received Register में प्रविष्टियाँ करवाईं।

ग्रामीणों ने बताया कि अब वही व्यक्ति सोशल मीडिया पर हथियारबंद तस्वीरें और वीडियो डालकर दबंगई का प्रदर्शन कर रहा है। इससे ग्रामवासियों में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया है।

ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी बलरामपुर एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस संबंध में ग्रामीणों ने कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।

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एम.एल.के.पी.जी. कॉलेज में पाँच दिवसीय योग कार्यक्रम का भव्य समापन समारोह संपन्न

बलरामपुर। एम.एल.के. पी.जी.कॉलेज,बलरामपुर के शिक्षा संकाय (बी.एड.विभाग) द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय योग प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का भव्य समापन समारोह कॉलेज के स्विमिंग पूल परिसर में उत्साह और उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में कॉलेज के प्राचार्य प्रो.जे.पी.पांडेय,नगर पालिका परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि एवं भाजपा जिला मीडिया प्रभारी डी.पी.सिंह बैस,योगाचार्य डॉ.वीरेन्द्र विक्रम सिंह,वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल कुमार,प्रो.ए.के. सिंह,डाॅ.दिनेश कुमार मौर्य,डॉ.शिव महेंद्र सिंह,बनवारी प्रसाद तिवारी,राकेश पांडेय,डी.पी.शर्मा,राकेश प्रताप सिंह,साधना पांडेय,डॉ.अभय नाथ,डॉ.बी.पी. सिंह,डॉ.कमलेश शाक्य,डॉ.लवकुश पांडेय,डॉ.बी.एल.गुप्ता,डॉ.अभिषेक कुशवाहा एवं डॉ.रिंकू सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन बी.एड.विभाग के छात्र-छात्राओं ने किया तथा अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया।

समापन सत्र के दौरान योगाचार्य डॉ.वीरेन्द्र विक्रम सिंह ने स्विमिंग पूल में “पलवनी प्राणायाम” का विशेष प्रदर्शन किया। यह एक अद्वितीय जल योग पद्धति है,जिसमें श्वास नियंत्रण के माध्यम से शरीर को जल में संतुलित रखा जाता है। उन्होंने बताया कि यह प्राणायाम न केवल फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में सहायक है,बल्कि श्वसन प्रणाली को मजबूत करने और मानसिक एकाग्रता को विकसित करने में भी अत्यंत उपयोगी है। विद्यार्थियों ने भी विभिन्न योगासन प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।

कार्यक्रम के संयोजक प्रो.राघवेन्द्र सिंह के कुशल निर्देशन में यह पाँच दिवसीय योग आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर विभाग के शिक्षकगण प्रो.श्रीप्रकाश मिश्र,डॉ.रामरहीश,डॉ.मितलेश मिश्र,डॉ.के.के.मिश्र,एवं शुभम सिंह सहित अन्य शिक्षकों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

समापन समारोह के दौरान पाँच दिवसीय योग प्रशिक्षण में सहभागिता करने वाले छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

अपने संबोधन में प्राचार्य प्रो.जे.पी.पांडेय ने कहा “योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य का माध्यम नहीं,बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति का आधार है। विद्यार्थियों को इसे जीवन का नियमित हिस्सा बनाना चाहिए।”

अंत में संयोजक प्रो.राघवेन्द्र सिंह ने सभी अतिथियों,शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “इस प्रकार के योग कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे ताकि विद्यार्थियों में स्वस्थ जीवनशैली और सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रसार हो।”

इस अवसर पर कॉलेज परिसर में “योग से स्वास्थ्य – जीवन में स्फूर्ति” का संदेश गुंजायमान रहा और विद्यार्थियों ने संकल्प लिया कि वे योग को अपने दैनिक जीवन में अपनाकर समाज में स्वस्थता एवं अनुशासन का संदेश प्रसारित किया गया।

कसौधन जाति प्रमाण पत्र के लिए विधायक को ज्ञापन सौपा

बलरामपुर । तुलसीपुर कसौधन समाज को पिछड़ी जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाने की मागं को लेकर तुलसीपुर में समाज के अध्यक्ष प्रभाकर कसौधन ने समिति के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन विधायक कैलाश नाथ शुक्ला को सौंपा है।

अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 1997 से ही प्रदेश सरकार द्वारा कसौधन समाज को पिछड़ी जाति में शामिल किया गया है, लेकिन त्रुटिवश बलरामपुर जनपद सहित गोंडा, श्रावस्ती और बहराइच में कसौधन समाज को पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी नहीं हो रहा है। जिसे जारी किए जाने की मांग समिति की ओर से की गई है।

विधायक कैलाश नाथ शुक्ला ने समिति के पदाधिकारी को आश्वासन देते हुए कहा कि इस मांग को विधानसभा में उठाते हुए निराकरण कराने का आश्वासन दिया है।

ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के अमित कसौधन, राजू उर्फ संतोष कसौधन, अनूप गुप्ता, अवधेश गुप्ता, श्याम सुंदर, कमल देव आर्य कसौधन, नीरज कसौधन, अनिल कसौधन, प्रिया देव आर्य कसौधन, अखिलेश कसौधन मौजूद रहे।

*डीएम ने पाइप लाइन बिछाने के कार्य का भी किया निरीक्षण , क्षतिग्रस्त रोड को नया किए जाने के दिए निर्देश*

बलरामपुर। नगर पालिका बलरामपुर में निर्माणाधीन सीवेज ट्रिटमेंट प्लांट (एसटीपी) एक माह के अंदर संचालित होगा , डीएम विपिन कुमार जैन द्वारा निर्माणाधीन सीवेज ट्रिटमेंट प्लांट का डीएम ने व्यापक निरीक्षण किया , उन्होंने कार्यदाई संस्था को टेस्टिंग , कमीशनिंग सभी कार्य पूर्ण करते हुए एक माह के अंदर एसटीपी संचालित किए जाने के निर्देश दिए। 

इसके उपरांत उन्होंने नगर क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के कार्य का जायजा लिया , इस दौरान उन्होंने लोगों से भी वार्ता किया एवं फीडबैक प्राप्त किया।

उन्होंने कार्यदाई संस्था को क्षतिग्रस्त रोड में पुनः नया किए जाने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिला अल्पसंख्यक अधिकारी , अपर अर्थ एवं संख्याधिकारी महेश चतुर्वेदी , विनय कुमार व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें।

जनपद बलरामपुर से बड़ी खबर — आयुष्मान आरोग्य मंदिर में गरीबों और मजदूरों के हक पर वसूली का खेल!

जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा क्षेत्र के ग्राम पंचायत मजगवा कलां स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर लापरवाही और मनमानी का मामला सामने आया है। यहां तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) प्रियंका यादव के अधीन चल रहे इस अस्पताल में ग्रामीणों को न तो नियमित चिकित्सा सेवा मिल रही है और न ही सरकार की योजनाओं का सही लाभ।

ग्रामीणों — गुरु प्रसाद, उनकी पत्नी, शिवचरण लाल, अकबर अली और अंकित भारती ने बताया कि अस्पताल केवल एक घंटे के लिए खुलता है, बाकी पूरे दिन ताले में बंद रहता है। इस एक घंटे के दौरान भी मरीजों से जबरन वसूली की जा रही है — जबकि सरकार की मंशा है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत ग्रामीणों, मजदूरों और गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा मिले।

गांव के लोगों का कहना है कि जब कोई बीमार होता है तो अस्पताल पहुंचने पर गेट बंद मिलता है। ग्रामीणों को मजबूरन निजी क्लिनिकों और दवा दुकानों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

संवाददाता ने जब इस संबंध में डॉक्टर विजय कुमार (अधीक्षक) से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका फोन काट दिया गया, और बाद में उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इससे यह स्पष्ट होता है कि अस्पताल प्रशासन लापरवाही पर पर्दा डालने में लगा है।

गांव के बुजुर्गों और महिलाओं ने भी बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन तो तैयार है, लेकिन डॉक्टरों और स्टाफ की उपस्थिति केवल कागजों पर दिखाई जाती है। आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को मुफ्त दवाएं देने के बजाय उनसे पैसे लेकर पर्ची और दवा दी जा रही है।

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल जांच की मांग की है। अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई, तो यह गरीबों और मजदूरों के अधिकारों के साथ खुली न्याय की अवहेलना होगी।

> “गरीबों के इलाज का मंदिर अब वसूली का अड्डा बन चुका है। सरकार की योजनाएं फाइलों में चमक रही हैं, लेकिन ज़मीन पर दम तोड़ रही हैं।”

मनरेगा में फर्जीवाड़ा! पुरानी फोटो से बनाई जा रही ऑनलाइन हाजिरी – ग्राम पंचायत मनोहरापुर का खुलासा


जनपद बलरामपुर। के विकास खंड पचपेड़वा में मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत मनोहरापुर में बड़ा खेल सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत में 4 मास्टर रोल पर 36 मजदूरों की ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज की गई है, लेकिन जांच के दौरान यह पाया गया कि मजदूरों की मौजूदगी संदिग्ध है।

स्थानीय सूत्रों ने खुलासा किया कि मजदूरों की जो तस्वीरें ऑनलाइन अपलोड की जा रही हैं, वे पुरानी फोटो हैं। मौके पर जाकर जांच करने पर पता चला कि कई मजदूर उस दिन कार्यस्थल पर उपस्थित ही नहीं थे, फिर भी उनकी उपस्थिति दर्ज कर ली गई।

इस पूरे मामले में यह साफ दिखता है कि रोजगार सेवक और संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से मनरेगा की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लग गया है। ग्राम पंचायत में गरीब मजदूरों का हक मारा जा रहा है, और सरकारी धनराशि को फर्जी उपस्थिति के सहारे हड़पने की कोशिश की जा रही है।

संवाददाता ने जब इस मामले पर रोजगार सेवक मोहित दुबे से संपर्क करने का प्रयास किया, तो दूरभाष पर कॉल करने के दौरान फोन कट गया और बाद में फोन उठाया नहीं गया। यह चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।

ग्रामीणों का कहना है कि “हम रोज सुबह काम पर पहुंचते हैं, मगर हमारी उपस्थिति नहीं लगती। वही लोग हाजिरी में दिखते हैं जो काम पर आते ही नहीं।” यह बात ग्रामीणों की व्यथा और सिस्टम की नाकामी दोनों को उजागर करती है।

अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक इस तरह गरीब मजदूरों के पसीने की कमाई पर फर्जीवाड़ा चलता रहेगा? प्रशासन को इस पर तुरंत जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि मनरेगा जैसी गरीबों की योजना में पारदर्शिता लौट सके।

वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर तुलसीपुर में सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित


बलरामपुर ,तुलसीपुर। स्वतंत्रता आंदोलन के प्रेरणास्रोत राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के ऐतिहासिक अवसर पर सनातन जागृति मंच के तत्वावधान में स्थानीय हनुमानगढ़ी परिसर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंच के सदस्यों ने एकजुट होकर वन्देमातरम का सामूहिक गायन किया और देशभक्ति का अद्भुत वातावरण निर्मित किया।

कार्यक्रम के संयोजक दिलीप कुमार गुप्ता ने बताया कि वन्देमातरम मूल रूप से बंकिमचंद्र चटर्जी के प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा है। इस गीत का प्रथम सार्वजनिक गायन वर्ष 1896 में हुआ, जिसके बाद यह स्वतंत्रता संग्राम का अमर प्रतीक बन गया। बंग-भंग आंदोलन के समय यह गीत क्रांति का मंत्र बनकर गूंजा और इसने अंग्रेजी शासन की नींद उड़ा दी थी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1937 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गीत के केवल दो छंदों को अपनाया, क्योंकि पूर्ण गीत में मां दुर्गा की स्तुति थी, जिसे कुछ लोगों ने धार्मिक दृष्टि से देखा। तथापि, संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के प्रस्ताव पर 24 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्रदान किया गया।

संयोजक गुप्ता ने कहा, “वन्देमातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। इसने स्वतंत्रता सेनानियों के हृदय में मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और बलिदान की भावना जगाई। यह गीत हमें सिखाता है कि एकता में ही शक्ति निहित है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह गीत भक्ति और शक्ति दोनों का संगम है। आज जब सभी ने इसके स्वर में स्वर मिलाया, तो यह राष्ट्र गौरव का क्षण बन गया। यह आयोजन निश्चित रूप से युवाओं को राष्ट्रहित में योगदान देने और देशभक्ति की भावना को सदैव प्रज्वलित रखने की प्रेरणा देगा।