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हत्या के मामले में फरार पूर्व महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडेय राजस्थान से गिरफ्तार

लखनऊ। अलीगढ़ के चर्चित टीवीएस शोरूम मालिक अभिषेक गुप्ता हत्याकांड में 15 दिन से फरार चल रही पूर्व महामंडलेश्वर पूजा शकुन पांडेय को पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। वह जयपुर से आगरा जा रही बस में यात्रा कर रही थी, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूजा की गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट के आदेश पर अलीगढ़ लाया जाएगा और पूछताछ के बाद जेल भेजा जाएगा। मामले में पहले ही दो शूटरों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसके साथ ही पूजा के पति अशोक की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। बताया गया है कि जैसे ही अशोक की गिरफ्तारी की खबर पूजा को मिली, वह बुर्का पहनकर फरार हो गई थी ताकि पहचान से बच सके।

गौरतलब है कि अभिषेक गुप्ता की हत्या ने इलाके में सनसनी फैला दी थी। वारदात को बेहद पेशेवर अंदाज में अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में शुरुआती जांच के दौरान ही कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे, जिनमें पूजा शकुन पांडेय का नाम प्रमुख रूप से उभरा।

पूजा शकुन पांडेय पहले अखाड़ों से जुड़ी रही हैं और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि भी दी गई थी, लेकिन बाद में विवादों में आने के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया था। अब हत्या जैसे संगीन मामले में उनकी गिरफ्तारी ने पूरे प्रकरण को और भी गंभीर बना दिया है। पुलिस आगे की जांच में जुटी है ।
शक्ति संवाद : बालिकाओं और महिलाओं की आवाज को मिला सशक्त मंच

*मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत ‘शक्ति संवाद’ — शासन और समाज के बीच सशक्त सेतु*


*लाभार्थियों से सीधा संवाद : योजनाओं के प्रभाव और सशक्तिकरण की नई पहल : लीना जौहरी*


लखनऊ। मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत अन्तर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह थीम पर (3 से 11 अक्टूबर) प्रदेश भर में आज *शक्ति संवाद* कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित इस विशेष पहल में जनपद स्तर पर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड एवं सामान्य), पति की मृत्यु उपरांत महिला पेंशन योजना जैसी प्रमुख योजनाओं की लाभार्थी बच्चों एवं महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी और नामित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संवाद की श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें लाभार्थियों को अपनी समस्याएँ रखने, अनुभव साझा करने और योजनाओं के प्रभाव पर चर्चा करने का अवसर मिला।

इस अवसर पर आयोजित संवाद ने लाभार्थियों और प्रशासनिक तंत्र के बीच एक सीधा और सार्थक संवाद का सेतु तैयार किया। बच्चों और महिलाओं ने योजनाओं से मिले सहयोग और सशक्तिकरण के अनुभव साझा किए, साथ ही अपनी चुनौतियों और अपेक्षाओं को भी खुले मन से सामने रखा। अधिकारियों द्वारा न केवल उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना गया, बल्कि यह भी आश्वासन दिया गया कि आवश्यकतानुसार हर संभव सहायता समयबद्ध रूप से सुनिश्चित की जाएगी।

*शक्ति संवाद* कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही था कि बच्चों और महिलाओं की वास्तविक जरूरतें और चुनौतियाँ सीधे प्रशासन तक पहुँच सकें और उन्हें योजनाओं का लाभ अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता से मिल सके। इस संवाद ने यह संदेश दिया कि शासन और समाज की साझेदारी ही महिला और बालिका सशक्तिकरण की आधारशिला है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की *अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी* ने इस अवसर पर कहा कि *शक्ति संवाद* केवल योजनाओं की जानकारी या समीक्षा का मंच नहीं है, बल्कि यह उन बालिकाओं और महिलाओं की आवाज को सम्मान देने का प्रयास है, जो चुनौतियों के बावजूद आत्मनिर्भर बनने की राह पर अग्रसर हैं। मिशन शक्ति के अंतर्गत हमारी प्राथमिकता है कि हर लाभार्थी तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित किया जाए।

*शक्ति संवाद* ने न केवल लाभार्थियों को अपनी बात रखने का अवसर दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि यदि समाज और प्रशासन मिलकर काम करें, तो हर बालिका और महिला के जीवन में परिवर्तन संभव है। अन्तर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह की इस कड़ी में आयोजित यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और ऐतिहासिक पहल साबित हुआ। पूरे प्रदेश में 2,000 से अधिक लाभार्थियों से शक्ति संवाद किया गया।

उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा उक्त कार्यक्रमों के माध्यम से मिशन शक्ति के 5वें चरण में दिनांक 22 सितम्बर - 10 अक्टूबर, 2025 के मध्य कुल 14.66 लाख व्यक्तियों को जागरूक किया गया है जिसमें महिलायें पुरुष, बालक और बालिकायें सभी शामिल हैं।
रेडियो जयघोष की सम्पूर्ण कार्य प्रक्रिया का हासिल किया व्यवहारिक ज्ञान

लखनऊ। राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ के जनसंचार विभाग के 20 से अधिक छात्र/छात्राओं ने उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ के परिसर में संचालित रेडियो जयघोष की सम्पूर्ण कार्य प्रक्रिया का व्यवहारिक ज्ञान हासिल किया।

विभाग के प्रवक्ता डॉ नीरज कुमार की अगुवाई में आए इस दल ने स्टूडियो का शैक्षिक भम्रण कर रेडियो जयघोष के शैक्षिक समागम कार्यक्रम में भी भाग लिया।

इस अवसर पर अकादमी उपाध्यक्ष विभा सिंह, अकादमी निदेशक डॉ शोभित कुमार नाहर उपस्थित रहे तथा बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर विशेषज्ञ के रूप में डॉ पवन तिवारी, सुनील यादव, आर.जे. समरीन, आनन्द अस्थान एवं शेखर त्रिवेदी ने मार्ग दर्शन दिया।
सनातन धर्म की रक्षा के लिए महिलाएं निभा सकती हैं अहम भूमिका : कविता तिवारी

लखनऊ । सनातन धर्म के रक्षा में महिलाओं की सहभागिता विषय पर राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता कविता तिवारी ने खुल कर बताया कि धर्म के लिए सभी सनातन बहनों एवं भाइयों से कहना चाहती हूं कि अब वक्त आ गया है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं अन्यथा विरोधी हमारे सनातन को समूल समाप्त करने की साजिश को अंजाम दे देंगे। वर्तमान परिवेश में अन्य धर्म के लोग सनातन का विरोध तरह तरह से कर रहे हैं मजाक बना रहे हैं सनातन को अपनाने वालों पर भी अत्याचार कर रहे हैं इसलिए हमें अपने धर्म की रक्षा तन मन धन से करने की आवश्यकता है ऐसे में पुरुष समाज के साथ महिलाओं को भी कदम से कदम मिलाकर चलने की आवश्यकता है।

हमें शुरुआत अपने घर से अपने परिवार से ही करनी है सनातन धर्म के सभी त्योहारों को व्रतों को संस्कारों में रहकर करने की आवश्यकता है। पुरुष रोटी रोजी के सिलसिले में तो बाहर निकल जाता है पर महिलाएं अपने बच्चों के साथ रहती हैं महिलाएं स्वयं संस्कार में रहकर अपने बच्चों को संस्कारवान बनाएं। बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा दें अपने धर्म के बारे में बताएं, सिखाएं और अपने रीति रिवाज परंपराओं को मानने के लिए जोर दें। यह कार्य पुरुष समाज से ज्यादा अच्छे महिलाएं कर सकती हैं।

मै महिलाओं से निवेदन करूंगी कि सनातन धर्म में बताए गए स्त्री समाज के नियमों का स्वयं भी पालन करें और समाज को भी प्रेरित करें। छोटे छोटे अनुष्ठानो के द्वारा समाज को जागृत करें स्वयं चूड़ी बिंदी महावर आदि जो हमारे धर्म में श्रृंगार वर्णित है करें और दूसरों के लिए आदर्श बने आज समय की भी मांग है कि सनातन धर्म के लिए महिलाएं आगे बढ़ कर भागीदारी करे अपने घर से ही शुरुआत किया जाय बच्चों को सनातन धर्म संस्कृत के बारे में जानकारी दिया जाय।
कौशल विकास के जरिए नए कोर्स का शुभारंभ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास के तत्वाधान में एक नये कोर्स का शुभारम्भ नारायन कॉलेज ऑफ साइंस एण्ड आटर््स आलमपुर हौज आगरा रोड इटावा में मुख्य अतिथि सदर विधायिका सरिता भदौरिया विशिष्ट अतिथि अनीस पाठक एवं अंकुल पाठक एमआईएस मैनेजर उत्तर प्रदेश कौशल विकास इटावा योगेश कुमार प्राचार्य नारायन कॉलेज ऑफ हायर एजूकेशन, धर्मेन्द्र शर्मा प्राधानाचार्य नारायन कॉलेज ऑफ साइंस एण्ड आर्ट्स, अभिषेक तिवारी प्राचार्य नारायन कॉलेज ऑफ फार्मेसी एवं प्रवल गुप्ता प्रोजेक्ट हेड कौशल विकास के कर कमलो द्वारा किया गया। सर्व प्रथम मुख्य अतिथि श्रीमती सरिता भदौरिया ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर मॉ सरस्वती को पुष्पार्पण किया और कौशल विकास के अर्न्तगत नये पाठ्यक्रम का रिवन काट कर उद्वघाटन किया।

विधायिका ने छात्र/छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि आप सभी प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुखमंत्री योगी आदित्य नाथ के संयुक्त प्रयास से संचालित कौशल विकास योजना के अर्न्तगत संचालित पाठ्यक्रमो के माध्यम से अपने कौशल को विकसित कर तकनीकी कौशल का विकास कर सकते है और अपनी आजीविका चला सकते हैं।
मातृभूमि योजना : गाँवों के विकास में प्रवासी और स्थानीय नागरिकों की भागीदारी

*मातृभूमि योजना से गाँवों में बुनियादी ढांचे का विकास : 12 परियोजनाएँ पूरी, 24 निर्माणाधीन, 28 नए दानदाता जुड़े*

*लखनऊ, गोरखपुर, उन्नाव समेत आठ जिलों में मातृभूमि योजना के तहत सड़क, सोलर लाइट और सार्वजनिक सुविधाओं का हुआ विकास : ओ पी राजभर*

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पंचायती राज विभाग द्वारा शुरू की गई ‘मातृभूमि योजना’ ग्रामीण विकास का एक अनूठा उदाहरण बन चुकी है। यह योजना प्रवासी और प्रदेश में रह रहे नागरिकों को अपने पैतृक गाँवों के विकास में सीधी भागीदारी का अवसर प्रदान कर रही है। लोग अब अपने गाँवों में सरकारी सहयोग से स्कूल, कला अकादमी, खेल परिसर, सीसी रोड, हाईमास्ट लाइट जैसी सार्वजनिक मूलभूत सुविधाएं विकसित करवा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति या संस्था को परियोजना की कुल लागत का 60 प्रतिशत योगदान स्वयं करना होता है, जबकि 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।
प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा है कि यह योजना जनसहभागिता से विकास की दिशा में एक नई पहल है, जो समाज और शासन को एक सूत्र में बाँधती है। पंचायती राज विभाग इस योजना के संचालन, पारदर्शी ऑनलाइन पंजीकरण और प्रगति की निगरानी में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजनान्तर्गत 12 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं, 24 परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं और 28 नए संभावित दानदाता सामने आए हैं। लखनऊ, गोरखपुर, उन्नाव, हरदोई, इटावा, कासगंज, मथुरा और देवरिया जैसे जिलों में इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। कुछ प्रमुख कार्यों में बागपत में सीसी रोड निर्माण, गोरखपुर की ग्राम पंचायतों जंगल रानी सुहास कुंवारी और नारायणपुर में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, हरदोई में सरदार पटेल स्मारक हेतु टीन शेड, लखनऊ की ग्राम पंचायत खुशहालगंज में सोलर लाइटें, इटावा की जेतपुर जमनापार और पुरा मोरंग में स्ट्रीट लाइटें, उन्नाव की कलौन पंचायत में 20 सोलर स्ट्रीट लाइटें, कासगंज के नगला कुंदन में इंटरलॉकिंग सड़क, मथुरा के तरौली शुमाली में महाराणा प्रताप की प्रतिमा और चौराहे का सौंदर्यीकरण तथा देवरिया की मटियारा जगदीश पंचायत में 11 सोलर लाइटें स्थापित की गई है।
प्रदेश सरकार की यह योजना न केवल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि प्रवासी नागरिकों को अपने गाँवों से भावनात्मक रूप से भी जोड़ रही है। हर पूर्ण परियोजना पर लगाए गए शिलापट्ट पर दानकर्ता का नाम अंकित किया जाता है, जिससे यह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है। मातृभूमि योजना अब एक जनांदोलन का रूप ले रही है, जिसमें समाज, प्रशासन और सरकार मिलकर गाँवों के भविष्य को संवार रहे हैं। यह योजना ग्रामीण आत्मनिर्भरता, सामाजिक एकता और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन चुकी है। उत्तर प्रदेश के गाँवों में जो बदलाव दिख रहा है, उसके पीछे सरकार की संवेदनशील सोच और प्रवासी नागरिकों का समर्पण समान रूप से काम कर रहा है।
यात्रियों की अधिक मांग को देखते हुए आईआरसीटीसी लेकर आया है " अदभुत अंडमान घूमने का सुनहरा मौका "

लखनऊ। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड आईआरसीटीसी भारत सरकार के रेल मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। आईआरसीटीसी को स्टेशनों, ट्रेनों और अन्य स्थानों पर खानपान और आतिथ्य सेवाओं को उन्नत करने एवं पेशेवर बनाने और प्रबंधित करने और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे की एक विस्तारित शाखा के रूप में स्थापित किया गया है।

आईआरसीटीसी क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ द्वारा यात्रियों की अधिक मांग को देखते हुए लखनऊ से 6 रात्रि एवं 7 दिन का अदभुत अंडमान भ्रमण के लिये हवाई टूर पैकेज लॉंच किया जा रहा है। यह टूर 12-11-2025 से 18-11-2025 तक चलाया जायेगा।

टूर की विशेषताएं :-

इस टूर में यात्रियों को लखनऊ से पोर्ट ब्लेयर जाने-आने की व्यवस्था फ्लाइट से की गई है जिसका हॉल्ट कोलकाता ऐरपोर्ट पे होगा। साथ ही खाने - पीने एवं ठहरने की व्यवस्था तीन सितारा होटल में की गयी है। यात्रा के दौरान पोर्ट ब्लेयर में -कॉर्बिन्स कोव बीच, सेल्युलर जेल , लाइट एंड साउंड शो , रॉस द्वीप , उत्तरी खाड़ी द्वीप । हेवलॉक में - कालापत्थर समुद्र तट एवं राधा नगर समुद्र तट। नील द्वीप में - लखमनपुर समुद्र तट, प्राकृतिक पुल, भरतपुर समुद्र तट का भ्रमण कराया जायेगा ।

एक व्यक्ति के ठहरने पर पैकेज का मूल्य प्रति व्यक्ति रू. 76500/-, दो व्यक्तियों के एक साथ ठहरने पर पैकेज का मूल्य प्रति व्यक्ति रू. 63000/-, तीन व्यक्तियो के एक साथ ठहरने पर पैकेज का मूल्य प्रति व्यक्ति रू. 62400/-, माता-पिता के साथ ठहरने पर प्रति बच्चे का पैकेज मूल्य रू. 57700/-, बेड सहित एवं मूल्य रू. 54100/- बिना बेड के होगा।

इस पैकेज की बुकिंग पहले आओ पहले पाओ के आधार पर की जायेगी।

उक्त यात्रा की बुकिंग पर्यटन भवन गोमती नगर लखनऊ स्थित आईआरसीटीसी कार्यालय एवं आईआरसीटीसी की बेवसाइट irctctourism.com पर ऑनलाइन बुकिंग भी कराई जा सकती है। अधिक जानकारी एवं बुकिंग के लिये नीचे दिये गये मोबाइल नम्बरों पर सम्पर्क कर सकते है ।

हम किसी का विरोध नहीं करते लेकिन जहां मेरे समाज की बात होगी खड़ी मिलेगी : कविता तिवारी


लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता महिला कविता तिवारी ने मुखर होकर कहा कि सामाजिक सौहार्द समरसता बिगाड़ने का काम भीम आर्मी के कथित गुंडे कर रहे हैं बाबा साहेब का सब कुछ अच्छा चल रहा था,राइट लोग सारी आलोचना गांधी_नेहरू की किया करते थे।राइट विंग भी  बस अच्छी अच्छी बाते चुन चुन कर बताया करता था ,फिर बाबा साहेब के अनुयायियों ने हर किसी को गाली देना शुरू कर दिया । भगवान तक की नहीं छोड़ा तो लोगो का इंटरेस्ट जाग गया बाबा साहेब की जानने का रही सही कसर अब हाईकोर्ट बार एसोशिएशन के पूर्व चेयरमैन से पंगा ले कर पूरी कर ली। जिला बार के अध्यक्ष से शासन प्रशासन पंगा नहीं लेता । इन्होंने हाईकोर्ट बार से ले लिया है।मामला इन पर बुरा तरह बैंक फायर हो गया ।

अपराध सिद्ध करने के लिए कोर्ट में साबित करना पड़ेगा कि बाबा साहेब तो अंग्रेजों के विरोधी थे। बार अध्यक्ष कोर्ट में पूरा ऐतिहासिक रिकॉर्ड रखेंगे। बाबा साहेब जहा होगे इन मूर्खों को श्राप दे रहे होगे । अगर संविधान पढ़ लेते संविधान छोड़ो कम से कम अम्बेडकर के बारे में पढ़ लेते अकल आ जाती लेकिन इनको भगवान को गाली देनी है ब्राह्मणों को यूरेशिया भगाएंगे भले ही खुद के पास घर जाने का भाड़ा न हो। एड अनिल मिश्रा को सवर्ण समाज का पूरा समर्थन मिल रहा है, फिर भी ये नीले कबूतर फड़फड़ा रहे हैं तुच्छ मानसिकता से ग्रसित हो कर समाज में जहर फैला रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ये अराजकता फैला रहे हैं,इनको मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा , राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत मजबूती के साथ धरातल पर अनिल मिश्रा जी के साथ खड़ी है ,कष्ट की बात है कि मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन में बैठे सवर्ण चुप हैं,जबकि अन्य वर्ग के लोग खुल कर अपने वर्ग का साथ दे रहे हैं, हम सभी से आग्रह करती हु कि इस अस्तित्व के लड़ाई में आप सभी साथ आए एड अनिल मिश्रा की आवाज कमजोर नहीं होनी चाहिए।
ग्राम पंचायत भरतपुर का जैव उर्वरक संयंत्र बना आय का साधन, अब तक ₹1.50 लाख की हुई आय


*मुख्यमंत्री योगी की “आत्मनिर्भर ग्राम” परिकल्पना को साकार करता अलीगढ़ जनपद की भरतपुर ग्राम पंचायत का बायोफर्टिलाइज़र प्लांट*


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर ग्राम और स्वच्छ व समृद्ध पंचायत  के विज़न को साकार करते हुए ग्राम पंचायत भरतपुर,अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) ने एक अनूठी पहल की है। यहां नवंबर 2024 से संचालित जैव उर्वरक संयंत्र (Biofertilizer Plant) अब राज्य का मॉडल प्लांट बन गया है। इस संयंत्र से ग्राम पंचायत को अब तक ₹1.50 लाख की आय हुई है, जिससे पंचायत की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और स्थानीय विकास कार्यों को नई दिशा मिली है।

पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर एवं विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस परियोजना में, पंचायत क्षेत्र से एकत्रित कचरे और पारंपरिक खाद्य अवशेषों का उपयोग कर पर्यावरण-अनुकूल जैविक खाद तैयार की जा रही है। यह न केवल स्वच्छता और हरित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रहा है।

इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी लगभग 30 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है। इस पहल ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन का अवसर दिया है और  *“महिला सशक्तिकरण के माध्यम से ग्राम विकास”* के मॉडल को वास्तविकता में बदला है।

ग्राम प्रधान *नीलम चौहान* की सक्रिय भूमिका, दूरदर्शी नेतृत्व और सतत प्रयासों से यह परियोजना सफलतापूर्वक धरातल पर उतरी। पंचायती राज विभाग की तकनीकी सहायता और निगरानी से यह संयंत्र सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पंचायती राज मंत्री द्वारा समय-समय पर ग्रामीण नवाचारों को प्रोत्साहन देने की नीति के तहत, भरतपुर पंचायत का यह मॉडल अब राज्यभर की अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
महिला आयोग ने बंदी महिलाओं को लौटाया करवा चौथ का उजाला : डॉ बबिता
*बंदीगृहों में भी सजेगा प्रेम और विश्वास का पर्व - महिला आयोग की पहल पर अपने पतियों संग करवा चौथ मनाएंगी महिला बंदियाँ*


लखनऊ। महिलाओं के अधिकारों एवं उनके सम्मान की भावना को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने एक अभूतपूर्व और संवेदनशील पहल की है। आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित महिला बंदीगृहों में आवासित महिलाएँ आगामी 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ का पर्व अपने पतियों की उपस्थिति में पारम्परिक रूप से मनाएँगी।

यह निर्णय उ.प्र. राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा 9 के अंतर्गत आयोग के निर्धारित कार्यों के क्रम में लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला बंदियों को भी अपने भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों से वंचित न रहना पड़े। आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने बताया कि करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं बल्कि प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक पर्व है। महिला आयोग का यह प्रयास बंदीगृहों की दीवारों के भीतर भी स्नेह, सम्मान और आत्मिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी हैं — और आयोग इन सभी पहलुओं की समान रूप से संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. बबिता सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर  अनुरोध किया है कि अपने-अपने जनपदों में महिला बंदीगृहों की पात्र महिलाओं के पतियों को तथा बंदीगृह में निरूद्ध पुरुष बंदियों की पत्नियों को कारागार में आमंत्रित कर करवा चौथ का पर्व पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाए जाने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करें।
डॉ बबिता सिंह चौहान ने बताया कि यह आयोजन महिला आयोग की उस सोच का प्रतीक है जो "हर परिस्थिति में महिला के सम्मान और संवेदना की रक्षा" के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।