कुड़मी समाज का 'रेल टेका' आंदोलन शुरू, झारखंड में कई जगहों पर रेल परिचालन बाधित
रांची/सरायकेला - आदिवासी कुड़मी समाज ने शनिवार (20 सितंबर) से कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में शामिल करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन 'रेल टेका डहर छेका' आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन का असर झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दिखना शुरू हो गया है।
![]()
सरायकेला में रेल पटरी पर बैठे आंदोलनकारी
आंदोलन की शुरुआत सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना अंतर्गत हेंसालंग रेलवे स्टेशन के पास हुई। यहां समाज के लोग ढोल-नगाड़ों के साथ रेल पटरी पर उतर गए हैं। जेएलकेएम के नेता तरुण महतो और आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो भी आंदोलन में शामिल हुए। बड़काखाना-टाटा पैसेंजर ट्रेन को हेंसालोंग स्टेशन के पास रोक दिया गया, जिससे पटरी पूरी तरह से बंद हो गई। इसके अलावा, चक्रधरपुर रेल मंडल के सिनी रेलवे स्टेशन पर भी लोगों ने ट्रैक जाम कर दिया, जिससे कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ।
आंदोलन की चेतावनी और सुरक्षा व्यवस्था
आंदोलनकारियों ने झारखंड के 40 से अधिक स्टेशनों पर रेल परिचालन ठप करने की चेतावनी दी है, जिनमें रांची में मूरी, टाटीसिलवे; रामगढ़ में बरकाकाना; बोकारो में चंद्रपुरा; और धनबाद में प्रधानखांटा जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं।
आंदोलन को देखते हुए, रांची रेल डिविजन ने भी व्यापक तैयारी की है। आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार ने बताया कि रेल परिचालन में बाधा डालने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस के जवान हथियारों और आंसू गैस के साथ तैयार हैं। रेलवे स्टेशन के 300 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है, जो 19 सितंबर की रात 8 बजे से 21 सितंबर की सुबह 8 बजे तक प्रभावी रहेगी।
Sep 20 2025, 17:02