जहानाबाद के गड़ेरीया में पारिवारिक विवाद ने लिया हिंसक रूप, पुलिस जांच में जुटी
जहानाबाद। जिले के गड़ेरीया वार्ड नंबर 16 में पारिवारिक विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया है। आरोप है कि एक बहन ने अपने तीन छोटे भाइयों के साथ मिलकर बड़े भाई के साथ मारपीट और गाली-गलौज की। मामला पुलिस तक पहुँच गया है और फिलहाल प्रशासन पूरे घटनाक्रम की जांच में जुटा है।
समारोहों से उपजा विवाद
परिवार के सदस्यों ने बताया कि जिस मकान में पूरा परिवार एक साथ रहता है, उसे शादी-ब्याह और अन्य निजी आयोजनों के लिए हॉल की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा। बड़े भाई ने इस पर आपत्ति जताई, जिससे घर में तनाव और झगड़े की स्थिति बन गई। इसी दौरान बहन और भाइयों पर मिलकर बड़े भाई से हाथापाई करने का आरोप है।मानसिक रूप से विकलांग बहन भी विवाद में घसीटी गई
परिजनों के अनुसार, इस पूरे विवाद में घर की एक मानसिक रूप से विकलांग बहन को भी बीच-बीच में शामिल किया जाने लगा, जिससे हालात और अधिक तनावपूर्ण हो गए। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि घरेलू झगड़े के दौरान कई बार जेवरात और अन्य सामान गायब होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।CCTV कैमरे तोड़े जाने का आरोप
सुरक्षा और सबूत के लिए परिवार ने अपने घर में CCTV कैमरे लगाए थे। लेकिन आवेदक का आरोप है कि झगड़े को छुपाने और किसी तरह का प्रमाण न बचे, इसके लिए बार-बार कैमरे तोड़ दिए जाते हैं। इससे परिवार खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।पुलिस जांच में जुटी
सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच शुरू कर दी। अधिकारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से घरेलू विवाद है और इसमें गंभीर आरोप लगे हैं। ऐसे में बिना पूरी जांच और बयान दर्ज किए किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।स्थानीय लोगों की चिंता
गड़ेरीया मोहल्ले के लोगों का कहना है कि परिवार में आए दिन होने वाले शोर-शराबे और विवाद से आसपास का माहौल प्रभावित होता है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।निष्कर्ष
जहानाबाद का यह मामला साफ करता है कि पारिवारिक कलह किस तरह रिश्तों को हिंसा और अविश्वास में बदल सकती है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है और उम्मीद है कि सभी तथ्यों के सामने आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।



हिंदी दिवस पर दिग्गजों का लगेगा जमावड़ा।
जहानाबाद पुरानी दीघा (पूर्वा मिदनापुर, पश्चिम बंगाल)। ईस्ट इंडिया पावरलिफ्टिंग एवं आर्म रैसलिंग चैंपियनशिप 2025 में जहानाबाद के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कई पदक अपने नाम किए और जिले के साथ-साथ राज्य का नाम रोशन किया।
जहानाबाद शहर के होरिगंज में श्रीराम जीवन बीमा का नया कार्यालय शुरू हो गया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कंपनी के नेशनल एचआर हेड उमाकांत कुमार और जनरल मैनेजर रतन कुमार विमल शामिल हुए। इस अवसर पर कंपनी के नारे “आपके साथी की समृद्धि के लिए” को रेखांकित किया गया, जो भारतीय परिवारों को जीवन बीमा के माध्यम से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है। श्रीराम जीवन बीमा का उद्देश्य विशेष रूप से उन परिवारों को सहारा देना है, जो कमाने वाले सदस्य को खोने की स्थिति में आर्थिक रूप से संवेदनशील हो जाते हैं। कंपनी वित्तीय सहायता, धन सृजन के अवसर और जीवन बीमा की विभिन्न योजनाएं उपलब्ध कराती है, जिससे परिवार भविष्य के लिए सुरक्षित हो सकें। श्रीराम जीवन बीमा की प्रमुख विशेषताएं: वित्तीय सुरक्षा: परिवार को असामयिक मृत्यु की स्थिति में शिक्षा, किराया और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए आर्थिक सहायता। धन सृजन: बचत और बंदोबस्ती योजनाओं के माध्यम से समय के साथ संपत्ति निर्माण। विस्तृत कवरेज: टर्म प्लान, बचत योजना, चाइल्ड प्लान और रिटायरमेंट समाधान जैसे विविध उत्पाद। किफायती प्रीमियम: ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए भी सुलभ योजनाएं। पारदर्शी दावा प्रक्रिया: त्वरित और निष्पक्ष दावे का निपटारा। तकनीकी पहल: “श्रीमित्रा” ग्राहक सेवा ऐप, “एस्ट्रा” सेल्सपर्सन ऐप और “श्रीराम स्मार्ट सुरक्षा कार्ड” जैसी डिजिटल सेवाएं। राष्ट्रीय उपस्थिति: पूरे भारत में 500 से अधिक कार्यालयों के साथ ग्राहकों की सेवा। योजनाओं के मुख्य लाभ: मृत्यु लाभ: बीमाधारक की मृत्यु पर परिजनों को आर्थिक सहायता। परिपक्वता लाभ: कुछ योजनाओं में पॉलिसी अवधि पूरी होने पर एकमुश्त राशि या नियमित आय। कर लाभ: लागू कर कानूनों के तहत प्रीमियम और लाभ पर टैक्स छूट। उद्घाटन के दौरान कंपनी प्रतिनिधियों ने कहा कि श्रीराम जीवन बीमा का लक्ष्य हर वर्ग के परिवार तक वित्तीय सुरक्षा और समृद्धि का संदेश पहुँचाना है।
जहानाबाद। जिले के बाल सुधार गृह से बड़ा हादसा हो गया। यहां से 24 बाल कैदी फरार हो गए, जिससे पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया है। घटना को गंभीर सुरक्षा चूक मानते हुए संबंधित कर्मियों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कैसे मची अफरातफरी प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कुछ बाल कैदियों के अभिभावक अवैध रूप से सिम कार्ड पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे। ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने इस गतिविधि को रोकने का प्रयास किया तो स्थिति बेकाबू हो गई। बाल कैदियों और उनके अभिभावकों ने विरोध जताया और इस दौरान हुई अफरातफरी का फायदा उठाकर 24 कैदी फरार हो गए। जिम्मेदारों पर गिरी गाज जांच में पाया गया है कि घटना में होमगार्ड, बीसैप के सिपाही और अधीक्षक स्तर पर गंभीर लापरवाही हुई है। प्रशासन ने इस मामले में कठोर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सर्च अभियान जारी घटना के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आई और विशेष टीम गठित की गई। अब तक 4 फरार बाल कैदी पकड़े जा चुके हैं, जबकि बाकी 20 कैदियों की तलाश जारी है। पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। प्रशासन का बयान प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
जहानाबाद घोसी प्रखंड अखंड सुहाग और पति की लंबी आयु की कामना के साथ सुहागिन महिलाओं ने निर्जला तीज व्रत श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न किया।शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हर घर में धार्मिक माहौल रहा और परंपरागत अनुष्ठानों की गूंज सुनाई दी। सुबह स्नान-ध्यान के बाद महिलाओं ने मंदिरों और नदी तटों पर एकत्रित होकर भक्ति गीत गाए और विधि-विधान से पूजन किया। दिनभर मंदिरों में महिलाओं की भीड़ रही। सोलह श्रृंगार से सजी सुहागिनें कथा-श्रवण और पूजा-पाठ में लीन दिखीं। कई परिवारों में महिलाओं ने घर पर ही भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी से प्रतिमा बनाकर आराधना की। कुछ घरों में ब्राह्मणों को बुलाकर पारंपरिक विधि से कथा और आरती का आयोजन भी हुआ। तीज व्रत की पौराणिक कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि माता पार्वती ने बचपन से ही भगवान शिव को पति रूप में पाने का संकल्प लिया था। युवावस्था में सहेलियों संग वन में कठोर तपस्या करने के बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को उन्होंने मिट्टी और बालू से शिव प्रतिमा बनाकर व्रत रखा। प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें दर्शन दिए और यह वरदान दिया कि वे हर जन्म में पति-पत्नी रूप में साथ रहेंगे। व्रत के दौरान सुहागिन महिलाओं ने चौकी पर गणेश, पार्वती और भोलेनाथ की प्रतिमाएं स्थापित कीं। सर्वप्रथम विघ्नहर्ता गणेश जी का पूजन हुआ, तत्पश्चात माता पार्वती को सुहाग का जोड़ा और श्रृंगार सामग्री अर्पित की गई।मौके पर *स्वीटी कुमारी जुली कुमारी कामिनी कुमारी ने कहा कि यह पर्व केवल व्रत और पूजा का नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और उसकी अनवरत परंपरा का प्रतीक है। वही *स्वीटी कुमारी* ने कहा“तीज हमें यह सिखाता है कि जीवन में प्रेम, विश्वास और समर्पण ही संबंधों की असली नींव है। यही धार्मिक-सांस्कृतिक परंपराएं भारत की सांस्कृतिक धरोहर को युगों से अखंड और उज्ज्वल बनाए हुए हैं।”अंत में शिव-पार्वती की आरती के साथ तीज व्रत की पूर्णाहुति की गई और घर-घर में मंगलकामनाओं का माहौल छा गया।
Sep 15 2025, 20:16
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