कुलमन घिसिंग बन सकते हैं नेपाल के अंतरिम पीएम, दावा- सुशीला कार्की के नाम पर नहीं बनी सहमति
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जेन जी आंदोलन की वजह से नेपाल में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया था। इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार शाम जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, अब तक 1,061 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से 719 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 274 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच, देश में अंतरिम सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
सुशीला कार्की के नाम पर सहमति नहीं बनी
नेपाल में सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध प्रदर्शन के बीच फैली हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी रोकने के लिए सेना सड़कों पर है। इस बीच नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव किया है। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह बालेन ने भी इसका समर्थन किया है। हालांकि, अब तक सुशीला कार्की के नाम पर सहमति नहीं बनी है। बुधवार शाम को भी पहले दौर की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला था। सेना ने सभी पार्टी और नेताओं से राय देने को कहा था।
कुलमान घिसिंग पीएम की रेस में आगे
केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा तेज है। मगर अब इसमें एक बड़ा ट्विस्ट आया है। सरकार बनाने की कवायद के बीच एक नया नाम सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बातचीत में नेपाल के लाइट मैन कहे जाने वाले कुलमान घिसिंग पीएम की रेस में आगे चल रहे हैं। नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पूर्व सीईओ कुलमन घिसिंग का नाम तेजी से उभरा है। खुद जेन जी प्रदर्शनकारियों ने कुलमन घिसिंग का नाम आगे बढ़ाया है।
सुशीला कार्की की उम्र और राजनीतिक अनुभव पर उठे सवाल
आज गुरुवार को आखिरी दौर की मीटिंग हुई। यह मीटिंग सुशीला कार्की के नाम पर सहमति को लेकर थी। कारण कि उनके नाम पर पेच फंसा था। जेन जी गुट के ही कुछ लोग आपत्ति जता रहे थे। मीटिंग में कुछ ग्रुप्स ने सुशीला कार्की की उम्र और राजनीतिक अनुभव की कमी पर सवाल उठाए। यहीं से नेपाल के अंतरिम पीएम पर यूटर्न आया। इसी बैठक में कुछ प्रदर्शनकारियों ने कुलमन घिसिंग को वैकल्पिक नाम के रूप में पेश किया।
सुशीला कार्की खुद नहीं बनना चाहतीं?
दरअसल, सुशीला कार्की 72 साल की हैं। वह नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। वह अपनी ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी फैसलों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कम से कम 1,000 हस्ताक्षरों की मांग की थी, जो 2,500 से ज्यादा हो गए। सुशीला कार्की वैसे भी अंतरिम पीएम नहीं बनना चाहती थीं। खुद आर्मी चीफ ने उन्हें 15 घंटे की मिन्नत करने के बाद मनाया था।सुशीला कार्की भारतीयों और नेपाली लोगों के रिश्तों को महत्व देती हैं और पीएम मोदी का सम्मान करती हैं।
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