कांग्रेस की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर केस दर्ज, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप
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झरिया की पूर्व कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा न्यायालय में दायर हुआ है। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपनी टिप्पणी के बाद पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह कानूनी दांवपेच में फंसती दिख रही हैं। धनबाद में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
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न्यायालय के फैसले की खुले मंच से आलोचना का आरोप
धनबाद कोर्ट के वकील वकार अहमद ने यह शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 27 अगस्त 25 को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नीरज हत्याकांड में अपना फैसला सुनाया और आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। फैसले के विरुद्ध 1 सितंबर 25 को संध्या 6 बजे से 7:30 बजे तक रणधीर वर्मा चौक में मृतक नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह के नेतृत्व में जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक न्यायालय के फैसले के विरुद्ध कैंडल सह आक्रोश मार्च निकाला गया और उस स्थल पर पूर्णिमा नीरज सिंह ने फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश के विरुद्ध घोर अपमान सूचक व अपयशकारी शब्दों का खुलेआम प्रयोग किया।
वकील ने कहा- साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया
शिकायत करने वाले अधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय सभी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला देती है। नीरज सिंह हत्याकांड में भी कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया था। साक्ष्य के अभाव में सभी लोगों को बरी किया था, लेकिन नीरज सिंह हत्याकांड में न्यायालय के दिए गए फैसले पर पूर्व विधायक की ओर से सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की गई, जो सही नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि नीरज सिंह हत्याकांड में 27 अगस्त 2025 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश 16 एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने मामले में आरोपी पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत दूसरों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ स्व. नीरज सिंह की पत्नी और पूर्व विधायक ने सड़क पर विरोध मार्च निकाला था। इस दौरान उन्होंने अपने बयान में न्यायाधीश के खिलाफ अमर्यादित भाषा का भी इस्तेमाल किया था। मीडिया को बयान देने के साथ ही पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया पर अपने विवादित बयान को पोस्ट किया था।





:- ग्रामीण विकास मंत्री, झारखंड सरकार , श्रीमती दीपिका पांडे सिंह से आज नई दिल्ली में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव की मुलाकात हुई । बैठक में मुख्य रूप से 15वें वित्त आयोग के अनुदान को शीघ्र स्वीकृत करने पर बल दिया गया। श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता ग्राम पंचायतों को सशक्त कर ग्रामीण विकास को नई दिशा देना है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि 15वें वित्त आयोग की अगली किस्त शीघ्र जारी की जाए, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे गाँव-गाँव तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि अनुदान जारी होने से ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और आधारभूत संरचनाएँ मजबूत होंगी। इस पर पंचायती राज मंत्रालय के सचिव ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया।









Sep 05 2025, 16:06
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