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झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री और मधुपुर विधायक हफीजुल हसन की आज गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए रांची स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समेत कई अन्य मंत्री और विधायक भी पारस अस्पताल पहुंचे।

हफीजुल हसन की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हुई, जिसके बाद तुरंत रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सरकार के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया

डॉक्टरों ने बताया कि सांस लेने में परेशानी और बीपी लो होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। तत्काल इलाज के बाद अब उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हफीजुल हसन को फूड एलर्जी और निमोनिया जैसी समस्या की आशंका जताई गई है। चूंकि उनका पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुका है, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फिलहाल 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

पिछले माह हुई थी ओपेन हार्ट सर्जरी

बता दें कि पिछले माह जुलाई में ही मंत्री हफीजुल हसन की दिल्ली में गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी हुई थी। सफल सर्जरी के बाद वह वापस रांची लौट आये थे। हालांकि मंत्री बेड रेस्ट पर ही थे। इसी बीच गुरुवार की सुबह अचानक मंत्री की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

वोटबैंक की राजनीति के लिए एसआईआर का विरोध कर रहे हैं कांग्रेस, झामुमो और राजद

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी ने कहा कि झारखंड सरकार ने जिस प्रकार से एसआईआर का विरोध किया है तो यह वोट बैंक की राजनीति है। झारखंड प्रदेश में जिस प्रकार से जो डेमोग्राफी बदली है या बदल रही है, बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को वोट बैंक बनाए रखना इनका मकसद है। इसका एक उदाहरण राज्य सरकार ने कल स्पष्ट रूप से बता दिया है कि वह इन्हें केवल झारखंड में बसाना ही नहीं चाहती है बल्कि साथ में उन्हें मतदाता भी बनाना चाहती है ताकि झारखंड की चुनाव कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल अपने पक्ष में करा सके। आप सब ने कल झारखंड की विधानसभा की कार्यवाही को देखा और आज सवेरे अखबारों में प्रमुखता से छपी इन मुद्दों से जुड़े समाचार को भी देखा होगा। श्री मरांडी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड की अलार्मिंग सिचुएशन है। इससे तो पूरा राज्य, देश प्रभावित होगा ही लेकिन इससे सीधा और तत्काल कोई प्रभावित होगा तो वह आदिवासी समाज होगा। संथाल परगना और झारखंड में दर्जनों आदिवासी महिला है जिससे इन रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमानों ने ना केवल शादी किया बल्कि मुखिया, जिला परिषद भी बने हैं। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इसी तरह से आदिवासी महिलाओं से शादी करके रोहिंग्या, बांग्लादेशी मुसलमान सांसद, विधायक भी बनेंगे। यह दृश्य साफ दिख रहा है।

1951 में जब पहला जनगणना हुआ था तब झारखंड में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत थी। जबकि मुस्लिम की आबादी 8.9% थी। 2011 के जनगणना में आदिवासियों की संख्या 35.38 प्रतिशत से घटकर 26.20% हो गई। वहीं मुसलमानों की जनसंख्या 8.9% से बढ़कर 14.53% हो गई। आदिवासियों की जनसंख्या में गिरावट आई जबकि मुसलमानों की आबादी में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यही जब ओवरऑल बात किया जाए तो 1951 में सनातनियों की आबादी 87.79% थी। 2011 में सनातनियों की संख्या घटकर 81.17% हो गई।

श्री मरांडी ने कहा कि यह नेचुरल तरीके से नहीं बढ़ सकती है। यह कृत्रिम तरीके से बढ़ी और बढ़ाई गई है। बांग्लादेश से लगातार घुसपैठ होना इसका प्रमुख कारण है। कांग्रेस, झामुमो, राजद जैसे दल इसके पक्षधर हैं। ऐसे घुसपैठियों का वोटर कार्ड, राशनकार्ड बनाना, जन्म प्रमाण पत्र बनाना, उनकी जमीन उपलब्ध कराना, उनको बसाना इनकी मंशा है। ताकि वोट में इसका फायदा उठाया जा सके। कल के विधानसभा में उनकी मंशा साफ दिखी।

अभी मतदाता सूची ज्वलंत मुद्दा है इस संबंध में एक और उदाहरण देते हुए श्री मरांडी ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच देश के अंदर में मतदाताओं में 9.3% की वृद्धि दर्ज हुई। जबकि झारखंड में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं 2019 से 2024 के बीच देश में मत प्रतिशत में 10.1% वृद्धि हुई जबकि झारखंड में यह वृद्धि 16.7% दर्ज की गई। यह गौर करने वाली बात है। 2019 से 2024 के बीच यहां किसकी सरकार रही या बताने की जरूरत नहीं है। 2019 से 2024 के बीच राष्ट्रीय ग्रोथ से भी झारखंड में मत प्रतिशत की वृद्धि अधिक दर्ज होना, आईने की तरह सब कुछ साफ कर रहा है। यह काफी चिंता का विषय है कि इस रफ्तार से आखिर यहां पर आबादी कैसे बढ़ी, यह भी एक गहन जांच का विषय है। चूंकि 2014 से 2019 में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार थी इसलिए यहां पर अवैध घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं थी इसलिए अधिक वृद्धि दर्ज नहीं हुई। आज वर्तमान सरकार के कार्यकाल में ऐसे लोगों को इन दलों के द्वारा वोटर बनाकर बसाया जा रहा है, इसलिए इन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है और ये दल हंगामा कर रहे हैं।

श्री मरांडी ने कुछ रिजर्व विधानसभा क्षेत्रों का आंकड़ा भी इस संदर्भ में पेश किया जो काफी चौंकाने वाले हैं। श्री मरांडी ने कहा कि सिमडेगा विधानसभा में 2019 में 2.21 लाख मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 2.44 लाख हो गए। इसमें ओवरऑल 10.2% की वृद्धि दर्ज हुई। यहां पर 2019 में 9308 मुस्लिम मतदाता थे जो 2024 में बढ़कर 16605 हो गए। यहां मुस्लिम मतदाताओं में 78.4% की वृद्धि दर्ज हुई है, जबकि नन मुस्लिम में 7.2% की ही वृद्धि दर्ज हुई है। यह चिंता का विषय है नहीं। यह संताल परगना का मामला नहीं है। एक प्लानिंग के तहत सब कुछ अंजाम दिया जा रहा है। इसी प्रकार कोल्हान के जगन्नाथपुर विधानसभा में 2019 में 1.71 लाख वोट थे 2024 में 1.98 लाख वोट हुए। ओवरऑल कुल वृद्धि 15.7% की थी। जबकि मुस्लिम वोटरों में यह वृद्धि 52 फ़ीसदी है वहीं गैर मुस्लिम मतों में 13% की ही वृद्धि हुई। एक कुछ चंद उदाहरण है जो दर्शाते हैं कि पूरे राज्य की डेमोग्राफी एक सुनियोजित तरीके से बदली जा रही है। इनका नाम मतदाता सूची में दर्ज कराया जा रहा है। यह केवल झारखंड नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।

श्री मरांडी ने कहा कि आपने पूर्व में भी देखा कि चाकुलिया, घाटशिला जैसे क्षेत्रों में जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है वहां एक-एक गांव में किस प्रकार सैकडों की संख्या में जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया। इसी प्रकार जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी नहीं है वहां भी कैसे मईयां योजना का लाभ लिया गया, आप सभी ने देखा। जब जांच हुई तब कोई मुर्शिदाबाद तो कोई मालदा का पाया गया। इसी प्रकार चतरा के प्रतापपुर में कुछ पंचायत में इतने जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए जितनी वहां की शायद जनसंख्या भी नहीं है।

श्री मरांडी ने कहा कि जब झारखंड सहित पूरे देश में डेमोग्राफी बदल रही है। चुनाव आयोग जब इन फर्जी और विदेशी मतदाताओं को हटाने और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की बात करता है तो उसे रोकने और इन फर्जी मतदाताओं को बचाने के लिए वोटबैंक की राजनीति के लिए विधान सभा में विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं, एसआईआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी।

श्री मरांडी ने कहा कि हम चुनाव आयोग से मांग करेंगे कि इस प्रकार जो मतदाताओं की वृद्धि हुई है। अब एक-एक वास्तविक मतदाताओं को सत्यापित किया जाए। जो यहां के नागरिक हैं वही सूची में रहें। फर्जी मतदाताओं को तत्काल सूची से हटाया जाए। झारखंड में अभी तो चुनाव नहीं है, क्यों नहीं साल भर का ही वक्त लगे लेकिन एक एक मतदाता सत्यापित कराना भाजपा सुनिश्चित करेगी। तब ही डेमोग्राफी ठीक होगी, नहीं तो यह लोकतंत्र पर एक बड़ा खतरा साबित होगा।

इस दौरान प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी श्री योगेंद्र प्रताप सिंह जी और प्रदेश प्रवक्ता श्री रामाकांत महतो जी भी मौजूद थे।

नीरज सिंह हत्याकांड: 8 साल बाद आया फैसला, धनबाद कोर्ट ने संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को किया बरी

धनबाद: धनबाद के बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में 8 साल 5 महीने बाद फैसला आ गया है। बुधवार को धनबाद की अदालत ने झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दुर्दश चंद्र अवस्थी की अदालत ने सबूतों के अभाव में यह फैसला सुनाया।

बचाव पक्ष के वकील मोहम्मद जावेद ने बताया कि अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। वहीं, नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने इस फैसले पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि वे इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

गौरतलब है कि 23 मार्च 2017 की रात नीरज सिंह और उनके तीन साथियों की सरायढेला में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें संजीव सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस मामले की सुनवाई 408 तारीखों तक चली। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने संजीव सिंह को जमानत भी दी थी, जिसके बाद वह जेल से बाहर आए थे। इस फैसले को लेकर धनबाद में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।

झारखंड सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान को बसाने के साथ मतदाता भी बनाएंगे - बाबूलाल मरांडी

रांची : बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) चल रहा है। भले ही झारखंड में इसकी शुरुआत नहीं हुई है लेकिन अभी से यहां आंदोलन चरम पर है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा विधानसभा में इंडिया गठबंधन जिस तरह के SIR का विरोध कर रही है। इससे स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन पार्टी राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या मुसलमानो को बसाना ही नहीं बल्कि मतदाता भी बनाना चाहती है।

उन्होंने यह भी कहा कि संथाल परगना में रोहिंग्या बांग्लादेशी आदिवासी महिलाओं के साथ शादी करते हैं। और फिर उन महिलाओं को मुखिया भी बनाते हैं। सबसे ज्यादा डेमोग्राफी चेंज संथाल में देखने को मिल रहा है। कांग्रेस, राजद, झारखंड मुक्ति मोर्चा वोट बैंक की राजनीति करती है। विधानसभा में स्पष्ट दिखा की ये पार्टियां क्या चाहती है।झारखंड में 2014 से 2019 की तुलना में 2019 से 24 में वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसलिए चुनाव आयोग से मांग है इसकी जांच करे ताकि यह स्पष्ट हो सके वोटर संख्या में वृद्धि हुई है वह सच में इस राज्य के वोटर है या फिर रोहिंग्या और बांग्लादेश ही है।

दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि झारखंड में एक बड़ी आबादी आदिवासी, ओबीसी और मुसलमानों की है, जो इंडिया गठबंधन के दलों के लिए वोटबैंक का काम करती है। बीजेपी भले ही पिछले चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ और वोटर लिस्ट में अवैध नाम हटाने के मुद्दे पर वोट लाने में सफल नहीं हुई लेकिन चुनाव आयोग के माध्यम से इसे बड़ा हथियार बनाकर बड़ा गेम प्लान करने की तैयारी में है। जिससे इंडिया गठबंधन को हानि हो सकती है।

रांची प्रशासन की सराहनीय पहल: पद्मश्री सिमोन उरांव को मिली ट्राईसाइकिल

रांची: रांची जिला प्रशासन ने बेड़ो के पद्मश्री सम्मानित सिमोन उरांव को उनके स्वास्थ्य को देखते हुए तत्काल एक ट्राईसाइकिल उपलब्ध कराई है। हाल ही में उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री मंजुनाथ भजन्त्री ने जनता दरबार में ग्रामीणों से सिमोन उरांव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।

ग्रामीणों ने उपायुक्त को बताया था कि पद्मश्री सिमोन उरांव को चलने-फिरने में काफी परेशानी हो रही है। इस पर उपायुक्त ने तुरंत संज्ञान लिया और जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

निर्देश मिलते ही प्रशासन की एक टीम सिमोन उरांव के आवास पर पहुंची और उन्हें ट्राईसाइकिल सौंपी। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से खुश होकर पद्मश्री सिमोन उरांव ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही सार्थक पहल है।

रांची: नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 अब 'शिबू सोरेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज' कहलाएगा

रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि रांची के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 अब शिबू सोरेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SSIMS) के नाम से जाना जाएगा। कल, मंगलवार को, झारखंड विधानसभा के बाहर मंत्री ने यह जानकारी दी।

इरफान अंसारी ने कहा कि यह फैसला झारखंड के महानायक और गरीबों-वंचितों की आवाज रहे 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन के सम्मान में लिया गया है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने हमेशा आदिवासी, दलित, गरीब और किसानों के हकों के लिए संघर्ष किया है।

अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी

मंत्री ने बताया कि यह संस्थान न केवल झारखंड, बल्कि पूरे पूर्वी भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का एक नया केंद्र बनेगा। यहां सुपर स्पेशलिस्ट सेवाएं और आधुनिक अनुसंधान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

इरफान अंसारी ने कहा कि संस्थान में गरीब और वंचित वर्ग को प्राथमिकता दी जाएगी और उन्हें मुफ्त व सस्ती चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध है और यह संस्थान झारखंड में स्वास्थ्य क्रांति लाएगा।

झारखंड: माकपा 1 से 15 सितंबर तक करेगी प्रखंडों में प्रदर्शन, सरकार से की ये मांगें

रांची: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने झारखंड में 1 से 15 सितंबर तक राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। यह निर्णय आज संपन्न हुई माकपा की दो दिवसीय राज्य कमेटी की बैठक में लिया गया। पार्टी ने सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें की हैं, जिनमें विस्थापन आयोग का गठन, लैंड बैंक को रद्द करना, और पेसा कानून को लागू करना शामिल है।

रिम्स-2 और सूर्या हांसदा के एनकाउंटर पर भाजपा की आलोचना

बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य तपन सेन ने भाजपा और उसके सहयोगियों पर विधानसभा सत्र बाधित करने के लिए निशाना साधा। उन्होंने रिम्स-2 के मुद्दे और सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले पर भाजपा की कार्रवाई को 'राजनीतिक नौटंकी' करार दिया।

सेन ने कहा, "एनकाउंटर पर भाजपा को बोलने का हक नहीं है, क्योंकि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है।" उन्होंने कहा कि पार्टी सूर्या हांसदा के एनकाउंटर को उचित नहीं मानती और सरकार द्वारा सीआईडी जांच का आदेश सही है, लेकिन भाजपा द्वारा उनका महिमामंडन करना अवसरवादी राजनीति है। माकपा ने सरकार से अपील की है कि अगर ग्रामीणों को रिम्स-2 के निर्माण से आपत्ति है, तो इसे किसी और जगह बनाया जाना चाहिए।

माकपा की प्रमुख मांगें

माकपा राज्य कमेटी ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:

विस्थापन आयोग का गठन तुरंत किया जाए।

लैंड बैंक को रद्द करने की अधिसूचना जल्द से जल्द जारी की जाए।

जमीन के डिजिटल रिकॉर्ड में सुधार किया जाए।

पेसा (PESA) कानून की नियमावली को लागू किया जाए।

शिक्षा विभाग में 2742 अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्त किया जाए।

इसके अलावा, बैठक में संथाल परगना के पाकुड़ और दुमका जिलों में कोयला परिवहन से होने वाले प्रदूषण, खेती को हो रहे नुकसान और बढ़ती दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सुरजीत सिन्हा ने की।

सीएम हेमंत सोरेन ने दो दिवंगत चौकीदारों के आश्रितों को दी अनुकंपा पर नौकरी, उम्र सीमा में दी छूट

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने दो दिवंगत चौकीदारों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने इस मामले में उम्र सीमा में छूट देने की भी स्वीकृति प्रदान की है।

जिन आश्रितों को यह लाभ मिला है, उनमें सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के चौकीदार स्वर्गीय भरत लोहार के पुत्र श्री वासुदेव कर्मकार और ईचागढ़ थाना क्षेत्र के चौकीदार स्वर्गीय शशधर महतो की पत्नी श्रीमती सनका बाला महतो शामिल हैं।

यह फैसला गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव पर लिया गया है। मुख्यमंत्री के इस कदम से दोनों पीड़ित परिवारों को राहत मिली है।

झारखंड के सीएम हेमन्त सोरेन की केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री के साथ उच्च स्तरीय बैठक: खनन के बाद जमीन वापसी का मुद्दा उठाया

रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड विधानसभा में केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में राज्य में कोयला खनन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें स्थानीय लोगों की समस्याएं, पर्यावरणीय प्रभाव और पुनर्वास शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रमुखता से कहा कि जब खनन का कार्य पूरा हो जाए, तो भारत सरकार को जमीन राज्य सरकार को वापस कर देनी चाहिए। ताकि, वह जमीन मूल रैयतों को लौटाई जा सके। उन्होंने यह भी जोर दिया कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के पुनर्वास, रोजगार, पर्यावरणीय संतुलन और आधारभूत संरचना के विकास की जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर उठानी होगी।

केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सकारात्मक रुख दिखाया और भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार झारखंड के विकास और लोगों के कल्याण के लिए हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य मिलकर इन समस्याओं का समाधान तलाशेंगे।

इस बैठक में झारखंड की मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, खान सचिव श्री अरवा राजकमल, और विभिन्न कोयला कंपनियों के सीएमडी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

रांची के सभी अंचलों में हर मंगलवार को लगेगा जनता दरबार: शिकायतों का हो रहा त्वरित समाधान

रांची: रांची जिला प्रशासन ने आम लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान और सुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई पहल शुरू की है। अब जिले के सभी अंचलों में हर मंगलवार को 'जनता दरबार' का आयोजन किया जा रहा है। उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशन में आयोजित इस जनता दरबार का मकसद लोगों की शिकायतों को सुनना और उनका तुरंत निवारण करना है।

ऑन द स्पॉट हो रहा समाधान

इन जनता दरबारों में कई मामलों का मौके पर ही निपटारा किया गया। यहां आवासीय, जाति, आय, दाखिल-खारिज और भूमि विवाद जैसे मामलों की शिकायतें आईं। कई जटिल मामलों को संबंधित विभागों को भेज दिया गया है। उपायुक्त ने कहा कि यह पहल प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

शिकायतकर्ताओं ने की सराहना

जनता दरबार में अपनी समस्या लेकर पहुंचे लोगों ने इस पहल की जमकर तारीफ की। अनगड़ा अंचल के महेशपुर गांव की सावित्री कुमारी का जाति प्रमाणपत्र में गलती थी, जिसे तुरंत सुधार दिया गया। वहीं, बेड़वारी गांव की सीमा महतो के पंजी-II में जाति सुधार का काम भी तुरंत किया गया। दोनों ने इस पहल को 'सार्थक' बताया और कहा कि इससे लोगों का विश्वास सरकार और प्रशासन पर बढ़ा है।

एक अन्य आवेदक प्रियांशु शेलिना डोना का लगान रसीद का भुगतान नहीं हो पा रहा था, जिसे जनता दरबार में तुरंत ठीक कर दिया गया। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिला प्रशासन पर उनका भरोसा बढ़ा है।

वृद्धों, दिव्यांगों और महिलाओं को प्राथमिकता

उपायुक्त के निर्देश पर सभी प्रखंडों और अंचलों में वृद्धों, दिव्यांगों और महिलाओं की शिकायतों को प्राथमिकता दी जा रही है। आज कांके अंचल में 22, रातु अंचल में 81, मांडर में 25 और सिल्ली अंचल में 67 मामलों का निपटारा किया गया।

रांची जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने-अपने अंचल में लगने वाले जनता दरबार में अपनी समस्याएं लेकर आएं, ताकि उनका त्वरित और पारदर्शी समाधान किया जा सके।