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मेटा के अलर्ट से यूपी पुलिस ने समय रहते गाजीपुर में आत्महत्या की कोशिश नाकाम की
लखनऊ । सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और पुलिस की तत्परता ने एक युवती की जान बचा ली। मेटा कंपनी से मिले अलर्ट पर लखनऊ पुलिस मुख्यालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गाज़ीपुर जनपद की सादात थाना पुलिस को सूचना दी। महज़ 19 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल में भर्ती कराकर युवती की जिंदगी बचा ली।

इंस्टाग्राम वीडियो से मिला अलर्ट

10 अगस्त को गाज़ीपुर जिले के थाना सादात क्षेत्र की करीब 21 वर्षीय युवती ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें वह अत्यधिक मात्रा में दवाइयाँ पानी में घोलकर पीते हुए दिख रही थी और टेक्स्ट में लिखा था— “ज़हर खाने के लिए मजबूर कर दिया।” रात 11:34 बजे मेटा कंपनी ने यह वीडियो देख पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के सोशल मीडिया सेंटर को ईमेल से अलर्ट भेजा।

19 मिनट में मौके पर पहुंची पुलिस

डीजीपी उत्तर प्रदेश,राजीव कृष्ण ने तुरंत गाज़ीपुर पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेंटर ने अलर्ट में दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर युवती की लोकेशन ट्रेस कर ली और सादात थाने को सूचना दी।सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष, महिला आरक्षी और पुलिस कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। मात्र 19 मिनट में वे युवती के घर पहुंचे और परिजनों के साथ उसके कमरे में दाखिल हुए। वहाँ युवती चारपाई पर अचेत पड़ी थी। पुलिस ने परिजनों की मदद से उसे नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू किया।

प्रेम संबंध टूटने से था मानसिक तनाव में

होश में आने पर युवती ने बताया कि वह पहले दिल्ली में पानी सप्लाई का काम करती थी, जहाँ उसकी मुलाकात प्रयागराज के एक युवक से हुई थी। दोनों प्रेम विवाह करना चाहते थे, लेकिन नौकरी छूट जाने के बाद उसे घर लौटना पड़ा। कुछ समय बाद युवक ने उससे संबंध तोड़ दिए, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई और आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस ने काउंसलिंग कर उसे समझाया, जिस पर उसने भविष्य में ऐसा कदम न उठाने का वादा किया।

यूपी पुलिस और मेटा की पहल से 1241 जीवन सुरक्षित

उत्तर प्रदेश पुलिस और मेटा कंपनी के बीच 2022 से विशेष व्यवस्था है। अगर कोई व्यक्ति फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से जुड़ा कंटेंट पोस्ट करता है, तो मेटा तुरंत यूपी पुलिस को ईमेल और फोन से अलर्ट भेजती है। 1 जनवरी 2023 से 10 अगस्त 2025 के बीच मिले ऐसे अलर्ट पर कार्रवाई करते हुए यूपी पुलिस अब तक 1241 लोगों की जान बचा चुकी है।
फतेहपुर में विवादित स्थल पर बवाल: ध्वज फहराने के बाद पथराव, 160 पर मुकदमा

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के आबूनगर रेडइया स्थित एक विवादित धार्मिक स्थल पर सोमवार को हिंदू संगठनों और मुस्लिम समुदाय के बीच भारी तनाव फैल गया। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसे ठाकुरजी का मंदिर बताते हुए पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर मकबरे के भीतर प्रवेश किया, भगवा ध्वज फहराया और पूजा-अर्चना की। इस दौरान कथित रूप से मजारों में तोड़फोड़ भी की गई।
दूसरे समुदाय के विरोध और पथराव से माहौल बिगड़ गया, जिसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस को भारी बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी।

हिंदू संगठनों का जमावड़ा और बैरिकेडिंग तोड़कर किया प्रवेश

सोमवार सुबह भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल, विहिप प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय और बजरंग दल संयोजक धर्मेंद्र जनसेवक के आह्वान पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर जुटे। सुबह करीब 11 बजे भीड़ विवादित स्थल की ओर बढ़ी और तीन किलोमीटर के दायरे में लगी तीन बैरिकेडिंग तोड़ते हुए मकबरे तक पहुंच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस बल मौजूद होने के बावजूद कार्यकर्ताओं ने लगभग 20 मिनट तक धार्मिक स्थल पर कब्जा जमाए रखा, मजारों पर डंडे पटके, धूपबत्ती जलाई और भगवा झंडा लहराया।

दूसरे पक्ष का विरोध और पथराव

स्थल से करीब 50 मीटर दूर मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोग भगवा ध्वज देख भड़क गए और नारेबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में कहासुनी, फिर पथराव और मारपीट होने लगी। इस घटना में बजरंग दल संयोजक धर्मेंद्र सिंह जनसेवक, रामप्रताप अनुरागी और सजल समेत कई लोगों को चोटें आईं।
लगभग दो घंटे तक मौके पर नारेबाजी और हंगामा चलता रहा।

प्रशासन का हस्तक्षेप और सुरक्षा बढ़ाई

स्थिति बिगड़ने पर जिलाधिकारी रविंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह, एडीएम अविनाश त्रिपाठी, एएसपी महेंद्र पाल सिंह और सीओ गौरव शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों से वार्ता कर भीड़ को हटाया गया और स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी गई। शांति बनाए रखने के लिए 10 थानों की फोर्स, एक प्लाटून पीएसी और कौशांबी व बांदा से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।

विवादित स्थल का रिकॉर्ड और पृष्ठभूमि

राजस्व अभिलेखों के अनुसार, यह स्थल नवाब अब्दुस समद मकबरा (खसरा संख्या 753, मौजा रेडइया, आबूनगर, तहसील सदर) के रूप में दर्ज है, जिसके अधिकृत मुतवल्ली मोहम्मद अनीश हैं।
हालांकि, “मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति” के पदाधिकारियों ने इसे ठाकुरद्वारा मंदिर बताते हुए 11 अगस्त को नवीनीकरण और नियमित पूजा शुरू करने का ऐलान किया था।

एफआईआर और कार्रवाई,एडीजी की नाराजगी

पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि 10 नामजद और करीब 150–160 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नामजदों में भाजपा जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह, सभासद रितिक पाल, विनय तिवारी, पुष्पराज पटेल और अन्य शामिल हैं।उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो और फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है, झंडे हटा दिए गए हैं और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। एडीजी संजीव गुप्ता भी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की। उन्होंने सतर्कता में कमी को लेकर पुलिस अधिकारियों से नाराजगी जताई।
‘मुरालेज आर्किटेक्चर स्पेशल नॉरेटिव’ का हुआ भव्य विमोचन
लखनऊ। नियोगी बुक्स प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मुरालेज आर्किटेक्चर स्पेशल नॉरेटिव का विमोचन आज एक समारोह में किया गया। वरिष्ठ आर्किटेक्ट सविता अग्रवाल द्वारा लिखित यह पुस्तक मुरली वास्तुकला फॉर्म के पांच दशकों के रचनात्मक और कलात्मक कार्यों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है। इसमें एक दृश्यात्मक और कथात्मक यात्रा के माध्यम से भारतीय वास्तुकला के महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लाया गया है।
इस पुस्तक में 275 से अधिक दुर्लभ फोटोग्राफ और 161 विस्तृत चित्रण शामिल हैं, जो वास्तुकला फॉर्म की विकास यात्रा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं। सविता अग्रवाल ने अपने अनुभव और दृष्टिकोण से न केवल इमारतों के सौंदर्य और संरचना को दर्शाया है, बल्कि बदलते शहरी भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को भी अपनी लेखनी में समाहित किया है। उनके अनुसार, वास्तुकला केवल स्थान की डिजाइनिंग नहीं है, बल्कि उस स्थान को नई दृष्टि से पुनः कल्पित करने की एक सृजनात्मक प्रक्रिया है।
विमोचन समारोह में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता देवेंद्र सिंह, कई वरिष्ठ सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, साहित्यकार और पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने पुस्तक की विषयवस्तु और प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए इसे वास्तुकला और शहरी विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।
यह पुस्तक न केवल वास्तुकला के छात्रों और पेशेवरों के लिए, बल्कि कला, संस्कृति और शहरी विकास में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए भी प्रेरणादायक संदर्भ सामग्री साबित होगी।
प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में विपक्ष की रुचि नहीं : सुरेश खन्ना
-- संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, विपक्ष द्वारा सदन को बेवजह न चलने देना बहुत ही निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को विपक्ष के अराजकतापूर्ण रवैया एवं हंगामें के कारण विधानसभा की कार्यवाही न चलने देने को प्रदेश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं नेता सदन तथा पूरी सरकार द्वारा विपक्ष के सवालों का लोकहित में तर्कपूर्ण जवाब देने के लिए सदन में उपस्थित थे। परंतु विपक्ष के गैरजिम्मेदाराना एवं अलोकतांत्रिक व्यवहार से सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। प्रदेश की जनता को भी विपक्ष की इस अराजकता एवं गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली को गंभीरता से लेनी चाहिए। विपक्ष की इस प्रकार की कार्यसंस्कृति जनहित एवं प्रदेश के विकास के लिए बाधक है। बेवजह एवं अनुपयोगी मुद्दों को सदन में उठाकर सदन को न चलने देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार विगत 08 वर्षों से लगातार जनहित के कार्यों और राज्य के विकास के लिए तत्पर है। प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्नति विपक्ष को रास नहीं आ रही है। विपक्ष द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए जनता का उत्पीड़न और विकास कार्यों की अनदेखी पर मंथन करना चाहिए न कि वर्तमान योगी सरकार की कार्यसंस्कृति व विकास कार्यों पर सवाल उठाने चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य कागजों में नहीं बल्कि धरातल पर दिख रहे हैं, जिसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री श्री खन्ना ने मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास और यहां के निवासियों की खुशहाली के लिए विपक्ष द्वारा बेवजह सदन न चलने देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। सदन के इतिहास में यह पहला मौका था कि विपक्ष द्वारा शोक प्रस्ताव के समय परंपरा का भी पालन न करते हुए बहुत ही अशोभनीय कार्य किया गया और अव्यवस्था फैलाई गई। मुख्यमंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया गया। फिर भी विपक्ष अपनी गंदी मानसिकता से बाज नहीं आया। कार्यरोको प्रस्ताव पर भी सदन को चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा थी। फिर भी विपक्ष ने सदन को नहीं चलने दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प लिया है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित एवं आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए संकल्पित है जिसके लिए विकास का विजन डाक्यूमेंट भी तैयार किया गया है और हमारा प्रदेश कैसा हो जिस पर सदन में 13 अगस्त से 24 घंटे की चर्चा भी होनी है।
प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में विपक्ष की रुचि नहीं : सुरेश खन्ना
-- संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, विपक्ष द्वारा सदन को बेवजह न चलने देना बहुत ही निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को विपक्ष के अराजकतापूर्ण रवैया एवं हंगामें के कारण विधानसभा की कार्यवाही न चलने देने को प्रदेश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं नेता सदन तथा पूरी सरकार द्वारा विपक्ष के सवालों का लोकहित में तर्कपूर्ण जवाब देने के लिए सदन में उपस्थित थे। परंतु विपक्ष के गैरजिम्मेदाराना एवं अलोकतांत्रिक व्यवहार से सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। प्रदेश की जनता को भी विपक्ष की इस अराजकता एवं गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली को गंभीरता से लेनी चाहिए। विपक्ष की इस प्रकार की कार्यसंस्कृति जनहित एवं प्रदेश के विकास के लिए बाधक है। बेवजह एवं अनुपयोगी मुद्दों को सदन में उठाकर सदन को न चलने देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार विगत 08 वर्षों से लगातार जनहित के कार्यों और राज्य के विकास के लिए तत्पर है। प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्नति विपक्ष को रास नहीं आ रही है। विपक्ष द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए जनता का उत्पीड़न और विकास कार्यों की अनदेखी पर मंथन करना चाहिए न कि वर्तमान योगी सरकार की कार्यसंस्कृति व विकास कार्यों पर सवाल उठाने चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य कागजों में नहीं बल्कि धरातल पर दिख रहे हैं, जिसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री श्री खन्ना ने मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास और यहां के निवासियों की खुशहाली के लिए विपक्ष द्वारा बेवजह सदन न चलने देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। सदन के इतिहास में यह पहला मौका था कि विपक्ष द्वारा शोक प्रस्ताव के समय परंपरा का भी पालन न करते हुए बहुत ही अशोभनीय कार्य किया गया और अव्यवस्था फैलाई गई। मुख्यमंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया गया। फिर भी विपक्ष अपनी गंदी मानसिकता से बाज नहीं आया। कार्यरोको प्रस्ताव पर भी सदन को चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा थी। फिर भी विपक्ष ने सदन को नहीं चलने दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प लिया है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित एवं आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए संकल्पित है जिसके लिए विकास का विजन डाक्यूमेंट भी तैयार किया गया है और हमारा प्रदेश कैसा हो जिस पर सदन में 13 अगस्त से 24 घंटे की चर्चा भी होनी है।
श्रावस्ती में दर्दनाक सड़क हादसा, एक ही परिवार के चार समेत पांच की मौत, सीएम योगी ने जताया शोक
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। हरदत्त नगर गिरंट थाना क्षेत्र के हरबंसपुर गांव के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक की टक्कर में एक ही परिवार के चार लोगों समेत पांच की मौत हो गई, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली ने बाइक में मारी टक्कर

जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से बहराइच के रिसिया थाना क्षेत्र के मंगलपुरवा निवासी विजय कुमार वर्मा (32) सुबह अपनी पत्नी सुनीता देवी (28), रिश्तेदार मंगलवती (40), नीतू (30), नीतू की बहन ज्ञानवती (9) और एक साल की मासूम बच्ची के साथ बाइक से रुपईडीहा थाना क्षेत्र के मधनगरा जा रहे थे। हरबंसपुर पुलिस चौकी के पास अचानक एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-मिक्सर (ट्रैक्टर-ट्रॉली) ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि विजय, मंगलवती, नीतू और ज्ञानवती की मौके पर ही मौत हो गई। सुनीता देवी और मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गईं।

अस्पताल में भी नहीं बच सकी जान

सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान मासूम बच्ची ने भी दम तोड़ दिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है।दुर्घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अस्पताल पहुंचे और घायल महिला का हालचाल जाना। पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने बताया कि हादसे में कुल पांच लोगों की मौत हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और फरार चालक की तलाश जारी है।

सीएम योगी का शोक और निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि घायल का समुचित इलाज कराया जाए और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए।
नेता विरोधी दल के गोरखपुर विरोध पर सदन में हंगामा, 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के गोरखपुर दौरे के दौरान कथित अपमान और विरोध का मुद्दा उठाकर हंगामा शुरू कर दिया। सपा ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की।

सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने यह उठाया मुददा

प्रश्नकाल शुरू होते ही सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए आरोप लगाया कि गोरखपुर में नेता प्रतिपक्ष को रोका गया और अपमानित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस पर नेता प्रतिपक्ष से स्वयं घटना बताने को कहा। पांडेय ने सदन में बताया कि गोरखपुर में कुछ व्यापारियों की दुकानें तोड़ी जा रही थीं, जिनकी शिकायत पर वे वहां पहुंचे, लेकिन उनका विरोध हुआ, हमला हुआ और गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी गई।

मुख्यमंत्री का जवाब और सपा का विरोध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा और लोकतंत्र एक-दूसरे के विपरीत हैं। गोरखपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों ने विरोध किया, जो ‘गुंडा टैक्स’ से परेशान थे। सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के कारण व्यापारियों ने “थोड़ा कम” विरोध किया, अन्यथा स्थिति और गंभीर होती। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का कोई अपमान नहीं हुआ, इसलिए जांच की जरूरत नहीं है।

सत्र से पहले सपा का प्रदर्शन

सत्र शुरू होने से पहले सपा विधायकों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया और सरकार विरोधी नारे लगाए। विधायक अतुल प्रधान धनुष लेकर पहुंचे, जबकि विधायक इंजीनियर सचिन यादव दीक्षांत समारोह का गाउन पहनकर आए, जिस पर बेरोजगारी और युवाओं की समस्याओं से जुड़े नारे लिखे थे। सपा ने सरकार पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दे पर विफल रहने का आरोप लगाया।
मॉनसून सत्र में जनता से जुड़े सभी प्रश्नों का जवाब देगी सरकार: सीएम योगी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले स्पष्ट किया कि इस सत्र में जनता से जुड़े सभी प्रश्नों का जवाब सरकार पूरी गंभीरता से देगी। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में यूपी विधानमंडल ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, जहां जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई है। इस बार भी 25 करोड़ की आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार महत्वपूर्ण एजेंडे के साथ सदन में उपस्थित है।

13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे सदन में होगी चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी का विधानमंडल देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है, जिसकी चर्चाएं पूरे देश में एक नजीर के रूप में देखी जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार ‘विकसित यूपी’ का विजन लेकर आगे बढ़ रही है। यह विजन नीति आयोग और विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे सदन में इस विजन पर चर्चा होगी, जिस पर सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी है।

आम जनता की राय भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल की जाएगी

यह चर्चा न केवल विधानसभा और विधान परिषद में होगी, बल्कि आम जनता की राय भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल की जाएगी।योगी आदित्यनाथ ने आत्मविश्वास जताया कि 2047 तक जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब उत्तर प्रदेश भी ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के रूप में तैयार होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के हित, प्रदेश के विकास और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और जो भी प्रस्ताव सदन में आएंगे, उनका स्वागत किया जाएगा।

बाढ़, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र में बाढ़, जलजमाव जैसे मौसमी मुद्दों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, गरीब कल्याण और सभी वर्गों के उत्थान से जुड़े विषयों पर गहन चर्चा होगी। उन्होंने दावा किया कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना पाई है।

विपक्ष पर हमला

योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष, खासतौर पर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका एजेंडा विकास के बजाय नकारात्मकता पर केंद्रित रहता है। उन्होंने कहा कि पहले जब 36 घंटे की कार्यवाही का प्रस्ताव रखा गया था, तब भी सपा ने विरोध किया और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से इस बार सकारात्मक और विकासोन्मुखी चर्चा में भाग लेने की अपील की।

सदन की कार्यवाही देश के लिए नजीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी विधानमंडल में होने वाली चर्चाएं पूरे देश के लिए मिसाल हैं। उन्होंने सभी विधानसभा और विधानपरिषद सदस्यों का स्वागत करते हुए सत्र की सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इसे प्रदेश के विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
विधानसभा सत्र आज से, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, ड्रोन से हो रही निगरानी
लखनऊ । राजधानी में सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के मद्देनज़र पुलिस ने सुरक्षा के अभेद इंतज़ाम कर दिए हैं। विधानसभा भवन और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा घेरा इतना मजबूत किया गया है कि चिड़िया भी पर नहीं मार सके। पूरे इलाके में ATS कमांडो की तीन टीमें तैनात हैं, जबकि 6 कंपनी PAC, 1 RRF और करीब 1500 पुलिसकर्मी, जिनमें महिला सिपाही भी शामिल हैं, सुरक्षा ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।

सत्र की अवधि के लिए रूट डायवर्जन लागू

सत्र के दौरान ड्रोन से आसमान से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत चिन्हित किया जा सके। खुफिया विभाग और पुलिस की टीमें विधानसभा के हर प्रवेश और निकास बिंदु पर पैनी नज़र रख रही हैं।यातायात पुलिस ने सत्र की अवधि के लिए रूट डायवर्जन लागू कर दिया है ताकि विधायकों और आम नागरिकों की आवाजाही में कोई बाधा न आए। सुरक्षा और सुगम ट्रैफिक प्रबंधन, दोनों पर बराबर फोकस किया जा रहा है।

विरोध-प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध

रविवार को पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने खुद विधानसभा परिसर और आसपास के सुरक्षा प्रबंधों का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।साथ ही, विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बंदरियाबाग चौराहा से सामान्य यातायात राजभवन, डीएसओ चौराहा, हजरतगंज चौराहा, जीपीओ मोड़, विधानसभा की ओर नहीं जा सकेंगे, बल्कि यह यातायात लालबत्ती चौराहा, कैण्ट या गोल्फ क्लब चौराहा, 1090 चौराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
फर्जी डॉक्टर और पत्नी पर ठगी व छेड़छाड़ का आरोप, पांच के खिलाफ केस

लखनऊ । राजधानी में पारा थाना क्षेत्र में एक युवती ने खुद को डॉक्टर बताने वाले नर नारायण उपाध्याय और उसकी पत्नी गिरजा पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10.30 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। युवती का आरोप है कि नौकरी न मिलने पर विरोध करने पर आरोपी और उसके साथियों ने उसके साथ छेड़छाड़ भी की। पुलिस ने आरोपी दंपती सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।पीड़िता के मुताबिक, नवंबर 2020 में बलरामपुर अस्पताल में उनकी मुलाकात नर नारायण से हुई थी। उसने खुद को वहां का डॉक्टर बताते हुए स्वास्थ्य विभाग में बाबू की नौकरी लगवाने का दावा किया और इसके बदले 10 लाख रुपये मांगे।

पूरा पैसा देने के बाद भी नहीं मिली नौकरी

पीड़िता ने तीन लाख रुपये आरोपी की पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए, जबकि 7.10 लाख रुपये नकद दिए। मई 2022 तक पूरा भुगतान होने के बावजूद नौकरी नहीं मिली।पीड़िता का कहना है कि 8 जून 2025 को आरोपी ने मिलने के बहाने बुलाया, जहां वह अपने तीन साथियों के साथ मौजूद था। आरोप है कि वहां युवती से छेड़छाड़ की गई और तमंचा दिखाकर धमकाते हुए सभी मौके से फरार हो गए।इंस्पेक्टर पारा सुरेश सिंह ने बताया कि मामले की विवेचना जारी है, साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। वहीं बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. हिमांशु ने स्पष्ट किया कि नर नारायण नाम का कोई व्यक्ति न तो वर्तमान में और न ही पहले कभी अस्पताल में डॉक्टर के पद पर कार्यरत रहा है।