चकबंदी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत, रिवॉल्वर हाथ में थी, पूर्व सांसद धनंजय सिंह के रहे बेहद करीबी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सिंह का शव शहीद पथ स्थित उनके निजी प्लॉट पर बने एक कमरे में मिला। सिर में गोली लगी थी और दाहिने हाथ में रिवॉल्वर थी। घटना की सूचना पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और अन्य राजनेता भी मौके पर पहुंचे। पुलिस इसे प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है, जबकि परिजन इस मौत को सुनियोजित हत्या बता रहे हैं।
मूल रूप से कानपुर के निगोहां थानाक्षेत्र के रहने वाले थे राजकुमार सिंह
52 वर्षीय राजकुमार सिंह आशियाना के सेक्टर-जे में परिवार के साथ रहते थे। वह मूल रूप से निगोहां क्षेत्र के करनपुर गांव के रहने वाले थे। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अपने निजी चालक केशव राम यादव के साथ घर से निकले। उन्होंने चालक से कहा कि कुछ काम है। पहले वे अंसल गोल्फ सिटी में अपने मित्र एल.एन. ओझा के फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर बातचीत की।वहां से निकलते समय राजकुमार ने कहा कि “नींद पूरी नहीं हुई है, थोड़ा आराम करना है”। इसके बाद वे लगभग दोपहर 1 बजे शहीद पथ स्थित विंड क्लब के पास अपने प्लॉट पर पहुंचे। चालक को कार में बैठा रहने को कहा और खुद कमरे के अंदर चले गए।
फाेन न उठाने पर चालक कमरे में पहुंचा तब हुई जानकारी
कई घंटे बीतने के बाद जब राजकुमार सिंह बाहर नहीं आए तो चालक को चिंता हुई। उसने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। शाम करीब पांच बजे चालक खुद कमरे के अंदर गया और जो देखा उससे उसके होश उड़ गए राजकुमार सिंह का शव खून से सना पड़ा था, सिर में गोली लगी थी और हाथ में रिवॉल्वर थी।चालक ने तुरंत परिवार को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। कमरे की तलाशी ली गई और घटनास्थल से लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की गई जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया।पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि शव के पास एक रिवॉल्वर मिली है जो लाइसेंसी प्रतीत होती है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।
परिजनों का साफ आरोप, यह आत्महत्या नहीं, सुनियोजित हत्या है
राजकुमार सिंह के भाई पंकज सिंह ने पुलिस के आत्महत्या के दृष्टिकोण को खारिज करते हुए कहा कि उनके भाई कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राजकुमार मानसिक रूप से मजबूत थे, उनके जीवन में कोई तनाव नहीं था जो उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करे।”परिजनों का कहना है कि मृतक के पास कोई लाइसेंसी असलहा नहीं था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वह रिवॉल्वर आई कहां से? क्या कोई साजिश के तहत यह सब रचा गया? परिजनों ने पुलिस को अभी किसी का नाम नहीं बताया है, लेकिन स्पष्ट रूप से इसे हत्या करार दे रहे हैं।
धनंजय सिंह के माने जाते थे बेहद करीब
राजकुमार सिंह की मौत की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व राज्यमंत्री राणा अजीत सिंह मौके पर पहुंचे। यह जानकारी सामने आई है कि राजकुमार सिंह, धनंजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी राजनीतिक पहुंच और अधिकारियों के बीच मजबूत पकड़ भी रही है। राजकुमार सिंह की रहस्यमयी मौत के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है।पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर, कारतूस, खून के सैंपल सहित अन्य भौतिक साक्ष्यों को कब्जे में लिया है। रिवॉल्वर की फायरिंग स्थिति, उंगलियों के निशान, बारूद के अवशेष और शव की स्थिति के आधार पर आगे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
Aug 02 2025, 13:25