धनबाद की बेटी सुदीती सुमन ने JPSC में 111वीं रैंक हासिल कर रचा इतिहास, कड़ी मेहनत और धैर्य का नतीजा
धनबाद: जब जुनून और समर्पण हो तो सफलता हर बाधा को पार कर लेती है। धनबाद की बेटी सुदीती सुमन ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) परीक्षा में राज्य में 111वीं रैंक हासिल कर सफलता की एक नई मिसाल कायम की है। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो कड़ी मेहनत, निरंतरता और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहते हैं।
![]()
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन का सफर
सुदीती मूल रूप से धनबाद के जेसी मालिक रोड की निवासी हैं। उनके पिता सुनील कुमार सिन्हा धनबाद कोर्ट में एक जाने-माने अधिवक्ता हैं, जबकि उनकी मां सुमन सिन्हा एक गृहिणी हैं। एक शिक्षित परिवार से आने के कारण, सुदीती के जीवन में शिक्षा का महत्व बचपन से ही रहा।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा धनबाद के प्रतिष्ठित कार्मेल स्कूल से हुई, जहां उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, उन्होंने अपनी 12वीं की पढ़ाई दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) से पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए, सुदीती ने दिल्ली का रुख किया और 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। हाल ही में, 2024 में उन्होंने कानून (LLB) की पढ़ाई भी पूरी की है।
दूसरा प्रयास लाया सफलता, दृढ़ निश्चय बना मूल मंत्र
JPSC परीक्षा में सुदीती का यह दूसरा प्रयास था। अपने पहले प्रयास में, उन्होंने मेन्स तक का सफर तय कर लिया था, लेकिन अंतिम सफलता उनसे दूर रह गई थी। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और दोगुनी ऊर्जा के साथ दूसरे प्रयास में जुटीं। इस बार, उन्होंने राज्य स्तर पर 111वीं रैंक हासिल कर सभी को चौंका दिया और अपनी क्षमता का लोहा मनवाया।
सुदीती बताती हैं कि यह सफर आसान नहीं था। खासकर, जब आप बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हों, तो कई चुनौतियाँ सामने आती हैं। उनकी सफलता का मूल मंत्र कड़ी मेहनत, निरंतर पढ़ाई और सही मार्गदर्शन रहा है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को दिया, जिन्होंने हर कदम पर उनका मनोबल बढ़ाया, उन्हें समर्थन दिया और उनके सपनों को उड़ान दी।
छोटे शहरों के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
सुदीती सुमन की यह सफलता उन तमाम छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है जो छोटे शहरों या कस्बों से आकर बड़े सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने का हौसला रखते हैं। उनके अनुसार, "अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और परिवार का निस्वार्थ साथ मिले, तो कोई भी मुकाम दूर नहीं होता।" सुदीती ने साबित कर दिया है कि लगन और समर्पण से कोई भी बाधा पार की जा सकती है, और सफलता के शिखर तक पहुंचा जा सकता है। उनकी यह कहानी धनबाद और झारखंड के युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।
Jul 26 2025, 17:40