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संस्था की प्रतिष्ठा के विपरीत कार्य कर रहे सदस्यों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई, सीएनआई से दस लोगों की सदस्यता समाप्त

रायपुर- सीएनआई के संविधान और उपनियमों के तहत छत्तीसगढ़ डायोसिस के बिशप और ऑफिस बेयरर्स द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए संस्था विरोधी कार्यो में सक्रिय दस सदस्यों की चर्च सदस्यता समाप्त करने की कार्रवाई की गई है। बीते माह दिनांक 29 जून 2025 को आयोजित पदाधिकारियों की बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव के आधार पर की गयी है।

सचिव नितिन लॉरेंस ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक किया कि जिन व्यक्तियों द्वारा लगातार संस्था और मसीही समाज के विरूद्ध कार्य कर रहे थे। चर्च एवं संस्था के विरूद्ध झूठी शिकायतें शासन-प्रशासन तक पहुॅंचाकर समाज एवं संस्था को बदनाम करने का षडयंत्र लगातार कर रहे हैं। चर्च की आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने वाले कार्यों, चर्च विरोधी गतिविधयों तथा संस्था की प्रतिष्ठा को ठेस पहुॅंचाने के प्रयासों को गंभीरता से लिया गया है। यह निर्णय पूरी तरह संवैधानिक, कानूनी एवं संस्थागत अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत लिया गया है।

चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया के संविधान के अनुसार केवल बिशप को यह अधिकार प्राप्त है कि वह ऐसे सदस्यों की चर्च सदस्यता को समाप्त कर सकता है। पदाधिकारियों की बैठक पश्चात बिशप के विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए यह कार्यवाही की गयी है। निम्नानुसार इन सदस्यों की सदस्यता समाप्त की गयी है :-

यशराज सिंह, वीनू बेनेट, व्ही के सिंग, मुकुल बेनेट, अजय जॉन, संदीप लाल, मनीशा कुलदीप, श्रीमति अर्पणा कौशिक, अतुल आर्थर, निर्मल आर्थर.01. उपरोक्त व्यक्तियों और उनके परिवारों की पास्टोरेट की सदस्यता समाप्त की गई है।

02. उपरोक्त व्यक्तियों एवं उनके परिवारों के सदस्यों को चर्च आने जाने एवं आराधना में भाग लेने से किसी भी प्रकार से वंचित नहीं किया गया है।

03. उपरोक्त व्यक्ति चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया की प्रणाली एवं संस्थाओं के

औपचारिक सदस्य नहीं रहेंगे।

04. उपरोक्त सदस्यों की चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया की सदस्यता समाप्त की गयी "यह सामाजिक बहिष्कार नहीं अपितु अनुशासनात्मक कार्यवाही है।"

चर्च आराधना के लिए सभी के लिए खुला है उपरोक्त सभी व्यक्ति सामान्य मसीही विश्वासी की तरह चर्च सेवा में भी सम्मिलित हो सकतें है।

बिशप का निर्देश - चूंकि बिशप महोदया पूर्व निर्धारित सेवा कार्य में व्यस्त है, अतः निर्देशित किया गया है कि आगामी रविवार को चर्च सभाओं में इस कार्यवाही बतौर सूचना सार्वजनिक रूप से प्रेसबिटर इन चार्ज द्वारा घोषणा किया जाए। यह अधिसूचना इस तथ्य को स्पष्ट करती है कि चर्च सेवाएं एवं आराधना आम विश्वासियों के खुली है, परन्तु उपरोक्त व्यक्ति आज दिनांक से चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया अथवा उसकी संस्थाओं के सदस्य नहीं माने जाएंगे।

नई औद्योगिक नीति के माध्यम से विकास और रोजगार सृजन कर रही है हमारी सरकार : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर के सेक्टर-05 स्थित एस्पायर फार्मास्यूटिकल्स की नवनिर्मित इकाई का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रबंधन को शुभकामनाएं दीं और उत्पादन इकाई का भ्रमण कर दवा निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कोविड के कठिन दौर में दवाइयों की किल्लत को देखते हुए इस इकाई के निर्माण का सपना देखा गया था और आज वह साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया कोविड के संकट से जूझ रही थी, तब भारत ने स्वदेशी वैक्सीन विकसित कर एक मिसाल कायम की। श्री साय ने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स की इकाई का शुभारंभ प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति निवेशकों को आकर्षित कर रही है और पिछले सात-आठ महीनों में 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कई परियोजनाओं पर कार्य आरंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक इकाइयों के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार सृजन का कार्य कर रही है और ऐसी इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है, और इन 25 वर्षों में जो विकास हुआ है, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह ने न केवल प्रदेश से भूखमरी को दूर किया, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी ठोस नींव रखी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य गठन के समय प्रदेश में केवल एक मेडिकल कॉलेज था, जबकि आज प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के जरिए लोगों को निःशुल्क इलाज मिल रहा है। श्री साय ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष की अवधि में छह से अधिक विशेषज्ञ अस्पतालों के शुभारंभ का मैं साक्षी रहा हूं, जो दर्शाता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी का मानना है कि लोग बीमार न पड़ें, निरोगी रहें, और उनकी इसी संकल्पना के अनुरूप वेलनेस सेंटर के माध्यम से लोगों को आरोग्य प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार ने “विकसित छत्तीसगढ़ 2047” की परिकल्पना के तहत विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की सकल राज्यीय उत्पाद (GSDP) ₹5 लाख करोड़ है, जिसे 2030 तक ₹10 लाख करोड़ और 2047 तक ₹75 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, और यह प्रदेशवासियों के सहयोग से ही संभव होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर एस्पायर फार्मास्यूटिकल्स का भ्रमण कर उन्नत तकनीकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह इकाई पूरी तरह ऑटोमेटेड है, जहाँ टैबलेट, सिरप, ऑइंटमेंट और क्रीम जैसे विभिन्न प्रकार की दवाइयों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस इकाई के विस्तार से बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश के फार्मास्यूटिकल सेक्टर में यह एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक शुरुआत है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है और कोविड काल के दौरान पूरी दुनिया को यह एहसास हुआ कि दवाइयों और चिकित्सा संसाधनों का क्या महत्व है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देशों ने भी उस दौर में भारत की फार्मा क्षमता पर विश्वास जताया। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए विजन डॉक्यूमेंट जारी किया गया है, जो आने वाले वर्षों में प्रदेश को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास में नवा रायपुर की केंद्रीय भूमिका है। यह क्षेत्र न केवल औद्योगिक निवेश के लिए उपयुक्त है, बल्कि सभी प्रमुख मार्गों से जुड़ाव के कारण लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से भी अत्यंत सुविधाजनक है। डॉ. सिंह ने एस्पायर फार्मास्यूटिकल्स की टीम को इस नई शुरुआत के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह इकाई नवा रायपुर के विकास को नई गति देगी।

इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, पवन साय, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक ललित चंद्राकर, विधायक संपत अग्रवाल, विधायक अनुज शर्मा, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, सीएसआईडीसी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, एस्पायर फार्मास्यूटिकल्स से कोमलचंद चोपड़ा, अनिल देशलहरा और उज्ज्वल दीपक सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से सम्बंधित दर्ज प्रकरणों पर मंत्रिपरिषद की उपसमिति की बैठक सम्पन्न

रायपुर-  उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में 18 जुलाई को विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से सम्बंधित दर्ज अपराधों पर मंत्रिपरिषद की उपसमिति की बैठक विधानसभा परिसर, रायपुर में सम्पन्न हुई। बैठक में मंत्रिपरिषद के उप समिति के सदस्य उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कृषि मंत्री राम विचार नेताम एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित रहे। मंत्रिपरिषद उपसमिति की बैठक में विभिन्न जिलों से प्राप्त विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से सम्बंधित दर्ज प्रकरणों में से 15 प्रकरणों की समीक्षा की गई। मंत्रिपरिषद उपसमिति द्वारा इन अनुशंसाओं को मंत्रिपरिषद के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि अब तक मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में 139 विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से सम्बंधित दर्ज प्रकरणों को प्रस्तुत किया जा चुका है जिसमे से 126 प्रकरणों को कैबिनेट की बैठक में अनुशंसा प्राप्त की जा चुकी है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न, कोर्स और सत्र की गतिविधियों से अवगत हुए विद्यार्थी

अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर कार्यशाला आयोजित हुई जिसमें प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा शिक्षा पद्धति में आने वाले बदलाव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि स्नातक का पाठ्यक्रम चार वर्ष आठ सेमेस्टर का होगा, जिसमें प्रत्येक वर्ष अध्ययन से बाहर होने और नये सेमेस्टर में प्रवेश लेने की व्यवस्था है। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भाषा में मल्टीपल एक्जीट और मल्टीपल इन्ट्री की व्यवस्था है। प्रत्येक वर्ष दो सेस्टर का होगा। दूसरे, चौथे और छठे सेमेस्टर के बार एक्जीट की व्यवस्था है। प्रथम वर्ष बाहर होने वाले को सर्टिफि केट, द्वितीय वर्ष वाले को डिप्लोमा और तृतीय वर्ष वाले को स्नातक की उपाधि प्रदान की जायेगी। किसी भी एक्जीट करने वाले को चार के्रडिट अंक अर्जित करने होंगे से ऑनलाइन अन्य पाठ्यक्रमों से प्राप्त होंगे। ७.५ सीजीपीए वाले ही आनर्स कोर्स के लिए पात्र होंगे। इस दौरान शोध कार्य, रिसर्च मेथडलॉजी के कार्य होंगे। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि अपने मुख्य विषय के साथ दूसरे संकाय का एक विषय प्रत्येक वर्ष पढ़ना होगा। प्रत्येक विद्यार्थी को हिन्दी, अंग्रेजी और पर्यावरण का प्रश्न पत्र अलग-अलग सेमेस्टर में पढ़ना होगा। बी.कॉम और कम्प्यूटर विभाग के प्रश्न निर्धारित हैं लेकिन कला संकाय, विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र चयन की सुविधा है।

डॉ. श्रीवास्तव ने प्राध्यापक और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रत्येक कोर्स के विद्यार्थी को उसके सम्बंधित उद्योग, कारखाना, शिक्षण संस्थाओं में शैक्षिक भ्रमण, इन्टर्नशिप और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराना होगा। यूनिट टेस्ट के साथ प्रत्येक प्रश्न पत्र के अंक निर्धारित हैं। प्रायोगिक विषयों में आंतरिक और वाह्य मूल्यांकन की सुविधा है। विद्यार्थियों को अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अवसर मिलेंगे। कौशल विकास और दक्षता के विभिन्न पाठ्यक्रम होंगे। उन्होंने बताया कि विदेशी और दूसरी भाषाओं के अध्ययन की व्यवस्था है जो सुविधानुसार उपलब्ध करायी जायेगी।

कार्यशाला के दौरान कला एवं समाजकार्य विभाग के अध्यक्ष डॉ. आर.एन. शर्मा, लाईफ साईंस विभाग के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, फिजीकल साईंस विभाग के अध्यक्ष शैलेष देवांगन, शिक्षा विभाग के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार गुप्ता तथा सभी प्राध्यापक उपस्थित रहे।

चैतन्य की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस ने की बड़ी बैठक, 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ में आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियों पर सीधा हमला बोला है। कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी और चक्काजाम का ऐलान किया है।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई हाईलेवल बैठक और उसके बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। दीपक बैज ने प्रेस से कहा – “यह गिरफ्तारी नहीं, लोकतंत्र की गिरफ्तारी है।” दीपक बैज ने कहा कि  22 जुलाई को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी किया जायेगा। सभी प्रमुख सड़कों पर चक्का जाम करेंगे। प्रदेश की खनिज संसाधनों को लूटने नहीं दिया जायेगा।

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि कांग्रेस के सभी नेता एक साथ है। हम सभी लोग भूपेश भाई के परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में लगातार प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि योग के नाम पर 1 साल में ही 11 करोड़ रु बीजेपी सरकार ने खर्च किया है। हमारी सरकार ने 5 साल में साढ़े 4 करोड़ खर्च किया था। इसमें भ्रष्टाचार दूर से दिखाई देता है, इस तरह के सभी भ्रष्टाचार के खिलाफ आने वाले समय में आंदोलन करें।

भूपेश बघेल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि तमनार के जंगलों की कटाई के खिलाफ कल विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी थी, लेकिन उसी दिन ईडी ने उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। “न कभी समन आया, न पूछताछ हुई। सीधे पकड़ लिया गया,” उन्होंने कहा।

भूपेश बघेल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा – “हसदेव जंगल हो या बैलाडीला की खदान, केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ को अडानी को सौंपना चाहती है। ये गिरफ्तारी भी उसी साजिश का हिस्सा है। लेकिन हम न डरेंगे, न झुकेंगे। मेरा बेटा भी मजबूत है। गांधी परिवार की तरह हम भी लड़ेंगे।”

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस का कहना है कि अब लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ी जाएगी। 22 जुलाई को पूरे प्रदेश में चक्काजाम और आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी।

बस एक्सीडेंट: छत्तीसगढ़ में यात्रियों से भरी बस पुल से टकरायी, एक की मौत, कई यात्री घायल

कांकेर- नेशनल हाईवे-30 पर आज दोपहर एक दर्दनाक हादसा हो गया। रायपुर से जगदलपुर जा रही पायल यात्री बस दोपहर करीब 12:30 बजे एक पुल से जा टकराई। इस भीषण टक्कर में बस कंडक्टर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान, यात्रियों ने तोड़ी खिड़कियां

हादसे के समय बस में करीब 60 से 70 यात्री सवार थे। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कई यात्रियों ने खिड़कियां तोड़कर कूदकर जान बचाई। वहीं बस चालक ने खुद को बचाने के लिए बस से कूदकर अपनी जान बचाई। घायल यात्रियों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कुछ यात्रियों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलिस मौके पर, राहत कार्य जारी

हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। राहत और बचाव कार्य जारी है, और बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला जा रहा है।

महारानी अहिल्याबाई होलकर ने समाज में प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की अनुकरणीय व्यवस्था एवं उदाहरण प्रस्तुत किए – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-  पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण हेतु समर्पित रहा। वह इंदौर की न केवल महारानी थीं, बल्कि न्यायप्रिय, धार्मिक एवं निष्पक्ष प्रशासक भी थीं। उन्होंने देशभर में धार्मिक स्थलों एवं मंदिरों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के क्षेत्र में जो कार्य किए, वे आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायक हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में विश्व मांगल्य सभा द्वारा आयोजित पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित नाट्य मंचन समारोह में कही।

श्री साय ने आगे कहा कि हम सभी लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मना रहे हैं। इस अवसर पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरे देश एवं प्रदेश में उनकी स्मृति में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

सुशासन, सनातन और संस्कृति के लिए समर्पित लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित यह नाट्य प्रस्तुति लोगों तक उनके महान कृतित्व को पहुंचाने में सहायक होगी। राजमाता अहिल्याबाई होलकर हमारे गौरवशाली इतिहास की महान प्रेरणापुंज हैं। उनके जीवन चरित्र से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को साकार किया। तीन दशकों तक उन्होंने होलकर राजवंश का नेतृत्व किया। उन्होंने प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की अनुकरणीय व्यवस्था प्रदान की। दक्षिण में कांची, उत्तर में बद्रीनाथ, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारका तक, हर स्थान पर उनके पुण्य कार्यों की छाप मिलती है। वे इंदौर की महारानी थीं, परंतु उन्होंने अपने को किसी भौगोलिक सीमा में नहीं बाँधा। देश के विभिन्न हिस्सों में उन्होंने मंदिरों का निर्माण, धर्मशालाओं की स्थापना की और धर्म की पताका सदैव लहराई।

वह सनातन की ध्वजवाहिका रहीं। जब महारानी अहिल्याबाई का नाम आता है तो हाथों में शिवलिंग लिए हुए उनकी तस्वीर सजीव हो उठती है। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना के प्रतीक काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट किया, तब यह घटना हिंदू समाज के लिए अत्यंत आघातकारी थी। उस समय माता जीजाबाई ने शिवाजी महाराज से कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हमारा सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए। पेशवा माधवराव ने भी अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी इच्छा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर फिर से बने। यह यशस्वी कार्य राजमाता अहिल्याबाई होलकर के कर-कमलों से संपन्न हुआ।

उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर लाखों आस्थावान हिंदुओं के सपनों को साकार किया। वे हरिद्वार से गंगाजल मंगवाकर उसे कांचीपुरम के शिव मंदिर में अर्पित करवाती थीं। उन्होंने पुरी में धर्मशाला तथा द्वारका में भी धार्मिक निर्माण कार्य करवाए। जिस प्रकार आदि शंकराचार्य जी ने सनातन परंपरा को जोड़ते हुए चार धाम की स्थापना की, उसी परंपरा में राजमाता अहिल्याबाई होलकर जी ने भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस अवसर पर जगदलपुर विधायक किरण देव साय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रस्तावना विश्व मांगल्य सभा की निकिता ताई द्वारा प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष एवं जगदलपुर विधायक किरण देव साय, अजय जामवाल, पवन साय सहित बड़ी संख्या में विधायकगण, सांसदगण, निगम-मंडल-आयोग के अध्यक्षगण, जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा ने की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से की मुलाकात

रायपुर- छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाएं अब आकाश को छूएंगी। राज्य के खिलाड़ी प्रारंभिक स्तर से ही आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दक्ष बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी एवं स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री बिंद्रा का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने श्री बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने संबंधी योजनाओं पर गहन चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रदेश के युवाओं में खेलों के प्रति स्वाभाविक रुचि एवं नैसर्गिक प्रतिभा है, विशेषकर आदिवासी अंचलों के युवाओं में अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस परिप्रेक्ष्य में श्री बिंद्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वे छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की खेल प्रतिभाओं को निखारने में ये प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।

चर्चा के दौरान श्री बिंद्रा ने बताया कि वे अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में खिलाड़ियों को आगे लाने के लिए विविध कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि फाउंडेशन द्वारा खेलहित में संचालित ये कार्यक्रम निःशुल्क होते हैं, जिससे खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी फाउंडेशन के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने के सम्बन्ध में चर्चा की।

श्री बिंद्रा ने जानकारी दी कि ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में ओलंपिक मूल्यों का विकास किया जाएगा। उन्हें उत्कृष्टता, सम्मान और मैत्री जैसे मूल्यों को अपनाने हेतु प्रेरित किया जाएगा, जिससे प्रारंभिक अवस्था से ही खेल प्रतिभाओं का संवर्धन संभव हो सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय को श्री बिंद्रा ने अवगत कराया कि स्पोर्ट्स इंजरी खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी कार्यक्रम के अंतर्गत खिलाड़ियों को निःशुल्क सर्जरी, पुनर्वास एवं उपचार उपरांत देखभाल की संपूर्ण सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि वे स्वस्थ होकर पुनः खेल क्षेत्र में सक्रीय हो सकें। इस हेतु फाउंडेशन के साथ देश के 30 उत्कृष्ट चिकित्सकों का नेटवर्क कार्यरत है, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री को श्री बिंद्रा ने बताया कि वर्तमान खेल परिदृश्य पूर्णतः विज्ञान-आधारित हो गया है। अतः वे छत्तीसगढ़ में स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं, जिससे आधुनिक एवं वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा सके। नवीनतम तकनीकों की सहायता से प्रतिभाओं की पहचान वैज्ञानिक तरीके से की जा सकेगी तथा टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके कौशल को समुचित रूप से विकसित किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान कर रही है। विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के युवाओं में तीरंदाजी का प्राकृतिक कौशल है। इस प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु रायपुर एवं जशपुर में एनटीपीसी के सहयोग से 60 करोड़ रुपये की लागत से आर्चरी अकादमी की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार बस्तर में आयोजित बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये एवं कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की घोषणा की गई है।

इस अवसर पर खेल मंत्री टंकराम वर्मा, छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, खेल विभाग के सचिव यशवंत कुमार, संचालक तनुजा सलाम, डॉ. दिगपाल राणावत सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बलौदाबाजार- बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिनमें तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति, नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने और शासकीय मोबाइल प्रदान करने जैसे कई प्रमुख मांगें हैं।

कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने यह भी कहा कि पहले हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे पहले भी हमने शासन से मांग की थी जिस पर ध्यान नही दिया गया है इसलिए पुनः मांग किया जा रहा है जिसमें 21 से 26 जुलाई तक संसाधन बहिष्कार, 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामुहिक अवकाश, 29 जुलाई को संभाग स्तर पर व 30 जुलाई को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन यदि इसके बाद भी हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो फिर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन देने वाले में पूरे जिले से तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

यह है 17 सूत्रीय मांग

1. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना

सभी तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, WBN, KGO, नायब नाज़िर, माल जमादार, भृत्य, वाहन चालक, आदेशिका वाहक, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। यदि संभव न हो तो संबंधित तहसील को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए।

2. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया

सीधी भर्ती और पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 रखा जाए और पूर्व में की गई घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।

3. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने की मांग

इस आशय की पूर्व घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।

4. ग्रेड पे में शीघ्र सुधार

तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार को शीघ्र किया जाए।

5. शासकीय वाहन की उपलब्धता

सभी तहसीलों में कार्यवाही, प्रोटोकॉल एवं लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी हेतु शासकीय वाहन व चालक की व्यवस्था हो या वाहन भत्ता प्रदान किया जाए।

6. निलंबन से बहाली

बिना वैध प्रक्रिया, नियमित आदेश या अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए।

7. न्यायालयीन प्रकरणों में आदेशों का पालन

न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया जाए।

8. न्यायालयीन आदेशों पर FIR नहीं

न्यायाधीश प्रोटेक्शन act 1985 के सन्दर्भ मे शासन द्वारा जारी आदेश 2024 का कड़ाई से पालन किया जाए। हर वो मामला जिसमे अपील का प्रावधान सहिता में निहित हैं तो किसी भी अन्य न्यायालय में परिवाद पेश ना कि जा सके। जिससे FIR कि स्थिति ना बने (केवल न्यायालयीन प्रकरण के सन्दर्भ में)।

9. कोर्ट में उपस्थिति व्यवस्था

न्यायालयीन कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए।

10. लैबोरेटरी भुगतान एवं ऑफर

आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति के लिए तहसीलदार को अधिकृत किया जाए।

11. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति

Agristack, स्वामित्व योजना, e-Court, भू-अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाए।

12. SLR/ASLR की बहाली

तहसीलदारों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए SLR/ASLR को पुनः भू- अभिलेखीय कार्यों हेतु बहाल किया जाए।

13. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता

TI की भांति पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस प्रदान किया जाए.

14. राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सुरक्षाकर्मी

जाए. प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी की तैनाती एवं फील्ड भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराया।

15. सड़क दुर्घटना मुआवजा की व्यवस्था

सड़क दुर्घटना में तहसीलदारों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि ₹25000 तत्काल मौके पर देने की मांग आती है। परंतु तत्काल में राशि उपलब्ध नहो होती है. उक्त राशि मौके पर दिए जाने के संबंध में शासन से स्पस्ट गाइडलाइन्स जारी हो। इसके अलावा भी अन्य कई घटनाओं में तहसीलदारों से ही मौके पर मुआवजा राशि की अपेक्षा की जाती है। उसके सम्बन्ध में भी गाइडलाइन्स स्पष्ट जारी हो।

16. संघ की सिद्धांत

प्रदेश के समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार संघ के सदस्य है। अतः शासन के समक्ष मांगें प्रस्तुत करने व समाधान के लिए वार्ता एवं पत्राचार में संघ को की मान्यता दी जाए।

17. विशेषज्ञ कमिटी का गठन 

प्रदेश में राजस्व न्यायालय के संदर्भ में सलाह व अपनी समस्याओं को प्रस्तुत किये जाने हेतु राजस्व न्यायालय सुदृढ़ीकरण तहत विशेषज्ञ कमिटी/परिषद का गठन किया जाए।

5 दिन की ईडी रिमांड पर रहेंगे चैतन्य बघेल, शराब घोटाले को लेकर होगी पूछताछ

रायपुर- रायपुर से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ईडी ने गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया। यहां सुनवाई के बाद कोर्ट से चैतन्य बघेल को पूछताछ के लिए ईडी ने 5 दिन की रिमांड पर लिया है। आपको बता दे आज चैतन्य बघेल का जन्मदिन के बीच सुबह के वक्त ईडी ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास में रेड किया। छापामार कार्रवाई के बाद ईडी के अफसरों ने चैतन्य बघेल को हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया।

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय के एक्शन के बाद एक बार फिर सूबे की राजनीति गरमा गयी है। आज विधानसभा के आखिरी दिन ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास में सुबह के वक्त रेड की कार्रवाई की। ईडी की छापामार कार्रवाई के दौरान ही बघेल के आवास के आसपास के क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। उधर ईडी की कार्रवाई के दौरान ही भूपेश बघेल विधानसभा के लिए रवाना हो गये थे। इसी बीच ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हिरासत में लेकर रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पहुंची।

बताया जा रहा है कि शराब घोटाला मामले में ईडी ने चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी कर उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में सुनवाई के बाद चैतन्य बघेल को पूछताछ के लिए 5 दिन के रिमांड पर ईडी के सुपुर्द किया गया है। उधर चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही विधानसभा सत्र के बीच नेता प्रतिपक्ष डाॅ.चरणदास महंत सहित कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाॅक आउट कर दिया। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर युवा कांग्रेस और कांग्रेस के कार्यकर्ता जमकर प्रदर्शन कर विरोध जता रहे है। मौके की नजाकत को देखते हुए कोर्ट परिसर के साथ ही ईडी कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गयी है।