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68वीं यूपी पुलिस तकनीकी प्रतियोगिता संपन्न, मेरठ व लखनऊ जोन ने मारी बाजी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस की 68वीं वार्षिक प्रतियोगिता 2025 का शुक्रवार को सफल समापन हो गया। यह प्रतियोगिता 15 से 18 जुलाई के बीच लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन और सुरक्षा मुख्यालय में आयोजित की गई थी। आयोजन में प्रदेश के 12 जोन की पुलिस टीमों ने भाग लिया।इस प्रतियोगिता में वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, श्वान दल (डॉग स्क्वॉड), कम्प्यूटर व एंटी-सैबोटाज जैसी तकनीकी स्पर्धाएं कराई गईं। मेरठ और लखनऊ जोन ने कई श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन करते हुए पुरस्कार जीते।

मुख्य विजेता रहे

-वैज्ञानिक अनुसंधान: मेरठ जोन (चैंपियन), प्रयागराज जोन (रनर-अप)
-फोटोग्राफी: मेरठ जोन (दोनों टीमों ने प्रथम और द्वितीय स्थान)
-कंप्यूटर: PAC पश्चिमी जोन (चैंपियन), PAC पूर्वी जोन (रनर-अप)
-एंटी-सैबोटाज चेक: लखनऊ जोन (चैंपियन), बरेली जोन (रनर-अप)
-वीडियोग्राफी: मेरठ जोन (चैंपियन), लखनऊ जोन (रनर-अप)
-श्वान दल: लखनऊ जोन (चैंपियन), बरेली जोन (रनर-अप)
-पूरे आयोजन के दौरान किसी तरह की कोई अव्यवस्था नहीं हुई, जिससे कार्यक्रम का सफल संचालन सुनिश्चित हो सका।

समापन समारोह में मौजूद ये अधिकारी

समापन समारोह में अपर पुलिस महानिदेशक सुजीत पाण्डेय, लखनऊ जोन, लखनऊ, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय कमिश्नरेट लखनऊ अमित वर्मा, डिप्टी डायरेक्टर विधि विज्ञान लखनऊ  जयंती प्रसाद एवं पुलिस उपायुक्त मुख्यालय एवं लाइन्स अनिल कुमार यादव, कमिश्नरेट लखनऊ, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन्स लखनऊ राजेश कुमार यादव, सहायक पुलिस आयुक्त लाइन्स लखनऊ ऋषभ रूनवाल, अपर पुलिस उपायुक्त अपराध  आर.वंसथ कुमार, अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय किरन यादव सहित अन्य गणमान्य अधिकारी और प्रतिभागी उपस्थित रहे। उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार की ओर से सभी का हार्दिक अभिनंदन और स्वागत किया गया।

अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन  ने विजेताओं को किया सम्मानित

समारोह में अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन सुजीत पाण्डेय विजेताओं को पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।  साथ ही कहा कि इस आयोजन का मकसद पुलिस बल में तकनीकी दक्षता, टीमवर्क और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है, जिससे अपराध जांच और कानून-व्यवस्था में सुधार हो सके। यह प्रतियोगिता हर साल यूपी पुलिस के भीतर पेशेवर क्षमताओं को निखारने के उद्देश्य से कराई जाती है।
सिंचाई विभाग के जेई ने ट्रेन से कटकर की आत्महत्या, जनिये क्या रहा कारण



लखनऊ । शाहजहांपुर में गुरुवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग में तैनात जूनियर इंजीनियर (जेई) संतोष कुमार का शव रेलवे ट्रैक पर मिला। शुरुआती जांच में सामने आया है कि संतोष ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की है। घटना शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन के पास की है।मूल रूप से रायबरेली जिले के मझिगवां करन गांव निवासी संतोष कुमार वर्तमान में नलकूप खंड, सिंचाई विभाग, शाहजहांपुर में तैनात थे। वे शादी के बाद अपनी ससुराल शाहजहांपुर में ही रहकर ड्यूटी कर रहे थे।

संतोष की शादी वर्ष 2019 में सरिता वर्मा से हुई थी

परिजनों के मुताबिक, आत्महत्या के पीछे किसी पारिवारिक तनाव की वजह नहीं दिख रही। मृतक के साले अमित ने बताया कि दो महीने पहले संतोष की अपने विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से कार्य के दबाव को लेकर कहासुनी हुई थी। इसके बाद से ही वह तनाव में रहने लगे थे, हालांकि उन्होंने किसी भी तरह की विभागीय कार्रवाई से इनकार किया था।अमित के अनुसार, संतोष की शादी वर्ष 2019 में सरिता वर्मा से हुई थी। सरिता वर्तमान में सीतापुर जिले के महोली क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। वह किराये के मकान में अपने ससुर और दो बेटियों—चार वर्षीय ट्विंकल और ढाई वर्षीय गौरी के साथ रहती हैं।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। जीआरपी थाना प्रभारी रेहान अली ने बताया कि सुबह करीब साढ़े आठ बजे ट्रेन से कटकर एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिजनों की तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिवार द्वारा रायबरेली ले जाया गया है। फिलहाल आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है।
सराफ का डेढ़ करोड़ का सोना लेकर महिला फरार
लखनऊ । मुंबई के सराफ कारोबारी शिवाजी कुंडलीक मोहितो से उन्हीं के यहां काम करने वाली महिला सुमन त्रियान ने डेढ़ करोड़ का सोना हड़प लिया है। सराफ सोना की मांग की तो अब डराया धमकाया जा रहा है। ऐसे में सराफ कारोबारी में पुलिस आयुक्त से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सराफ चौक में साले की दुकान पर महिला के साथ आए थे 

घटना जनवरी 2024 की है, जब शिवाजी अपनी साले की दुकान शिवाजी बुलियन, चौक सर्राफा मार्केट लखनऊ में मौजूद थे। उनके साथ उनकी कर्मचारी सुमन त्रियान भी थी, जो बीते एक साल से उनके साथ काम कर रही थी। अचानक सुमन ने मायके में किसी जरूरी काम का हवाला देकर जाने की अनुमति मांगी और सोने से भरा बैग लेकर चली गई। कुछ देर बाद जब व्यापारी ने बैग न मिलने की बात महसूस की तो फोन पर संपर्क किया। शुरू में सुमन ने गलती से बैग साथ ले जाने और लौटाने की बात कही, लेकिन फिर उसका फोन बंद हो गया।

डेढ़ साल से सोना लाैटाने का दे रहे आश्वासन

परेशान शिवाजी जब सुमन के घर और मायके पहुंचे तो वहां की कहानी और भी उलझी हुई निकली। सुमन के परिजनों मां लक्ष्मी देवी, बहन प्रेमा व भाई धर्मेंद्र ने पहले तो जल्द सोना लौटाने का आश्वासन दिया, लेकिन धीरे-धीरे बात टालने लगे। डेढ़ साल तक भरोसे का दायरा टूटा नहीं, पर जब व्यापारी ने दबाव बनाया तो कथित रूप से उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने और जान से मारने की धमकी दी जाने लगी।

चौक थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई

परेशान होकर शिवाजी ने आखिरकार पुलिस आयुक्त से मिलकर पूरे घटनाक्रम की शिकायत की। शुरुआती जांच में मामला सही पाए जाने के बाद चौक थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इंस्पेक्टर नागेश उपाध्याय ने बताया कि प्रकरण की जांच उपनिरीक्षक पंकज कुमार को सौंपी गई है।
मड़ियांव में  बंधक बनाकर किशोरी के साथ किया दुष्कर्म
राजधानी के मड़ियांव थानाक्षेत्र में एक किशोरी को बंधक बनाकर किशोर द्वारा दुष्कर्म किया गया है। मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी। इस कार्य में किशोर की मां और चाची भी शामिल है। पूरे मामले को पुलिस ने गंभीरतापूर्वक से लेते हुए पीड़ित किशोरी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पंद्रह जुलाई की घटना, मां सोकर उठी तो बेटी गायब मिली

पुलिस की मुताबित पीड़िता की मां का कहना है कि 15 जुलाई को जब वह सुबह सोकर जगी तो उनकी बेटी घर से गायब थी। आसपास लोगों से पता किया तो पता चला कि गांव के ही एक किशोर के साथ गई है। किशोर के घर गई तो वहां पर उनकी बेटी नहीं मिली। यहां पता चला कि किशोर उनकी बेटी को लेकर चाची के यहां गया है। वहां जाने पर पता चला कि किशोर और उसकी मां उनकी बेटी को लेकर इंटौजा गए है।

किशोरी मां को बदहवास हालत में इटौंजा मिली

इटौंजा अपने परिजनों के साथ पहुंची तो वहां उनकी बेटी चौराहे के पास बदहवास हालत में मिली। किशोरी ने परिजनों से बताया कि किशोर ने अपने चाची के घर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। इसका उसके द्वारा विरोध किया गया तो किशोर की मां उसे लेकर इटौंजा पहुंची और सौ रूपये देकर कहां की मुंह न खोलना । किशोर और उसकी मां यहीं उसे छोड़कर भाग गए। प्रभारी निरीक्षक शिवानंद मिश्रा का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
फर्जी एसओजी बनकर करते थे निवेश के नाम पर ठगी, चार गिरफ्तार

लखनऊ । पूर्वी जोन क्राइम टीम और गोमतीनगर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए निवेश के नाम पर लोगों से पैसा हड़पने वाले एक शातिर गैंग का भंडाफोड़ किया है। आरोपी खुद को फर्जी SOG टीम सदस्य बताकर आम लोगों से धोखाधड़ी करते थे। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से फर्जी करेंसी, नकद रकम और अवैध तमंचा बरामद किया है।

30 बंडल "चिल्ड्रन बैंक" के 500-500 के नकली नोट बरामद

गिरफ्तार अभियुक्तों में लखनऊ, संत कबीर नगर, महाराजगंज और बिहार के निवासी शामिल हैं। इनके पास से 30 बंडल "चिल्ड्रन बैंक" के 500-500 के नकली नोट, 8 बंडल जिनमें ऊपर असली नोट और अंदर फर्जी नोट थे, 30,000 रुपये असली नकद, एक देसी तमंचा और जिंदा कारतूस, और फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बरामद किए गए।

ये खुद को पुलिस का अधिकारी बताकर जीतते थे भरोसा

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त का नाम विशाल कुमार (लखनऊ), रामबहादुर (संत कबीर नगर), रामप्रसाद (महाराजगंज), अंजनी कुमार (समस्तीपुर, बिहार) है।  पुलिस का कहना है कि इन अपराधियों का नेटवर्क और अन्य आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। इस गिरोह की कार्यशैली बेहद शातिराना थी और ये खुद को पुलिस अधिकारी बताकर भरोसा जीतते थे।

इन अभियुक्तों के खिलाफ 16 को आइसक्रीम विक्रेता ने दर्ज कराई थी शिकायत

डीसीपी ने बताया कि 16 जुलाई को आइसक्रीम का ठेला लगाने वाले राजकुमार ने इनके खिलाफ सूचना गोमतीनगर को दी गई थी। इनके द्वारा बताया गया था कि इनका कुछ दिन पहले कुछ लोगों से संपर्क हुआ था, जिन्होंने पैसा डबल करने के लिए एक निवेश स्कीम बताया था। अभियुक्तों द्वारा बताया कि था कि अगर निवेश के लिए पैसा डालेंगे तो कुछ दिन में वह पैसा डबल कर दिया जाएगा। साथ ही वह पैसा किश्तों में मिलता रहेगा। इसी क्रम में राजकुमार द्वारा कुछ पैसा अभियुक्तों को दिया गया था। जब दूसरी बार जब अभियुक्त मिलने आये तो जो पैसा डबल करना था उसे देने और निवेश के लिए कुछ और पैसा लेने आये थे।

तीन टीमें इनकी तलाश में लगी हुई थी

गिरोह ने बड़े षडयंत तरीके से काम कर रहा था। रिर्टन का पूरा पैसा जहां रखे थे वह पूरा नकली नोट था, बस उसके ऊपर बस एक -एक नोट पांच सौ के असली थे। जब पैसा रिर्टन करने पहुंचे तो इनके बाकी साथ खुद को एसओजी पुलिस बताकर मौके पर पहुंचे और अपने ही साथियों को तथा कठित गिरफ्तार कर जो भी उनके पास माल होता है उसे अपने कब्जे में ले लेते है। इसके बाद वहां से फरार हो जाते है। पुलिस को यह सूचना मिलने पर तीन टीमें गठित की गई थी, जो इनकी तलाश जुटीं थी, इसी क्रम में आज चार लोगों की गिरफ्तारी की गई है।

पहले इसी तरह के प्रकरण में जेल जा चुका है अंजनी कुमार

अभियुक्त अंजनी इसी प्रकार के प्रकरण में इसी साल अयोध्या से जेल जा चुका है। पूछताछ में बताया कि ये लोग निवेश के लिए भोले भाले लोगों को पकड़ते है। फिर उनसे पैसा लेते है,इसके बाद फर्जी एसओजी बनकर पुलिस बताते हुए वह पैसा हड़प लेते है। इनके द्वारा कितनी घटनाओं को अंजाम दिया गया है, इसके बारे में पता किया जा रहा है। गिरफ्तार करने वाली टीम को दस हजार को पुरस्कार दिया जाता है।
उड़ीसा से यूपी लाया जा रहा था एक करोड़ा का गांजा, एसटीएफ ने रास्ते में दबोचा

लखनऊ । उत्तर प्रदेश एसटीएफ को मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। उड़ीसा से गांजा लेकर आ रहे चार तस्करों को रायबरेली के गुरुबक्सगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से 101 किलोग्राम अवैध गांजा बरामद हुआ है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई एसटीएफ लखनऊ की टीम ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से की।

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम व पता

किशोर कुमार मेहर पुत्र बीरा मणी मेहर निवासी थाना पट्टीपड़ा भगप्लाट, जनपद-सोनपुर उड़ीसा , तुषार महापात्रा पुत्र बद्री प्रसाद महापात्रा निवासी घोडाघाटपड़ा, थाना कोतवाली नगर, जनपद सोनपुर, उडीसा, मानस महापात्रा पुत्र टीटू महापात्रा निवासी मुंडीपडर थाना मनमुन्डा, जनपद बौध उडीसा, कम्पल बगरती पुत्र अकुरा बगरती निवासी बरीगाँव, थाना उलुण्डा, जनपद सोनपुर उड़ीसा है। इनके कब्जे से 101 किलो गांजा, दो कार, चार मोबाइल, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक डीएल, 4880 रुपये नकद बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से तस्करी की मिल रही थी जानकारी

एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी दिनों से मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले तस्करों के सक्रिय होने की सूचनाए प्राप्त हो रहीं थी। इसी सबंध में एसटीएफ की एक टीम इनकी तलाश में लगी हुई थी। बुधवार को एसटीएफ टीम जनपद रायबरेली में भ्रमणशील थी। इस दौरान सूचना प्राप्त हुई कि उड़ीसा राज्य से एक वाहन में अवैध मादक पदार्थ (गांजा) छिपाकर प्रयागराज के रास्ते उन्नाव जा रहा है। इस सूचना पर निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में में गठित टीम द्वारा क्षेत्राधिकारी, लालगंज, जनपद रायबरेली को साथ लेकर एनडीपीएस एक्ट के प्राविधानों के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई करते हुए मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।

यूपी के विभिन्न जनपदों में महंगे दामों पर गांजा करते थे सप्लाई

गिरफ्तार अभियुक्त किशोर कुमार मेहर ने पूछताछ में बताया कि उसका संगठित गिरोह है, जो उड़ीसा राज्य से कम दामों में गांजा खरीदकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ऊचें दामों पर सप्लाई करता है। इस गिरोह का सरगना यह स्वयं है एवं तुषार, मानस व कम्पल उपरोक्त इसके मुख्य सहयोगी है। इस बार उड़ीसा से गांजा खरीदकर प्रयागराज होते हुए उन्नाव में किसी को देने के लिए जा रहा था।

तीन हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रहे थे गांजा

पूछताछ के दौरान तस्करों ने बताया कि फतेहपुर रेलवे स्टेशन के पास सोनू सिंह नाम के व्यक्ति को 30 हजार रूपये प्रति किग्रा के हिसाब से देना था। इसके पूर्व में वर्ष 2021 में जबलपुर मध्य प्रदेश से गांजा तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना गुरूबक्स गंज रायबरेली में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

"महिला सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग सख्त: 15 दिन में वाहन चालकों की पहचान सार्वजनिक करना अनिवार्य"

लखनऊ। महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। स्थानीय स्तर पर चलने वाले ई-रिक्शा, ऑटो, टैम्पो, ओला, ऊबर व रैपिडो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों के संचालन को और अधिक जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से विभाग ने एक सख्त निर्देश जारी किया है। अब इन वाहनों के पीछे ड्राइवर की पहचान संबंधी पूरी जानकारी  नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर  स्पष्ट रूप से अंकित करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए 15 दिन की समय-सीमा दी गई है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के पत्र पर परिवहन विभाग ने जारी किया निर्देश

जानकारी के लिए बता दें पिछले दिनों राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने राजधानी में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को देखते हुए लोकल परिवहन साधनों में महिला सुरक्षा को पुख्ता और अभेद्य बनाने के मद्देनजर परिवहन विभाग मुख्यालय को एक पत्र लिखकर प्रेषित किया था जिसमें उक्त सुझाव दिया गया है। इसके आलोक में परिवहन आयुक्त बीएन सिंह ने इसका त्वरित रूप से संज्ञान लेते हुए सभी स्थानीय परिवहन कार्यालयों को आदेश जारी कर दिया है कि उक्त व्यवस्था का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा में अवश्य करा ली जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।

महिलाओं के साथ होनी वाली घटनाओं को देखते हुए उठाया जा रहा यह कदम

गौर हो कि प्रदेश के प्रमुख शहरों के अलावा पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में भी कुछेक ऐसी हैरान करने वाली घटनायें घटित हुई जिसमें उपरोक्त श्रेणी के वाहन चालकों ने अपने गाड़ी में सवार महिला यात्री को अकेले पाकर उसके साथ कोई न कोई अनापेक्षित वारदात को अंजाम दे दिया था।ऐसे में महिला आयोग द्वारा उठाया गया यह  मुद्दा और परिवहन आयुक्त के स्तर से त्वरित गति से उठाया गया कदम लोकल परिवहन साधनों में महिलाओं की सुरक्षा को और बेहतर और जवाबदेह बनाने में साबित हो सकता है।

वाहन संचालकों और स्वामियों को दिया 15 दिनों का समय

इसी क्रम में लखनऊ एआरटीओ प्रवर्तन राजीव बंसल ने बताया कि उपरोक्त आदेश के तहत अब जनपद में ऐसे वाहन संचालकों और स्वामियों को 15 दिनों का तय समय दिया गया है, यह समय सीमा पार होने पर संबंधित के खिलाफ एमवी एक्ट के तहत प्रभावी कार्रवाई की जायेगी। इसलिए अभियान चलाकर इसको लागू कराया जाए।

लखनऊ में मां ने प्रेमी के साथ मिलकर मासूम बेटी की कर दी हत्या, पुलिस ने 24 घंटे में किया सनसनीखेज खुलासा

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी  के कैसरबाग इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी ही 5 साल की मासूम बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद महिला ने अपने पति पर ही हत्या का झूठा आरोप लगाकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन लखनऊ पुलिस की तेज़ और सटीक जांच से महज़ 24 घंटे में पूरे मामले का खुलासा हो गया।

इस तरह घटना का हुआ खुलासा

प्रभारी निरीक्षक अंजनी कुमार मिश्र ने 15 जुलाई को कैसरबाग थाने पर नाज उर्फ रोशनी खान, पत्नी मोहम्मद शाहरूख, निवासी खन्दारी बाजार, लालबाग, लखनऊ ने तहरीर दी कि उसके पति ने उनकी 5 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी है। तहरीर प्राप्त होते ही पुलिस हरकत में आयी और सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज और वैज्ञानिक साक्ष्यों का गहन अवलोकन किया औ मुखबिरान द्वारा दिये गये सूचना के आधार पर घटना की गहनता जांच करते हुए घटनाक्रम को कड़ियों को जोड़ने पर शक होने पर पुनः वादिनी मुकदमा व अभियुक्त व उसके पुरूष मित्र से कड़ाई से विस्तृत पू्छतांछ की गई तो दोनों द्वारा अपना जुर्म स्वीकार कर करते हुये माफी मांगने लगे।

बच्ची के सो जाने पर रोशनी से मिलने पहुंचा प्रेमी

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि रोशनी खान और उसके प्रेमी उदित जायसवाल से अलग अलग पुनः गहन पूछताछ की गई तो दोनों ने अपने बयानों में बताया कि दोनों एक दूसरे से प्रेम करते है तथा छिप छिपाकर मौका पाकर एक दूसरे से मिलते रहते है। रोशनी ने रविवार को ब्लूट़थ स्पीकर गायब करने पर बेटी सोना को खूब पीटा। इसके बाद वह अपने कमरे में जाकर सो गई। बेटी के सोने पर रोशनी ने प्रेमी उदित से शराब और मीट लेकर आने को कहा। रोशनी के घर पहुंचा और फिर दोनों ने मिलकर पार्टी की।

दोनों को अपत्तिजनक हालत में देख ली थी बच्ची

बेटी अचानक जग गयी और दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया और इसकी शिकायतकर अपने पापा से सारी बात बताने को कहने लगी, जिससे वादिनी मुकदमा व उसका पुरूष मित्र उदित जायसवाल गुस्से में आ गए, अपने इस गलत कृत्य को छिपाने के लिए प्लान किया कि बच्ची को मार देते हैं और पिता शाहरूख को फंसा देंगे। और बेटी को जान से मार दिया।

बच्ची के शव को ठिकाने लगाने के लिए कई जगह की रेकी

बच्ची की हत्या के बाद दोनों शव को ठिकाने लगाने के लिए कई जगहों की रेकी की, पंरतु मौका न मिलने और पुलिस द्वारा पकड़ लिये जाने के भय से लाश को ठिकाने नहीं लगा सके, इसी क्रम में वादिनी मुकदमा व अभियुक्त और उसका पुरूष मित्र एक होटल में साथ साथ रुके। होटल से बाहर आकर वादिनी मुकदमा ने अभियोग पंजीकृत कराने के लिए हत्या की तहरीर अपने पति के खिलाफ नामजद थाने में आकर दी।

प्रेमी निकला रोशनी के पति का पुराना दोस्त

उदित के गिरफ्तार होने के बाद जब शाहरूख थाने पहुंचा तो उसके होश ही उड़ गए। चूंकि उसकी पत्नी रोशनी का प्रेमी उसका सबसे पुराना दोस्त निकला। दोनों अापस में प्रेम करते हैं और चोरी छिपे मिलते है, इस बात की उसे भनक तक नहीं लग पायी। चूंकि शाहरूख के साथ जब उदित  उसके घर आता जाता  रहा तब रोशनी उसे चाचा कहकर पुकारती थी। चाचा कब प्रेमी बन गया इसकी उसे भनक तक नहीं लगी। अब जब दोनों थाने में आमने सामने हुए तो उदित भी शर्म के मारे कुछ बोल नहीं पाया, बस केवल सॉरी बोला।

रोशनी और उदित दोनों हो गए थे नशे के आदी

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि रोशनी और उदित दोनों नशे के लती हो गए है, ये दोनों शराब के अलावा नशे का इंजेक्शन भी लेते रहे है। रोशनी के नशा करने से पति शाहरूख भी परेशान था। इसलिए रोशनी ने उदित की तरफ खिचती चली गई। शाहरूख से छुटकारा पाने के लिए अलग जाकर रहने लगी। शाहरूख भी बहुत डर के उसके पास जाता था। नशे की लत ने रोशनी और उदित को कातिल बना दिया। चूंकि जिस रात दोनों में बेटी को मौत के घाट उतारा था उस दिन रोशनी और उदित ने जमकर पार्टी की थी।
मुख्यमंत्री योगी की उपस्थिति में 19.99 करोड़ रुपये की परियोजना पर तीन वर्षों में होगा कार्यान्वयन
आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर यूपी और यूएनडीपी के बीच ऐतिहासिक समझौता


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुए इस समझौते के अंतर्गत राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को वैश्विक मानकों के अनुरूप तकनीकी रूप से सशक्त और समन्वित बनाया जाएगा।

यह साझेदारी अगले तीन वर्षों में 19.99 करोड़ रुपये की परियोजना के तहत लागू की जाएगी। समझौते के तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों और 15 प्रमुख विभागों के लिए विस्तृत आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार की जाएंगी। साथ ही, 20 शहरी क्षेत्रों में संभावित आपदाओं का मूल्यांकन कर विशेष रणनीतियाँ बनाई जाएंगी। इस परियोजना के तहत राज्य में सूचना प्रणाली, प्रशिक्षण, आईसीटी उपकरण और परियोजना प्रबंधन यूनिट (पीएमयू) की तैनाती जैसे अनेक नवाचार भी प्रस्तावित हैं।

समझौते के दौरान यूएनडीपी की भारत प्रमुख एंजेला लुसीगी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट कर प्रदेश सरकार के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि यूएनडीपी राज्य सरकार को तकनीकी सहयोग, नीति निर्माण, योजना विकास और कार्यान्वयन तक हर स्तर पर सहायता प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि आपदा प्रबंधन अब प्रशासन की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि तकनीकी दक्षता, प्रशिक्षण और पूर्व तैयारी के समन्वय से ही आपदा से होने वाले नुकसान को न्यूनतम किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह साझेदारी उत्तर प्रदेश को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में सहायक होगी।

यह समझौता राज्य सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की संस्तुतियों के अनुरूप किया गया है, जिसमें यूएनडीपी को तकनीकी सहयोगी की भूमिका में अधिकृत किया गया है। यह परियोजना राज्य के आपदा प्रबंधन प्रयासों को नई दिशा देगी और जीवन, संपत्ति व अवसंरचना की रक्षा के लिए एक सशक्त रणनीति तैयार करेगी।
पीजीआई पुलिस की बड़ी सफलता: तीन शातिर वाहन चोर गिरफ्तार, 7 बाइक बरामद
लखनऊ । राजधानी के थाना पीजीआई पुलिस ने वाहन चोरी के बढ़ते मामलों पर प्रभावी कार्रवाई करते हुए शातिर चोरों के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो शहर के अलग-अलग इलाकों से बाइक चोरी कर उन्हें बेचने या पार्ट्स में तब्दील करने की योजना पर काम कर रहा था। पुलिस ने इस गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से कुल 7 चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। तीनों अभियुक्तों ने बताया कि वे पुराने दोस्त हैं और पैसे व शौक पूरे करने के लिए चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। चोरी की गई मोटरसाइकिलों को या तो बेचते थे या उनके पार्ट्स अलग कर देते थे।

चोरी की बाइकों को ठिकाने लगाने से पहले पुलिस ने दबोचा

गिरफ्तार अभियुक्तों में प्रिंस यादव, शैलेंद्र यादव और सूरज शामिल हैं।पुलिस टीम ने बरौली फ्लाईओवर के नीचे, उतरेठिया रेलवे स्टेशन के पास तीनों अभियुक्तों को उस वक्त पकड़ा जब वे चोरी की मोटरसाइकिलों को ठिकाने लगाने की फिराक में थे। अभियुक्तों की निशानदेही पर कुल 7 मोटरसाइकिलें बरामद की गईं, जिनमें से 4 मोटरसाइकिलें बिना खोली हुई थीं जबकि 3 मोटरसाइकिलें अलग-अलग पार्ट्स में खोली जा चुकी थीं। अभियुक्त प्रिंस व शैलेंद्र सिक्योरिटी गार्ड है और सूरज सेटरिंग का काम करता है। सूरज पर पीजीआई और उन्नाव में पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं।


इनके द्वारा इन घटनाओं को दिख गया था अंजाम

आठ जुलाई को कृष्ण कुमार शुक्ला ने थाना पीजीआई में सूचना दी कि सेक्टर 12 कहलोन के सामने से उनकी सुपर स्प्लेंडर बाइक चोरी हो गई है। 14 जुलाई को मंजूदेवी ने बताया कि उनका पुत्र शाहिद अपाचे बाइक लेकर शराब ठेके गया था, वहां से बाइक चोरी हो गई। इसी दिन अंकुर अवस्थी ने सेक्टर 12 स्थित सरदार के गेट के पास से फोनेक्स बाइक चोरी होने की सूचना दी। पुलिस ने तीनों घटनाओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए थाना पीजीआई में पुलिस टीम गठित की गई, जिसने टेक्निकल व मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों की पहचान व गिरफ्तारी सुनिश्चित की।थाना पीजीआई की टीम की इस सफल कार्रवाई पर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी ने टीम को 10,000 नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।