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जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेगी कांग्रेस? जानें जयराम रमेश ने क्या कहा

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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार महाभियोग लाने की तैयारी में है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद के मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा।

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, 'सरकार महाभियोग नहीं चला सकती। संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं। लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है।

जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थ करेगी कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा और उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 'हमें ऐसा करने के लिए बाध्य' कर दिया है।

न्यायमूर्ति शेखर यादव पर भी कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा, पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है।

क्या है जस्टिस वर्मा का कैश कांड

जस्टिस वर्मा के लुटियंस स्थित बंगले पर 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगी थी। इसे अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बुझाया था। घटना के वक्त जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। 21 मार्च को कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिला था। काफी नोट जल गए थे। 22 मार्च को सीजे आई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की इंटरनल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। पैनल ने 4 मई को CJI को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट के आधार पर ‘इन-हाउस प्रोसीजर’ के तहत CJI खन्ना ने सरकार से जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी। जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन थीं।

मोदी नहीं होते तो बीजेपी 150 सीट भी नहीं जीत पाती”, झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे का बड़ा बयान

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झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे अपने बेबाक बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे प्रधानमंत्री मोदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मोदी को बीजेपी की नहीं बल्कि बीजेपी को मोदी की जरूरत है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर मोदी हमारे नेता नहीं होते तो बीजेपी 150 सीट भी नहीं जीत पाती। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में निशिंकात दुबे ने ये बातें कहीं।

15-20 सालों तक मोदी ही नजर आ रहे-निशिंकात

एएनआई को दिए इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने कहा, मुझे 15-20 सालों तक मोदी ही नजर आ रहे हैं। अगर मोदी जी हमारे नेता नहीं हों तो भारतीय जनता पार्टी 150 सीट भी नहीं जीत पाएगी। निशिकांत दुबे ने सीएम योगी को लेकर दिए अपने बयान अभी योगी जी यूपी के सीएम हैं और दिल्ली में जगह खाली नहीं है, को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।

2029 का चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ना बीजेपी की मजबूरी-निशिकांत

बीजेपी सांसद से आगे सवाल पूछा गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कहते हैं कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए ? इस सवाल का जवाब देते हुए कि निशिंकात दुबे ने कहा कि साल 2029 चुनाव भी मोदी जी के नेतृत्व में लड़ना पड़ेगा, यह भारतीय जनता पार्टी की मजबूरी है। आज मोदी जी को भाजपा की आवश्यक्ता नहीं है। भाजपा को उनकी आवश्यक्ता है।

लगातार तीसरी बार बने पीएम

बता दें कि मोदी के नेतृत्व में 2014 में बीजेपी ने पहली बार देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। 2014 में बीजेपी ने 282 सीटें जीतीं। उसके बाद 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। 2019 में पार्टी ने 303 सीटें हासिल कीं थीं। हालांकि, 2024 में बीजेपी को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत (272) से कम थीं, लेकिन एनडीए गठबंधन (292 सीटें) के साथ मोदी ने तीसरी बार सरकार बनाई।

छत्तीसगढ़ में सियासी भूचाल, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बेटा चैतन्य गिरफ्तार, शराब घोटाले में ईडी का एक्शन

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। चैतन्य को शराब घोटाले मामले में गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी शुक्रवार सुबह भिलाई वाले घर पर हुई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम की छापेमारी के बाद हुई है।

ईडी ने शुक्रवार की सुबह रायपुर में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ शराब घोटाले को लेकर कार्रवाई की। भूपेश बघेल के आवास समेत कई ठिकानों पर रेड की गई। इस दौरान ईडी ने धरना घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए और चैतन्य बघेल से पूछताछ की। ईडी सूत्रों के मुताबिक कोई स्पष्ट जवाब ना मिलने के कारण चैतन्य कों हिरासत के लेकर पूछताछ करना बेहद जरूरी था जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी कर की गई।

ईडी की कार्रवाई पर भूपेश बघेल का पोस्ट

घर में चल रही ईडी की कार्रवाई के बीच पूर्व सीएम भूपेश बघेल विधानसभा के लिए रवाना हो गए थे। इससे पहले ईडी के घर पहुंचने पर भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट साझा कर जानकारी देते हुए लिखा था कि ईडी आ गई है। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अदाणी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में 'साहेब' ने ईडी भेज दी है।

राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा

ईडी की जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे। इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि कवासी लखमा, जो तत्कालीन आबकारी मंत्री थे, उन्हें इस घोटाले से हर महीने मोटी नकद रकम दी जाती थी। यह रकम घोटाले से होने वाली कमाई से दी जाती थी।

सुप्रिम कोर्ट पहुंचे जस्टिस यशवंत वर्मा, नकदी मामले में महाभियोग की सिफारिश को रद्द करने की मांग

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जस्टिस यशवंत वर्मा कैश मामले में अब नया मोड़ आ गया है। संसद में महाभियोग प्रक्रिया शुरू होने से पहले जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जस्टिस वर्मा ने अंतरिम जांच पैनल रिपोर्ट को चुनौती दी है। साथ ही जस्टिस वर्मा ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट को अमान्य करार दिया जाए।

दिल्ली में उनके सरकारी आवास से भारी मात्रा में जली हुई नकदी बरामद की गई थी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक आंतरिक समिति का गठन किया था, जिसने मामले की जांच की थी। जांच में उनके खिलाफ मजबूत सबूत पाए गए थे और उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही की सिफारिश की गई थी। अब जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद के मानसून सत्र में महाभियोग चलाने की तैयारी है। उससे पहले ही जस्टिस वर्मा ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

जस्टिस वर्मा ने कहा-पक्ष रखने का उचित मौका नहीं दिया

याचिका में जस्टिस वर्मा ने कहा है कि कमिटी ने उन्हें अपना पक्ष रखने का उचित मौका नहीं दिया। पूर्व निर्धारित सोच के आधार पर काम किया और अपना निष्कर्ष दे दिया। इस बात की जांच की जरूरत थी कि वह कैश किसका है? लेकिन कमिटी ने सही जांच करने की बजाय उनसे कहा कि वो साबित करें कि कैश उनका नहीं है।

पर्सनल हियरिंग के अनुरोध को ठुकराने का आरोप

बता दें कि सीजेआई (रिटायर्ड) संजीव खन्‍ना ने यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के प्रस्‍ताव को अनुमति दी थी। जस्टिस वर्मा ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि तत्‍कालीन सीजेआई खन्‍ना ने उनके पर्सनल हियरिंग के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था। जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका ऐसे समय में दायर की है, जब संसद के मानसून सत्र में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव लाने की पूरी तैयारी है।

क्या है मामला? 

14 मार्च 2025 की रात को दिल्ली हाईकोर्ट के उस समय जज रहे जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के एक स्टोर रूम में आग लगी थी। वहां कथित तौर पर उनके घर से बड़ी मात्रा में कैश मिला था। जस्टिस यशवंत वर्मा का दावा है कि स्टोर रूम में उन्होंने या उनके परिवार वालों ने कभी कैश नहीं रखा और उनके ख़िलाफ़ साजिश रची जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के तत्‍कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने मामले की जांच के लिए तीन जजों की कमिटी बनाई थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी ने भी नोट की मौजूदी को सही माना था।

रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, गुरुग्राम ज़मीन घोटाले में ईडी ने दाखिल की चार्जशीट

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कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वाड्रा के खिलाफ हरियाणा के शिकोहपुर में हुए जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है।ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून की धाराओं के तहत ये चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने मामले में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी संस्थाओं से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 43 संपत्तियां कुर्क की हैं।

आरोपपत्र के अनुसार वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में 7.5 करोड़ रुपए में 3.53 एकड़ ज़मीन खरीदी थी। जबकि परियोजना पूरी किए बिना ही उतनी ही ज़मीन 58 करोड़ रुपए में बेच दी गई। आरोपपत्र में रॉबर्ट वाड्रा को आरोपी बनाया गया है। उनके साथ ही इसमें और भी कई लोगों और कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। इस मामले में एजेंसी ने वाड्रा से 18 घंटे से ज़्यादा समय तक पूछताछ की। इसके साथ ही हरियाणा के कई अन्य कांग्रेस नेताओं से भी पूछताछ की गई। आरोपपत्र में उनके बयानों का ज़िक्र है।

क्या है वाड्रा पर आरोप

वाड्रा पर आरोप हैं कि उनसे जुड़ी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपsमें 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी. इस सौदे का म्यूटेशन भी असामान्य तरीके से कर दिया गया. आरोप है कि हरियाणा के तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने इस जमीन में से 2.70 एकड़ जमीन को कमर्शियल कॉलोनी के तौर पर डेवलप करने की इजाजत देते हुए रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को इसका लाइसेंस दिया था. आवासीय परियोजना का लाइसेंस मिलने के बाद जमीन की कीमत बढ़ गई. बाद में वाड्रा से जुड़ी कंपनी ने कंपनी ने ये जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी।

मामले का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था

आगे चलकर हुड्डा सरकार ने आवासीय परियोजना का लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि इस पूरी डील में कई अनियिमताएं की गई। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे से जुड़े मामले में केस दर्ज किया। आगे चलकर ईडी ने भी इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की। राबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले में हुई गड़बड़ी का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था।

क्या है पूरा मामला?

• 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने एक एफआईआर (नं. 288) दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83) में 3.53 एकड़ ज़मीन धोखाधड़ी से खरीदी थी। यह ज़मीन उन्होंने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से 12 फरवरी 2008 को खरीदी थी और इसमें झूठा दस्तावेज़ी बयान देने का आरोप है।

• आरोप ये भी है कि वाड्रा ने अपना निजी प्रभाव इस्तेमाल करके इस ज़मीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस भी हासिल कर लिया।

• अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 जुलाई 2025 को एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है। इसके तहत रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों जैसे स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. की कुल 43 अचल संपत्तियां जिनकी कीमत 37.64 करोड़ रुपये है, कुर्क की गई हैं।

• इसके बाद 17 जुलाई 2025 को राउज़ एवेन्यू कोर्ट, नई दिल्ली में इस मामले में 11 लोगों/संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनियां, सत्यनंद याजी, केवल सिंह विर्क, और उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. को आरोपी बनाया गया है।

• हालांकि, अभी कोर्ट ने इस चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया है यानी अदालत ने अभी यह तय नहीं किया है कि इन आरोपों पर मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं।

झारखंड का शहरी स्वच्छता में दबदबा कायम: जमशेदपुर को तीसरा स्थान, बुंडू 'प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर' घोषित

नई दिल्ली/रांची, 17 जुलाई 2025: झारखंड ने एक बार फिर शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी पहचान कायम की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के परिणामों में राज्य के दो शहरों को प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं। जमशेदपुर को 3-10 लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी में तीसरा स्थान मिला है, जबकि बुंडू को 'झारखंड का प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर' घोषित किया गया है।

आज गुरुवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की गरिमामयी उपस्थिति में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के परिणामों की घोषणा की गई और बेहतर प्रदर्शन करने वाले शहरों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य विभाग के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने झारखंड सरकार, राज्य के नगर विकास विभाग और विशेष रूप से जमशेदपुर तथा बुंडू के नागरिकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

यह उल्लेखनीय है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 की कुछ अन्य श्रेणियों में भी झारखंड के शहरों का प्रदर्शन सराहनीय रहा है। जमशेदपुर को पांच सितारा शहरों की सूची में शामिल किया गया है। वहीं, झारखंड के देवघर, जुगसलाई और चाकुलिया को वन स्टार रैंकिंग प्राप्त हुई है। 'वाटर प्लस' शहरों की सूची में जमशेदपुर ने भी अपनी जगह बनाई है। बुंडू, चिरकुंडा, राजमहल, साहेबगंज और देवघर को 'ODF ++' श्रेणी में रखा गया है।

यह भी गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में झारखंड की स्थिति बहुत संतोषजनक नहीं थी, लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 से लेकर 2023 तक राज्य की जनता, शहरी निकायों और राज्य सरकार के कुशल मार्गदर्शन में राज्य ने स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार कई सम्मान प्राप्त किए हैं। मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व, विभागीय मंत्री श्री सुदिव्य कुमार के मार्गदर्शन और सफाईकर्मियों के प्रति संवेदनशीलता का ही यह परिणाम है कि आज राज्य के दो शहरों को स्वच्छता के क्षेत्र में यह महत्वपूर्ण सम्मान मिला है।

नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार ने इस सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व, विभागीय मंत्री श्री सुदिव्य कुमार के मार्गदर्शन और नागरिकों के सहयोग को देते हुए अगले सर्वेक्षण में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। उन्होंने सभी नगर निकायों को साफ-सफाई को अपनी प्राथमिकता में रखकर कार्य करने के निर्देश भी दिए हैं।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर राज्य सरकार की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार, राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक श्री सूरज कुमार और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी श्री कृष्ण कुमार तथा बुंडू नगर पंचायत के पदाधिकारियों ने यह सम्मान ग्रहण किया।

डोनाल्ड ट्रंप जा रहे पाकिस्तान? पाक मीडिया में किया जा रहा सितंबर में दौरा का दावा

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पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूख में बदलाव देखा जा रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के दौरा पर जा सकते हैं। ट्रंप के सितंबर महीने में पाकिस्तान यात्रा पर जाने की खबरें हैं। पाकिस्तानी मीडिया में ये दावा किया गया है। दो स्थानीय टेलीविजन चैनलों ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ट्रंप सितंबर में इस्लामाबाद पहुंच सकते हैं।

पाकिस्तान के समा टीवी की रिपोर्ट में राजनयिक सूत्र के हवाले से बताया है कि ट्रंप 18 सितम्बर को पाकिस्तान का दौरा करने की योजना है। इस दौरान वे भारत भी जा सकते हैं। भारत सितम्बर में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसके दौरान ट्रंप के नई दिल्ली आने की संभावना है।

20 साल में कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाक नहीं पहुंचा

अगर यह दावा सच हुआ, तो लगभग 20 साल बाद पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान पहुंचेगा। इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान का दौरा किया था। अगर ट्रंप का ये दौरा होता है, तो दक्षिण एशिया की कूटनीतिक गतिविधियों में एक अहम मोड़ साबित होगा। अब सबकी नजरें आधिकारिक घोषणाओं और आगे की स्थिति पर हैं।

अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में बदलाव

इस तरह के दावे तक किए जा रहे हैं जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों मे बदलाव देखे जा रहे हैं। पिछले महीने अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का व्हाइट हाउस में स्वागत किया था। इस ऐतिहासिक मुलाकात के बाद दोनों देशों के संबंधों में मजबूती आने के संकेत मिले हैं।

क्या है कच्चातिवु विवाद? स्टालिन ने पीएम मोदी से किया हस्तक्षेप का अनुरोध, भाजपा ने कसा तंज

# mk-stalin-appeals-to-pm-modi-to-intervene-to-resolve-kachchativu-dispute _

केन्द्र सरकार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच संबंध कैसे है ये किसी से छुपे नहीं हैं। इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कच्चातिबु द्वीप विवाद में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। उन्होंने श्रीलंका की जेलों में बंद भारतीय मछुआरों और नावों को भी छुड़ाने की मांग उठाई है। स्टालिन की पीएम मोदी से की गई इस अपील पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का पलटवार किया है। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लंबे समय से चले आ रहे कच्चातीवु विवाद को सुलझाने और श्रीलंकाई जेलों में बंद भारतीय मछुआरों और उनकी नावों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप करने की अपील की। स्टालिन ने कहा कि पीएम मोदी कच्चातीवु द्वीप विवाद को हल करने के लिए सीधा हस्तक्षेप करें। उनके ऐसा करने से ये विवाद हल हो सकता है। इसके अलावा स्टालिन ने श्रीलंका की जेल में बंद भारतीय मछुआरों और जब्त नावों की रिहाई कराने के लिए भी पीएम मोदी से आह्वान किया है। 

स्टालिन का केंद्र सरकार पर हमला

पीएम से हस्तक्षेप की मांग करते हुए एमके स्टालिन बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधने से भी नहीं चूके। तमिलनाडु के सीएम ने भारतीय जनता पार्टी पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु के मछुआरों की रक्षा करने में विफल रही है। इतना ही नहीं वह बिना कोई ठोस कार्रवाई किए कच्चातीवु मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस दिशा में केंद्र को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। केवल प्रधानमंत्री का सीधा हस्तक्षेप ही तमिल मछुआरों के लिए एक स्थायी समाधान ला सकता है।

स्टालिन का एस. जयशंकर से सवाल

इस दौरान स्टालिन ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी सवाल किया। उन्होंने पूछा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर श्रीलंका के हालिया दावों का खंडन क्यों नहीं किया है। बता दें कि हाल ही में श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर अतिक्रमण करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि कोलंबो कच्चातीवु द्वीप वापस नहीं करेगा। 

केंद्र सरकार पर चुप रहने का आरोप

मुख्यमंत्री स्टालिन ने श्रीलंका के मत्स्य मंत्री डगलस देवानंद के बयान का जिक्र किया। देवानंद ने कहा था कि तमिलनाडु के मछुआरे अक्सर उनकी सीमा में घुस आते हैं और कोलंबो कच्चातिवु द्वीप को वापस नहीं करेगा। स्टालिन ने केंद्र सरकार पर इन दावों पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु विधानसभा ने पहले ही कच्चातिवु को वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पारित कर दिया है। स्टालिन ने ये भी दावा किया कि उन्होंने कई बार पीएम मोदी के समक्ष इस मुद्दे को उठाया।

बीजेपी का पलटवार

स्टालिन के दावों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता नारायण तिरुपति ने तेज कसते हुए कहा कि 1974 में कांग्रेस सरकार के दौरान डीएमके ने कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया था। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जब डीएमके 14 साल तक केंद्र में सत्ता में थी, तब उसने कुछ नहीं किया। तिरुपति ने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि श्रीलंका की नौसेना गोलीबारी न करे, वहीं कांग्रेस के शासन में लगभग 1,000 मछुआरे मारे गए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने एक मछुआरे को मौत की सजा से बचाया है।

बेंगलुरु भगदड़ पर बड़ा खुलासा, सरकार ने हाई कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट, जानें क्या-क्या कहा?

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रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के आईपीएल 2025 की ट्रॉफी जीतने की खुशी में बेंगलुरु में समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान भगदड़ मच गई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे। अब इस मामले में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। चिन्नास्वामी भगदड़ के मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट में सारा दोष आरसीबी प्रबंधन पर डाला गया है। सरकार ने उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि फ्रेंचाइजी ने विजय परेड का आयोजन एकतरफा और पुलिस की पूर्व अनुमति के बिना किया था।

पुलिस के इनकार के बाद आरसीबी ने इवेंट को आगे बढ़ाया

कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरसीबी ने तीन जून को अहमदाबाद में अपनी जीत के बाद सोशल मीडिया पर सुबह 7:01 बजे एक पोस्ट के जरिए मुफ्त प्रवेश और विक्ट्री परेड की घोषणा की। यह परेड विधान सौधा से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खत्म होनी थी। यह घोषणा बिना पुलिस की अनुमति के की गई थी। कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने तीन जून की शाम 6:30 बजे पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन अपेक्षित भीड़, व्यवस्था और संभावित जोखिमों की जानकारी न होने के कारण कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद आरसीबी ने अपने इवेंट को आगे बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप भारी भीड़ जमा हुई और गेट नंबर 1, 2 और 21 पर भगदड़ मच गई।

सोशल मीडिया पर परेड की घोषणा

रिपोर्ट में आरसीबी और उसके आयोजकों की ओर से कई चूकों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट भी शामिल हैं। फ्रेंचाइजी ने 4 जून को सुबह 7:01 बजे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रशंसकों के लिए एक खुला निमंत्रण पोस्ट किया, जिसमें विजय परेड के लिए मुफ्त सार्वजनिक प्रवेश की घोषणा की गई। सुबह 8 बजे एक और पोस्ट किया गया। सुबह 8:55 बजे, आरसीबी के आधिकारिक हैंडल पर विराट कोहली का एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें प्रशंसकों को टीम के साथ जश्न मनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है- इसके बाद 04.06.2025 को सुबह 8:55 बजे, आरसीबी ने आरसीबी टीम के एक प्रमुख खिलाड़ी विराट कोहली का एक वीडियो क्लिप आरसीबी के आधिकारिक हैंडल पर साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि टीम इस जीत का जश्न बेंगलुरु शहर के लोगों और आरसीबी प्रशंसकों के साथ 04.06.2025 को बेंगलुरु में मनाना चाहती थी।

विराट कोहली तक पहुंचेगी जांच की आंच?

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में भीड़ जमा होने के पीछे विराट कोहली का वीडियो भी एक बड़ा कारण था। बताया गया है कि विराट, जो कि बड़े खिलाड़ी हैं, ने वीडियो के माध्यम से लोगों से विक्ट्री परेड में आने के लिए अपील की थी। यही वजह है कि बड़ी संख्या में फैंस जमा हो गए।

बेटी बचाओ नहीं बेटी जलाओ पार्टी बन चुकी है भाजपा”, बालासोर में छात्रा की आत्महत्या सुप्रियो भट्टाचार्य का हमला

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ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज में खुद को आग लगाने वाली 20 साल की स्टूडेंट आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। सोमवार देर रात गंभीर रूप से जख्मी छात्रा ने दम तोड़ दिया। छात्रा 95 फीसदी झुलस चुकी थी और 3 दिनों तक भुवनेश्वर के AIIMS में जिंदगी की जंग लड़ रही थी। छात्रा की मौते के बाद देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। अब झारखंड में भी इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इस मामले को लेकर केंद्र और ओडिशा की भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है।

एक बार फिर हिंदुस्तान शर्मसार- सुप्रियो

पत्रकारों को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि ओडिशा की घटना ने एक बार फिर हिंदुस्तान को शर्मसार कर दिया है। वह (मृतका) एक पढ़ने वाली बच्ची थी, जिसे शिक्षक द्वारा शोषण और अपमान का सामना करना पड़ा। जब उसने और अन्य छात्राओं ने इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल से की, तो शिक्षक ने और अधिक असभ्यता दिखाई। नतीजन न्याय नहीं मिलने और उत्पीड़न से टूटकर उसने आत्महत्या कर ली।

बीजेपी सरकार में महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में-सुप्रियो

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने बीजेपी को ‘बेटी जलाओ पार्टी’ बताया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजधानी रांची में एक प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला बोला। झामुमो केंद्रीय कमेटी के महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेढ़ी पढ़ाओ’ का नारा दिया था। अब यह पार्टी बेटी जलाओ पार्टी बन गयी है। इस पार्टी को अब हमलोग इसी नाम से संबोधित करेंगे।

जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय- सुप्रियो

भट्टाचार्य ने कहा कि यह सिर्फ ओडिशा का मामला नहीं है, बल्कि यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित पूरे देश की बेटियों की यही कहानी है। वर्ष 2014 के बाद से देश के जिस किसी राज्य में बीजेपी की सरकार बनी है, वहां महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गयी है। जहां भी भाजपा सत्ता में है, बेटियों के साथ अन्याय और उत्पीड़न हो रहा है।

राष्ट्रपति और शिक्षा मंत्री से किया सवाल

झामुमो प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दोनों ही ओडिशा से हैं, तो अब तक मृत छात्रा को न्याय क्यों नहीं मिला? उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक असंवेदनशीलता और राजनीतिक चुप्पी का उदाहरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, जो निंदनीय है।